शाज़िया की चूत गर्म हो गई

(Shaziya Ki Chut Garam Ho Gayi)

अरुण22719 2016-05-13 Comments

मैं दिल्ली का अरुण एक बार फिर से आप सभी के लौड़ों में जान डालने और लड़कियों की चूतों से पानी निकालने के लिए आप सभी के सामने अपनी एक और बिल्कुल नई कहानी लिखने जा रहा हूँ।

दोस्तो, कहानी की नायिका मेरी गर्लफ्रेंड शाज़िया है.. जिसका फिगर एकदम मलिका की तरह है। उसके चूचे 34 कमर 28 और गाण्ड.. ओए होए कयामत.. 36 की है।

शाज़िया मुझे ‘जाना’ और मैं शाज़िया को ‘जान’ बोलता हूँ।
हमारी मुलाकात एक इंस्टिट्यूट में हुई थी और पहली नज़र में ही शाज़िया मुझे पसंद आ गई थी। बस मैंने देर ना करते हुए उसे प्रपोज कर ही दिया.. मगर उसकी तरफ से पहला जबाव नहीं आया।

कुछ महीने बिना उससे बात किए यूँ ही निकल गए.. मगर उसकी नज़र हमेशा ही मुझ पर रहती थी.. और आख़िर एक दिन शाज़िया ने इन्स्टिट्यूट से निकलते हुए मुझे ‘आई लव यू’ बोल ही दिया। बस उसी टाइम हम दोनों ने अपने-अपने फोन नम्बर एक्सचेंज कर लिए और फोन पर पहले दिन से ही हम ‘जान’ और ‘जाना’ बन गए और बस दो-तीन दिनों में ही हम दोनों की सेक्स को लेकर बात होने लगी।

शाज़िया एक एनजीओ में स्टिचिंग भी सीखती थी और खुद भी उसी एनजीओ में मार्शल आर्ट सिखाती थी।

अब हम दोनों इन्स्टिट्यूट के बाद अकसर मिलते और अपनी जान से एनजीओ गोल करवा कर हम दोनों जापानीज पार्क में जाकर किस वगैरह किया करते और एक-दूसरे के शरीर को बहुत अच्छे से सहलाते थे।

एक दिन किस करते हुए मैं अपना एक हाथ उसकी चूत पर ले गया, उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी।

मेरे पूछने पर शाज़िया ने बताया- तुम बहुत रोमांटिक हो.. तुम्हारे छूते ही मेरे अन्दर एक करंट सा लगता है और तुम्हारे किस करते ही मैं झड़ जाती हूँ।
मेरे पूछने पर उसने ये भी बताया कि झड़ने में बाद मेरे सेक्स की प्यास बहुत बढ़ जाती है।
फिर तो सेक्स के अलावा हम दोनों और कुछ नहीं सूझता।

एक दिन शाज़िया ने मुझे फोन किया और बताया- आज मैं घर पर अकेली होने वाली हूँ.. घर पर कोई भी नहीं रहेगा.. मम्मी-पापा और बहन जाने वाले हैं.. वे सभी आज रात को वापस आएँगे.. उनके जाने के बाद मैं तुम्हें फोन करूँगी।
‘ओके.. जान..’

शाज़िया ने अपने घर वालों के बाहर जाते ही मुझे फोन किया।
मैं तो जैसे उसके फोन का वेट ही कर रहा था.. जिसके आते ही मैं शाज़िया के घर पहुँच गया और उसके कमरे में पहुँचते ही मैंने शाज़िया को पकड़ कर अपने पास खींच लिया और अपने होंठ उसके होंठों से लगा दिए।

शाज़िया ने अपने आपको छुड़ाते हुए कहा- आते ही लग गए गर्म करने.. रूको तो जरा.. पहले मैं गेट तो बंद कर दूँ.. आज शाम तक मैं तुम्हारी ही हूँ.. जो चाहो वो कर लेना।
कहते हुए शाज़िया ने गेट लगा दिया और खुद ही मुझे कुछ इस तरह किस करने लगी.. जैसे मेरे होंठों को खा ही जाएगी। उसकी किस में मैं खो सा गया था और उसका पूरी तरह से साथ दे रहा था।

बस हम दोनों किस करते-करते मैंने शाज़िया की टी-शर्ट उतार दी। उसने अन्दर कुछ भी नहीं पहना था। उसके 34 के चूचे मेरे सामने थिरक रहे थे.. जिन्हें देखकर मुझसे रुका नहीं गया और उसके चूचों को बुरी तरह से चूसने लगा। शाज़िया भी पूरी तरह से पागल हो गई और मेरे कपड़े खुद ही उसने अपने हाथों से उतार दिए।

मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था।
मैंने भी देर ना करते हुए शाज़िया की जीन्स का बटन खोलते हुए उसके शरीर से अलग कर दी।
शाज़िया ने नीचे पैन्टी भी नहीं पहनी थी।

पूछने पर उसने मुझे बताया- मैं पिछले 15 दिनों से सेक्स की आग में जल रही थी.. आज मौका मिला.. तो चूत के बालों को साफ़ करके चूत को तुम्हारे लिए तैयार करके रखी थी।
इतना सुनते ही मैं उसके पूरे शरीर को चूमने लगा।

शाज़िया चुदने के लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी थी.. मगर मैं अभी उसे और अभी और गर्म करना चाहता था।
मैंने शाज़िया से कहा- जान एक बार इस लंड को अपने होंठों की गर्मी दे दो.. इसे चूसो ना जान..

