ट्रेन में पहली चूत चुदाई

(Train Me Pahli Chut Chudai)

इश्क ज़ादे 2015-12-05 Comments

मेरा नाम विशाल कुमार है। मैं 25 साल का हूँ.. एक साधारण सा लड़का हूँ..। मैंने आज तक कभी सेक्स नहीं किया था.. लेकिन सेक्स वाली फिल्में बहुत देखी थीं। मैं हमेशा अन्तर्वासना पर मादक कहानियाँ पढ़ता रहता हूँ।

आज से 2 महीने पहले की बात है.. मैं ट्रेन से अपने चाचा जी के घर जा रहा था.. जो कि गुजरात के सूरत के पास एक उपनगर में रहते हैं। मैंने गोपनीयता के कारण जगह का नाम नहीं लिखा है।
मैंने ट्रेन की सेकंड एसी क्लास की टिकट ली थी। मेरी नीचे वाली सीट थी.. मुझे खिड़की के पास बैठना अच्छा लगता है.. इसलिए मैंने वो सीट ली थी।

अभी ट्रेन में मैंने कुछ घंटे का सफ़र पूरा किया ही था.. कि तभी मेरी सीट पर एक लड़की आकर बैठ गई जबकि उसकी सीट ऊपर वाली थी.. लेकिन उस डिब्बे में ज्यादा लोग नहीं थे और ना ही मेरे सामने वाली सीट पर बैठने के लिए कोई आया था।

कहानी आगे बढ़ाऊँ.. उससे पहले मैं आपको उस लड़की के बारे में बता दूँ.. उस लड़की का नाम शीना है जो कि बदला हुआ नाम है। उसकी उम्र 23 साल है.. वो भी सूरत जा रही थी.. वो बहुत खूबसूरत थी.. उसकी हाइट 5.7 इंच थी, उसके जिस्म के कटाव 34-28-30 के आकर लिए हुए थे।

जब वो मेरी सीट पर आई.. उसके कुछ 5 मिनट बाद टीटी भी आया.. टिकट चैक करके वो चला गया।
अब हम आराम से बैठे हुए थे। मेरा दिल उससे बात करने के लिए मचल रहा था.. मैंने एक आईडिया सोचा कि क्यों ना इससे मोबाइल के इन्टरनेट के बारे में पूछूँ.. क्योंकि वो स्मार्ट फोन पर चला रही थी।

मैंने हिम्मत करके उससे पूछा- क्या आपका इन्टरनेट चल रहा है?
उसने बोला- हाँ चल रहा है..
मैंने बोला- ठीक है।
तो उसने पूछा- क्यों.. क्या आपका नहीं चल रहा है?
मैंने बोला- नहीं..

फिर मैंने पूछा- आपके पास कौन सी सिम है..?
उसने बोला- एयरटेल का..
मैंने बोला- ओह्ह.. मेरे पास रिलायंस का है।

तो इसी तरह हम दोनों के बीच में बातें शुरू हो गईं.. और धीरे-धीरे हम दोनों काफी घुल-मिल गए थे।
अब तो हम दोनों बिना शर्म किए बातें करने लग गए थे। तब तक हमारे सामने वाली सीट पर कोई नहीं आया था।
फिर हमने कुछ चिप्स और कोल्डड्रिंक्स पी.. साथ में बहुत सी बातें करने लगे।
वो पेपर दे कर वापस अपने घर जा रही थी.. वो अपने अंकल के घर में रहती थी।

धीरे-धीरे मैं उसकी तारीफ करने लगा और हम दोनों के बीच में पहले फिल्मों की.. फिर सन्नी लियोनी की.. और फिर सेक्स की बातें होनी शुरू हो गई थीं। हम दोनों शायद अपनी इस बात में इतने रम गए थे कि कभी-कभी एक-दूसरे की जांघ पर भी हाथ मार देते थे और एक-दूसरे का हाथ भी पकड़ लेते थे।

मैंने उससे पूछा- कोई ब्वॉय-फ्रेण्ड है क्या?
उसने बोला- पहले था.. लेकिन अब नहीं है।
फिर उसने पूछा- तुम्हारी गर्ल-फ्रेण्ड है?
मैंने बोला- नहीं है..

वैसे भी रियल में मेरी कोई लड़की.. दोस्त नहीं है और न ही कोई गर्ल-फ्रेण्ड है..

फिर बातों-बातों में मैंने उससे पूछा- तुमने कभी किसी को किस किया है?
वो थोड़ी सी चौंक सी गई.. लेकिन बाद में उसने सब कुछ अपने बारे में बताया कि उसने किस बहुत बार किया है लेकिन सेक्स नहीं किया है।
उसके बाद उसने मुझसे पूछा- तुमनें कभी सेक्स किया है?
मैंने कहा- जब किसी से किस ही नहीं किया है.. तो सेक्स कहाँ से करूँगा?

