सीमा सिंह की चूत चुदास -3

(Seema Singh Ki Chut Chudas-3)

सीमा सिंह 2016-03-23 Comments

This story is part of a series:

दोस्तो अभी तक आपने पढ़ा कि कैसे मैं अपनी चूत की आग शांत करने के लिए दिल्ली के राज गर्ग के वाइफ़ स्वेपर्स क्लब में गई और वहाँ मुझे 5 लोगों ने सारी रात जम कर चोदा और सुबह होटल के एक वेटर ने भी मेरी अच्छी ठुकाई की।

अब आगे:

दोपहर का खाना खा कर मैंने फिर लेट गई, अभी नींद नहीं आ रही थी, मैंने बेमन से ही कॉफी ऑर्डर कर दी।
वही सुबह वाला वेटर कॉफी लेकर आया और मुझे घूर रहा था।
मैंने सिर्फ एक पतली सी टी शर्ट और नीचे से सिर्फ एक पेंटी पहन रखी थी, मेरी चिकनी गोरी टाँगें उसका ध्यान बार बार खींच रही थी।
मैंने उसे कहा- सुनो, मेरी टाँगें दर्द कर रही हैं, दबा दोगे क्या?
वो बोला- मैं मालिश भी बहुत अच्छी करता हूँ।
मैं समझ गई, हरामी मेरे बदन को सहलाना चाहता है, मैंने कहा- ठीक है, कॉफी के बाद कर देना!

वो उठ कर चला गया और थोड़ी देर बाद अपने साथ दो तीन किस्म का तेल ले कर आया।
कॉफी पी कर मैं बेड पर ही लेट गई।

उसने कहा- आपको ये टी शर्ट और पेंटी उतारनी होगी।
मैंने कहा- खुद ही उतार दो।
उसने मेरी टी शर्ट और पेंटी उतार दी, मुझे नंगी करके उल्टा लेटा दिया और तेल लगा कर हल्के हाथों से मालिश करने लगा।

सच में वो बढ़िया मालिश कर रहा था, मेरी पीठ, चूतड़, जांघें और टाँगो को उसने बहुत बढ़िया मसाज दी।
फिर मुझे सीधा लेटाया और मेरे कंधों, बूब्स, पेट, कमर, जांघों की बड़े मनोयोग से मालिश की।

मालिश करते करते मेरे बदन पर हाथ फेरते फेरते उसका लंड उसकी पेंट में फिर से तन गया। मैंने उसका लंड पकड़ा और बोली- ये फिर से सर उठा रहा है, क्यों?
वो बोला- आपके खूबसूरत बदन को अपनी सलामी दे रहा है।
मैंने मुस्कुरा कर उसका लंड को छोड़ दिया।

उसने फिर पूछा- मैडम, क्या मैं आपसे फिर से सेक्स कर सकता हूँ, सुबह एक बार करके मेरा दिल नहीं भरा, आप बहुत सुंदर, बहुत सेक्सी हो।
मैंने कहा- नहीं, मुझे शाम के लिए अपनी ताकत बचा के रखनी है, इस लिए अब नहीं।
वो बोला- फिर प्लीज़ चाट लेने दो, मैं सिर्फ आपकी चूत और गांड चाट कर हाथ से कर लूँगा, प्लीज़ मैडम।
मैंने कहा- चलो ये ठीक है, चाट लो!

मैंने कह कर अपनी टाँगें खोल दी। उसने एकदम से अपनी पेंट की ज़िप खोल कर अपना लंड बाहर निकाला, अपना मुँह मेरी चूत से लगाया और जीभ से चाटने लगा और अपने हाथ से मुट्ठ मारने लगा।
कोई 10 मिनट वो वैसे ही लगा रहा, उसके चाटने से मेरी चूत में भी खुजली होने लगी, मैंने कहा- ला मैं तेरा हाथ से कर देती हूँ, तू सिर्फ अच्छे से चाट!

