एक लौड़े से दो चूतों की चुदाई -2

(Ek Lund Se Do Chuton Ki Chudai-2)

चूतेश 2015-09-27 Comments

This story is part of a series:

मादरचोद रेखा का 46 साल की आयु में भी कसा हुआ बदन था। किसी भी मर्द को पागल कर देने वाले बड़े बड़े साइज 40D के मम्मे, जिन पर खूब बड़ी बड़ी काली निप्पल और निप्पल का अच्छा बड़ा हल्के काले रंग का दायरा।
बहन की लौड़ी कितनी गर्म थी इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता था कि उसके निप्पल एकदम अकड़े हुए थे और दो आलिशान तोपों की भांति सामने को निशाना साधे थे।
मक्खन सी चिकनी त्वचा, टाँगें ऐसी कि आदमी 24 घंटे उनको चाटता ही रहे तो भी दिल न भरे। बेहद हसीन पैर… चिकने मुलायम और खूबसूरत।
नाख़ून थोड़े थोड़े बढ़े हुए जिन पर रेखा रानी ने नेचुरल शेड की नेल पोलिश लगा रखी थी।
गहरे काले रंग की झांटों का भरा पूरा जंगल उसके कटि प्रदेश की शोभा बढ़ा रहा था।
सुन्दर तो खैर रेखा रानी थी ही लेकिन उसका शरीर भी कुछ कम न था।

देखते ही देखते मेरा लौड़ा तनतनाने लगा, मैंने झुक कर उसकी उभरी हुई नाभि को मुंह में लेकर जो जीभ फिराई तो रेखा रानी चिहुंक उठी, चुदास में उसका बदन कंपकंपा उठा।
मैं उसकी नाभि को चूसता गया और कनखियों से रीना को देखता रहा जो खुद भी तब तक नंगी हो चुकी थी। रीना के नशीले, मर्दों के दुश्मन बदन के बारे में तो मैं पिछली कहानी में लिख ही चुका हूँ।

रेखा रानी नाभि चुसवाने में बहुत गरम हो जाती है। रानी की नाभि आम लोगों की तरह पेट में घुसी हुई नहीं थी बल्कि एक छोटे से बच्चा लण्ड जैसे बाहर को निकली हुई थी जिसे चुसवा के रानी बेहद चुदासी हो जाती थी।
मुझे भी बड़ा मज़ा आता था उस लुल्ली जैसी नाभि चूसने में।
साली ने मेरे बाल कस के पकड़ लिए और सी सी सी की आवाज़ करते हुए मज़े लेते हुआ नाभि चुसवाती गई।
हरामज़ादी ने कई बार चुदास में बेकाबू होकर नाखूनों से मेरी गर्दन पर, कन्धों पर खरोंचें भी मार डालीं। इधर रीना रानी ने एक ज़ोर की पुकार लगाई-अरे कमीनों…देखो इस हराम की ज़नी की चूत का रस कितना गाढ़ा है…बहनचोद यह रस है या शहद?

मैंने रेखा रानी की नाभि से मुंह हटाये बिना आँख फ़िरा के देखा तो रीना रानी ने अपनी उँगलियों पर ढेर सारा चूत का रस ले रखा था। यह सही है कि रेखा रानी की चूत का रस बहुत ज़्यादह गाढ़ा है। वाकयी में शहद जैसा ही गाढ़ा तो है ही, और निकलता भी खूब अधिक मात्रा में है।
मुझे तो यह बात मालूम थी लेकिन रीना रानी के लिए यह एक बड़ा अचम्भा था। उसने तो केवल अपनी चूत का और जूही रानी की चूत का रस देखा और पिया था। दोनों की चूतें अन्य लड़कियों की भांति पतला रस ही बनाती थीं।
मैंने भी अपने जीवन में केवल रेखा रानी और नंदा रानी की चूतें ऐसी पाई हैं जिनसे शहद समान गाढ़ा रस निकलता है। नंदारानी का चूत रस रेखारानी के रस से कुछ कम गाढ़ा है परन्तु और लड़कियों की अपेक्षा बहुत अधिक गाढ़ा।
और इस बात से नंदा रानी रेखा रानी से बहुत जलती भी है।

नंदा रानी के विषय में जानने के लिए पढ़ने वाले अन्तर्वासना पर ‘नंदा रानी की नथ खोली’ के नाम से प्रकाशित कहानी पढ़ सकते हैं।

रीना रानी ऐसा नायाब रस देखकर बड़े जोश में आ गई, सबसे पहले तो उसने चटखारे लेकर उँगलियों से रस को चाटा और फिर उम्म उउम्म उउम्म्म करते हुए झट से रेखा रानी की टांगों के बीच घुस के उसकी मधु बहाती हुई चूत से मुंह लगा दिया।
रेखा रानी ने बड़े ज़ोर से सीत्कार भरी, उसका बदन चुदास में डूब कर थरथराने लगा, उसने भर्रायी हुई आवाज़ में कहा- राजे अब चोद दे जल्दी से, अब रुका नहीं जा रहा।

रीना रानी ने चहक कर कहा- नहीं राजे, अभी मत चोदियो मादरचोद कुत्ते, मुझको इस रंडी का यह मस्त मधु पीने दे जी भर के, यार क्या गज़ब का स्वाद है हरामज़ादी के चूत रस का। मैं आज इसकी गांड भी मारूंगी वाइब्रेटर से!

