मेरा गुप्त जीवन- 168

(Mera Gupt Jeewan- part 168 Samuhik Chodan Ke Sath Lesbo Sex)

यश देव 2016-05-20 Comments

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सामूहिक चोदन के साथ लेस्बो सेक्स का शिक्षण

मैं बड़ी धीरे धीरे चुदाई कर रहा था ताकि ऊषा पुनः गर्म होकर फिर से पूरा आनन्द ले सके।
मेरे साथ ही लेटे हुए सूरज भैया कुछ जल्दी करने लगे थे लेकिन मैंने उनको रोक दिया, कहा- धीरे धीरे करने में ही आपको और आपके साथी को आनन्द आएगा।

जब ऊषा और उसकी चुद रही सहेलियाँ एक बार फिर स्खलित हो गई तो मैंने अब चुदाई का आसन बदल दिया, ऊषा को अपनी गोद में ले लिया और अपने हाथ उसके चूतड़ों के नीच रख कर झूले वाला आसन शुरू कर दिया।

सब लड़कियाँ अब अपनी बाहें मर्दों के गले में डाल कर झूले के समान आगे पीछे हो रही थी और हम सब उनके मम्मों के चूचुकों को चूसने में लगे हुए थे।
जल्दी ही एक बार फिर सब लड़कियाँ स्खलित हो गई लेकिन साथ में एक दो लड़के भी अपने को अधिक देर रोक नहीं सके और अपना वीर्य उनकी चूत में छोड़ने पर मजबूर हो गए।

मैंने कमरे में नज़र घुमाई तो देखा कि एक्टिव जोड़ों में सिर्फ हम 3 जोड़े ही यौन क्रिया में अभी लगे हुए थे।
अब मैंने फिर आसन बदला, मैं बिस्तर पर लेट गया और ऊषा को अपने ऊपर कर लिया और वो दोनों टांगों के बल बैठ कर मेरे को चोदने लगी और उसके मुख पर छाई प्रसन्ता से मैं समझ गया कि उसको यह आसन बहुत अधिक पसंद आ रहा था।

इस आसन के बाद मैंने देखा तो सिर्फ मैं और सूरज भैया ही बचे थे मैदान में!
अब मैंने ऊषा को पलंग की टेक लेकर खड़ा कर दिया और पीछे से बड़े ज़ोर के धक्के मारने लगा।
हर धक्का उसकी चूत के अंत तक जा रहा था और हर बार वो जब लण्ड उसकी चूत के अंतिम छोर तक जाता था तो ऊषा बिदक जाती थी।

अब मैंने और भैया ने बड़ी तेज़ी से धक्के मारने शुरू कर दिए थे जिससे दोनों लड़कियों के मुंह खुले के खुले रह गए और वो दोनों जल्दी ही अपना पानी छोड़ गई।
अब भैया ने जल्दी से धक्के मार कर अपना वीर्य भी अपनी साथी की चूत में छोड़ दिया और दोनों अलग होकर गद्दे पर लेट गए।
सबकी निगाहें अब मेरी और ऊषा की तरफ लगी हुई थी।

मैंने ऊषा को अब एक साइड में लिटा दिया और खुद उसके पीछे लेट कर चूत में लण्ड डाल कर फिर तेज़ी से चोदने लगा और साथ में उसकी भग को भी मसलने लगा।
इस दोहरे हमले के कारण ऊषा अब खूब जोर जोर से अपने चूतड़ों को आगे पीछे कर रही थी, मैं भी उसके चूचुकों को अपनी उंगलियों में गोल गोल घुमा रहा था।

सब लड़के और लड़कियाँ हम दोनों के यौन युद्ध का तमाशा बड़े आनन्द से देख रहे थे और ऐसा करते हुए उनके हाथ अपने साथ खड़ी लड़की के मम्मों, चूतड़ों या फिर उनकी चूत को छेड़ने में लगे हुए थे।
दोनों भाभियाँ भी मस्ती से एक दूसरे के अंगों के साथ खेल रही थी।

मैंने महसूस कर लिया था कि ऊषा भी अपनी आखिरी मंज़िल पर पहुँचने वाली है, तो मेरी धक्कमपेल और भी तेज़ हो गई थी और उधर ऊषा भी अब ढीली पड़ती जा रही थी और उसके हाथ पैर अब अकड़ने लगे थे।
लेकिन मैंने अपनी जीत को सामने देख कर पतंग की डोर को और टाइट करना शुरू कर दिया और मेरे ऐसा करते ही ऊषा एक ज़ोर की हुंकार भरते हुए आखिरी बार कांपते हुए मेरे लण्ड से अपने चूतड़ों को एकदम जोड़ दिया और धीरे धीरे से हाय हाय करने लगी।

लेकिन मेरा लौड़ा तो अभी हुंकार भर रहा था और ऊषा की चूत से निकल कर लबालब पानी से सराबौर होकर वो हवा में लहलहा रहा था।

मैंने ऊषा को अब चित सीधा लिटा दिया और उसकी खुली चूत में अपना लंड डालने लगा था कि ऊषा ज़ोर से चिल्ला पड़ी- बस अब और नहीं सोमू, बस करो प्लीज! मैं और नहीं सहन कर पाऊँगी यार!
तब मैंने कहा- बोलो मेरी तौबा है… कान पकड़ कर तौबा करो जल्दी, नहीं तो डालता हूँ अभी!!!

