ये दिल … एक पंछी-2
प्रेषिका : निशा भागवत “ओह्ह्ह ! मैं तो गई…” “प्लीज निशा …” निशा की चूत से पानी निकल चुका था। पर उनका लण्ड ठोकना बन्द नहीं हुआ … कुछ देर और चुदी फिर एक और आह निकली- बस करो विवेक… मैं तो फिर झड़ने वाली हूँ। पर उसकी कौन सुनता ? उन्हें तो पूरी कसर […]