पत्नी की सहेली बन गई चुदक्कड़ साली

(Patni Ki Saheli Ban Gai Chudakkad Sali)

दोस्तो, आप सबने मेरी कहानियाँ को बहुत पसंद किया, उन फीमेल पाठकों और फेन्स का भी धन्यवाद जिन्होंने मुझे सराहा और अपनी चूत तक चुदवाने कि मुझे पेशकश की।
दोस्तो, मैं फिज़िकली तो आपके पास नहीं आ सकता पर हाँ नेट पर मैं हर वक्त आपके पास हूँ, आप मुझसे हर तरह की बात नेट पर कर सकते हो।

अब आता हूँ सीधा कहानी पर।
मेरी पत्नी सोनिया की सहेली जिसका नाम निकिता है, कुछ दिनों के लिए हमारे घर पर आई। वो बिज़नस मैनेज़मैंट की स्टडी करती है उसने स्किल डेवेलपमेंट के बारे में मुझसे कुछ दिनों की गाइडेंस लेनी थी, क्योंकि उसका अगले हफ्ते एग्जाम था, उसके लिए उसे हमारे घर में एक हफ्ते के लिए रहना था।

रविवार था, निकिता हमारे घर पर आई और हमने उसे वेलकम किया और उसका रूम उसे दिखाया।
उसके बाद इधर उधर की बातें होती रही।

मैं भी अपने कुछ काम के लिए मार्किट निकल गया मेरे बाद सोनिया और निकिता घर पर अपनी बचपन की और कॉलेज की बातें करके अपनी यादें ताज़ा करती रहीं।
मैं घर आया तो इन दोनों ने खाना बनाकर टेबल पर लगा दिया हम एक साथ बैठकर खाना खाने लगे, तो खाना खाते खाते सोनिया बोली- आज मेरी सहेली हमारे पास कुछ दिनों के लिए रहने आई है, यह आज पहली रात हमारे ही रूम में सोएगी।

दोस्तो, जैसे कि आप सभी को पता है हम दोनों पति पत्नी खुले विचारों के हैं, हमारे बीच हँसी मज़ाक चलता रहता है, इस तरह की बातें अक्सर होती रहती हैं, पर यह नहीं मालूम था कि सोनिया कि यह बात सच में ही होगी।

खाना ख़त्म हुआ, हम सभी हमारे बैड रूम मैं बैठ कर टी वी देखते हुए बातें करने लगे, सोनिया भी वहीं पर सभी के लिए दूध लेकर आ गई और मेरे पास बैठ गई।
कुछ देर इधर उधर की बातें करने के बाद सोनिया ने मुझे अपनी बाहों में लेते हुए कहा- ये हैं मेरे जानेमन सनम जो हर रोज़ मुझे खुश करते हैं।
फिर मेरी तरफ देखते हुए कहने लगी- आज मेरी दोस्त निकिता को खुश कर दो जानू, इन्हें भी कुछ सिखा दें, आज पहले दिन इनकी क्लास हम शुरू करते हैं।

मैंने सोनिया की तरफ घूर कर देखा और उसे चुप रहने का इशारा किया क्योंकि मैं इस तरह के मूड में नहीं था और न ही मैंने अभी तक इसके बारे में ऐसा कुछ सोचा था।
तभी निकिता बोल पड़ी- ले सोनिया, अब तेरे हबी की तो हो गई टाँय टाँय फिश…! तू तो ऐसे ही तारीफों के पुल बाँध रही थी?

मुझे निकिता से ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसे शब्द बोलेगी।
यह सुनते ही मुझे आभास हुआ कि जब मैं मार्किट गया था तो दोनों के बीच कोई बात हुई होगी तभी निकिता और सोनिया मेरे साथ ऐसा व्यव्हार कर रही हैं।
मैंने अंदाज़ा लगा लिया कि आज दोनों चुदने के मूड में हैं। तो मेरे दिल में काम देवता जाग उठे और मैंने कहा- अच्छा तो सालियो, यह बात है, कोई ना… अभी दिखाता हूँ तुम्हें!