वैसे उसका चेहरे से लग रहा था कि उसके दिमाग में कुछ चुदास चल रही है.. वो कुछ करना चाहती है।

तब मैंने उसके हाथों को पकड़ा.. उसके चेहरे को अपनी तरफ किया और उसके होंठों पर अपने होंठों को रख कर किस किया।
उसने एक पल के लिए भी विरोध नहीं किया।
हम दोनों का यह चुम्बन 15 मिनटों तक चला.. हम एक-दूसरे को चूसते रहे.. हम इस अवस्था से हटे भी तब.. जब ट्रेन अचानक रुक गई।
वैसे रात को सामने वाली सीट पर कोई नहीं आया था.. हमने अपने सामने परदा किया हुआ था.. ताकि कोई ना देखे।

जब हम अलग हुए.. तब तक हमारी आंखों में एक कामवासना से युक्त जूनून सा छाया हुआ था.. हमसे कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था।
फिर क्या था.. हम दोनों चिपक कर साथ बैठ गए और एक-दूसरे से बात करते-करते मैं उसके मम्मों को मसलता रहा और वो मेरे लण्ड को सहलाती रही।

हमने एक ही शाल ली हुई थी और वो ही ऊपर डाल रखी थी.. अपने कूपे की लाइट्स भी बंद कर रखी थीं। हम दोनों एक-दूसरे को मसलते हुए जब बेकाबू हो गए और जब कंट्रोल होना मुश्किल हो रहा था.. तो मैंने उसके मम्मों को जोर से दबाना शुरू कर दिया और चूत को भी ऊपर से मसलना चालू कर दिया।
वो भी मेरे लण्ड को जोर-जोर से हिलाने लगी।

मैंने बोला- हनी.. निकल जाएगा..
वो बोली- निकलने दो.. मैं पी लूँगी।

फिर हम 69 की अवस्था में आ गए और लण्ड चूत को चूसने का मजा लेने की सोची।
उसने अपनी पैन्ट के बटन खोल दिए थे और मैंने भी अपनी जिप खोल दी थी।

जैसे ही हम लेटे उसने मेरे लण्ड को मुँह में लेते ही चूसना शुरू कर दिया.. उसके मुँह में लौड़ा जाते ही.. मुझे ऐसा लगा की मैं हवा में उड़ रहा होऊँ।
मैंने भी देरी ना करते हुए उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया।

हम दोनों करीब 30 मिनटों की मदमस्त कामलीला करने के बाद बैठ गए.. लेकिन आग अभी भी लगी हुई थी।
तो मैंने बोला- तुम टॉयलेट में जाओ.. मैं आता हूँ।

मैंने अन्तर्वासना पर कुछ कहानियां पढ़ रखी थीं कि टॉयलेट में चुदाई कैसे करते हैं। मैंने भी वो ही आईडिया सोचा और उसके जाने के बाद जैसे ही मैं टॉयलेट के अन्दर गया। वैसे ही उसने मुझे अपनी बाँहों में कस कर पकड़ लिया, मैंने भी उसे बेसब्री से जकड़ लिया।

फिर हम एक-दूसरे को चूमने लगे.. करीब 2 मिनट में हम दोनों ने अपने कपड़े खोल दिए, मैंने उसके मम्मों को खूब चूसा और उसने मेरे लण्ड को चचोरा।

फिर मैंने उसे पश्चिमी ढंग के टॉयलेट की शीट पर बिठाया और मैं घुटने के बल नीचे आया और उसकी चूत के अन्दर उंगली डालने लगा। उसे मजा आने लगा.. तो मैं उंगली को तेज-तेज अन्दर-बाहर करने लगा।

फिर वो झड़ गई.. उसने बोला- अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा है.. जल्दी करो।

मैंने भी अपने लण्ड को चूत के पास ले जाकर थोडा सा रगड़ा और उस पर क्रीम लगाई.. जो मेरी जेब में हमेशा यात्रा के दौरान पड़ी रहती है। जब मैंने अपने लण्ड पर क्रीम लगाई और उसकी चूत में लगाई तो वो और कामुक हो उठी.. मैंने लौड़े को चूत के छेद पर टिका कर एक जोरदार झटका मारा.. और मेरा आधा लण्ड चूत के अन्दर घुसता चला गया इससे पहले उसकी आवाज़ निकले.. उससे पहले ही मैंने उसके मुँह को अपने मुँह में दबा रखा था.. जिससे आवाज़ मुँह के बाहर नहीं निकल पाई।

फिर मैंने धीरे से एक और झटका मारा और मेरा 8 इंच का लण्ड उसके अन्दर चला गया।

तब मैंने कोई हरकत नहीं की और उसे किस करता रहा.. बस कुछ समय तक ऐसे ही चलता रहा। जब मुझे लगा कि वो ठीक है.. तब मैंने लौड़े को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करना चालू किया।
अब मैं उसे मस्ती से चोद रहा था और उसे प्यार से किस भी करता जा रहा रहा था।
कुछ देर के बाद उसे लगा कि मेरा होने वाला है.. तो उसने मेरी तरफ देखा और मैं बोला- हाँ मेरा निकलने वाला है..

