सांवली सलोनी लड़की की पोर्टफोलियो -2

(Sanwali Saloni Ladki Ki Portfolio -2)

This story is part of a series:

मैंने कहा- जब तुम हिरोईन बन जाओगी और पर्दे पर अपनी अदा दिखाओगी तो तुमको देख कर लड़के आहें भरेगें और मुठ मारेंगे।
‘यह मुठ मारना क्या होता है?’
‘लड़के जब उत्तेजित होते हैं और उनका औजार खड़ा हो जाता है तो उसको पकड़ कर मुठ मारते हैं। और जब औजार से माल निकल जाता है तो फिर वे शांत पड़ जाते हैं।’
‘मुझे कुछ समझ में नहीं आया यह औजार और माल निकल जाना!’

मैंने कहा- कुछ नहीं! आओ फोटो शूट करते हैं, उसके बाद मैं तुमको बताऊँगा। अच्छा एक बात बताओ, तुमको सबसे अच्छी फोटो कौन सी लगी?
‘लास्ट वाली फोटो!’ वो बोली।
‘अगर तुम मेरी बात मानोगी, तो इससे और भी अच्छी-अच्छी फोटो भी होंगी।’
‘ठीक है!’ कहकर बोली- अब बताओ मुझे क्या करना है?
मैंने कहा- अन्दर कमरे में तीन हैंगर होंगे, पहले वाले हैंगर में एक टाप और हाफ पैन्ट होगी, उसको पहन लो, और हाँ थोड़ा सा लिपस्टिक को डार्क कर लो।

वो अन्दर गई और थोड़ी देर में उसने आवाज दी, मैं अन्दर गया और एक स्कार्फ उसके गले में बाँध दिया, बाल थोड़ा बिखेर कर फिर एक दो फोटो खींचे, अब मेरे भी उसके बदन को मसलने की बड़ी इच्छा हो रही थी।
मैं तुरन्त उसके पास गया और उसके टाप को हल्का सा ऊपर कर दिया और हाफ पैन्ट का बटन खोल कर एक पोज और लिया।
उसके बाद मैंने उसे पीछे मुड़ने को कहा और थोड़ा नेकर को नीचे कर दिया ताकि उसके चूतड़ों की दरार असानी से दिखाई दे।

उस पोज में तीन-चार फोटो खींचने के बाद उसको पारदर्शी पैन्टी और ब्रा पहने को कहा तो वो झिझकते हुए बोली- जरा आप बाहर चले जाओ तो मैं पहन लूँ।
‘शमीना, जरा एक बात बताओ, तुम लगभग मेरे सामने नंगी हो और यह ब्रा-पैन्टी और पहनोगी तो तुम्हारा पूरा बदन ही मेरे सामने नंगा हो जायेगा। तो मेरे सामने पहनने से क्या फर्क पड़ेगा? चलो बदलो और जल्दी करो अब तो तुम्हें घर भी जाना होगा।’
मेरे बहुत कहने पर वह मेरे सामने ब्रा-पैन्टी पहनने को तैयार हो गई और अपने कपड़े उतारने लगी, जैसे-जैसे वो कपड़े उतारती जाती, वैसे-वैसे मेरे लौड़े में अकड़न बढ़ती जाती।

दोस्तो उसकी नींबू जैसी चूची मन कर रहा था कि मुँह में ले लूँ। और मेरा मन तो यही हो रहा था कि फोटो-वोटो खीचना बंद करके पहले शमीना को चोद दूँ, उसके बाद फोटो खींचा जाये क्योंकि मेरा लौड़ा मेरे वश में नहीं था, बहुत ज्यादा फड़फड़ा रहा था।

तभी शमीना ब्रा पहन कर पैन्टी उतारने लगी और मेरी नजर जो उसकी चूत पर गयी, मुझे उसको चोदने का बहाना मिल गया।
मैं तुरन्त उसके पास गया और उससे बोला- क्या तुम अपनी झाँट नहीं बनाती हो?

