पुरानी गर्लफ्रेंड सच्चे प्यार की निशानी लेने आई

(Girl Friend Sacche Pyar Ki Nishani Lene Aai)

काशी 2016-08-27 Comments

नमस्कार दोस्तो.. मैं काशी आपके सामने अपना एक और सच्चा अनुभव लेकर आया हूँ। पहले मैं आप सबका शुक्रिया अदा करना चाहूँगा कि आप सबने मेरी कहानी
पति से निराश आशा की चुदाई
खूब सराही।

आशा के साथ मेरी चुदाई की दास्तान चल रही थी कि एक दिन मुझे कोमल (पुरानी गर्लफ्रेंड) का कॉल आया, उसने कहा- मुझे आपसे मिलना है।
मैंने उसे बताया- मैं तो अभी ग्वालियर में हूँ।
तो उसने कहा- मैं दस दिन के लिए अपने मायके आई हुई हूँ।

मैंने उसने मिलने के लिए ‘हाँ’ कर दी।
मैं दो दिन बाद आगरा आ गया और उसके फ़ोन का इंतज़ार करने लगा।

फिर एक रात एक बजे उसका कॉल आया। उसने बताया- कल में पूरे दिन के लिए मिल सकती हूँ और कल के बाद शायद न मिलूँ।
मैंने उससे काफी देर बात की, कल की सोच कर मेरा लण्ड तनने लगा।

अगली सुबह मैं उठा.. नहा-धोकर बताई गई जगह पर पहुँच गया।
जब मैंने उसे देखा.. तो मैं देखता ही रह गया… यह वैसी कोमल नहीं थी.. जिसकी मैंने सील तोड़ी थी, इसका पूरा शरीर भर गया था, चूचे तन चुके थे।

मैंने उसे बाइक पर बिठाया और उसके हाल-चाल पूछते हुए हम मॉल में आ गए।

वहाँ काफी देर इधर-उधर की बात के बाद उसने बताया कि मैं आज भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ.. पर अब इस रिश्ते को आगे नहीं चला सकती.. आज जो आपको प्रॉमिस किया था.. उसे पूरा करने आई हूँ।

मैं उसकी बात बिल्कुल नहीं समझ पा रहा था, मैं थोड़ा नाराज़ सा हुआ..
तब उसने बताया- मेरे पति बच्चा करने की बोल रहे हैं और जिस दिन आपने मेरी सील तोड़ी थी.. तब मैंने आपको प्रॉमिस किया था कि पहला बच्चा आपका ही होगा।

यह कह कर उसने मुझे गले लगा लिया।
मैं बहुत खुश हुआ.. जैसा मैं चाह रहा था.. बिल्कुल वैसा ही हुआ।

मैंने उससे कहा- तो फिर कब करना है?
तो उसने कहा- आज ही.. क्योंकि पीरियड कुछ दिन पहले खत्म हो चुके हैं और बच्चा ठहरने का सही वक्त है।

मैंने भी उसकी ‘हाँ’ में ‘हाँ’ मिला दी और उसे अपने फ्लैट पर ले गया।
जैसे ही हम अन्दर पहुँचे, मैं आपे से बाहर हो गया और उसे बुरी तरह चूमने-चाटने लगा।
जब उसके बोबों को दबा रहा था तब एक असीम आनन्द मिल रहा था।

दस मिनट की चुम्मा-चाटी के बाद हम लोग बिस्तर पर बैठ गए।
फिर आराम से मैंने उसके शर्ट को उतारा.. तो उसके चूचों को देखता ही रह गया। मैंने 32 के छोड़े थे.. आज वो 36 के हो गए थे। काली ब्रा में उसके मम्मे क़यामत ढा रहे थे।

मैं उन्हें ब्रा के ऊपर से चूसने लगा और दबाने लगा, वो सिसकारियाँ लेकर पागल हुए जा रही थी।
उसके मुँह से ‘शशश.. आआ..ह.. यस..’ की आवाज़ निकली जा रही थी।

एक-एक करके मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और उसके कपड़े भी उतार दिए।
जब मैंने उसे नंगी किया तो एक चीज़ और मुझे बहुत अच्छी लगी कि मैंने उसे एक साल पहले चोदा था और आज भी उसे याद है कि मुझे चूत पर झांट बहुत पसंद हैं, उसकी आज भी झाँटें उगी थीं।

मैंने उससे पूछा- ये क्यों?
तब उसने बताया- आपको याद हो न हो.. पर मुझे याद है आपको चूत पर झाँटें पसंद हैं।

