मेरा गुप्त जीवन- 163

(Mera Gupt Jeewan- part 163 Bahiya Bhabhi Ki Kaamkala Training)

यश देव 2016-04-25 Comments

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भैया भाभी की कामकला ट्रेनिंग

भैया की आँखें पूरी तरह से नग्न कम्मो के शरीर पर ही केंद्रित हो गई थी, वो उसके सुन्दर और सेक्सी शरीर को देखने में ही मग्न हो गए थे।
तब तक मैं भाभी की गांड से नीचे उतर कर कम्मो के पीछे खड़ा हो गया और अपने खड़े लण्ड को वहाँ पास में पड़े कपड़े से ढक लिया।

उम्मीद के खिलाफ भैया बड़े धीरे और शांत स्वर से बोले- शकुन यह सब क्या हो रहा है?
भाभी अब तक उठ चुकी थी, वो धीरे धीरे भैया की तरफ बढ़ने लगी लेकिन भैया की निगाहें तो कम्मो के नग्न शरीर से हट ही नहीं रही थी।

भाभी जब भैया के निकट पहुँची तो भैया फिर भी कम्मो की तरफ ही टकटकी बाँध कर देख रहे थे।
भाभी डरते हुए बोली- आप वापस कैसे लौट आये? आप तो दो दिन बाद आने वाले थे ना?

भैया अभी भी कम्मो को ही घूर रहे थे और उसको ही देखते हुए ही बोले- हाँ, वो आगे जाने का प्रोग्राम कैंसिल हो गया था… यह औरत कौन है?
कम्मो की तरफ ऊँगली करते हुए भैया ने पूछा।

तब भाभी ने उतर दिया- अरे याद नहीं, यह तो कम्मो है ना, हमें इतने दिनों से खाना परोसती रही है। इस कोठी की मेड जो सोमू की देखभाल भी करती है ना!
भैया एकदम आश्चर्य चकित हो गए और बोले- अरे वाह, यह तो बहुत ही सुन्दर औरत है क्या जिस्म है यार इसका!!!
कम्मो भी भैया की तरफ देख कर हल्के से मुस्कराई।

भैया ने अब भाभी से पूछा- यह सोमू तुम्हारे पीछे बैठ कर क्या कर रहा था?
इतना सुनते ही सबको सांप सूंघ गया और किसी से कोई जवाब नहीं बन पड़ा।

तब कम्मो बोली- वो ऐसा है मालिक, भाभी कह रही थी कि तुम्हारे भैया को और मुझको काम कला के बारे में कुछ ख़ास पता नहीं है तो मैं और सोमू उनको यह सब करके समझाएँ कि कौन कौन से सेक्स के पोज़ ऐसे होते हैं जिससे गर्भ धारण करने में आसानी रहे और भैया को भी खुश किया जा सके। बेचारी इतने समय से बच्चे के लिए तरस रही थी, जब इन्होंने अपनी प्रॉब्लम बताई तो मैंने कहा कि मुझको काफी तजुर्बा है इस बारे में क्यूंकि मैंने मिडवाइफ का कोर्स भी किया है और कई औरतों को गर्भवती होने में सहायता भी की है।
भाभी ने मुझको खासतौर पर इल्तजा की और सोमू और मैं भाभी को बता रहे थे कि कौन से पोज़ इस काम के लिए उत्तम होंगे।

भैया बोले- वाह सोमू, और कम्मो आप तो वाकयी में ही बड़ा अच्छा काम कर रहे थे। अब मुझको बतायें कि कौन सा पोज़ उत्तम रहेगा इस काम के लिए।
कम्मो तो बड़ी बेशर्म थी, वो झट से बोल पड़ी- मालिक आपको भी अपने कपड़े उतारने होंगे तभी हम कुछ बता पाएंगे आपको और भाभी जी को!

भैया झट से अपने कपड़े उतारने लगे और जब वो बिल्कुल नंगे हो गए तो उनका लंड एकदम बैठा हुआ था और साइज में कोई ख़ास बड़ा भी नहीं था।
यह देख कर कम्मो बोली- मालिक आप फ़िक्र ना करें अगर आपका लिंग बैठा है तो कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं इसको खड़ा कर लूंगी जल्दी ही!

भैया खुश होते हुए बोले- चलो कम्मो, तुम तो हरफनमौला हो! अच्छा शकुन, तुम क्या कर रही थी जब मैं इस कमरे में घुसा था?
भाभी की जगह कम्मो बोली- वो छोटे मालिक भाभी को बता रहे थे कि कैसे घोड़ी बनना होता है और कैसे चूत में लंड डालते हैं इस पोज़ में!
भैया बोले- अच्छा सोमू और शकुन, तुम दोनों फिर से करके दिखाओ हमको!

भाभी डरते हुए बिस्तर पर फिर से घोड़ी बन गई और मैं भी अपने खड़े लंड के साथ भाभी की चूत के पीछे बैठ गया।
भैया अब बिल्कुल हम दोनों के पास आ गए और गौर से देखने लगे कि लंड कैसे गांड में ना जाकर सिर्फ चूत में जाता है।

मैंने अपने अकड़े हुए लंड को धीरे से भाभी की चूत में डालना शुरू किया और जब लंड पूरा अंदर चला गया तो भैया वहाँ से उठ गए और कम्मो के मम्मों को छूने लगे और साथ ही उस के चूतड़ों पर हाथ फेरने लगे।

भैया ने कम्मो से पूछा- क्यों कम्मो रानी, मुझको भी काम कला का सारा खेल सिखलओगी क्या?
कम्मो बोली- क्यों नहीं मालिक, आपके लिए ही तो मैं हूँ ना! क्यों भाभी, मालिक की कुछ सेवा कर दूँ ना अगर आपकी इजाज़त हो तो?