वो मेरी तरफ देखने लगी तो मैंने उसके बुर पर हाथ फेरते हुए बोला- इस जगह की सफाई नहीं करती हो क्या?
वो शर्मा गई और सर झुका कर बोली- मुझे इसके बारे में नहीं मालूम कि इन बालों को कैसे साफ किया जाता है।
‘क्यों सहेलियाँ वगैरह तो होंगी ही, क्या वे नहीं बताती?’
वो कुछ नहीं बोली।
‘तुम्हें अजीब सा नहीं लगता, इतने बड़े-बड़े बाल है नीचे तुम्हारे?’
‘नहीं!’ उसने यही एक छोटा सा शब्द बोला।

‘तुम दस मिनट यहाँ बैठो मैं आ रहा हूँ।’
‘क्या कहीं जा रहे हैं आप?’
‘हाँ यहीं पास से जाकर आ रहा हूँ।’
‘कोई आ गया तो?’
मैंने कहा- डरो नही, मैं बाहर से बंद करके जा रहा हूँ।

बाहर जा कर मैं दो रिमूवर, एक सेन्ट की शीशी खरीद लाया और दुकान पर आ कर उससे बोला- कपड़े पहन लो और मेरे साथ चलो।

मुझे ऐसा लगा कि उसके बदन में भी आग लगी थी, इसलिये शमीना मुझे मना नहीं कर पाई, हाँ बल्कि ‘कहाँ जाना है?’ वो बोली।

मैंने बोला- मेरा घर पास में ही है और इस समय मेरे घर में कोई नहीं है, अगर तुम्हें ऐतराज न हो तो तुम मेरे साथ चलो।
‘क्या मेरी फोटो आप अपने घर में खींचोगे?’
‘नहीं, फोटो तो दुकान में ही खीचूँगा, पर उससे पहले मुझे तुम्हें चिकना करना है ताकि तुम और सेक्सी दिखो और तुम्हारी फोटो और सेक्सी आये।’
फिर हम दोनो मेरे घर आ गये।

मैंने जमीन पर एक दरी बिछाई और शमीना को कपड़े उतार नंगी होकर दरी पर सीधा लेटने को बोला।
उसने बिना कुछ कहे अपने पूरे कपड़े उतारे और जमीन पर लेट गई।

मैं अन्दर दूसरे कमरे में जाकर सेवलोन, रिमूवर, काटन, हल्का गर्म पानी का इंतजाम करके और लुंगी पहन कर आकर उस लेटी हुई शमीना के पास बैठ गया, मुझे केवल लुंगी में देखकर थोड़ा शर्मा गई पर कुछ नहीं बोली।

फिर मैंने थोड़े काटन को उसके बुर के अन्दर डाला और रिमूवर को लेकर पहले उसके बुर पर जहाँ-जहाँ भी बाल थे उसको अच्छी तरह से लगा दिया, उसके बाद उसकी टांगों को मोड़ कर उसकी गांड के आस-पास भी रिमूवर को लगा दिया और होंठों के ऊपर और पूरी टांगों पर और बगल में भी लगा दिया।

पर लगाने के बाद इंतजार करना बड़ा मुश्किल हो रहा था, इसलिये मैं उसके चूची के निप्पल को पकड़ करके मरोड़ने लगा।

‘उईईईई…’ कहकर मेरी तरफ देखकर बोली- यह क्या कर रहे हैं आप? मत करिये, दर्द हो रहा है।
मैं उसके बगल में लेट कर उसके निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा।
वो धीरे-धीरे अपने हाथ से मेरे बालों को सहला रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूची को मसलने का प्रयत्न कर रही थी।
मैं उसकी चूची को पीते हुए उसकी जांघों को सहला रहा था, जिससे वो कसमसा रही थी।

करीब पंद्रह मिनट के बाद शमीना बोली, सुनिये! जहाँ-जहाँ आपने क्रीम लगाई है, उस जगह पर खुजली हो रही है।
मैं उठा और काटन लेकर एक-एक जगह लगे हुए रिमूवर को साफ करने लगा।
फिर उसको बाथरूम लाया और शीशे के सामने खड़ा कर दिया।
जब उसने अपने आप को शीशे में देखा तो शर्मा गई।

फिर मैंने उसको शावर के नीचे खड़ा किया और नल खोल कर अपनी लुंगी उतार दी।
मैंने उससे कहा- तुम मुझे नहलाओ और मैं तुमको!

