बिरज की होली और ट्रेन में चूत ले ली -2

(Birj Ki Holi Aur Train Me Chut Le Li- Part 2)

अरुण22719 2016-04-17 Comments

कहानी के पहले भाग
बिरज की होली और ट्रेन में चूत ले ली -1
में अब तक आपने पढ़ा..

मैं पूजा से कहने लगा- चलो यार.. टायलेट में चलते हैं।
मगर उसने आँखों से नहीं का इशारा किया।

मेरा लंड अब पैन्ट के अन्दर दर्द करने लगा.. तो मैंने सोचा कि यार ये तो आ नहीं रही है। मेरे पास भी बस 1 घंटा ही बचा है.. क्योंकि ट्रेन को चलते हुए एक घंटा हो चुका है.. और मथुरा पहुँचने में ट्रेन 2 से 2.5 घंटे लेती है।

जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने सोचा कि क्यों ना टायलेट में जाकर मुठ मारकर अपने आपको शांत किया जाए।
मैं वहाँ से उठा और टायलेट में आकर मुठ मारने लगा।

मुझे 10 मिनट ही हुए होंगे कि तभी किसी ने दरवाजा बजा दिया.. मैंने भी लंड को पैन्ट के अन्दर करके जैसे ही दरवाजा खोला देखा.. सामने पूजा थी और उसने एक बार इधर-उधर देखा और सीधा अन्दर घुस आई।

अब आगे…

उसने अन्दर आते ही मेरा लंड पकड़ लिया।
पूजा के हाथ का स्पर्श पाते ही मेरा लंड फिर से 6″ का तन कर तैयार हो गया।
पूजा मेरे लंड को ऊपर से ही मसलते हुए बोली- यार, मेरी चूत में आग लगाकर खुद को शांत करने तुम यहाँ आ गए.. चलो अब जल्दी से मेरी इस टपकती चूत को अपने लंड से शांत कर दो.. क्योंकि इस चूत ने बहुत लौड़े खाए हैं.. इसलिए मुझे पता है कि इसकी आग सिर्फ़ लौड़े से ही बुझेगी।

बस फिर क्या था.. अब हम दोनों के होंठ आपस में मिल चुके थे और पूजा ने मेरे वो होंठ चूसे कि यार आज तक मेरी अपनी गर्लफ्रेण्ड ने भी नहीं चूसे थे।
पूजा में मेरा लंड बाहर निकाल कर सहलाना शुरू कर दिया था। इधर मैं अब पूजा की गर्दन.. कान की लौ.. और होंठों को चूसने में लगा हुआ था।

इतने में पूजा मुझसे अलग होते हुए खुद ही अपनी सलवार का नाड़ा खोलते हुए बोली- चल अब टाइम कम है.. इस बहती हुए चूत में लौड़ा पेलकर इसकी प्यास बुझा दे।
इसके बाद मेरा उससे कहना भर था- बस रानी एक बार मेरा लौड़ा अपने मुँह में लेकर चूस ले.. फिर मैं तेरी बमपिलाट चुदाई करता हूँ..

वो तुरंत इस बात के लिए तैयार हो गई और दो मिनट में ही मेरे लौड़े को चूस कर पूजा एकदम लोहे की रॉड बना चुकी थी।
अब रुकना ना मेरे बस में था.. और ना ही उसके बस में था।

पूजा सलवार तो उतार चुकी ही थी सो मैंने भी देर ना करते हुए उसकी पिंक कलर की पैन्टी को नीचे खींच दिया।
अब हम दोनों नीचे से बिल्कुल नंगे हो गए थे और मैंने अपना लंड चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया।

इससे पूजा सिसकारियाँ लेने लगी ‘आहहाअ.. अरुण यार.. इसस्स रॉड को.. अब चूत में अन्दर डाअल दओ.. अब्ब.. ब्ब्बस्स अब और सहन नहीं हो रहा है।

फिर देर किस बात की थी.. मैंने भी देर ना करते हुए लंड को चूत पर रखकर झटका दिया.. जिससे पूरा लंड एक बार में ही पूजा की चूत में घुस गया।

अब हम दोनों की चुदाई अपने सबाव पर थी.. रेल की आवाज़ और पूजा की सिसकारियों में मैं तो जैसे पागल ही हो गया था।
उधर मैच में विराट पाकिस्तान के खिलाफ पिच पर रन बना रहा था और इधर में पूजा की पिच पर शॉट लगा रहा था।

पूजा तो बस बोल रही थी ‘उहह.. आअहहाअ.. उउउम्म्म.. हाहहाहा.. आआहह.. मअज़्जाअआ.. रहा है.. याअररर.. ऊऊर र र्ररर.. तेएजज्ज़.. तेज़्जज्ज.. करररओ ना..’

जैसे-जैसे रेल अपनी स्पीड बढ़ा रही थी थी.. उधर में भी पूजा को 80 की स्पीड में चोद रहा था.. और 15 मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैं पूजा की चूत में ही झड़ गया।
इस बीच पूजा 3 बार झड़ चुकी थी.. अब हम दोनों कुछ देर तो गले लगकर ही खड़े रहे।

फिर हमने अपने-अपने कपड़े पहने और पहले पूजा बाहर आ गई और 2-3 मिनट बाद मैं भी बाहर निकल आया।

मैं जाकर ट्रेन के गेट पर ही खड़ा हो गया।
कुछ देर बाद समीर मेरे पास आकर बोला- भैया अपना फोन ले लो..

मैं उसके साथ अपनी सीट पर आ गया मैंने देखा कि विनोद अभी उसकी बड़ी बहन से बात कर रहा था और उनकी माँ सो चुकी थी। पूजा भी अभी मेरी सीट पर ही बैठी थी।
अन्दर आकर मैंने समीर से पूछा- मैच का क्या हुआ?

तो उसने कहा- भैया कोहली ने पाकिस्तान की ले ली..
उसकी बात सुनकर मैं पूजा की तरफ देखकर धीमे से कहने लगा- ले तो मैंने भी ली है यार..
यह बात बस पूजा ने ही सुनी.. वो मुस्कुरा उठी।

अब सीट पर मैं और पूजा साथ में ही बैठे थे.. तो बातों-बातों में पूजा ने मुझसे पूछा- और बताओ क्या ख्वाहिश है तुम्हारी?
मैंने पूजा से कहा- जान मुझे एक बार एक भाभी या आंटी के साथ सेक्स करना है.. क्योंकि सुना है वो सेक्स के दौरान बहुत गरम होती हैं।

ऐसे ही बात करते-करते पता नहीं कब मथुरा आ गया और मैं और विनोद वहाँ उतर गए।
मगर इस बीच में पूजा का नम्बर नहीं ले पाया यार..

अब जाते हुए पूजा ने मुझे फ्लाइंग किस दी.. और फिर ट्रेन चली गई।
ये सब देख कर मेरा दोस्त विनोद मुझसे बोला- साले.. तू कभी नहीं सुधरेगा.. यहाँ भी तूने एक आइटम फंसा ही ली।

तो दोस्तो, कुछ इस तरह थी मेरी विराट खोली और मेरी विजयी पारी।
आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी.. रिप्लाई जरूर करना।
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