भाभी तो मेरे से ज़ोरदार चुद रही थी सो उन्होंने चुदते हुए ही हामी भर दी।
कम्मो ने भैया के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो भैया उछल पड़े और हैरानी से कम्मो को देखने लगे कि यह औरत क्या कर रही है।

कम्मो के लंड चुसाई से भैया का थोड़ा ही खड़ा लंड एकदम अकड़ गया और थोड़ी देर की और लंड चुसाई से भैया भी गांड फाड़ मूड में आ गए और कम्मो को घोड़ी बना कर वो डरते हुए लंड को चूत में डालने लगे और हमारे साथ ही बेड पर वो कम्मो की चुदाई धीरे धीरे डरते हुए करने लगे।

लेकिन कम्मो की गीली और टाइट चूत में लंड आसानी से भीतर चला गया और कम्मो ने तब भैया के लंड को अपनी चूत से दोहना शुरू कर दिया।
दोहने की एक्शन से भैया को अतीव आनन्द की अनुभूति तो हुई ही लेकिन साथ ही उनके लंड ने दोहने की एक्शन को बर्दाश्त नहीं कर पाया और तुरंत ही अपनी पिचकारी को कम्मो के अंदर छोड़ दिया।

कम्मो ने उनको अपने ऊपर से उठने नहीं दिया लेकिन वो झट से पासा पलट कर उनके नीचे आ गई और भैया के लंड को अपनी चूत से दोहने लगी।
ऐसा करने से भैया पुनः तैयार हो गये और एकदम तेज़ स्पीड से कम्मो को चोदने लगे लेकिन कम्मो ने अपनी टांगें सिकोड़ कर उन को रोक दिया और उनको समझाया कि जल्दी मत करें और आराम से लंड को चूत के अंदर बाहर करते रहें।

इधर मैं फिर से भाभी को घोड़ी बना कर चोद रहा था और उनको तीन चार बार छूटा कर ही उनके ऊपर से उतरा।
आखिरी बार फिर मैंने अपनी पिचकारी भाभी की एकदम गीली चूत के अंदर ही छोड़ी।
जब भैया कम्मो को चोद कर हटे तो कम्मो ने भैया को कहा कि अगर वो भाभी को घोड़ी बना कर चोदेंगे तो शायद भाभी गर्भवती हो जाए।

लेकिन भैया अपनी मजबूरी बताने लगे क्यूंकि उनका लौड़ा तो कम्मो के साथ चुदाई के कारण बैठा हुआ था।
तब कम्मो ने भाभी को कहा कि वो भी भैया का लंड चूस सकती है और उसको स्वयं खड़ा कर सकती है।
पहले तो भाभी कुछ हिचकी लेकिन फिर कम्मो के उकसाने पर उसने डरते हुए भैया के लौड़े को मुंह में ले लिया और धीरे धीरे से उसको चूसने लगी।

कुछ देर की लंड चुसाई से भैया का लंड हिनहिनाने लगा और भैया ने फ़ौरन भाभी को घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया।
कुछ देर की तीव्र और धीमी चुदाई के बाद भाभी का फिर एक बार पानी छूट गया और भैया ने भी पिचकारी भाभी के गर्भ के अंदर छोड़ दी।

भाभी भैया तो निढाल हो कर बिस्तर पर लेट गए लेकिन कम्मो यह समय उचित जान कर मेरे साथ चुदाई के तरह तरह के पोज़ उन दोनों को दिखाने लगी।
यह सारे चुदाई पोज़ देख कर भैया भाभी चकित रह गए और फिर वो दोनों नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सो गए।
मैं और कम्मो कपड़े पहन कर अपने कमरे में आ गए और हम भी एक दूसरे की बाहों में गहरी नींद में सो गए।

अगले दिन सवेरे भाभी ने कम्मो को बताया कि रात नींद में भैया ने हर घंटे घंटे के बाद उनको चोदा और उनको असली सुहागरात का पूरा मज़ा अब जाकर आया था और यह सब कम्मो और सोमू की वजह से हुआ था।
कॉलेज से वापस आया तो पता चला कि भाभी भैया सिर्फ नाश्ते के लिए अपने कमरे से निकले थे और वो दोनों कमरा बंद करके लेटे हुए थे।

कम्मो ने मुझको बताया कि उसने भैया और भाभी को एक ख़ास किस्म का नाश्ता बना कर दिया था जिसका नतीजा यह था कि वो दोनों अभी भी कामकला के खेल में व्यस्त थे।

सब बाकी भाभियाँ साड़ी का आँचल मुंह में डाल कर एक दूसरे से खूब हंसी मज़ाक कर रहीं थी और कम्मो को बार बार परेशान कर रही थी कि ऐसा क्या नाश्ते में खिला दिया कि दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए है अभी तक?
कम्मो भी उनकी बात हंसी में टाल रही थी।

पूनम भी मेरे पास आई यह पूछने के लिए कि भैया भाभी क्या कर रहे हैं कमरे के अंदर अभी तक!
मैं सिर्फ मुस्करा भर दिया और हल्के से अपनी बाईं आँख मार दी पूनम को!

कहानी जारी रहेगी।
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