दोस्त की मम्मी और उनकी सहेली की चूत चुदाई -4

(Dost Ki Mummy Aur Unki Saheli Ki Chut Chudai-4)

This story is part of a series:

अब तक आपने पढ़ा..
मेरे हर धक्के के साथ उसके चूचे ऊपर-नीचे हो रहे थे और वो ‘आ.. आह.. यस.. फक मी..’ कर रही थी.. जिसकी वजह से मेरा जोश और बढ़ने लगा।

फिर जब वो झड़ने वाली थीं.. तो बोलने लगीं- और ज़ोर से.. और ज़ोर से.. चोद…मादरचोद.. आ आहह..
इस तरह करके वो मादक सिसकारियाँ लेने लगी और मैं भी उसे अपने पूरे दम जो चोदने लगा।

फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैं अपना माल उसकी चूत के बाहर टपकाना चाहता था.. लेकिन मुझसे कंट्रोल ही नहीं हुआ और मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
अब हम दोनों बिस्तर पर थक कर लेट गए।

दस मिनट बाद हम दोनों उठे, उसने चाट कर मेरा लण्ड साफ किया और अपनी चूत साफ की, हमने अपने कपड़े पहने और मैं उसे एक चुम्मी करके घर के लिए निकल गया.. क्योंकि उसके बेटे का आने का समय हो गया था।
अब आगे..

घर जाकर मैंने आंटी को मैसेज किया.. तो आंटी का 5 मिनट बाद कॉल आया।
वो बोलीं- मजा आया.. अपनी गर्लफ्रेण्ड के साथ?
तो मैंने बोला- बहुत मजा आया..
वो बोलीं- मुझे भी बहुत मजा आया।
मैंने आंटी को बोला- कल फिर करेंगे।
आंटी ने कहा- कल ही क्यों.. अब तो रोज़ करेंगे।

फिर शाम को मैं उनके घर उसके बेटे को बुलाने गया.. तो वो सोया हुआ था।
मैंने मौके का फायदा उठाया और आंटी को चुम्बन करने लग गया.. साथ ही मैं उनके मम्मों को भी दबाने लगा।
फिर थोड़ी देर तक किस करने के बाद हम अलग हुए क्योंकि उसका बेटा घर पर ही था।

फिर मैंने उसके बेटे को उठाया और हम घूमने चले गए। हम जब घर आए तो आंटी ने बोला- क्या ख्याल है?
लेकिन मैंने मना कर दिया.. क्योंकि मेरे लण्ड में थोड़ा दर्द हो रहा था।

मैंने घर जाकर आंटी को मैसेज करके पूछा.. तो आंटी ने बोला- पहली बार में लण्ड में थोड़ा बहुत दर्द होता है।
मैं कहा- ठीक है..
आंटी बोलीं- कल तुझे एक सरप्राइज गिफ्ट दूँगी।
तो मैंने कहा- क्या.. क्या कल अपनी गाण्ड मारने दोगी?
वो बोली- चल पागल.. यह नहीं, कोई और सरप्राइज है.. गाण्ड का क्या है.. मैं तो पूरी ही तेरी हूँ.. जब मन करे.. ले लियो।
तो मैंने कहा- तो बताओ न.. क्या सरप्राइज है।
लेकिन वो बोलीं- कल ही बताऊँगी।
मैंने कहा- ओके..

फिर मैंने फ़ोन कट कर दिया और खाना खा कर सो गया।

अगले दिन मैंने मम्मी से कहा- मैं दोस्त के घर पढ़ने जा रहा हूँ..

मैं आंटी के घर चला गया, आंटी ने मुझे देखा और हमने एक दूसरे को बाँहों में भर लिया।
मैंने कहा- जानू.. आज तो कुछ ज्यादा ही निखर रही हो..
तो वो बोलीं- तू भी तो बहुत खुश लग रहा है।
मैंने कहा- आज आप गाण्ड जो देने वाली हो और साथ में सरप्राइज भी दे रही हो..
वो बोली- तू तो गाण्ड के पीछे ही पड़ गया है.. ले लियो वो भी..

मैं आंटी की गाण्ड पर हाथ फेरने लगा।

आज उसने नाइटी पहन रखी थी.. तो मैंने नाइटी के अन्दर हाथ घुसेड़ दिया.. तो वो बोलीं- रुक जा.. कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ.. पहले अपना सरप्राइज तो ले ले..।
मैंने कहा- तुम ही तो मेरा सरप्राइज हो..

मैं नीचे बैठ कर उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरे बालों में हाथ फिराने लगी।
अब वो चूत चटने से मजे में ‘आहह..आह्ह..’ करने लगीं।
मैं उसकी चूत चाटे ही जा रहा था और फिर वो झड़ गई और मैं उसका सारा रस पी गया।

अब मैं उसके ऊपर आकर उसके चूचे दबाने लगा.. तो उसने मुझे रोका और बोलीं- सब्र करो.. पहले अपना गिफ्ट तो ले लो..
उन्होंने मुझे जबरन अन्दर भेज दिया.. मैं अन्दर चला गया.. वो खुद पीछे से पानी लेकर अन्दर आईं।

इतने में मैंने देखा कि निशी आंटी ने आवाज़ लगाई.. तो मैंने मंजू से पूछा- ये क्यों आ गई.. इसने तो सारा मजा खराब कर दिया।

इतने में निशी अन्दर आ गई तो मंजू आंटी मुझसे बोलीं- इसने मजा खराब नहीं किया.. यही तो है तेरा गिफ्ट..
मैंने बोला- क्या मतलब.. मैं समझा नहीं?
तो मंजू आंटी बोलीं- इसी ने सारा प्लान मुझसे ये सब करवाने का बनाया था। जैसे ये तुझे डांटेगी और गर्लफ्रेण्ड वाली बात का आइडिया भी इसी ने दिया था..
मैं तो एकदम से शॉक हो गया.. मैंने कहा- वो डांटना..?
तो आंटी बोला- वो तुझे जानबूझ कर ही तुझे डांटा था.. ताकि तू नाराज हो जाए और गर्लफ्रेण्ड की बात करे..

