होटल में अंधेरे में साली की चूत चुदाई

(Hotel Me Andhere Me Sali Ki Choot Chudai)

रेनू रवि 2016-10-20 Comments

दोस्तो, आपके ई मेल संदेश से पता चल जाता है कि आपको मेरी हिंदी सेक्स कहानियां काफी पसंद आ रहीं हैं।
उसके लिये मेरी तरफ से धन्यवाद।

इस बार यह कहानी मेरे घर के पास रहने वाले निमेश की है।

एक बार निमेश मेरे पति रवि के पास आया और कहने लगा- यार, अगर साली की चुदाई कर ली जाये… तो क्या गलत है?

रवि बोला- गलत तो कुछ नहीं है, साली तो आधी घऱवाली होती है। उसकी चुदाई पर तो सभी रजामंद होते हैं। हाँ, कुछ लोगों की किस्मत खराब होती है तो उन्हें साली की चूत नहीं मिल पाती।

निमेश ने कहा- दरअसल मेरी साली निम्मी 18 साल की है और निम्मी का दोस्त उसकी चुदाई करता है। दोस्त से चुदवाने को तो वो राजी होती है पता नहीं मेरे साथ राजी हो या नहीं।

रवि ने समझाया- मिल गई तो ठीक, नहीं मिली और बात बिगड़े तो साली को अपनी रेनू भाभी से मिला देना वो उसकी चूत का पानी निकाल देगी।

निमेश ने हाँ वाले अंदाज में सिर हिलाते हुए कहा- ठीक बोलता है यार! चल बाद में पूरा किस्सा सुनाऊंगा।

अपना मिशन पूरा करने के बाद निमेश ने रवि को पूरा किस्सा बताया और वही किस्सा आज आपके सामने है।

दरअसल निमेश एक मौज मस्ती वाले होटल में काम करता था।
यहाँ हफ्ते में छे दिन सामान्य काम होता था लेकिन हर रविवार को होटल के बाहर बंद का बोर्ड लगा कर भीतर देर रात तक मौज मस्ती की जाती थी।

निमेश के इस होटल में लड़कियाँ अकेली आ सकती थीं लेकिन लड़कों को अपनी पार्टनर के साथ आऩा होता था।

यहाँ सबके चेहरे पर मास्क लगा दिया जाता था, बाद में जब कमरे में रोशनी बंद कर दी जाती थी तो लोग अंधेरे में ही अपना पार्टनर चुन सकते थे।
इसके बाद चाहे तो वो उसी हॉल में चुदाई का खेल खेलते थे या फिर आसपास के कमरों में भी जा सकते थे।
हाँ इसके लिये मोटी रकम भी वसूली जाती थी।

लेकिन एक नियम सख्ती से लागू होता था कि जो कुछ होगा रजामंदी से होगा।
अगर कोई लड़की नहीं कहती है तो नहीं का मतलब नहीं ही होता था।
उस हालत में उससे जबरन सेक्स नहीं कर सकते थे।

ऐसी स्थिति कई बार होती थी।
इससे निपटने के लिये निमेश की टीम तैनात रहती थी। यह टीम ऐसे नाइट विज़न चश्मे पहनती थी जिससे अंधेरे में भी सब कुछ साफ नजर आता था।
अगर कोई जबरन किसी की चुदाई करना चाहता था तो ये टीम अंधेरे में भी उसे पहचान कर होटल से बाहर कर देती थी।

निमेश की टीम मौज मस्ती वाले हॉल से सटे कमरे में मुस्तैद रहती थी और सीसीटीवी के जरिये सब पर नजर रखती थी।
इस टीम की एक जिम्मेदारी ये भी थी कि अगर लड़कियों की संख्या ज्यादा हो जाये तो उनकी चुदाई इस टीम को ही करनी पड़ती थी। लेकिन किसी को इसका पता नहीं चलता था।

एक दिन निमेश ने अपनी छोटी साली निम्मी को होटल में घुसते देखा।
निमेश अपनी साली को देखते ही चौंक उठा।

अभी वो महज 18 साल की थी। निम्मी और यहाँ? अपने दोस्त के साथ!

