चूत एक पहेली -2

(Chut Ek Paheli-2)

पिंकी सेन 2015-09-22 Comments

This story is part of a series:

अब तक आपने पढ़ा..

पूजा- अरे यार.. तू भी क्या नखरे कर रही है.. चल आ जा, आज तुझे भी मज़ा देती हूँ।
पायल- नहीं यार पूजा.. मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता..
पूजा- अरे क्या यार.. तू कब तक अपनी जवानी का बोझ लिए घूमेगी.. कितनी खूबसूरत है तू.. तेरे पर लड़के मरते हैं किसी को तो अपनी जवानी का मज़ा दे..
पायल- नहीं पूजा.. तुम ही करो ये सब.. मुझे ऐसे ही रहने दो..

दोस्तो, ज़्यादा सोचो मत.. मैं बता देती हूँ कि यह एक गर्ल्स हॉस्टल का सीन है।

अब आगे..

पूजा और रानी साथ एक कमरे में रहती हैं और रोज ‘लेस्बीयन’ करती हैं।
उधर पायल अपनी फ्रेण्ड टीना के साथ दूसरे कमरे में रहती थी.. मगर अब कॉलेज की छुट्टियाँ चालू हो गई हैं। रानी और टीना किसी के यहाँ चले गए हैं.. तो पूजा और पायल को एक ही कमरे में शिफ्ट होना पड़ा.. जैसे-जैसे लड़कियों के घर वाले उनको लेकर जाते रहेंगे.. यहाँ ऐसे ही सबको कमरे बदलना पड़ेगा।

आज पूजा के मन में है कि वो पायल के साथ मज़ा करे- तू ऐसे नहीं मानेगी.. चल तुझे कुछ दिखाती हूँ.. शायद तेरा मन कुछ करने को करे..
पूजा ने अपनी नाईटी निकाल दी और अन्दर उसने कुछ नहीं पहना था।

पायल- छी: पूजा.. तुमको ज़रा भी शर्म नहीं आ रही.. ऐसे नंगी हो गई हो..
पूजा- अरे बस कर यार.. तू जानती है हम दोनों लड़की हैं अब तेरे पास ऐसा क्या खास है.. जो मेरे पास नहीं है..
पायल- अच्छा मेरी माँ.. ग़लती हो गई.. हो जा नंगी.. पर अब बस मुझे कुछ भी मत कहना।

पूजा- मेरी जान.. तू नंगी हो या ना हो मगर मुझे शांत तो कर दे प्लीज़..
पायल- वो कैसे करूँ.. मुझे कुछ भी नहीं आता..
पूजा- अरे यार तू तो जानती है.. राजेश यहाँ होता तो कब की उसके पास जाकर अपनी प्यास बुझा लेती.. अब वो यहाँ है नहीं.. और रानी भी चली गई.. प्लीज़ थोड़ी देर मेरे साथ मस्ती कर ना यार प्लीज़..

दोस्तो, पूजा एक बिगड़ी हुई लड़की है.. जो चुदाई के खेल में पक्की खिलाड़ी है, वो अपने प्रेमी राजेश से कई बार चुद चुकी थी.. मगर पायल बेचारी इन सबसे दूर रहती है।
पूजा ने उसको बहुत मनाया.. मगर वो नहीं मानी..

पूजा- तू किसी काम की नहीं है.. अब मुझे ही कुछ करना होगा।

पूजा थोड़ी गुस्सा हो गई थी और उसने नाईटी पहनी और दरवाजे की तरफ़ जाने लगी।
पायल- अरे सॉरी यार.. मुझे ये सब पसन्द नहीं है.. पर तुम कहाँ जा रही हो?

पूजा- अरे इस हॉस्टल में 600 लड़कियाँ हैं कोई तो होगी जो मेरे जैसी होगी.. तू बस आराम से सो जा.. मैं तो अपनी चूत की आग मिटा कर ही आऊँगी।

पूजा को दरवाजे की ओर आता देख कर वो शख्स जो कब से सब देख रहा था.. वो जल्दी से पीछे को हट गया और कॉरीडोर में दाहिनी तरफ को भाग गया।

पूजा कमरे से बाहर निकली और थोड़ा सोच कर वो भी दाहिनी तरफ चलने लगी। तभी कॉरीडोर की लाइट चली गई और वहाँ एकदम अंधेरा हो गया।
पूजा- ओह.. शिट.. ये लाइट को भी अभी जाना था..
वो अंधेरे में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी.. उसको कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।

कुछ देर बाद किसी ने पूजा के मुँह पर हाथ रख दिया और उसकी कमर को मजबूती से पकड़ लिया, इस अचानक हुए हमले से पूजा की तो जान ही निकल गई।

