चूत एक पहेली -42

(Chut Ek Paheli-42)

पिंकी सेन 2015-11-21 Comments

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अब तक आपने पढ़ा..

पायल ने 2 सेक्सी नाईटी भी पसन्द की.. उसके बाद वो जब जाने लगे.. तो दुकानदार ने कहा- सच्ची इतने लोग यहाँ आते हैं मगर ऐसी खूबसूरत जोड़ी आज तक मैंने नहीं देखी..
पायल- ओह्ह.. थैंक्स.. वैसे हम बस दोस्त हैं ओके बाय..
पायल बाहर निकल गई तो दुकानदार ने धीरे से कहा.. – हाँ पता है.. आजकल दोस्ती में ही सारे कांड हो जाते हैं इतने महंगे सैट तुझे दिलवाए हैं तो लड़का मज़ा भी पूरा लेगा हाँ…
बाहर आकर पुनीत ने सवालिया नज़रों से पायल की ओर देखा..

अब आगे..

पायल- क्या हुआ आप मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो?

पुनीत- मुझे उस वक्त बोलने नहीं दिया और अभी उसने जो बकवास की.. उसका जवाब भी तुमने अजीब सा दिया.. ऐसा क्यों.. मेरी समझ के बाहर है।
पायल- अरे भाई.. उस वक्त आप मेरी प्यारी बहन बोलने वाले थे.. इसलिए मैंने रोका और अभी उसने कहा कि अच्छी जोड़ी है तो मैंने कहा ना.. कि हम बस दोस्त हैं अब ये नॉर्मल बात है..

पुनीत- अरे उसको पता होता कि तुम मेरी बहन हो तो वो ऐसी बात बोलता ही नहीं.. मगर तुमने मुझे रोका क्यों ये बताओ..
पायल- ओह्ह.. भाई आप कैसी बातें कर रहे हो.. हम बिंदास हैं ये हमें पता है.. मगर उसको नहीं.. उस वक्त उसको पता लगता मैं आपकी बहन हूँ तो वो सोचता कैसी बहन है.. जो अपने भाई के साथ ब्रा लेने आई है.. ये मिडल क्लास लोग गलत ही सोचते हैं इसलिए मैंने दोस्त कहा.. समझे..
पुनीत- पायल तू सच में बहुत बड़ी हो गई है.. ऐसी बातें तेरे दिमाग़ में आई कहाँ से?

पायल- बस ऐसे ही आ गईं.. चलो भाई कुछ ठंडा पीते हैं गला सूख रहा है और बेचैनी सी हो रही है।
पुनीत- अरे क्या हो गया तेरी तबीयत तो ठीक है ना?

पायल- सच बताऊँ भाई… मुझे खुद नहीं पता.. रात को भी एक अजीब सी बेचैनी दिमाग़ में थी। सुबह नाश्ता किया उसके बाद दोबारा वेसी ही बेचैनी महसूस कर रही हूँ।
पुनीत- अरे कुछ नहीं.. ऐसे ही कल तेरे कमरे का एसी काम नहीं कर रहा था ना.. इसलिए ऐसा हुआ होगा.. चल वहाँ सामने कॉर्नर पे आइसक्रीम खाते हैं।

दोनों आइसक्रीम खाने लगे.. उस दौरान नॉर्मली इधर-उधर की बातें करने लगे।
हाँ एक बात कुछ अजीब हुई कि पायल के जिस्म में एक सनसनाहट सी होने लगी थी।
उसको बहुत गर्मी लग रही थी उसने पुनीत से कहा- बस अब कहीं और नहीं जाएँगे.. सीधे घर चलो.. मुझे बहुत गर्मी लग रही है।

पुनीत ने ज़्यादा कुछ नहीं कहा और मान गया।

दोस्तो, आप सोच रहे होंगे कि ये सीधी साधी पायल को क्या हो गया। ऐसे अचानक इसके मन में ऐसे विचार क्यों आने लगे। ये बात कुछ हजम नहीं हो रही तो चलो आपको हाजमोला दे देती हूँ।
अरे जस्ट जोकिंग यार.. इसका कारण नहीं जानना क्या.. तो चलो..

सन्नी और टोनी बैठे हुए आगे का प्लान बना रहे थे।
टोनी- यह तो समझ आ गया कि तुमने दोनों भाइयों को मेरे बारे में ये सब कहकर मना लिया कि मैं पायल को गेम के लिए रेडी करने में हेल्प करूँगा.. मगर वो सीधी साधी लड़की मानेगी कैसे?
सन्नी- तू शायद मुझे नहीं जानता.. मैं कौन हूँ उसको ऐसा बना दूँगा कि तुम खुद समझ नहीं पाओगे।
टोनी- अच्छा जरा कुछ मुझे भी यार बताओ तो.. प्लीज़ प्लीज़?

सन्नी- सुन.. मेरे दिमाग़ का खेल.. मैंने कल रात उसको वी****उ दी थी.. अब उसके दिमाग़ में सिर्फ़ सेक्सी बातें आएँगी.. उसका जिस्म तपने लगेगा, वो समझ ही नहीं पाएगी कि उसको क्या हो रहा है।
टोनी- अरे बाप रे.. ये तो एक किस्म का मसाला होता है.. मगर अपने उसको दी कैसे.. ये पहेली भी तो सुलझाओ भाई..

