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थ्री ईडीयट्स-2

On 2008-06-08 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

प्रेषक : जो हण्टर अरे नहीं भैया … चोदना-चुदाना सब शादी के बाद ! राधा ने चुहलबाजी की। तो मुन्नी तुझे ठिकाने लगाता हूँ। मेरी नज़रें अब राधा की चूत पर थी। अरे तेरा दिमाग तो ठीक है? मैं तो तेरी बहन हूँ ! मुन्नी ने आंखें तरेर कर कहा। तो क्या हुआ, मस्ती में […]

थ्री ईडीयट्स-1

On 2008-06-07 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

प्रेषक : जो हण्टर हम तीनों एक साल से शहर में पढ़ रहे थे। मैं और मेरी बहन मुन्नी और गांव में ही रहने वाली पड़ोस की एक मुन्नी की हम उम्र राधा, अब हम तीनों ही कॉलेज में दूसरे साल में आ चुके थे। इस एक साल में हम तीनों का नजरिया काफ़ी कुछ […]

कॉलेज़ की हवा लग गई

हम रोज़ मिलते तो वो मेरे स्तन दबा देता था और कभी मेरे चूतड़ भी। वो मुझे फ़ोन पर ब्लू फिल्म दिखाया करता था तो मेरे चुदने की तो बहुत इच्छा होती थी।

कामिनी की बाहों में-1

कामिनी ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे दोनों दूध दबाते हुए मेरे होंठ चूसने लगी। ऊफ़ उसकी ज़बान इतनी चिकनी, गर्म और इतनी लम्बी थी कि मेरे पूरे मुँह में मचल रही थी और मेरे गले तक जा रही थी।

हिंदी सेक्सी स्टोरी: तीन भाभियों की किस्मत मेरे हाथ-4

भैया के चौथे शादी के फैसले को बदलने हेतू सुमन भाभी बसन्ती के सहारे मुझसे चुदकर खुद गर्भवती हुई और दो भाभियों के कोख में भी औलाद का सुख प्रदान करवाया...

हिंदी सेक्सी स्टोरी: तीन भाभियों की किस्मत मेरे हाथ-3

मेरी नादानी वश मेरी और बसन्ती की चुदाई की जानकारी सुमन भाभी को हो गई तब उन्होंने भैया की धमकी दे इस राज को गुप्त रखने हेतू अपनी चुदाई की इच्छा जताई..

हिंदी सेक्सी स्टोरी: तीन भाभियों की किस्मत मेरे हाथ-2

बसन्ती ब्याह के बाद एकदम गदराई माल बन चुकी थी उसको देख मेरे लण्ड में ताव और मुंह से लार टपकने लगी जिसे बंसती ने भांप लिया और उसने मेरा साथ देने की सोची..!!

हिंदी सेक्सी स्टोरी: तीन भाभियों की किस्मत मेरे हाथ-1

मैं अपनी हिंदी सेक्सी स्टोरी में बता रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी तीन भाभी की चुदाई एक एक करके की. मेरे भाई ने तीन शादियाँ की लेकिन तीनो भाभी बेऔलाद रही.

मिल-बाँट कर..-4

On 2008-05-31 Category: रिश्तों में चुदाई Tags:

प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा अब मेरे पास कृत्रिम रूप से अपनी जवानी की आग को शांत करने के अलावा और कोई दूसरा साधन न था। मैं छुप-छुपकर कृत्रिम साधनों से अपनी कामाग्नि को शांत करने की कोशिश करती। योनि में कभी लम्बे वाले बैंगन डाल कर अपनी कामाग्नि को शांत करती तो कभी आधी-आधी […]

मिल-बाँट कर..-3

प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा और भी है कोई यहाँ तुम्हारे सिवा? दुल्हन का मत्था ठनका।” “हाँ, मेरा छोटा भाई है, सबसे पहले तो उसी ने तुम्हारी बजाई है….” दुल्हन यह सुन कर हक्की-बक्की रह गई। उसने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। इस बीच ठंडा राम बाथरूम से बाहर आ गया। उसने पूछा,”क्या हुआ भाभी जी? […]

