प्यासी भाभी की चुदासी चूत की चुदाई

(Pyasi Bhabhi Ki Chudasi Chut Ki Chudai)

मेरा नाम राजकुमार है, मेरी उम्र 21 वर्ष है.. मेरा कद 6 फीट 2 इंच है.. रंग गोरा है और मैं सुडौल बदन वाला हूँ।
मेरा लंड 8 इंच लम्बा और लगभग ढाई इंच मोटा है।

मैं जयपुर में अध्ययन के उद्देश्य से आया था। जयपुर आने के बाद मैंने बहुत खूबसूरत खूबसूरत लड़कियों की प्यास बुझाई है। मेरा ध्यान लड़कियों पर बहुत ही कम रहता है.. लेकिन मेरे कद की लम्बाई और सुन्दरता की वजह से लड़कियाँ मेरे लंड को लेने के लिए बेताब रहती हैं.. जिसके कारण लड़कियाँ खुद मेरा ध्यान अपनी ओर खींचती हैं।

वैसे तो मैंने जयपुर में रहते हुए बहुत लड़कियों की प्यास को शांत किया है.. पर अब मैं आपको मेरी एक बहुत मजेदार और यादगार घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ।

मैं कुछ दिन पहले एक स्थान से घर बदल कर दूसरे स्थान पर रहने लगा। वहाँ पर हमारे घर के सामने एक बहुत ही सुन्दर और गोरी भाभी जी रहती थीं।

जब मैंने उनको पहली बार देखा तो पहले तो मैंने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया.. लेकिन कुछ दिन बाद मुझे पता चला कि भाभी जी और उनके पति की अक्सर लड़ाई होती रहती है।
मुझे अपने घर की बालकनी से भाभीजी के घर की तरफ देखने पर पता चला कि उसका पति हमेशा शराब पीकर आता है और उसकी पिटाई करता है और शायद उसको वैवाहिक जीवन का सुख भी नहीं दे पाता है।

भाभी दिखने में बहुत ही सुन्दर थीं और उसकी कमर बहुत पतली थी। उसकी उम्र लगभग 22 वर्ष होगी। उसके जिस्म का उतार-चढ़ाव 32-28-32 का रहा होगा। भाई.. क्या उसके चूचे थे.. बिल्कुल संतरे की तरह छोटे-छोटे से.. एकदम गोल और उठे हुए.. उनको देखकर एक बार उन संतरों का रस पीने की इच्छा किस मर्द की इच्छा न हो..

एक दिन दोनों में कलेश हो रहा था.. मैं उनकी लड़ाई देखने लगा.. तो मुझे महसूस हुआ कि भाभी मेरी तरफ छुप-छुप कर देखती हैं।

मुझे लगा कि मैं भाभी की चुदाई कर सकता हूँ.. और शायद वो भी यही चाहती है।

एक दिन जब उसका पति उससे लड़ाई करके घर से बाहर गया.. तो मैंने हिम्मत करके उसको इशारे में पूछा- क्या हो गया?
तो वो शर्माती हुई इशारे में बोली- यार वो रोज शराब पीकर मुझे मारता है..
तो मेरी और हिम्मत हो गई और मैंने इशारे में ही पूछ लिया- घर पर और कौन है?

तो उसने हाथ हिला कर मना कर दिया- कोई भी नहीं है।

मैं हिम्मत करके उसके घर चला गया और प्यार से पूछा- ये सब हर दिन क्या होता है..?
तो वो रोने लग गई।
मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने उसके आंसू पोंछने के बहाने उसके कोमल गालों को टच कर दिया और उसकी चूची पर अपनी कोहनी घुमाई।

क्या मस्त गाल थे यार..
उसके साथ इतना मात्र करते ही मेरा लौड़ा खड़ा हो गया।
शायद इसको वो भी भांप गई।

मेरा इतना करने के बाद भी उसने कोई विरोध नहीं किया तो मैं समझ गया कि ये कई दिनों की प्यासी है और मैंने सोच लिया कि बेटा आज तो इसकी प्यास बुझा कर ही जाऊँगा।
मैंने कहा- आप इतनी सुन्दर हो.. फिर भी आपका पति आपसे लड़ाई करता है.. अगर आपकी जैसी पत्नी मुझे मिल जाए.. तो मैं तो उससे बहुत प्यार करूँ।

यह सुनकर वह मेरे कंधों पर हाथ रखकर रोने लग गई.. तो मैंने बिना देर किए उसे अपनी बाँहों में लेकर सोफे पर बैठ गया और उसके गालों पर किस कर दिया।
तो वह सिसकी लेने लग गई।
मैं समझ गया कि ये गरम हो गई है और आज मेरे लौड़े से चुदकर ही शांत होगी। तो मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर किस कर दी.. तो वह मेरे होंठों को चूसने लग गई।

