वासना की न खत्म होती आग -1

(Vasna Ki Na Khatm Hoti Aag-1)

This story is part of a series:

नमस्कार दोस्तो,
कैसे हो सब?
मैं सारिका कंवल!
बहुत दिन हो गए मैंने कोई कहानी अपने प्रसंसकों को नहीं सुनाई, इसके लिए मुझे क्षमा कीजिये!
दरअसल बात ही ऐसी है कि पति, बच्चों और परिवार के साथ कभी कभी समय ही नहीं मिलता तो कभी अकेलापन पीछे होता है। पर इस अकेलेपन का भी कभी कभी अच्छा नतीजा मिल जाता है।

मैं करीब एक साल से अन्तर्वासना से दूर रही पर अब मेरे पास एक नया अनुभव है जिसने मुझे फिर से विवश कर दिया अन्तर्वासना पर कुछ लिखने को!
उम्मीद करती हूँ कि मेरा यह नया अनुभव आपको रोमांच से भर देगा।

सम्भोग किसे नहीं पसंद? और अगर पसंद न होता तो न लोग यहाँ कहानियाँ पढ़ने आते न सुनाने… न मैं आती, न आप लोग!
मैं औरों के बारे में नहीं जानती पर जैसे जैसे मैंने सेक्स का आनन्द खुल कर लेना शुरू किया, मेरी इच्छाएँ और बढ़ती चली गई और फिर नई पसंद नया अनुभव…

मेरी पिछली कहानियों से तो आप पता ही चल गया कैसे मैंने सेक्स के नए नए अनुभवों को पाया।
पर पिछले सात महीनों में मैंने जो कुछ जाना और किया वो मेरी बाकी के अनुभवों से कहीं ज्यादा रोचक है क्योंकि यह मैंने स्वयं ही महसूस किया।
मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं ऐसा करूँगी या इतनी बदल भी जाऊँगी।

एक औरत जिसके आगे पीछे इतने पहरे होते हैं, वो इतना कुछ कैसे कर लेगी… यह भी शायद आप लोग यकीं न करो पर जो मैंने किया वो सच में रोचक था।

अब असल मुद्दे पे आती हूँ और आपको बताती हूँ ऐसा क्या किया मैंने जो इतनी उत्सुक हूँ खुद मैं आप सबको बताने के लिए!
दरअसल यहाँ झारखण्ड में बच्चों और परिवार के बीच फंसी सी थी, कभी अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ती तो कभी सेक्स वीडियो देखती समय बिताती, पर सही मायने में जीवन और सेक्स का मजा धीरे धीरे खत्म सा हो गया था।

दिल में कुछ अलग सी चाहत थी पर समझ नहीं आरहा था कि क्या है वो! कभी सम्भोग करने की तीव्र इच्छा भी होती तो अकेली थी और पति का होना, न होना बराबर ही है।
बस इसी बीच कभी कभार बंगलौर वाली सहेली तारा से बात करती थी और बड़े शहरों में क्या क्या हो रहा है, सुनती थी।
वो हमेशा मुझे बताती थी कि हर शनिवार और रविवार वो किस तरह की पार्टी और लोगों से मिलती जुलती और मजे करती थी।

पिछले साल होली से पहले की बात है, तारा और मैं एक दोपहर बातें कर रहें थे तभी उसने मुझे बताया कि वो आने वाले शनिवार को एक नए दोस्त से मिलने वाली है।
उसने बताया कि कैसे वो इन्टरनेट पे चाटिंग के जरिये उससे मिली और इस कदर दोनों खुल गए कि वो जर्मनी से मिलने भारत चला आया।

एक पल तो मुझे लगा कि वो बस लम्बी लम्बी डींग हाक रही है, पर जैसे ही शनिवार आया उसने मुझे उसके साथ एक फोटो भेजी।
अब तो शक करने का कोई सवाल ही नहीं था।

उस दिन की तस्वीर ने मुझे दिन भर बैचैन कर दिया। रात भर मैं बस सोचते हुए सोई कि मेरी सहेली तारा कैसे उस विदेशी के साथ होगी, क्या क्या कर रही होगी।
वैसे तो मैं उससे सुनती रहती थी कि वो हर शनिवार और रविवार कुछ अलग करती है। उसके बहुत सारे दोस्त हैं पर यह पहली बार हुआ कि लोग ऐसे भी मिलते हैं और उनकी बस एक इच्छा होती है सम्भोग और मजे करना अलग अलग तरीकों से।