सन्नी- बेटा हर घर में नौकर तो होते ही हैं अब उनकी सही कीमत लगाने वाला मिल जाए तो बस बेचारे बिक जाते हैं। आज सुबह नाश्ते में भी उसको वो गोली दे दी गई है। अब बस उसका तमाशा शाम को देखना..

टोनी- वाह.. भाई मान गया क्या दिमाग़ लगाया आपने.. मगर इससे हमारा क्या फायदा.. वो साली सेक्स की प्यासी होकर पहले कहीं किसी और से ना चुदवा ले?
सन्नी- मैंने कहा ना.. मेरे दिमाग़ को तू नहीं समझ पाएगा.. कल रात वो दवा पायल को दी.. और साथ में मैंने पुनीत को भी नींद की दवा दिलवा दी थी।

टोनी- भाई मुझे अब चक्कर आने लगा है आप क्या बोल रहे हो.. मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा? ये पुनीत को नींद की दवा का क्या मामला बीच में आ गया?
सन्नी- सुन तेरे चक्कर ख़त्म करता हूँ। मैंने नौकर को कहा कि ये दो तरह की गोली हैं ध्यान से सुन आज रात किसी तरह ये सफ़ेद गोली पुनीत को और लाल पायल को दे देना।
टोनी- वो नौकर को काम देने का तो मैं समझ गया कि वो उसने किसी तरह दे दी होगी.. मगर क्यों..? सवाल ये है मेरा..

सन्नी- बस अब सारा मामला अभी जान लेगा.. तो आगे गेम का मज़ा नहीं आएगा। अब चुप कर.. सामने देख रॉनी आ रहा है।
सन्नी और टोनी बैठे हुए रॉनी का वेट कर रहे थे। उसको आता देख वो खड़े हो गए।

रॉनी- अरे क्या बात है टोनी.. तू भी यहाँ है.. कुछ खास बात है क्या?
टोनी- बहुत जल्दी में लगता है.. थोड़ा सब्र कर.. बैठ यहाँ।
सन्नी- मैंने बताया था ना.. टोनी ने बुलबुल में पार्टी रखी है.. वहाँ जाना है या नहीं.?
रॉनी- अरे जाना क्यों नहीं है.. बड़े दिनों बाद तो ऐसी पार्टी हो रही है।

सन्नी- गुड.. आज शाम को एंट्री करवा लेना.. वैसे कौन-कौन आ रहा है.. पायल भी आएगी क्या साथ?
रॉनी- अरे कौन से क्या मतलब है? मैं और पुनीत आयेंगे.. पायल किस लिए आएगी.. तुझे पता है ना वहाँ क्या होता है?
सन्नी- पता है.. शायद पुनीत ले आए.. वो गेम के लिए कुछ भी कर सकता है।

रॉनी- हाँ शायद.. मगर मुझे ये सब अच्छा नहीं लग रहा यार.. टोनी तुम दोनों पागल हो गए हो.. बहन के साथ ये सब ठीक नहीं.. एक बार और सोच लो, यह बहुत गलत बात है।

टोनी- देखो रॉनी शुरू से ही पुनीत और मेरे बीच ‘तू तू.. मैं मैं..’ होती रही है। तुम हमेशा बीच-बचाव करते हो.. मगर इस बार मैंने कुछ नहीं किया। ये सब शुरूआत पुनीत ने की.. पर अब इसको ख़त्म मैं करूँगा।

रॉनी- ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.. वैसे इस गेम के लिए तुम्हारी बहन मान जाएगी क्या?
टोनी- वो मेरा काम है.. उसको कैसे मनाना है। तुम शाम को क्लब में पायल को ले आना.. सन्नी ने मुझे सब समझा दिया है।
रॉनी- उसकी फिकर तुम मत करो.. पहले ये बताओ तूने इतनी बड़ी पार्टी रखी कैसे..? जहाँ तक मैं जानता हूँ.. तू साला एकदम लुच्चा है।

टोनी- क्या रॉनी.. अपना तेरे को पता है ना.. बड़ा-बड़ा पैसा वाला फ्रेण्ड है.. बस सब कर लिया किसी तरह।
सन्नी- अब इन बातों का कोई मतलब नहीं है.. तुम रात को बुलबुल जाकर एंट्री ले लेना.. ओके..
रॉनी- अरे यार तुम ले लेना ना.. हमारा आना जरूरी है क्या?

सन्नी- अरे हाँ यार.. अबकी बार नया रूल है.. जिसको पार्टी में आना हो.. वहाँ जाकर एंट्री करवानी होगी.. तभी सनडे को आ पाएगा।
टोनी- अच्छा यार.. मैं चलता हूँ.. मुझे थोड़ा काम है।
सन्नी- ओके तुम जाओ.. मुझे रॉनी से कुछ बात करनी है।

टोनी वहाँ से चला गया तो दोनों हँसने लगे कि साला कैसे शेखी बघार रहा था कि शुरू पुनीत ने किया और एंड में करूँगा।
रॉनी- वो कुत्ता नहीं जानता.. कि शुरू हमने किया है तो एंड भी हम ही करेंगे हा हा हा हा।

दोस्तो, आप बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।
कहानी जारी है।
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