ऊषा को मौका मिला और वो उठ कर भागने लगी लेकिन मैं उससे भी तेज़ था और मैंने झट से उसको पकड़ लिया और उसको खड़े खड़े ही चोदने की कोशिश करने लगा।
रितु और रानी भाभी दोनों ने ऊषा को पकड़ लिया और उससे कहा- मान लो सोमू की बात और तौबा कर लो, नहीं तो वो फाड़ देगा तुम्हारी फुद्दी! जल्दी करो प्लीज!

ऊषा ने अपना मुंह अपने हाथों में छिपा लिया और धीमी आवाज़ में कहा- मेरी तौबा है, मैं हार गई!
मैं बोला- मैंने सुना नहीं, क्यों भाइयो, आपने सुना क्या?
सब लड़के बोले- हमने नहीं सुना!
और लड़कियाँ बोली- हमने तो सुन लिया है।

मैं फिर बोला- ज़ोर से बोलो ऊषा रानी जी, आप तो हारी हुई शेरनी हैं, बोलिए ना प्लीज!
ऊषा अब हँसते हुए बोली- अच्छा लखनऊ के शेर जी महाराज, हम सब लड़कियाँ आप सब लड़कों से हार गई… ठीक है ना शेर जी?
सबने खूब ज़ोर से तालियाँ बजाई और एक दूसरे से मज़ाक होने लगा और कुछ तो अपने साथियों से फिर से छेड़छाड़ करने लगे।

रितु और रानी भाभी दोनों ने अब मुझको घेर लिया, मेरे लण्ड को अपने हाथ में ले लिया और कहने लगी- सोमू राजा, हमारी बारी कब आएगी?
मैंने भी मज़ा लेते हुए कहा- पोल तो खड़ा है और आप के शरीर के टेंट भी उतरे हुए हैं, आप जब चाहो पोल पर बैठ जाओ बारी बारी से अगर और कुछ चाहिए तो बता दीजिये।
रानी भाभी बोली- सोमू, हम कभी घोड़ी नहीं बनी हैं, तुम हमको घोड़ी बना कर चोदो तो मज़ा आ जाए!
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अब मैंने सब लड़के लड़कियों को इकट्ठा किया और कहा- देखो भाइयो, यह तो न्याय नहीं होगा कि हमारे आज के सामूहिक चोदन की मुख्य कलाकारों को चोदन का स्वाद ना मिल सके… यह तो बहुत ना इंसाफी हो गई ना? तो आप में से कौन ऐसा महारथी घुड़सवार है जो हमारे प्रोग्राम की मुख्य कार्यकर्ताओं को घोड़ी बना कर उनकी इच्छा पूरी कर सके?

मैंने चारों तरफ देखा लेकिन कोई भी जवान आगे नहीं बढ़ा।
यह तो होना ही था क्यूंकि सब लड़के 2-3 बार अपना छुटा चुके थे और उनमें से किसी में भी इतनी काम शक्ति बाकी नहीं थी कि एक बार फिर वो चोदन का प्रयास कर सकें।

फिर मेरे मन में यह विचार आया कि क्यों ना इन लड़के लड़कियों को कुछ लेस्बो सेक्स के बारे में भी ज्ञान दे दिया जाए।
सबसे पहले मैंने रितु और रानी भाभी को लेटने के लिए कहा, फिर ऊषा और शशि को अपन पास बुलाया और उनके मम्मों को थोड़ा छेड़ा, फिर उनको कहा- आप दोनों इन भाभियों से प्यार व्यार करें।

जब उन को समझ नहीं आया तो उन दोनों को भाभियों के पास ले गया और उनको समझाया कि क्या करना है उन दोनों को!
पहले तो वो हिचकी लेकिन जब मैंने उन दोनों को बताया कि मैंने भी अभी उनके साथ ऐसा ही किया था तो वो तैयार हो गई।

अब मैंने बाकी लड़के लड़कियों को पास बुलाया और बताया कि यह जो यौन क्रिया लड़कियाँ करने जा रही हैं उसको इंग्लिश में लेस्बियन सेक्स कहते हैं और यह सिर्फ औरतों के आपस के यौनाचार है।

सब बड़े ध्यान से ऊषा और शशि को देख रहे थे कि वो क्या कर रही हैं और जब उन्होंने देखा कि वो दोनों भाभियों को चूमने, चाटने के इलावा उनकी योनि में भी चूसना और चाटना कर रही हैं तो वो बहुत ही अचम्भे में आ गई और जब उन्होंने देखा कि दोनों भाभियों को बहुत अधिक आनन्द आ रहा है और वो खूब आनन्दित हो कर अपने सरों को इधर उधर कर रही हैं तो बाकी लड़कियाँ भी काफी खुश हो गई।

लेस्बो सेक्स से भाभियों को एक बार अति तीव्र स्खलन होने के बाद मैंने दोनों लड़कियों को हटा कर उनको घोड़ी बना दिया और उनकी इच्छा के मुताबिक़ खूब अच्छी तरह से उनकी जम कर चुदाई आरम्भ कर दी और उन दोनों को को कम से कम 2-2 बार उनका पानी छूटा दिया और दोनों को पूरी तसल्ली देने के बाद ही मैंने उनको छोड़ा।

दोनों भाभियों ने उठ कर मुझको निहायत ही गर्म और कामुक चुम्बन और जफ्फी डाली और साथ में ही कहा- थैंक्स सोमू राजा, लखनऊ में हम नहीं छोड़ेंगे तुमको हमारे नन्हे साजन!

हम सब पूर्ण तरह से तसल्लीबक्श सामूहिक चुदाई वाले प्रोग्राम को समाप्त करके अपने अपने कमरों में चले गए।

कहानी जारी रहेगी।
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