मैं 3-4 दिन तक बस यही सोचती जब भी अकेली होती।

फिर एक दिन दोपहर को उसका फ़ोन आया, मैंने उत्सुकता भरे स्वर में उससे पूछना शुरू कर दिया- कैसा रहा, क्या हुआ, सारी बातें।
फिर उसने जो बताया वो सुन कर तो मैं चौंक गई पर दिल को थोड़ा धैर्य देते हुए उसकी बातें सुनने लगी।

वो शनिवार रात उस विदेशी के साथ तो थी ही थी पर अगले रविवार दो जोड़े ऑस्ट्रेलिया से आये और उनके साथ एक ही कमरे में सामूहिक सम्भोग किया।

मैं यह सुन कर अचंभित हुई पर जब उसने कहा कि उन सभी ने बारी बारी से एक दूसरे के साथ सम्भोग किया तो मैं और भी अचंभित हो गई। इसका मतलब था कि हर किसी ने तीन बार सम्भोग किया तीन अलग अलग मर्द और औरत के साथ।

उस दिन तो मैं बस बैचैन हो कर सोचती रही कि कैसे किसी अनजान के साथ इतना खुल कर सम्भोग कर सकता है कोई।
पर मेरे अन्दर अलग सी अन्तर्वासना जागने लगी थी।
बात सम्भोग की नहीं थी, जीवन में कुछ अलग करने की थी। तारा की बातों ने मुझे और भी उत्सुक कर दिया था।

अब मैं सेक्स वीडियो देखती तो थी पर हर वक़्त ‘कुछ अलग दिखे’ वो सोचती थी। मेरे अन्दर वासना की एक अलग भूख सी उमड़ने लगी थी कुछ अलग करने की, सम्भोग के अलावा कुछ और करने की।

मैं जब कभी अकेली होती तो अलग तरह के सेक्स वीडियो ढूंढने लगती। यहाँ तक कि जानवरों का सेक्स, गन्दी हरकतों वाली सेक्स जैसे गाली देना या पेशाब कर देना इत्यादि।

मैं ज्यादातर अपना समय या तो ब्लू फिल्में देख कर बिताती या कहानियाँ पढ़ कर्… जब अकेली होती।
पर सामूहिक, अदला बदली, लेस्बियन सेक्स, पेशाब करना, सौतेले माँ बेटे का सेक्स, योनि के अन्दर वीर्यपात… ये सब अच्छे लगने लगे थे और मेरे मन में भी ऐसा करने की कभी कभी इच्छा जगती।
पर धीरे धीरे इनसे मेरा मन उबने लगा था।

तभी एक दिन तारा से बात करते हुए एक एडल्ट साईट के बारे में पता चला मुझे जिसका नाम ***.कॉम है।
उसने मुझे बताया कि लोग वहाँ अपनी तरह के साथ चुनते हैं उनसे चाटिंग करते है, अपनी बातें एक दूसरे से कहते हैं और भी बहुत कुछ होता है।
उसने बताया कि जिस विदेशी से वो मिली और उसके बाकी के दोस्त भी सभी इसी साईट से मिले थे।

पहले तो मुझे बड़ी खुशी हुई कि चलो कुछ नया होगा जीवन में और मैंने रात को अपनी एक आईडी बना ली।
उस साईट पे जाते ही मैंने देखा कि करोड़ों लड़के लड़कियाँ, औरत मर्द हैं।
कुछ के तो ढेरो फोटो और वीडियो भी हैं।

फिर मेरे मन में ख्याल आया कि इतने लोगों में पता नहीं कौन अपनी जान पहचान का होगा और क्या पता मेरा भेद खुल जाए!
तो मैंने उसे बंद कर दिया।
पर फिर तारा ने मुझे बताया के अपना नाम, पता और फोटो मत डालो बस ऐसे ही चैट करो जो अच्छा लगे, कुछ मस्ती ऑनलाइन कर सकती हो।

मैंने वही किया जैसे ही मैंने अपनी आईडी खोली, देखा तो बहुत से मर्दों औरतों के messeges थे।
कुछ अपनी उम्र के तो कुछ बड़े और ज्यादातर छोटे।
मैं उन्हें पढ़ने लगी, कुछ के मैंने उत्तर भी दिए जो मुझे मेरी तरह के लगे।

अब मैं हर रोज जब मौका मिलता, ऑनलाइन आती और ढेरों लोगों से बातें करती, कुछ अच्छे मिलते कुछ बुरे!
जो मुझे अच्छे लगते, उनसे मैं रोज बातें करने लगी। इनमें से कुछ ने अपनी फोटो मुझे भेजी। जिनमें से एक आर्मी रिटायर्ड देहरादून के एक आदमी से दोस्ती हो गई मेरी अच्छी, हम रोज बातें करने लगे, एक दूसरे के जीवन के बारे में, एक दूसरे की इच्छाओं के बारे में।