उसके बाद अगले 4-5 मिनट मैं हाथ में पकड़ कर उसका लंड हिलाती रही और वो दोनों हाथों से मेरी कमर पकड़ कर कभी मेरी गांड तो कभी मेरी चूत चाटता रहा।

5 मिनट बाद उसके लंड से गर्म गर्म वीर्य निकला और मेरे मुँह पर भी उसके कुछ छींटे गिरे।
छूटने के बाद उसना अपना लंड अपनी पेंट में डाल लिया, मैं उठ कर बाथरूम में चली गई और जाते जाते उसे कमरा एकदम ठीक ठाक करने के लिए कह गई।

इतने में राज गर्ग का फोन आ गया, उसने बताया कि शाम को वो आ रहे हैं, और आज मेरे लिए कोई सरप्राइज़ भी ला रहे हैं, क्या, ये नहीं बताया।

शाम को 6 बजे वो सब आए, मैंने एक टाइट सी टी शर्ट और कैप्री पहन रखी थी।
मगर यह क्या, राज के साथ एक और खूबसूरत सी औरत, एक साढ़े 6 फुट का नीग्रो और एक और नया आदमी थी।
यानि 3 मर्द और एक औरत।

सब ने आकर मुझे गले लगा कर प्यार दिया।
उस औरत का नाम सोनल था, वो राज के वाइफ़ स्वेपर्स क्लब की एक अकेली महिला मेम्बर थी।
नीग्रो गर्शिया और राज की पत्नी सीमा की कहानी आप पहले ही पढ़ चुके हैं।

राज के साथ एक और भी आदमी था, जिसे मैं नहीं जानती।
सोनल ने बहुत ही सुंदर टॉप और जीन्स पहन रखी थी।

अंदर आ कर, सोनल मेरे साथ सोफ़े पर बैठ गई और बाकी तीनों मर्द आस पास के सोफ़ों पर बैठ गए।
मैंने बड़ी हैरानी से गर्शिया को देखा तो राज ने बताया के गर्शिया वो शख्स है जिसे भगवान ने ग्यारह इंच का लंड लगाया है।

सच में मेरी तो तभी इच्छा हुई कि मैं उसका बड़ा सा लंड निकलवा कर देखूँ।
मैंने सोनल से पूछा- क्या तुमने गर्शिया का लिया है?
वो बोली- नहीं, पर राज की पत्नी ने लिया है, मैं भी आज पहली बार अपने जीवन में सच में इतना बड़ा लंड देखूँगी।

राज को मैं पहले से ही जानती थी, कल रात उसने भी मुझे शायद दो बार ठोका था, बाकी सब नए थे।
पहले तो हमने ड्रिंक्स ऑर्डर कर दी, वही वेटर आया, राज ने उसे 500 रुपये टिप पहले ही दे दी, वेटर बहुत भाग भाग कर हमारी सेवा कर रहा था।
राज को लग रहा था कि उसकी टिप कर असर है, मगर उसने नहीं पता था कि जो टिप मैंने उसे वेटर को दी थी, असली असर तो उस टिप का था।

खैर, खाने पीने के दौर चलते ही, जब सब पर हल्का हल्का सुरूर हुआ, सोनल उठ कर म्यूजिक पर डांस करने लगी।
मैं भी उठ खड़ी हुई, हमें देख कर बाकी भी हमारे साथ आ अपनी अपनी गांड मटकाने लगे, और सही मौका देख कर हमारे बदन पर अपने अपने हाथ भी फिराने लगे, मेरे और सोनल के बूब्स दबा रहे थे, हमारी गांड को सहला रहे थे।

फिर मैंने कहा- अरे भाई, मुझे तो गर्शिया का 11 इंच का लंड देखना है।
तो सब के सब आकर फिर से अपनी अपनी जगह बैठ गए, गर्शिया हमारे सामने आ कर खड़ा हो गया, पहले उसने अपनी टी शर्ट उतारी, फिर जीन्स…

उसकी चड्डी ऐसे लग रही थी जैसे बड़ी मुश्किल से उसका लंड संभाल रही हो।
उसने अपनी चड्डी भी उतार दी।
ढीली हालत में भी उसका लंड करीब 8 इंच का रहा होगा। मैंने तो कभी किसी का मरा हुआ इतना बड़ा लंड भी नहीं देखा था।

मैंने गर्शिया का लंड अपने हाथ में पकड़ा और उसे सहला कर देखा, जैसे किसी साँप को हाथ में ले लिया हो।
थोड़ा सहलाने पर वो अपना आकार लेने लगा और जब थोड़ी सी देर में पूरा तन गया तो सच में 11 इंच का हो गया।
मैं सोचने लगी इतना मोटा और लंबा लंड तो मेरी चूत में घुस कर सीधा कलेजे तक पहुँच जाएगा।