तो बोलली- अन्दर चूत में ही निकाल दो..

लेकिन तब तक वो 2 बार झड़ चुकी थी.. फिर भी मैंने कण्ट्रोल करके कुछ और देर तक काम चालू रखा और बाद में उसके अन्दर ही झड़ गया।
झड़ने के बाद कुछ पल ऐसे ही रहा और जब मैंने लण्ड बाहर निकाला… तो उसने अपने मुँह में लेकर मेरे लण्ड को अच्छी तरह से चूसा और पूरा साफ़ किया।

कुछ समय के बाद मैं बाहर निकला.. फिर वो निकली और हम दोनों अपनी सीट पर जा कर बैठ गए।
उसने मुझसे लिपट कर बोला- यार बहुत तेज भूख सी लगी है।
मैंने भी बोला- हाँ यार मुझे भी लग रही है।

मैं बिस्कुट्स और कुछ खाने का सामान लाया था.. वो निकाल कर हम दोनों ने खाया और एक-दूसरे को भी खिलाया।
फिर एक-दूसरे को किस करके सोने लगे.. लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। कुछ देर बाद जब मैं उठा तो देखा कि भी वो सोई नहीं है।
मैंने पूछा- नींद नहीं आ रही है क्या?
तो बोली- हाँ..

फिर हम बातें करने लगे और अचानक हमें नींद आ गई और हम दोनों अपनी-अपनी सीट पर सो गए।

सुबह जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि वो मेरे पास बेठी हुई है और मुझे ही देखती जा रही है। मैंने उसकी तरफ प्यार से देखा तो बोलती हैं रात में मजा लेकर अभी आराम से सो रहे हो।
मैंने बोला- तुम भी आ जाओ.. साथ में ही सो जाते हैं।

वो हँसने लगी और फ्रेश होने के लिए चली गई।
जब वो आई.. तब मैं भी फ्रेश होने के लिए चला गया।

जब मैं आया तो हम दोनों साथ बैठ कर ब्रेकफास्ट करने लगे और बातें करते रहे कभी-कभी एक-दूसरे को पकड़ भी लेते रहे। सच में उसके मम्मों को चूसने में बहुत मजा आया था। मेरा दिल करता था कि इसके दूधों को कभी ना छोडूँ.. क्या मस्त लड़की थी.. एकदम सफ़ेद दूध की तरह गोरी और उसके चूचे तो मलाई क्रीम की तरह मुलायम थे।

इस तरह हमारा सफर पूरा हुआ और हम सूरत पहुँच गए, हमने एक-दूसरे को अपना मोबाइल नंबर दिया और किस करके चले गए। कमाल की बात यह थी कि अब तक हम दोनों ने एक-दूसरे से ये नहीं पूछा था कि हम दोनों कहाँ रहते हैं।

जब मैं बस स्टैंड पहुँचा तो देखा कि वो भी वहीं पर है। वैसे मेरे चाचा जी का घर बस स्टैंड से करीब एक घंटे की दूरी पर है। जब मैं उनके घर जाने वाली बस में बैठा तो वो लड़की भी उसी बस में मेरे पास आकर बैठ गई। मैंने जहाँ की टिकट ली.. उसने भी वहीं की टिकट ली।
बस मैंने ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया और मन में बोला कि जब कोई नहीं थी.. तब एक भी नहीं दी.. और जब दी है.. तो पीछा नहीं छोड़ती.. वाह क्या बात है..

मेरे दिल में तो तूफ़ान सा मचा हुआ था। मैंने उससे बातें करना शुरू कर दिया और हम दोनों फिर से मस्ती भरी बातें करने लगे। करीब एक घंटे के बाद हमारा स्टॉप आ गया.. फिर हम दोनों बस से उतरे और एक-दूसरे को ‘बाय’ बोल कर अपने रास्ते की तरफ चल दिए।

लेकिन मैंने देखा कि वो मेरे पीछे आ रही थी.. मैं तो डर गया।
फिर मैंने वहीं पर रूक कर थोड़ा इंतजार किया उसने पूछा तो मैंने कहा- कोई लेने आएगा।
वो चली गई और तभी मेरा चचेरा भाई मुझे लेने आ गया था, मैं उसके साथ में चला गया।

शीना ‌के साथ मैंने सूरत में रह कर कई बार सेक्स किया..

आप सबको मेरी कहानी कैसी लगी.. प्लीज मुझे बताना.. मैं आपका और आपके ईमेल का इंतजार करूँगा। अगर कोई गलती हो गई हो तो मुझे माफ़ करना।
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