इतना कह कर उसने फिर से रेखा रानी की चूत से मुंह लगा दिया और अजीब अजीब सी मस्ती भरी हुंकारें भरते हुए वो उस मतवाली चूत का जूस पीने लगी।
रेखा रानी तो पहले ही चुदास में विह्वल थी, रीना रानी की चुसाई ने उसको और भी दीवाना कर दिया, तड़प के बोली- तुम दोनों मेरे जान निकाल दो कमीनो… रीना, माँ की लौड़ी, तुझे शर्म नहीं आती रांड.. बहनचोद रोज़ चुद रही है.. मेरी चुदाई के नाम से साली तेरी गांड फट रही है… मुझको चुदाई किये तीन महीने हो गए… अगर मैं पहले चुद लूँगी तो क्या तेरी माँ की चूत में कीड़े पड़ जायेंगे… कमीनी! चल राजे जल्दी से चोद दे बहन के लण्ड.. अब तूने देरी की तो साले तेरे टट्टे पीस दूंगी… हाँ नहीं तो!

रेखा रानी की उतावली देखकर मैंने रीना रानी से कहा- सुन रानी अभी इस कमीनी को चोद लेने दे..ये सच में तीन महीनों से नहीं चुदी है…जब ये चुदाई में झड़ेगी तो इतना ढेर सारा मधु निकालेगी कि पीते पीते तेरा पेट फूल जायगा…हाँ तू इस कुतिया की गांड खूब मारियो..भले ही फाड़ दियो हरामज़ादी की गांड…

रीना रानी बोली- ठीक है पहले तू इस लण्ड की प्यासी की आग बुझा, वर्ना कमीनी जल के कोयला हो जायगी। मैं इसकी गांड मारने के लिए वाइब्रेटर निकालती हूँ। देख, देख, हरामज़ादी की चूतमधु इसकी जांघों तक आ रहा है। यार, ये तो सचमुच चुदाई को तड़प रही है।

इतना कह के रीना रानी ने फर्श पर बैठ कर एक कुतिया की भांति जीभ निकाल के रेखा रानी की जांघों से बहता हुआ मधु चाटना आरम्भ कर दिया।
रेखा रानी बिलबिला उठी, उसकी काबू के बाहर होती उत्तेजना देखते हुए मैंने अब चुदाई करने का फैसला किया।
बालों से पकड़ के रीना रानी को परे किया और उसे कहा- मादरचोद रांड, मुझे नंगा क्या तेरी माँ आकर करेगी? बहनचोद उस कुतिया का जूस बाद में चाट लेना पहले मेरे कपड़े उतार… सड़क छाप काल गर्ल कहीं की!

रीना रानी ने बड़े बेमन से मधु से रिसती हुई चूत से मुंह हटाया और हाथ बढ़ा कर एक ही झटके में मेरी लुंगी खोल डाली।
जूसी रानी की चुदाई करके मैं सिर्फ लुंगी लपेट के आ गया था, जिसके खुलते ही मैं भी नंगा हो गया।
आज़ादी पाते ही लण्ड तुनक तुनक कर दोनों हसीनाओं को सलामी देने लगा।

मैंने रेखा रानी को उठाया और उसको बिस्तर पर आहिस्ता से लिटा दिया, बहनचोद ने तुरंत ही अपनी लाजवाब टाँगें खोल दीं, चूत से फफक फफक के निकलता हुआ मधु देखते ही मेरे तन बदन में कामाग्नि भड़क उठी, शरीर गर्म हो चला और सांसें तेज़ हो गयीं।

‘यार बहनचोद क्या टाँगें हैं हरामज़ादी रेखा रानी की… चिकनी, गुदाज, दूध सी गोरी जांघें जिनको चाटते ज़िन्दगी बीत जाये लेकिन दिल न भरे… अति सुन्दर पिंडलियाँ, उन पर बारीक बारीक रोएँ। त्वचा ऐसी कि बॉडी लोशन बनाने वाली बड़ी बड़ी कम्पनियाँ उनको इश्तहार के लिए इस्तेमाल करें।
काश ईश्वर ने इतना बड़ा मुंह दिया होता कि मैं इस स्वादिष्ट फल को पूरा का पूरा मुंह में लेकर चूसता रहता।’
कहानी जारी रहेगी।

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