देसी कॉलेज गर्ल की गर्म चूत चुदाई

(Desi College Girl Ki Garam Choot Chudai)

priyank 2016-10-22 Comments

आप सब अन्तर्वासना की हिन्दी सेक्स कहानी के प्रेमियों को प्रणाम।

मेरा नाम प्रियंक है, मैंने इसी साल अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। मैं उत्तर-प्रदेश के एक छोटे से जिले अमरोहा का रहने वाला हूँ। मेरी लंबाई 6 फीट है। मैं रोज ज़िम जाता हूँ तो बॉडी भी अच्छी-ख़ासी है तब भी मैं एक सामान्य सा दिखने वाला लड़का हूँ।

मैं अन्तर्वासना का 2011 से नियमित पाठक हूँ।

आज मैं आपको अपने पहले प्यार की एकदम सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ।

यह बात उस समय की है जब मैंने 12 वीं की परीक्षा पास की थी।
इसके बाद मैंने बी.टेक में जाने का सोचा और एग्जाम के बाद काउंसिलिंग के लिए अपने मामा जी के घर पर रुका हुआ था।
वो बुलंदशहर में रहते हैं।
मामाजी के पड़ोस में एक फैमिली रहती थी, जिसमें एक अंकल आंटी के साथ उनकी 3 लड़कियां रहती थीं। तीनों लड़कियां बहुत ही खूबसूरत थीं।
बड़ी लड़की का नाम सविता था, वो 24 साल की थी।
उसके बाद श्वेता 18 साल की और सबसे छोटी कविता अभी छोटी थी।

मैं श्वेता को पसंद करता था, उसका फिगर 34-26-36 का था।
मैं उसे देखने के नए-नए बहाने ढूँढता रहता था।

जब भी वो छत पर कपड़े सुखाने या किसी और काम से आती, तो मैं उसे देखता रहता था। वो मेरे मामा जी के बेटे रजत की अच्छी दोस्त थी।

एक दिन जब रजत ने मुझे उसको तकते देखा.. तो वो बोला- चल आज तेरी उससे बात कराता हूँ।

फिर क्या था.. हम दोनों उससे बात करने चल दिए।
वो मुझसे मिलते ही बोली- क्यों छत पर खड़े होकर मुझे देखते रहते हो? हाँ..?

तो मैंने फटाक से कह दिया- मैं तुम्हें पसंद करता हूँ और बहुत प्यार भी करता हूँ।
मैंने अपने घुटनों पर बैठ कर उससे बोल दिया- डू यू लव मी।

मेरी बात सुनकर वह हँसने लगी और बोली- तुम सच में पागल हो।
वो उधर से जाने लगी तो मैंने कहा- जवाब?
बस इतना कह कर वो चली गई कि कल बताऊँगी।

मैं कल का बड़ी बेसब्री से इंतजार करने लगा.. पर उसने कुछ नहीं बताया।

मेरे भाई के रजत के पास उसका मोबाइल नम्बर था.. तो मैंने रजत से बोला- यार इसका नम्बर दे दे।
पर उसने कहा- मैं बात करता हूँ..
फिर भी कुछ नहीं हुआ।

इसी तरह कई दिन बीत गए.. पर कुछ नहीं हुआ।

इसी बीच मेरा एडमीशन हो गया और मैं चला गया।

एक दिन अचानक से उसका कॉल आया और वो बोली- प्रियंक आई लव यू सो मच।

मेरी ख़ुशी तो मानो सातवें आसमान पर थी।

इसके बाद हम दोनों बातें करने लगे और अब तो ऐसा हो गया था कि बिना बात करे हम एक पल भी नहीं रह पाते थे।
हम दोनों लगातार घंटों बातें किया करते थे।

मुझे 24 नवम्बर आज भी याद है.. वो दिन जब उसने मुझे पहली बार किस किया।
पर मैं बुद्धू सा.. मैंने कुछ नहीं किया और बस चुपचाप घर आ गया।

मेरा यकीन मानना दोस्तो.. पूरे 10 दिनों तक मैंने अपना वो गाल नहीं धोया था।

फिर 4 फरवरी मेरा जन्मदिन होता है, मैंने उसे अपने जन्मदिन पर बुलाया।
मैंने एक होटल में रूम बुक किया हुआ था।

वो मेरे लिए बहुत अच्छा गिफ्ट लेकर आई।

उसने आते ही मुझे किस किया, जैसे ही उसने मुझे किस किया.. मैंने जवाब में उसके होंठों को चूमा और चूसने लगा।

उसने मुझे हटाया और बोली- सब्र करो आज तुम जो बोलोगे, मैं करूँगी।

फिर हमने पार्टी की और एक-दूसरे को देखने लगे।

देखते-देखते पता नहीं कब हम एक-दूसरे की बांहों में आ गए और एक-दूसरे के होंठों को चूसने लगे।
यह मेरा पहला अनुभव था.. तो मुझे बड़ा अजीब लग रहा था और अच्छा भी।

मेरी पैंट में कुछ हलचल सी होने लगी।
मेरा लिंग तन कर खड़ा हो गया.. जो कि काफी लंबा और मोटा है।

उसने मेरी आँखों में देख कर कहा- क्या हुआ?
मैंने बोला- कुछ नहीं.. आई लव यू बाबू।
मैं एकदम से उसके सीने से लग गया।

अब मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसको किस करने लगा। मेरी हर किस पर उसके मुँह से आवाज़ आती ‘आआहह.. हहाअ.. म्म्म्म..’