मैं हैरान था।

तो मंजू आंटी बोलीं- कैसा लगा सरप्राइज.. और अब देखता ही रहेगा या अपने गिफ्ट के साथ खेलेगा भी?
मैं तो खुश हो गया.. निशी आंटी मेरे पास आईं और मुझे किस करने लगीं..

मैं भी उन्हें चुम्बन करने लगा और मंजू आंटी ने मेरे कपड़े उतार दिए। इसी के साथ में उन्होंने अपने कपड़े भी निकालने लगीं.. तो मैंने अपनी बाँहों में भर लिया और उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया।

अब मैंने उनकी कमीज़ और ब्रा उतारी और उनके मस्त मम्मों को दबाने लगा।
क्या मस्त दूध थे.. मंजू आंटी से भी मोटे.. मेरा मन तो कर रहा था कि उनके चूचे खा ही जाऊँ।

उधर मंजू आंटी मेरा लण्ड चूसने लगीं और मैं निशी के चूचे चूस रहा था।
मैं अपने एक हाथ से उनकी सलवार उतारने में लग गया और फिर पैन्टी के ऊपर से चूत सहलाने लगा।

फिर मैंने उनकी छोटी सी पैन्टी को भी उतार दिया और नीचे को आकर उनकी चूत चाटने लगा.. साथ ही चूत में उंगली करने लगा।
मंजू आंटी और निशी आंटी अब किस करने लगीं।

फिर मैंने उसकी चूत पर अपना लण्ड रखा और एक झटका मारा.. तो मेरे पूरा लण्ड उसकी चूत में घुसता चला गया।
एक बार जरा सी ‘आह्ह..’ की आवाज आई और समझो चुदाई का बिगुल बज गया।
मैं उसे दम से चोदने लगा।

मंजू आंटी उनके चूचे चाटने लगीं, मैं तेज-तेज धक्के लगा रहा था और उन्हें चोद रहा था।
वो मस्ती से ‘आ.. अया.. आहह.. अहह…’ कर रही थीं।

खुद चुदने के साथ वो मंजू आंटी की चूत में भी उंगली कर रही थीं।

मैं आंटी को चोदे जा रहा था और तभी आंटी झड़ गईं और ढीली पड़ गईं। मैंने भी अपनी रफ़्तार बढ़ाई और आंटी के अन्दर ही झड़ गया।

फिर मंजू आंटी कुछ देर बाद फिर मेरे लण्ड को सहलाने लगी.. और वो फिर खड़ा हो गया।
मैंने मंजू आंटी को बोला- मुझे आपकी गाण्ड मारनी है।
तो बोली- हाय.. आ जा न.. मैं तो तेरी ही हूँ.. पूरी मन की कर ले..

मैंने उनको पोजीशन में ला कर उनकी गाण्ड पर लण्ड लगाया.. तो वो बोलीं- ऐसे नहीं जाएगा.. वहाँ से क्रीम ला..
तो निशी आंटी यह कहते हुए क्रीम लाईं- अभी नया माल है मंजू.. इसे ट्रेंड करना पड़ेगा।
उन्होंने मेरे लण्ड और आंटी की गाण्ड पर क्रीम लगाई.. जब वो मेरे लौड़े पर क्रीम लगा रही थीं.. तब मैं उनके चूचे दबाने लगा।

फिर मैंने लण्ड मंजू की गाण्ड पर रखा और एक झटका मारा तो मेरा लण्ड का सुपारा उनकी गाण्ड में चला गया।

उन्हें थोड़ा सा दर्द हुआ.. मैंने फिर एक जोर डाला.. तो मेरा आधे से ज्यादा लण्ड उनकी गाण्ड में चला गया।

वो चिल्ला पड़ीं- हाए मैं मर गई.. आहह.. मार दिया.. साले का बहुत कड़क है..
निशी आंटी उनके चूचे दबाने लगीं और मैं भी 2 मिनट रुक गया।
उन्हें थोड़ा आराम हुआ तो मैंने फिर एक और धक्का मार दिया, मेरा पूरा लण्ड उनकी गाण्ड में घुसता चला गया।

उन्हें दर्द तो हुआ.. पर अब मुझसे नहीं रुका गया और मैं दनादन धक्के देने लगा।
वो आवाजें निकालने लगीं।

निशी आंटी उनके चूचे दबाने लगीं और अपनी चूत में भी उंगली करने लगीं। करीब 10 मिनट गाण्ड मारने के बाद मैं झड़ गया और हम वहीं लेट गए।

फिर मैंने अगले 2 दिन तक दोनों के साथ खूब मज़े किए।

अब मैं इम्तिहान के लिए फरीदाबाद चला गया.. लेकिन वहाँ मेरा मन पढ़ाई में नहीं लगता था।

तो मैंने उनके साथ सेक्स चैट भी की और जब मेरे इम्तिहान खत्म हो गए तो मैं वापस आ गया हूँ और अब मैं उन दोनों को खूब चोदता हूँ।

दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची कहानी… उम्मीद करता हूँ कि आपको अच्छी लगी होगी।
प्लीज़ मेरी स्टोरी पर अपने कमेंट्स ज़रूर भेजना। बाय दोस्तो!
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