थोड़ी देर में हॉल की लाइट कम कर दी गई।
निमेश की निगाह निम्मी पर ही टिकी हुई थी।
वो अपने दोस्त से चिपकी हुई थी।

दोस्त के हाथ निम्मी की चूचियों पर थे जिन्हें वो पूरी ताकत से मसल रहा था।
निमेश ने गौर से देखा तो उसने पाया कि निम्मी के हाथ अपने दोस्त के लंड पर थे।
दोनों पूरी मस्ती में डूबे हुए थे।

कुछ देर में हॉल की लाइट पूरी तरह से बंद कर दी गई।
निमेश ने चूंकि खास तरह का चश्मा पहन रखा था इसलिये वो अंधेरे में भी निम्मी की एक एक हरकत देख रहा था।

दोनों के कपड़े धीरे धीरे उतरते जा रहे थे, अब निम्मी ब्रा और पैंटी में रह गई थी।
उसके दोस्त के शऱीर पर अब कोई कपड़ा नहीं बचा था।

निम्मी नीचे की तरफ झुकी और अपने दोस्त का लंड चूसने लगी।
उफ़्फ़… क्या नजारा था।

निमेश का लंड खड़ा हो गया, वो अपनी बीवी की बात याद करने लगा।

एक बार जब निमेश ने अपनी बीवी से निम्मी को लेकर कोई सेक्सी बात की थी तो उसने कहा था- अभी बच्ची है, उसे छोड़ दो।

‘यह बच्ची है!’ निमेश सोच रहा था ‘साली लंड तो ऐसे चूस रही है जैसे कई साल का कोर्स किया हुआ हो।

निम्मी और उसके दोस्त के बीच गर्मी लगातार बढ़ने लगी थी, अब वो अपने दोस्त को अपनी चूत का मजा चखा रही थी।

उसकी गांड के झटके देख कर निमेश अपने पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था।
लेकिन क्या करता वो वहाँ नौकरी कर रहा था, जबरन किसी के साथ तो वो भी नहीं कर सकता था।

कुछ वक्त और बीता और अब निम्मी की चूत में लंड पहुंच चुका था।
अठारह साल की उम्र में कैसी गर्मी होती है, उसे देख कर निमेश पागल हो गया था।

उसके साथी ने पूछा तो उसने सच सच बता दिया।
निमेश ऩे उससे कहा कि यार एक बार साली की चूत दिला दे।

दोस्त ने निमेश को चश्मा उतारने को कहा। इसके बाद निमेश को कुछ भी नजर नहीं आया।

इस बात को छः दिन बीत चुके थे।
शनिवार का दिन था, निमेश ने अपने दोस्त को उसका वादा याद दिलाया।
दोस्त ने कहा आज ही तेरा काम करवाता हूँ।

फिर उसने निमेश से निम्मी का मोबइल नंबर मांगा। इस नंबर पर उसने होटल के नंबर से फोन मिलाया।
फोन निम्मी से उठाया।

उसने होटल का नाम बताते हुए कहा कि पिछले हफ्ते जो लोग रविवार को होटल में आये थे, उनका लक्की ड्रा निकाला गया है और इस लकी ड्रा में निम्मी का नाम आया है।
यानि निम्मी रविवार को होटल में मौज मस्ती करने आ सकती है।
लेकिन लकी ड्रा उसके नाम है इसलिये वो अकेली ही आएगी और उसे होटल की तरफ से पार्टनर दिया जायेगा। इसके लिये उसे कोई पेमेंट नहीं करना था।

निम्मी की चूत एक हफ्ते की भूखी थी।
नया लंड… उसने तुरंत हाँ कर दी।

अगले दिन निम्मी शाम के समय होटल पहुँची।
निमेश का दोस्त उसे बाहर ही मिल गया और उसे हॉल में ले गया। निम्मी को बताया गया कि अंधेरा होते ही होटल की तरफ से एक पार्टनर उसे मिल जायेगा।

अपने दोस्त का दिमाग देख कर निमेश खुशी से पागल था।

अंधेरा होते ही निमेश तुरंत निम्मी के पास पहुँच गया।
उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था।
उसने निम्मी को कस कर पकड़ा और पागलों की तरह चूमने लगा।