मिल-बाँट कर..-2

प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा झंडाराम अभी तक अलमारी की आड़ में छुपा सब कुछ बड़े ध्यान से देख रहा था और सोच रहा था कि कब ठन्डे अपना काम ख़त्म करे और फिर उसकी बारी आये। उसे ठन्डे पर अब क्रोध आने लगा था कि वह क्यों फ़ालतू की बातों में इतना वक्त बर्बाद […]

मिल-बाँट कर..-1

हाय ! हम झंडाराम और ठंडाराम दोनों सगे भाई हैं। हम दोनों एक साथ मिलकर हर काम किया करते हैं फिर वह काम भले ही चोरी-डकैती का हो या अपनी-अपनी महबूबाओं के साथ रंगरेलियां मनाने का हो। बचपन से ही हमारी शक्लें भी बिलकुल एक जैसी हैं। कई बार तो हमारी पत्नियाँ तक हम दोनों […]

मर्द तलाशती फ़िरती हूँ

मैं हर जगह अपने लिए मर्द तलाशती फ़िरती हूँ, अपना बदन दिखाती फ़िरती हूँ, अक्सर सड़क पर चलते-चलते मैं मर्दों की पैन्ट का उभार सहला देती हूँ, कहीं बैठती हूँ तो टांगें फ़ैला कर! ताकि लोग मेरी चूत के दर्शन कर सकें!

ग्राहक की बीवी-2

मैंने नीलम का मुँह हाथ में लेकर उसे प्यार करते हुए पूछा- नीलम, सच बताना! तुम्हें मेरा लंड कैसा लगा और यही पूछने के लिए मैंने राजू को थोड़ी देर के लिए बाहर भेजा है।

ग्राहक की बीवी-1

तुम जितने प्यार से मुझसे चुदवाओगी उतनी ही राजू की परेशानी कम होगी। मैंने रंडियाँ बहुत चोदी हैं लेकिन तुम्हारी तो बात ही कुछ अलग है। मुझे जबरदस्ती करना पसंद नहीं।

सौ सुनार की एक लोहार की

On 2008-05-19 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषक : पुरुषोत्तम शास्त्री मेरा नाम पुरुषोत्तम शास्त्री है। मैं एम ए का छात्र हूँ। यह मेरी प्रथम कहानी है। मैं एक धर्मशाला में रहता था। पुष्कर का मेला चल रहा था और पूरी धर्मशाला यात्रियों से भरी थी। कईयों को कमरा तक नहीं मिला और उनको सर्दी में बरामदे में सोने को मिला। मेरे […]

वफ़ा या हवस-4

मैंने मुस्कुराते हुए कहा- शैलीन, सच में तुम बहुत खूबसूरत हो! मैंने आज तक तुम्हारे जैसी कभी किसी को नहीं देखा! जी तो चाहता है कि तुम्हें हमेशा के लिए अपना बना लूँ!

वफ़ा या हवस-3

मैंने पहले शैलीन की पैंटी उतारी फिर उसकी मैक्सी! मैंने अपने भी पूरे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे 69 की अवस्था में लेट गए, मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में डाल दिया!

वफ़ा या हवस-2

मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, सही-गलत समझ में नहीं आ रहा था। अगर शैलीन को कोई ऐतराज नहीं है, तो मैं क्यों संत बन रहा हूँ? मैं अभी इसकी जरुरत हूँ, यह मेरी!

वफ़ा या हवस-1

शैलीन ने सफ़ेद नाईट हॉट मैक्सी (आधे सीने से ले कर जांघ के ऊपर तक का कपड़ा) पहनी थी जिसके आर-पार सब कुछ दिख रहा था, उसके खुले बाल गीले थे मतलब वो नहा कर आई थी!

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