साया- मुझे पता है.. तुम्हें क्या चाहिए.. और मैं वो तुम्हें दे सकता हूँ.. अगर चिल्लाओ नहीं.. तो मैं मुँह से हाथ हटा देता हूँ.. पर अगर चिल्लाईं तो ठीक नहीं होगा।
पूजा ने ‘हाँ’ में सर हिलाया तो उस साये ने अपना हाथ हटाया।

पूजा- कौन हो तुम और यहाँ क्या कर रहे हो?
साया- मैं कौन हूँ.. यह जानना जरूरी नहीं.. मेरे पास वो आइटम है.. जिसकी आपको बहुत जरूरत है।
पूजा- क्या आइटम है.. मैं कुछ समझी नहीं.. मुझे किस चीज की जरूरत है?

उस साये ने पैन्ट की ज़िप खोली.. उसका लौड़ा तना हुआ था.. जो झट से बाहर आ गया, उसने पूजा का हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया।
पूजा ने जब लौड़े को पकड़ा.. तो उसके जिस्म में करंट सा दौड़ गया.. उसने जल्दी से हाथ हटा लिया- यह क्या बदतमीज़ी है.. कौन हो तुम?

साया- मिस पूजा.. आपको अभी इसी की जरूरत है.. अब ये नाटक बन्द करो और हाँ कह दो..
पूजा- मुझे कुछ नहीं चाहिए.. जाओ यहाँ से.. नहीं तो मैं शोर मचा दूँगी।

साया- ओके ओके.. जाता हूँ.. मगर दोबारा सोच लो.. ऐसा तगड़ा लौड़ा दोबारा नहीं मिलेगा.. तुम्हारी तड़प को मैं ही मिटा सकता हूँ.. अगर नहीं लेना है.. तो मैं जाता हूँ.. बाय.. जान.. तुम अकेली घूमो.. कोई नहीं मिलेगी तुम्हें.. सब सो गई हैं हा हा हा हा।

पूजा समझ गई कि ये जरूर यहाँ का चौकीदार बबलू होगा.. क्योंकि वही इस समय यहाँ घूमता रहता है।

पूजा- बबलू, मुझे पता है.. यह तुम ही हो.. बोलो.. नहीं तो मैं सुबह मैडम को बता दूँगी..

साया- हा हा हा.. अरे जान क्यों उस गरीब को मरवा रही हो.. मैं कोई बबलू नहीं हूँ.. तुमको अगर चुदना है.. तो हाँ बोलो.. नहीं तो मैं कहीं और जाता हूँ।

उसके बात करने के ढंग से पूजा को भी यही लगा कि यह बबलू नहीं हो सकता क्योंकि वो तो अलग ही अंदाज में बात करता है और इसकी आवाज़ भी उससे नहीं मिलती।

पूजा- रूको तो.. तुम हो कौन?
साया- मेरी जान.. मैं तुम्हें अपने बारे में नहीं बता सकता.. मगर हाँ.. अगर तुम हाँ कह दो.. तो ऐसा मज़ा दूँगा.. कि सारी जिंदगी मेरे लौड़े को याद रखोगी।

उसकी बातों से पूजा की चूत की आग भी अब तेज हो गई थी- अच्छा ये बात है.. तो ज़रा अपने लौड़े का कमाल भी दिखा दो.. कैसा मज़ा देता है ये..

साया- चलो मेरे साथ.. यहाँ ज़्यादा देर खड़े रहना ठीक नहीं..

उस साये ने पूजा का हाथ पकड़ा और कॉरीडोर के अंत में एक खाली कमरा पड़ा था.. जहाँ अक्सर एग्जाम के समय लड़कियाँ पढ़ाई करती थीं.. वो पूजा को उस कमरे में ले गया।

अन्दर जाते ही साये ने पूजा के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनको चूसने लगा।

पूजा तो पहले ही वासना की आग में जल रही थी.. अब वो भी उसका साथ देने लगी और उसकी कमर पर हाथ घुमाने लगी।
कुछ देर बाद दोनों अलग हुए।

पूजा- उफ़फ्फ़ कौन हो तुम.. आह्ह.. मेरी चूत में आग लगी है.. आह्ह.. अब बर्दास्त नहीं होता.. जल्दी से घुसा दो अपना लौड़ा.. उफ्फ..
साया- इतनी भी क्या जल्दी है जान.. पहले अपने कपड़े तो निकाल ले..
पूजा तो जैसे उसके हुकुम की गुलाम हो उठी थी.. उसने झट से अपने कपड़े निकाल दिए और तब तक उस साये ने भी कपड़े निकाल दिए थे।