यह कहते हुए मैंने अपना दूध का गिलास साइड पे रखा और निकिता की गर्दन को पकड़ कर उसकी गाल पे एक जोरदार चुम्मी कर ली, निकिता बस चिल्लाती रह गई- उई जीजू, आह यह क्या उई… बस, सोनिया मना कर इन्हें!
बस इतना ही कह पाई।
मैंने उसकी बातों से अंदाज़ा लगा लिया कि निकिता कहीं न कहीं पहले भी चुद चुकी है और सेक्स की पूरी जानकारी रखती है।
मैंने जल्दी से दूध का गिलास ख़त्म किया और अब निकिता के मम्मों को पकड़ लिया, उसके निप्पल मसल दिए।

जैसे ही मैंने उसके निप्पल दबाये तो वो कसमसा कर रह गई और सोनिया की तरफ देखती हुई बोली- सोनिया यार, अपने हबी को समझा ले यार, अगर मैं अपनी आई पर आ गई तो जीजू हाथ जोड़ेंगे चुदवाने के लिए।

‘ओह, तो यह बात है?’ मैंने उसकी तरफ देखते हुए कहा- क्या कर लेगी अरे तू साली?
कहते हुए मैंने फिर उसके मम्मे को छेड़ दिया, मैंने अब उसकी आँखों में एक चमक देखी, तो मैं भी अब तक खुल चुका था, हमें देख कर सोनिया बोली- अरे इधर मैं भी बैठी हूँ।
मैंने कहा- चल तू भी आ जा!
कहते हुए मैंने सोनिया के होंठों को अपने होंठों में ले लिया और जोरदार चुम्बन करने लगा, मेरी जीभ सोनिया के मुंह के अंदर थी… उम्म्हह्हा… मैं ऐसे सोनिया को किस कर रहा था, और निकिता हमें देख रही थी।

अब हम में कुछ भी शर्म की बात नहीं रही थी परन्तु मैंने नोट किया कि निकिता थोड़ी शर्मा रही है। मैंने तुरंत सोनिया को छोड़ा और उसके कान के पास किस करते हुए कहने लगा- डार्लिंग, अब अपनी सहेली की शरम तो उतार दे पहले!
इतना सुनते ही सोनिया ने ज़ल्दी से निकिता को पकड़ते हुए उसकी कमीज़ में हाथ डाल कर उसकी ब्रा उतारने लगी, और निकिता उसे रोकने के लिए उसे धकेलने लगी और कहने लगी- अरे न न… बस यार, सोनिया प्लीज यार, रुक!

अभी निकिता कह ही रही थी कि सोनिया बोली- अरे साली, अब क्या हो गया? पहले तो बहुत कहती थी कि ‘जीजू बहुत सेक्सी हैं, आज रात को देखती हूँ जीजू की मर्दानगी, साली अब शरमाने का नाटक कर रही है?’
यह कहती हुई सोनिया ने निकिता की ब्रा को उतार दिया परन्तु उसने कमीज़ नहीं उतारी।

इधर सोनिया भी गर्म हो चुकी थी और निकिता भी शरमाते हुए धीरे धीरे हमसे शरारतें करना चाह रही थी।
सोनिया ने निकिता को फिर से पकड़ा और उसकी कमीज़ के बटन खोल दिए और नीचे से हाथ डाल कर उसकी कमीज़ ऊपर कर दी। जैसे ही निकिता की कमीज़ ऊपर हुई तो नीचे से उसके दोनों मम्मे नंगे हो गए और सोनिया ने उसके मम्मे पकड़ कर मेरी तरफ कर दिए, मैंने भी तुरंत उसके मम्मे को चूम लिया।