मुझे उनमें यह बात अच्छी लगी कि बाकी लोगो की तरह वो हमेशा सेक्स की बातें नहीं करते थे।
फिर उन्होंने तीन महीने के बाद मुझसे मेरी फोटो मांगी।
पता नहीं शुरू में तो मैंने मना किया पर रात होते होते खुद ही भेज दी।

मेरी फोटो देखते ही उन्होंने मुझे messege किया- क्या यह सच में तुम हो?
मैंने जवाब दिया- हाँ।
उन्होंने कहा- तुम बहुत सुन्दर हो, लगती नहीं कि तुम 46 साल की हो?
मैंने कहा- तारीफ करने के लिए धन्यवाद पर मैं इतनी भी खूबसूरत नहीं हूँ।

उन्होंने कहा- चेहरे से लगता नहीं कि तुम्हारे तीन बच्चे हैं पर जिस्म से लगता है।
मैंने कहा- आप जिस्म देख कर पता लगा लेते हो कि किस औरत के कितने बच्चे हैं?
उन्होंने कहा- नहीं, तुमने बताया था कि तुम्हारे तीन बच्चे हैं तो ये फोटो देख कर यकीं हो ही जाता है कि तुम्हारे तीन बच्चे हैं।

बस इसी तरह बातें करते हुए पता नहीं चला कि कब चार बज गए रात के।

कुछ दिनों तक हम ऐसे ही बाते करते रहे। हम दोनों सेक्स के मामले में तो पहले ही खुल चुके थे और रात को ज्यादातर सेक्स की ही बातें करते थे।

फिर एक रात बातें करते हुए वो कुछ ही गर्म हो गए और कहने लगे- मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ।

मैंने शुरू में सोचा कि हो सकता है जोश में भावुक होकर वो ऐसा कह रहे हों।
पर उन्होंने मुझे कहा- क्या तुम मुझे कैमरे पर देखना चाहोगी अभी?
मैंने पूछा- यह कैसे संभव है?
उन्होंने मुझे एक आईडी भेजी और कहा कि इसे अपने कंप्यूटर पे खोलो।

मैं शुरू में तो हिचकिचाई कि इतनी रात को कंप्यूटर की लाइट जली देख किसी को भी शक हो सकता है तो मैंने मना किया।
फिर थोड़ी देर बाद मैंने खुद ही कंप्यूटर खोल आईडी खोली और उनको बता दिया।

तुरंत बाद मेरे कंप्यूटर पर एक संदेश आया कि इसे खोलो!
मैंने खोला तो देख कर दंग रह गई।
एक 59 साल का आदमी कच्छे और बनियान में बैठा था।

मैंने उनको पहचान तो लिया था पर फोटो में वो जवान दिख रहे थे और यहाँ बूढ़े।
पहले तो मेरी शंका दूर की उन्होंने कि फोटो भी असली थी और ये भी…
और मैंने भी बात मान ली क्योंकि मुझे कौन सी उनसे शादी करनी थी।

हम फिर वही सेक्स की बातें करने लगे और फिर उन्होंने अपना बनियान और कच्चा निकल दिया।
मैं एकदम से चौंक गई कि ‘हे भगवान्… यह आदमी नंगा हो गया।
वो थोड़ा घुटनों के बल बेड पे उठे तो सामने उनका तनतनाया हुआ लिंग था करीब सात इंच लम्बा और तीन इन्च मोटा।

लिंग की स्थिति देख समझ में आ गया था कि वो बहुत उत्तेजित है, तभी उन्होंने अपने लिंग को पकड़ा और ऊपर की चमड़ी को सरका के पीछे कर दी और उनका सुपाड़ा खुल के सामने आ गया।
इस स्तिथि में वो लिंग बहुत ही आकर्षक लग रहा था।
यह नजारा देख पता नहीं मेरी योनि में नमी सी होने लगी थी।

तभी उन्होंने कहा- ‘जब से तुम्हारी फोटो देखी है, तब मैं तुम्हें चोदने के सपने देखता हूँ।
उनका जिस्म और उम्र देख कर तो लगता नहीं था कि वो सम्भोग ज्यादा देर कर सकते हैं पर फिर मुझे अपने फूफाजी की बात याद आई।
उस रात उन्होंने हाथ से हिला के मुझे अपना वीर्य भी दिखाया कितना गाढ़ा और सफ़ेद था।
उसे देख मैं भी उत्तेजित सी हो गई थी।

पर मैं सोने चली गई बस उस लिंग को सोचते हुए क्योंकि रात काफी हो गई थी।
कहानी जारी रहेगी।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top