फिर मैं उसके चूचों को दबाने लग गया.. तो वो दर्द के मारे ‘आह’ भरी सिसकारियाँ लेने लगी और अपने बदन को मेरे लिए ढीला छोड़ दिया।

फिर क्या था.. मैंने ब्लाउज उतार कर उसकी ब्रा खोली और एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरी को एक हाथ से दबाने लगा तो वो मेरे लंड को ऊपर से सहलाने लग गई।

फिर मैंने उसको गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने उसके पूरे कपड़ों को उतारा और उसके पूरे बदन को बेसब्री से चूसने लगा।
उसने भी मेरी पैन्ट खोल दी और अंडरवियर को खोल कर अपने हाथ से लंड को दबाने लग गई।

मैंने अपनी शर्ट उतार दी और अब हम दोनों बिल्कुल नंगे हो गए। उसके बाद वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लग गई.. तो मैं उसके बालों में हाथ डालकर सहलाने लगा और उसके मुँह में झटके मारने लग गया। वह भी भरपूर आनन्द लेते हुए मेरा साथ देने लग गई।

उसके बाद मैं उसकी चूत को अपनी अँगुलियों से चोदने लगा। तब तक उसकी चूत बिल्कुल पानी से गीली हो गई थी। अब वो बहुत जोर से तड़प रही थी और ‘आहें’ भर रही थी। उसने मुझे अपने हाथ और पैरों से जकड़ रखा था।

फिर वो ‘आह.. आह..’ करते हुए बोली- जानू.. अब बहुत हो गया.. मुझे और मत तड़पाओ.. अपने इस खूबसूरत लौड़े राजा को मेरी इस चूत रानी से मिलवा दो.. आह्ह.. और पूरी कर दो इसकी वर्षों पुरानी इच्छा..
आप यह कहानी अन्तर्वासना पर पढ़ रहे हैं।

फिर मैंने मेरे लौड़े के सुपारे को उसकी बुर पर लगाया और एक हल्का सा झटका लगाया.. तो वो दर्द से कांप उठी।
हाय.. क्या मस्त फूली हुई चूत थी उसकी.. उसकी बुर इतनी टाइट थी कि मेरे लंड में भी दर्द होने लगा था।

मुझ पर तो वासना का भूत सवार था.. मैं कहाँ मानने वाला था और दूसरे ही झटके में मैंने मेरे पूरे 8 इंच के लंड को उसकी चूत में पेल दिया।
वो दर्द से कराह उठी.. मैं कुछ देर तो धीरे-धीरे झटके मारता रहा.. फिर जब वो भी मेरा साथ देने लगी और भरपूर आनन्द लेते हुए कहने लगी- चोदो.. जानू चोदो.. आज इस चूत को फाड़ डालो और शांत कर दो मेरी इच्छा..

मैं जोर-जोर से झटके मारने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी, वो मेरे नीचे से अपने चूतड़ों को उठा उठा जम्पिंग करने लगी।
थोड़ी देर में वो झड़ गई और जब मैं झड़ने वाला हुआ.. तो मैंने पूछा- मैं झड़ने वाला हूँ.. क्या करूँ?

तो उसने कहा- अपना माल चूत के अन्दर ही डाल दो..
मैं झड़ कर उसके ऊपर लेट गया। कुछ देर तक हम दोनों निढाल होकर पड़े रहे.. फिर थोड़ी देर बाद वो मुझे फिर से चुम्बन करने लगी और मेरे लंड को चूसने लगी।

मैं उसकी संतरे जैसी चूचियों को दबाने लगा.. तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। तो मैंने उसे घोड़ी जैसी पोजीशन लेने को कहा और उसकी गांड में मेरे लंड को एक झटके में ही अन्दर पेल दिया.. तो वो दर्द से चिल्ला पड़ी।

फिर मैं लंड को अन्दर-बाहर करने लगा तो वो ‘आह.. उह्ह… आह.. ओह्ह्ह..’ की आवाज करते हुए मेरा साथ देने लगी।
थोड़ी देर बाद मैं फिर से झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया। फिर हम दोनों एक-दूसरे को किस करने लगे और बाद में नहाने के लिए बाथरूम में चले गए।

नहाते समय मैं उसकी चूची दबा रहा था और वो मेरे लंड को चूसकर आनन्द उठाने लगी और कहने लगी- आज पहली बार मेरी इच्छा शांत हुई है। आज से मेरे पूरे बदन पर आपका अधिकार है.. आप जब भी चाहो.. अपनी इस रानी से अपने लौड़े राजा को मिला सकते हो।

उसके बाद मैं अपने घर आ गया और अब जब भी हमें मौका मिलता है.. तो हम चुदाई का भरपूर आनन्द उठाते हैं।

दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. एक बार मेल करके जरूर बताएँ।
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