दोस्त की बीवी बनी माशूका-1

(Dost Ki Biwi Bani Mashuka- Part 1)

सनी वर्मा 2016-07-22 Comments

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दोस्तो, मैं सनी वर्मा!
आपने इससे पहले मेरी दो कहानियाँ पढ़ी… कैसी लगीं…
अगर मजा आया हो या पढ़ कर कुछ कुछ हुआ हो तो प्लीज मेल जरुर किया करें. वैसे मुझे इन कहानियों के जितने तारीफ़ के मेल मिले शायद वो एक इतिहास हो.

आप सभी ने मेरे लिखने के अंदाज़ को सराहा, मैं इसका शुक्रगुजार हूँ।
असल में कहानी और कुछ नहीं होती, सिर्फ सोच होती है, उसमें बनावट न हो तो वह आपबीती सी लगती है।

मेरी सभी कहानियाँ मेरे दोस्तों की जिन्दगी में बीती वास्तविक घटनाओं पर आधारित हैं, बस मैंने तो उन्हें शब्दों में पिरो दिया है।
आज की कहानी भी आपबीती कहानी है, बस नाम बदले हैं, बात नहीं बदली है।

मेरा यह मानना है कि आदमी चाहे कितना ही शरीफ क्यों न हो, अगर औरत चाहे तो उसे बिगाड़ सकती है।
कुछ ऐसा ही मेरे साथ हुआ।

मेरी शादी के तीन साल बाद मेरे एक बेटा हुआ और मेरी बीवी रोमा का सेक्स में रुझान कम हो गया।

मैं छब्बीस साल का गोरा चिट्टा फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला आकर्षक व्यक्तित्व का नौजवान हूँ, मुझे सेक्स का बहुत शौक है पर अब बीवी साथ नहीं देती तो मुठ से काम चलाना पड़ता था।

मैं अंग्रेजी नोवल पढ़ता और एडल्ट मूवीज बहुत देखता था।

मेरे एक बड़े भाई जैसे दोस्त थे विकास, उनकी पत्नी नीता… दोनों बहुत मस्त प्रकृति के थे और मुझसे बहुत प्रेम रखते थे।
उन दोनों की शादी जल्दी हुई थी और बच्चा भी तुरंत ही हो गया था।
उनकी कोठी अगली कॉलोनी में ही थी और वो अपने माँ-पिताजी के साथ रहते थे।

उनके माँ-पिताजी को मैं चाची-चाचा कहता था, वो लोग नीचे रहते थे और विकास – नीता का कमरा ऊपर था।
विकास के एक ही लड़का था वो भी नैनीताल मैं हॉस्टल में पढ़ता था।

विकास शाम को अपने व्यापार से सात बजे तक आ जाते थे और आधा घंटा नीचे माँ-पिताजी के साथ बैठकर फिर ऊपर चले जाते थे। कहीं जाना हो तो अलग बात है वर्ना फिर वो अगले दिन सुबह ही नीचे आते थे।
खाना भी उनका नौकर ऊपर ही लाता था।

मैं महीने में 4-5 बार तो खाना उनके घर ही खाता था। रोमा ने कभी इस पर एतराज भी नहीं किया।

इधर कुछ दिनों से मैं महसूस कर रहा था कि विकास, नीता मुझसे कुछ ज्यादा ही खुल गए हैं। मैं नीता को भाभी कहता था मगर अब उन्होंने मुझसे जबरदस्ती अपना नाम लेने को ही कहा, मुझे भी कोई दिक्कत नहीं लगी क्योंकि मेरी और नीता की उम्र बराबर ही थी।

हाँ, विकास को मैं विकास भाई कहता था, वो थे भी मुझसे 4 साल बड़े!

रात को इन दिनों नीता ने कुछ ज्यादा ही सेक्सी नाईट ड्रेस पहननी शुरू कर दी थी।

एक शाम को जब में चाचा-चाची के पास बैठा था विकास ने ऊपर से मुझे आवाज देकर बुलाया और मुझसे रात को खाना खाकर ही जाने के लिए कहा।

मैंने कहा- नहीं, घर पर खाना बन चुका होगा।

तो चाची बोली- कोई बात नहीं, रोमा को कह देना कि चाची ने कहा था।
मैं कुछ नहीं कह पाया, थोड़ी देर बाद ऊपर चला गया।

गर्मी के दिन थे पर विकास का कमरा आज ए सी से खूब ठंडा हो रहा था और मोगरा की खुशबू से महक रहा था।
पता चला कि आज नीता की बर्थडे है, नीता बाथरूम में थी।

मैंने विकास से कहा- भाई मैं अभी आता हूँ, नीता के लिए एक गिफ्ट ले आऊँ!
विकास हंस कर बोले- तू खुद ही आज गिफ्ट बन जा!

मैं कुछ समझा नहीं और हंस कर कह दिया- मैं तो आप ही लोगों का हूँ।

नौकर रामू खाना रख गया।

विकास ने नीता को आवाज दी, संभवतः वह रामू के जाने का ही इन्तजार कर रही होंगी बाहर आने के लिए!
वो ही हुआ, विकास के आवाज देने के बाद ही नीता बाथरूम से बाहर आई!