सोनल भी उठ कर आई और गर्शिया का लंड पकड़ कर देखने लगी, उसके और मेरे दोनों के चेहरे पर एक शरारती हंसी थी।

गर्शिया ने मुझे कंधो से पकड़ कर उठाया और मेरी टी शर्ट उतार दी, अब मेरे बदन पर सिर्फ ब्रा और केपरी ही रह गई।
फिर गर्शिया ने सोनल की भी शर्ट उतार दी, वो भी सिर्फ ब्रा और जीन्स में थी, वो भी एक बहुत ही खूबसूरत जिस्म की मल्लिका थी।
हम दोनों को आधी नंगी करके गर्शिया ने दो गिलासों में बीयर डाली और अपने लंड को दोनों गिलासों में डाल कर घुमाया और हमें पीने को दी।
हमने दोनों ने वो लंड घुली बीयर पी।

फिर राज ने कहा- क्यों न राजाओ की तरह पी जाए?
सब सोचने लगे कि राजाओं की तरह कैसे?
राज ने बताया- ये दोनों लड़कियाँ बिलकुल नंगी होंगी, ये अपने बदन पर बीयर डालेंगी, और हम इनके बूब्स, चूत और गांड को मुँह लगा कर बीयर पीयेंगे, बोलो क्या कहते हो?

सब को यह योजना पसंद आई और फिर हम दोनों को टेबल के ऊपर खड़ी करके हमें बिल्कुल नंगी कर दिया गया, फिर बीयर की बोतल हाथ में पकड़ा दी।
मैंने बीयर अपने बूब्स पे गिराई तो गर्शिया ने मेरी चूत से मुँह लगा कर बीयर पी, राज ने मेरे बूब्स से और तीसरे आदमी ने सोनल की
चूत से मुँह लगा कर बीयर पी।

बीयर तो बहाना था बस, यह तो अपनी अपनी ठर्क मिटाने का तरीका था।
इस चूसा चासी से सबका मूड बन रहा था।
राज और दूसरे आदमी ने भी अपने अपने कपड़े उतार दिये।

गर्शिया ने मुझे और सोनल दोनों को अपनी मजबूत बाजुओं में उठाया और बेड पे ले गया, बेड पे लेटा कर सोनल को मेरे ऊपर लेटा
दिया।
मैंने कहा- यह क्या?
वो बोला- तुम दोनों लेस्बीयन प्ले करो और हम सब का मनोरंजन करो।

सोनल भी एक सुंदर और गोरी चिट्टी साफ सुथरी औरत थी, मुझे कोई ऐतराज नहीं था, और न ही कोई ऐतराज सोनल को था।
बस उस दिन पहली बार किसी औरत ने मुझे किस किया।
मैंने भी उसके होंठों को चूमा, फिर दोनों ने बाद में एक दूसरे के होंठों को चूसा।

गर्शिया और बाकी मर्द अपने अपने लंड अपने अपने हाथों में पकड़ कर हिला रहे थे।
पहले मैंने और सोनल ने एक दूसरे के होंठ चूसे, फिर एक दूसरे के बूब्स।
सोनल ने कहा भी- सीमा तेरे बूब्स बहुत ही बड़े हैं यार… कैसे संभालती है इन्हें?
मैं सिर्फ मुस्कुरा दी।

बूब्स चूसने के बाद सोनल नीचे को चली गई और उसने अपनी चूत ला कर मेरे मुँह पर रख दी।
मैं कई बार चाहती थी कि काश मेरा मुँह मेरी चूत तक जाता तो मैं अपनी चूत चाट सकती, मगर आज पहली बाद कोई चूत मेरे सामने थी।
मैंने उसे अपनी चूत समझ कर ही पहले चाटा, मुझे उसमें से बीयर का स्वाद आया। फिर अंदर तक जीभ डाल कर चाटने लगी।

मेरे चाटने से सोनल को और सोनल के चाटने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
लेस्बीयन सेक्स का यह मेरा पहला तजुरबा था।
सच कहूँ तो लेसबियन सेक्स भी बहुत मज़ा देता है।

अभी हम चाट चाट कर मज़े ले ही रही थी कि गर्शिया आया और उसने सोनल को मेरे ऊपर से उठा दिया और सीधा करके मेरे ऊपर लेटा दिया।
हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसती इससे पहले ही…

कहानी जारी रहेगी।
आपकी सेक्सी सीमा सिंह
[email protected]

 

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