कमरे में बहुत ही अंधेरा था.. बड़ी मुश्किल से दोनों एक-दूसरे को देख पा रहे थे।
साये ने पूजा के कन्धों को पकड़ कर उसको नीचे बैठा दिया और अपना 8″ का लौड़ा उसके मुँह के पास कर दिया।
पूजा ने लौड़े को हाथ से पकड़ कर उसकी लंबाई और मोटाई का अहसास किया.. तो वो ख़ुशी से फूली ना समाई।

पूजा- वाउ.. क्या मस्त लंड है तेरा तो.. और काफ़ी बड़ा भी है..
साया- ले.. चूस मेरी जान.. तेरे आशिक से तो अच्छा ही है.. मज़ा कर।
पूजा ने सुपारे को मुँह में लिया और बस मज़े से चूसने लगी।

साया- आह्ह.. चूस.. मेरी पूजा रानी.. तू बड़ी कमाल की हसीना है.. आह्ह.. चूस..
कुछ देर चूसने के बाद पूजा खड़ी हो गई और उस साये का हाथ पकड़ कर एक दीवार के पास ले गई- बस साले.. अब बर्दास्त नहीं होता घुसा दो अपना लंड.. मेरी दहकती चूत में.. कर दो मुझे ठंडा..

साये ने पूजा को दीवार के सहारे घोड़ी बनाया और लौड़े को चूत पर सैट करके जोरदार झटका मारा.. ‘घुप्प’ से लौड़ा चूत में आधा घुस गया।
पूजा- आह.. आईई.. मर गई रे.. आह्ह.. क्या बेहतरीन लंड है तेरा.. आह्ह.. पूरा घुसा आह्ह.. मज़ा आ गया आह्ह..
उस साये ने लौड़े को पीछे किया और अबकी बार ज़ोर से झटका मारा.. पूरा लौड़ा चूत में समा गया।

पूजा पहले भी अपने ब्वॉयफ्रेण्ड से चुदवा चुकी थी.. मगर आज ऐसे तगड़े लौड़े की चुदाई उसको अलग ही मज़ा दे रही थी। वो गाण्ड को पीछे धकेल कर चुद रही थी।

साया- आह ले.. मेरी पूजा.. आह्ह.. आज तेरी चूत को आह्ह.. असली लौड़े का स्वाद देता हूँ.. आह्ह.. अब तक तो तू बस उस मंजनू से ही चुद रही थी आह्ह.. अब आज के बाद तुझे मेरे लौड़े की आदत आ हो जाएगी.. आह्ह.. ले.. हरामिन..

पूजा- आह्ह.. आह.. फास्ट फास्ट.. मेरे अनजान हरामी आशिक.. आह्ह.. मज़ा आ गया.. आह्ह.. और ज़ोर से करो.. आह्ह.. मैं झड़ने ही वाली हूँ आह्ह..
साया- आह उहह.. ले ले आ उहह मेरी जान.. मेरा भी पानी निकलने ही वाला है.. आह्ह.. कहाँ निकालूँ.. बाहर छोड़ दूँ या अन्दर लेगी.. आह्ह..
पूजा- उईई.. उईई.. उफ़फ्फ़ अन्दर ही आह्ह.. निकाल दो आह्ह.. मैं गोली ले लूँगी आह्ह.. उह.. मैं गई आह्ह..

पूजा की चूत ने पानी छोड़ दिया और उसके साथ ही उस साये ने भी अपना वीर्य पूजा के पानी से मिला दिया।
अब चुदाई का तूफ़ान थम गया था और दोनों वहीं नीचे बैठ गए।

पूजा- उफ्फ.. क्या बड़ा लंड है तेरा.. मज़ा आ गया.. अब तो बता दे.. तू है कौन.. और तुझे कैसे पता है कि मैं इतनी प्यासी हूँ.. जो मुझे चोदने चला आया।

साया- नहीं पूजा डार्लिंग.. कुछ बातें छुपी रहें.. यही बेहतर होता है। अब मैं जाता हूँ.. तुम भी जाओ.. नहीं तो किसी को पता लग जाएगा..
इतना कहकर वो खड़ा हुआ और अपने कपड़े पहनने लगा।

पूजा- अरे अब तो तुमने मुझे चोद कर अपना बना लिया.. तो ये छुपा-छुपी किस लिए.. बता न.. कौन हो.. और कभी मुझे तुम्हारी जरूरत होगी तो?

साया- पूजा डार्लिंग.. मैंने कहा ना.. यह राज़ की बात है और जब तुम्हें जरूरत होगी.. मैं खुद आ जाऊँगा.. तुम बस अपने कमरे के बाहर सफेद कपड़ा या कोई पेपर लगा देना.. ओके बाय जान..

आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।
कहानी जारी है।
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