कह कर मैंने उसके हाथ को अपने लौड़े पर रख दिया, जैसे ही उसका हाथ मेरे लौड़े पर गया, उसने ‘उईई…’ कहकर अपना हाथ लौड़े से हटा दिया।
मैंने दुबारा उसका हाथ पकड़ कर फिर से अपना लौड़ा थमाने की कोशिश की तो वो बोली- आपका यह बहुत गरम है। ऐसा लग रहा है कि इसमें से आग निकल रही है।
मैंने कहा- किसमें से?
तो बोली- जिससे आप पिशाब करते है।
मैंने कहा- पिशाब?

वह बोली- हाँ आपका औजार!
‘ओह! अच्छा, वैसे इसको लौड़ा कहते है। और यह दो ही तरीके से ठण्डा होता है, एक तो इसको कोई लड़की अपनी बुर में लेकर ठंडा करे या फिर आदमी मूठ मार कर ठंडा करे। और बुर जहाँ से तुम पेशाब करती होम उसको बुर कहते हैं।
कहकर मैंने शावर को बंद किया और उसी के सामने मूतने लगा।

मुझे मूतता देख उसका मुँह खुल गया और वो थोड़ा झुकी, जैसे वो झुकी, मैंने अपनी धार उसके तरफ मोड़ दी।
‘छीईईईई…’ करके उसने अपना मुँह हटा लिया और झिड़कते हुए बोली- यह आपने क्या किया?
अचानक उसे याद कुछ याद आया और वो बोली- मैं आपके सामने नंगी खड़ी हूँ और आपने मेरे नंगे बदन को देखाम उसको छू रहे हैं, जो आपके मन में आ रहा है वो सब कर रहे हैं, यहाँ तक कि आपने मेरे मुँह में पेशाब भी कर दी, लेकिन मुझे आपने अपना नाम नहीं बताया, अपना नाम तो बताइए?

मैंने उसे अपना नाम बताया।
तो वो बोली- सक्सेना जी आप बड़े गंदे हैं।
मैंने कहा- क्यों?
तो कुछ बोली नहीं पर मुस्कुरा कर रह गई।
फिर वो मुझसे बोली- जरा आप बाहर चलिये, मैं भी पिशाब कर लूँ!

‘अरे यह क्या बात हुई, तुमने मुझे करते हुए देखा, अब मेरी बारी है।’
‘मैं समझ गई, आप मानने वाले नहीं हैं।’ कहकर वो बैठ गई।
जैसे ही वो बैठी, मैंने तुरन्त ही उसे खड़ा कर दिया और बोला- तुम अगर बैठ कर करोगी तो मैं कैसे देखूँगा तुम भी खड़ी होकर करो।
तब तक उसका पेशाब निकलने लगा और मैंने उसकी बुर से अपना लौड़ा सटा कर खड़ा कर दिया, और उसके होंठों से अपने होंठों को मिला दिया और उसके होंठों का रस को पीने लगा।
मेरा ऐसा करने से उसके पेशाब से मेरा लौड़ा भीग गया।

जब वो पेशाब कर चुकी और हम लोग एक दूसरे से अलग हुए तो मैंने शमीना से मेरे लण्ड को चूसने के लिये बोला।
तो वो बो-ली छी… मैं इसको मुँह में नहीं लूंगी। अभी तुमने मेरे पेशाब का टेस्ट लिया है अब तुम अपने पेशाब का भी टेस्ट लो।
‘नहीं, मैं ये सब नहीं करूँगी, मैं यहाँ फोटो शूट करवाने आई थी और तुम्हारी बातों में आकर मैं तुम्हारे सामने नंगी तक खड़ी हो गई और अब तुम अपना लौड़ा चूसने के लिये कह रह हो?’

‘चलो ठीक है, अब मेरी बात मत मानो, अदला-बदली कर लेते है।’
‘कैसे अदला-बदली कर लेंगे।’
‘चलो मैं शुरू करता हूँ, पहले मैं तुम्हारी बुर को चूसता हूँ उसके बाद तुम्हें अच्छा लगे तो तुम मेरे लौड़े को चूसना।’
‘क्या तुम मेरी बुर को चूसोगे? यह गंदी जगह होती है।’
‘अच्छा तो तुम भी गंदी हो?’
‘क्यों, मैं क्यों गंदी हूँ?’
‘अरे, तुम भी तो इसी जगह से पैदा हुई हो!’ मैंने उसकी बुर को छूते हुए बोला। और अगर यह गंदी जगह है तो मैं, तुम, सभी लोग गंदे हुए न?’
कहानी जारी रहेगी।
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