तो शाज़िया ने साफ मना कर दिया।
दोस्तो, मैंने इससे पहले 4 चूत और भी चोद चुका हूँ.. तो आपको बता दूँ कि कोई भी लड़की अपने आप पहली बार में लौड़ा अपनी मर्जी से नहीं चूसती है और गर्म होने के बाद तुम जो भी उससे कहोगे.. वो सब कुछ करने को तैयार हो जाती है.. चाहे ये सब उसका पहली बार ही क्यों ना हो।

शाज़िया के मना करते ही मैं शाज़िया की चूत पर मुँह रख कर उसकी चूत को चूसने लगा। एक तो शाज़िया पहले ही गर्म हो चुकी थी.. ऊपर से मेरा उसकी चूत चूसने से तो जैसे उसके होश ही उड़ गए।
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अब मैं अंडरवियर उतार कर शाज़िया के ऊपर 69 की पोज़िशन में आ गया और उसकी चूत को खूब अच्छे से चूसने लगा।

शाज़िया अपनी कमर को बुरी तरह उछाल रही थी और आँखें बंद करके सिसकारियाँ ले रही थी। मेरा लंड बार-बार उसके होंठों से टकरा रहा था।
करीब 5 मिनट तक शाज़िया की चूत को चूसता रहा उसे इससे जन्नत के मजे मिलने लगे थे.. वैसे तो वो मुझे मना कर चुकी थी.. मगर तभी एकदम से शाज़िया ने मेरे लंड को पकड़ कर खुद ही अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी।
मगर वो लंड चूसने में अभी अनाड़ी थी लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था।

कुछ देर बाद शाज़िया ने लंड चूसने की स्पीड को बड़ा दिया और अपना पानी छोड़ दिया.. जिससे मैंने सारा का सारा चाट कर साफ़ कर दिया।

अब शाज़िया के लंड चूसने के बाद तो लंड लंड नहीं लोहे की रॉड बन चुका था। हम दोनों अलग हुए.. तो शाज़िया मुझे अपनी तरफ खींचते हुए कह रही थी- बस अब सहन नहीं हो रहा है.. कुछ जल्दी से करो..

तो मैंने कहा- जान तुम चुदाई के लिए तैयार हो?
शाज़िया ने डरते हुए कहा- चूत में बहुत खुजली सी लग रही है मगर तुम्हारा ये 6-7 इंच का लंड मेरी छोटी सी चूत में कैसे जाएगा?
मैंने कहा- जान.. ये सब तुम मेरे ऊपर छोड़ दो..

बस देर ना लगाते हुए मैंने लंड को शाज़िया की चूत पर रगड़ने लगा। शाज़िया कमर उछाल कर सिसकारती हुई बोली- जाना.. क्यों तड़पा रहे हो.. जल्दी से इसे अन्दर डाल दो.. मैं तैयार हूँ।

मैंने लंड को चूत के छेद पर सैट करके एक झटका लगाया.. जिससे लंड का आधा भाग शाज़िया की चूत में आराम से चला गया।

शाज़िया ने कमर को कुछ इस तरह से उठाया कि मैं बता नहीं सकता और दूसरे झटके से लंड पूरा का पूरा अन्दर चला गया और शाज़िया पूरी तरह से ऊपर उठ कर मेरे गले से लग गई।
मैंने शाज़िया से पूछा- क्या हुआ.. दर्द हो रहा है क्या जान?
शाज़िया ने जबाव दिया- हाँ.. हो तो रहा है.. मगर मैं सहन कर लूँगी।

बस फिर क्या था.. शाज़िया को फिर से लिटा कर मैं धीरे-धीरे झटके लगाने लगा.. जिस पर शाज़िया ने सिसकारते हुए कहा- ज़ानाआ.. और तेज़्ज़्ज़्ज़्ज़ करो नाआ.. बहुतत्त मजाअ आ रहा है..

अब चुदाई पूरे जोरों पर चल रही थी और अब मैंने अपनी स्पीड का मीटर बढ़ा दिया था। फिर 15 मिनट की चुदाई के बाद मेरा लंड शाज़िया की चूत में पिचकारी मारते हुए झड़ गया।

कुछ देर मैं उसके ऊपर ही लेटा रहा। उस दिन हमने 3 बार चुदाई का मजा लिया.. जिससे शाज़िया की चूत में तीसरी बार चुदाई करने में जलन होने लगी। उसकी आँखों की काली पुतलियां ऊपर की तरफ चढ़ गई थीं.. और वो बेहोश सी हो गई थी.. जिससे मेरी तो जैसे जान ही निकल सी गई।

मगर कुछ देर बाद वो खुद ही नॉर्मल हो गई.. उस दिन के बाद हम दोनों को जब भी मौका मिलता.. हम चुदाई जरूर करते। उस मौके में जब तक कम से कम चुदाई 2-3 बार नहीं कर लेते थे तब तक हमारी सेक्स की भूख ही नहीं मिटती थी।

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी जान की चुदाई.. वैसे मुझे भाभियों की चुदाई करने का भी बहुत शौक है।
आप से गुजारिश है कि इस कहानी के लिए अपनी राय जरूर लिख कर मुझे ईमेल के द्वारा भेजें।
[email protected]

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