मैंने उसके सूट-सलवार को उतार दिया।
उसने लाल रंग की ब्रा पैन्टी पहनी थी।
सच में दोस्तो.. मेरी आंखें उसे देखकर फटी की फटी रह गईं।
माँ कसम इतनी खूबसूरत लग रही थी.. बस क्या बताऊँ।

अब खुद ही सोचो यार.. लाल रंग में उसका दूध सा सफेद बदन कैसा होगा।

मैंने किसी लड़की को पहली बार ऐसे देखा था।

बस फिर क्या था.. मैं उसके थन ऊपर से ही सहलाने और दबाने लगा।
उसने अपनी ब्रा खुद ही उतार दी।

फिर मैं उसके मम्मों को चूसने लगा।
वो तरह-तरह की आवाजें निकाल रही थी ‘आआहह उम्म.. आहह.. आरराम्म से..’

फिर मैंने उसके पेट को चूमा और पैन्टी हटा कर उसकी चूत को देखने लगा।
यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

एकदम गोरी और साफ चिकनी चूत थी उसकी… मैंने आव देखा ना ताव.. बस उसकी चूत को चाटने लगा।
ये सब मैंने अन्तर्वासना पर ही पढ़ा था।

मुझे शुरू में थोड़ा अजीब सा लग रहा था पर बाद में अच्छा लगने लगा।

वो तरह-तरह की आवाजें निकाले जा रही थी और अचानक मेरे मुँह को अपने चूत पर दबाने लगी।
फिर एक जोरदार चीख के साथ वो झड़ गई और मैं उसका सारा पानी पी गया।

मैंने अपने लंड को उसे चूसने के लिए कहा.. शुरू में वो मना कर रही थी.. पर थोड़ी देर में उसे मज़ा आने लगा और वो मेरे लण्ड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
अब वो कभी मेरे आंड चूसती कभी लण्ड के सुपारे को चाटती और चचोरती.. मैं आनन्द के सागर में गोते खा रहा था।

उसके चूसने से में कुछ ही मिनट में ही झड़ गया, वो मेरा सारा माल गटक गई।

अब हम दोनों बिस्तर पर एक-दूसरे की बांहों में लेट गए और चुम्मा-चाटी करने लग गए।
मैं और श्वेता दोनों गर्म होने लगे।

मैंने उसकी चूत में उंगली डालने की कोशिश की.. पर चूत बहुत ही कसी हुई थी.. उसे दर्द होने लगा।
मैं कुछ भी कर सकता था.. पर मुझसे उसका दर्द नहीं देखा जा रहा था।

फिर मैंने उसकी टांगों को फैलाया और चूत के मुँह पर अपने लंड को टिकाकर हल्का सा दबाव बनाया.. तो मेरे लंड का सुपारा अन्दर चला गया।

उसे दर्द होने लगा.. तो उसे शान्त करने के लिए मैंने उसकी चूचियों को सहलाना और चूसना शुरू किया।

जैसे ही दर्द कम हुआ.. उसने आँखों से इशारा किया.. तो मैंने एक जोरदार धक्का मारा।
उसकी चूत की झिल्ली फट गई और मेरे लंड का भी उद्घाटन हो गया।

हम दोनों को दर्द हो रहा था।
वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई और उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे, उसने अपने नाख़ून मेरी कमर में गाड़ दिए।

कुछ देर मैं ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा और उसके होंठों को चूसता रहा।

कुछ ही देर में उसका दर्द कम होने लगा.. तो मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए। कुछ पल बाद वो भी अपनी गाण्ड उचका कर मेरा साथ देने लगी, धकापेल चुदाई होने लगी।

फिर वो मेरे ऊपर आ गई और मेरा लंड अपनी चूत में लेकर बैठ गई।
मैं नीचे से धक्के लगाने लगा। थोड़ी देर में वो एक ज़ोरदार चीख के साथ झड़ गई और मेरे ऊपर ढेर हो गई।

कुछ देर उसे प्यार करने के बाद मैंने उसको अपने नीचे लिया और उसकी टांगों को अपने कंधों पर रखकर जोरदार शॉट लगाने लगा।

वो फिर से मजा लेने लगी और कुछ जबरदस्त धक्कों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ कर एक-दूसरे के ऊपर लेटे रहे और यूं ही सो गए।

फिर कुछ देर बाद उठ कर चुदाई का एक और दौर शुरू हुआ और फिर हम दोनों ने नहा-धो कर कपड़े पहने।

मैंने उसे घर छोड़ दिया और मैं घर आकर सारी रात उसके बारे में ही सोचता रहा।

मैंने उसकी गाण्ड भी मारी ये फिर कभी बताऊँगा।

हम दोनों एक बार घर से भाग भी गए थे। वहाँ हमने क्या-क्या मस्ती की.. सब कुछ अगली बार में लिखूंगा।

आई लव यू श्वेता।

दोस्तो मेरी कहानी कैसी लगी.. कमेंट्स जरूर करना।

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