फिर मैं उसके ऊपर लेट कर उसके निप्पलों के साथ खेलने लगा, अब मुझे भी काफी तज़ुर्बा हो गया था।

जब उसने मेरा लण्ड पकड़ा.. तो उसकी आंखें चमक गईं, वो लौड़ा देख कर बोली- ये इतना मोटा कैसे हो गया?
मैंने उससे कुछ न कहते हुए उसे नीचे दबा लिया और रगड़ने लगा। मैं कभी उसकी गर्दन चूमता.. कभी दूध चूसता.. और एक हाथ से उसकी चूत में उंगली करने लगता।

फिर मैंने महसूस किया कि उसकी फुद्दी काफी फ़ैल सी गई है.. तो मैंने उससे पूछा।
उसने बताया- मेरा पति मुझे डेली चोदता है।

अब मैं और तेज़-तेज़ उसकी चूत को सहलाने लगा और वो पागलों की तरह ‘ईई.. आह.. ऊह.. माँ.. शशश..’ करने लगी, उसने मेरे हाथ पर पानी छोड़ दिया।
अब मैं भी पागल हुए जा रहा था।

मैंने देर न करते हुए उसे सीधा लिटा कर उसकी गांड के नीचे तकिया लगा कर जो अपना लण्ड उसकी चूत में डाला.. तो ‘फक’ की आवाज़ के साथ लण्ड सीधे चूत की दीवार को चौड़ा करता हुआ पूरा अन्दर तक चला गया।

कोमल की हल्की सी चीख निकल गई, मैंने उसके निपल्लों को दबाया.. चूस-चूस कर उसे थोड़ा नार्मल किया।
मैंने पूछा- तू तो डेली चुदवाती है.. फिर क्यों चिल्लाई?
तब उसने बताया- मेरा पति का इतना मोटा नहीं है।

मैं फिर धीरे-धीरे उसे रौंदने लगा।
मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ाई ही थी कि वो फिर से ढेर हो गई और एकदम शान्त सी लेट गई।
वो पल कभी नहीं भूल पाउँगा जब उसकी चूत की लहर में मेरा लण्ड गोता लगा रहा था।

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके चूचों को पकड़ कर ताबड़तोड़ ठोकरें मारने लगा।
अब तो वो भी मेरा खुल कर साथ दे रही थी और चिल्ला रही थी ‘तेज़ प्लीज.. और तेज़.. आग निकाल दो आज इसकी.. पूरी फाड़ यार इसे.. और तेज़..’

अब मैं थोड़ा थक सा गया था.. तो मैंने उसे अपने ऊपर आने को कहा।
वो लपक कर मेरे लण्ड को पकड़ कर चूत पर रख कर बैठ गई और तेज़-तेज़ गांड हिलाने लगी।

मैं उसके दूधों के साथ खेलने का मज़ा ले रहा था।
दोस्तो, मेरा अपना अनुभव है जो मज़ा एक नई लड़की नहीं देती.. वही एक शादीशुदा चुदी चुदाई चूत देती है। उसके जितना मजा कोई नहीं दे सकती है।

अब वो सीधी होकर लेट गई और मैं उसके ऊपर आ गया था और अब मैं उसकी चूत के साथ उसके निप्पलों की भी खबर ले रहा था।

कुछ ही देर में मेरा भी होने वाला था.. तो मैंने कोमल को बताया- मेरा होने वाला है।
तो वो अपनी गांड हिला-हिला कर और मेरा साथ देने लगी और चीखने लगी- भर दो मेरी चूत को.. एक बूँद भी बाहर न निकलने पाए..

मेरा सारा पानी उसकी चूत को लबालब भर बैठा और मैं कुछ देर तक उसके ऊपर ऐसे ही लेटा रहा।

दोस्तो, उस दिन मैंने उसे एक बार और चोदा और फिर उसकी चूत को भर दिया।
उसने बताया कि उसे अब बहुत दर्द हो रहा है, ऐसे तो उसके पति ने भी कभी नहीं चोदा है।
मैंने उसे गले लगा कर थोड़ा प्यार जताया और उसे छोड़ आया।

आज उसके एक लड़की है।

दोस्तो, विदा चाहता हूँ.. आपको मेरे साथ हुए अपने अनुभव को आपको कैसा लगा बताना मुझे।

मेरी प्यारे भाई लोगों को सलाम और मस्त चूतों को चुम्मा!
धन्यवाद।
आप मुझे मेल कर सकते हैं।
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