क्या ग़जब की खूबसूरत लग रही थी, लाल रंग की मिनी नाईटी पहने हुए थी वो… होठों पर लाल लिपस्टिक थी, हाथों में लाल रंग की ही नेल पॉलिश लगा रखी थी और स्लीपर भी उन्होंने लाल ही पहने थे।

मैंने होश खोते हुए उनसे हाथ मिलाते हुए हैप्पी बर्थडे कहा।

हाथ छूते ही लगा कि करंट लग गया हो… जिन्दगी में पहली बार मैंने उन्हें छूआ था पर उन्होंने तो कमाल ही कर दिया। नीता ने थैंक्स कहते हुए मुझे चूम लिया था।
हालाँकि उनकी इस हरकत को विकास ने नहीं देखा।

खाना खाकर विकास ने रामू को आवाज दी बर्तन ले जाने के लिए, नीता बाथरूम में चली गई, मैं भी उनको स्वीट ड्रीम्स बोलकर वापस घर जाने के लिए खड़ा हुआ तो विकास बोले- थोड़ी देर में चले जाना!

उनके कहने पर नीता ने रोमा को फोन कर के कह दिया कि मैंने उनके घर खाना खा लिया है और मैं देर से घर आऊँगा।

हम लोग बिस्तर पर अधलेटे होकर टीवी पर सीडी देख रहे थे, विकास ने कोई इंगलिश रोमांटिक मूवी लगा दी थी। जो पार्ट हम लोग देख रहे थे उसमे फ्रेंच किस सीन, जिसमें जोड़े होठों से होंठ मिलाये देर तक रहते हैं, ज्यादा थे।

हम लोग इस तरह से लेट कर टीवी देख रहे थे कि मेरी पीठ विकास की ओर थी और विकास की पीठ नीता की ओर थी।

मूवी देख कर हम सभी गर्म हो रहे थे। नीता कब विकास से चिपक गई, मुझे पता ही नहीं चला।
मुझे जब स्मूच की आहट हुई तब बिना मुड़े मैंने यह अंदाज़ कर लिया कि विकास नीता फ्रेंच किस कर रहे हैं।

मगर ये मेरी उपस्थिति में क्यों इतने बेताब हो रहे हैं, यह मैं उस समय नहीं समझ पा रहा था।

मेरा सिर विकास की छाती से टिका था और मुझे अब यह एहसास हो रहा था कि नीता अपना हाथ विकास की छाती पर ले आई है और विकास के निप्पल पर अपनी उँगलियाँ घुमा रही है।
उसकी इस हरक़त से निश्चित रूप से विकास का खड़ा हो गया होगा और इस विचार से मेरा भी खड़ा हो गया था।

बड़ी अजीब स्थिति थी… न तो मैं पीछे देख पा रहा था और न ही घर जा पा रहा था।

अचानक विकास यह कह कर उठा कि नीचे झांक आऊँ और बाहर जाकर वापस आ गया और नीता को आगे मेरी ओर धकेल कर खुद उसके पीछे लेट गया।

अब नीता बीच में थी।

विकास ने बदमाशी में नीता को पीछे से धकेला तो नीता बिल्कुल मुझसे चिपक गई।
विकास ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और नीता का हाथ मेरे ऊपर रख दिया और मुझसे बोला- तू तो आज नीता का बर्थडे गिफ्ट है तो झिझक क्यों रहा है?

अब मैं भी मस्ती के मूड में आ चुका था तो बोला- नहीं, मैं तो नहीं झिझक रहा पर जिसका गिफ्ट है उसकी जो मर्जी हो, वो अपने गिफ्ट से कर सकती है।

विकास ने नीता से कहा- अपना गिफ्ट अनरैप कर लो!
नीता शरमाई पर विकास ने उसे फिर उकसाया तो उसने अपना हाथ मेरी छाती पर रख दिया और मेरे निप्पल पर अपनी उंगलियाँ गोल गोल घुमाने लगी।

अब तो मेरी गांड फट चुकी थी और लंड बगावत कर बाहर आने को तैयार था।

मुझे फच फच की आवाज आने लगी तो मैं समझ गया कि विकास ने अपनी उंगली नीता की चूत में कर दी है।

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मैंने भी सर घुमाकर नीता के होठों को अपने होठों से मिला लिया।

अब पागल होने की बारी नीता की थी, एक तो विकास ने उसकी चूत को मस्त कर दिया था और अब होठों की गर्मी उसकी कामाग्नि भड़का रही थी। वो पागलों की तरह मुझसे लिपट गई और मेरे पूरे चेहरे को चूमने चाटने लगी।

मैंने भी एक हाथ से उसके मम्मे दबाने शुरू कर दिये थे।
तभी मुझे एहसास हुआ कि जो कुछ हो रहा है, यह गलत है।

मैं एक झटके में नीता को अपने से अलग करके खड़ा हुआ और कमरे से बाहर आ गया।

पीछे से विकास ने धीरे से आवाज दी तो मैंने कोई जबाब न देते हुए सीधे सीढ़ियों पर से नीचे आ गया और अपने घर की ओर चल दिया।

घर आकर रोमा ने मुझसे पूछा- आजकल नीता भाभी तुम्हें रोज दावत देती हैं, मैंने उनसे कह दिया है कि मुझे भी कभी कभी दावत दिया करें!

मैं कामाग्नि में जल रहा था और मन में पश्चाताप भी था कि आज तो बहुत कुछ गलत हो गया, पता नहीं अब विकास मुझे कभी घर आने देंगे या नहीं?
कभी रोमा को पता चल गया तो?

मैं नहा कर चुपचाप बिस्तर पर लेट गया।
रोमा को भी यह एहसास था कि हमारी सेक्स लाइफ नीरस हो गई है इसलिए आज उसने भी हल्का सा मेकअप किया और एक झीनी सी नाइटी पहन कर बिस्तर पर आई और आते ही मुझसे चिपक कर मुझे चूमने लगी।

उस रात हम लोगों ने बहुत दिनों के बाद सेक्स का आनन्द लिया।

कहानी जारी रहेगी।
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