इसके बाद वो निम्मी को गोदी में उठा कर बगल के खास कमरे में ले गया।
इस कमरे में सेक्स के तमाम इंतजाम थे, कमरे की दीवारों पर रबड़ के लंड भी लगाये जाते थे जो बिजली की मदद से चलते थे और किसी भी चूत को पागल कर सकते थे।

निमेश को पता था कि वो ज्यादा उत्तेजित है और 18 साल की साली की चूत की गर्मी नहीं झेल पायेगा।
इसलिये पहले चूत को थोड़ा ठंडा करना था।

निमेश ने दीवार में लगे रबड़ के एक लंड को निम्मी की चूत में डाला और उस लंड का स्विच ऑन कर दिया।
स्विच ऑन होते ही वो लंड पूरी रफ्तार से अंदर बाहर होने लगा।

चूंकि वो नकली लंड था जिससे पानी निकलने या ढीले पड़ने की कोई संभावना नहीं थी इसलिये थोड़ी ही देर में निम्मी बुरी तरह चीखने लगी।

निम्मी चिल्ला रही थी- फाड़ दी मेरी चूत- इसकी रफ्तार कम करो… इसने मेरा दो बार पानी निकाल दिया है, अब तीसरी बार मत निकालो।
निम्मी की बात मानकर निमेश ने स्विच बंद कर दिया।

लंड के रुकते ही निम्मी बिस्तर पर गिर पड़ी।

थोड़ी देर बाद उसकी सांस धीमी हुई तो बोली- अबकी बार अपना लंड डालना!
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निम्मी की गर्मी निकल चुकी थी यानी निमेश का लंड अब उसके लिये काफी था।
उसने धीरे से उसकी चूत में लंड डाला और उसकी टाइट चूचियाँ चूसने लगा।

थोड़ी देर में निम्मी ने तीसरी बार भी पानी छोड़ दिया।
उसके शरीर में चौथी बार चुदने की ताकत नहीं बची थी।

उसने घर जाने की बात कही तो निमेश ने चुपचाप अपने दोस्त को बुलाया और घर जाने के लिये टैक्सी मंगवा दी।

अगले दिन निमेश की बीवी किसी काम से बाहर गई हुई थी, निमेश घर पर अकेला था, अचानक निम्मी उसके घर आ पहुंची।
उसे देखते ही निमेश का चेहरा खिल गया, उसने कहा- आओ साली जी… कैसे आना हुआ?

निम्मी ने कहा- सुबह से काम से निकली हूँ, घूमते घूमते थक गई हूँ, पसीने से तरबतर हूँ। सोचा जीजू के घर नहा लूँ।

निमेश ने हड़बड़ाते हुए कहा- हाँ हाँ… क्य़ों नहीं… नहा लो, पूरा घर ही तुम्हारा है।

थोड़ी देर में नहाने के बाद निम्मी बाथरूम से बाहर निकल आई।
उसे देख कर निमेश चौंक गया।
निम्मी ने केवल ब्रा और पैंटी पहन रखी थी।

निमेश नाराज होते हुए बोला- यह क्या बदतमीजी है- इतनी बड़ी हो गई हो- ब्रा पैंटी में घूमती हो?

निम्मी धीरे से आगे बढ़ी और पास आकर बोली- अच्छा जी… और अंधेरे में साली की चुदाई कोई अच्छी बात होती है?

निमेश को तो काटों खून नहीं.. ‘अंधेरे में चुदाई? क्या? क्या कह रही हो निम्मी?’

निमेश के गले लगती हुई निम्मी बोली- जीजू कल रात पहले तो मैं आपको पहचान नहीं पाई थी लेकिन जब आप मुझे चोदते समय उत्तेजित हो गये थे तो चिल्लाने लगे थे ‘निम्मी मेरी डार्लिंग… तू तो दीदी से ज्यादा मस्त आइटम है।’ बस तभी आपकी आवाज से मैंने पहचान लिया था। अंधेरे में साली को चोदने में कोई दिक्कत नहीं है और दिन के उजाले में बहाने बनाते हो! जल्दी करो, दीदी आ जायेगी।

इतना सुनते ही निमेश की शर्म छू मंतर हो गई और वो साली को गोदी में उठाकर बेडरूम में ले गया।
थोड़ी ही देर में निमेश का बेडरूम दोनों की चीखों से गूंज रहा था।
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