और इस बार निकिता बहुत ज्यादा शर्मा गई और एकदम से अपनी कमीज़ नीचे करती हुई कहने लगी- आप बहुत बेशर्म हो, मैं चली, आप मज़े लो!
कहती हुई निकिता अपनी कमीज़ ठीक करते हुए उठने लगी तो सोनिया ने उसे पकड़ कर फिर बैड पर बिठा लिया और उसके कान में कुछ कहा, जो मुझे अच्छी तरह सुनाई नहीं दिया, इधर सोनिया ने मेरी पैंट में एक हाथ डाल कर उसकी जिप खोल कर मेरे अंडरवियर से मेरा लौड़ा बाहर निकाल दिया।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

सोनिया के हाथों के स्पर्श से मेरा लौड़ा और तन गया, निकिता के एक हाथ को सोनिया ने पकड़ा और मेरा लंड उसके हाथ में दे दिया, इधर मेरा दूसरा हाथ सोनिया ने पकड़ा और निकिता के मम्मों पे रख दिया और कहा- लो जानू, आज मेरी दोस्त की पूरी शर्म उतार दो और इसकी जवानी को भी मज़ा दे दो डार्लिंग।

मैं निकिता के मम्मे के निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा था, इधर सोनिया धीरे धीरे उसको नंगी किये जा रही थी।
अब निकिता को भी मज़ा आने लगा था, वो भी हमारा साथ देने लगी थी, वो बोल कुछ नहीं रही थी बस सिसकारियाँ लेकर मज़ा ले रही थी ‘उन्ह.. आंह… सी… सी.ई… आ.ई…’ ऐसे ही किये जा रही थी।

सोनिया ने उसकी कमीज़ पूरी उतार दी थी, और नीचे से उसकी सलवार भी उतार दी थी, उसके दोनों कबूतर नंगे मेरे हाथों में थे और उसका एक निप्पल मेरे मुख में था, मैं दूसरे हाथ से उसका दूसरा मम्मा दबाता जा रहा था, उसे धीरे धीरे सहला रहा था, पीछे से उसके बदन को हाथ से सहला रहा था और वो गर्म होती जा रही थी।

अब निकिता के शरीर पर सिर्फ एक काली पैंटी बची थी।

इधर सोनिया ने मेरे लन्ड भी बाहर निकाला हुआ था जिसे सोनिया अपने अब अपने हाथ से सहला रही थी।
अब जैसे ही निकिता और गर्म हो गई तो मैंने अपने होंठ निकिता के होंठों पे धर दिए और उसे चूमने लगा, और वो भी चुम्बन में मेरा साथ देने लगी।
मैंने एक हाथ से सोनिया की कमीज़ को पकड़ा और उसे उतरने के लिए इशारा किया।
मेरा इशारा देख कर सोनिया ने अपनी कमीज़, सलवार और ब्रा तुरंत उतार दी।

अब बारी मेरी थी, मुझे सोनिया और निकिता दोनों ने मिल कर हल्फ नंगा कर दिया, सबसे पहले नंगा ही मैं हुआ, मेरे लंड को सोनिया ने अपने मुँह में ले लिया और इधर मैं निकिता के कभी लबों को चूसता, कभी निप्पल को, सोनिया भी मस्ती से मेरे लौड़े और नीचे गोटियों को चूसती जा रही थी।

मैंने निकिता को इस कद्र चूसा कि वो जोरदार सिसकारियाँ लेने लगी ‘आ.ह .सी… आ..ई… हु..ई. उ..ई.. जी…जू… आ…ह .जी.जू.. उ…ई. .सो.नि.या. .ब.स. .बस. .चू.स… लो… आह.. आ…ह.. मे..री …ज..वा…नी चूस.. जी.जू… आ.ह.. उ.ई..’ निकिता सिसकारती हुई मज़ा ले रही थी।

‘साली अब ले ले अपने जीजू की जवानी का मज़ा…’ कहती हुई सोनिया ने मेरी गाल पर चुम्मी कर दी, मैंने भी तुरंत एक हाथ से सोनिया के मम्मे को दबा दिया।

अब मैं निकिता की जोरदार चुसाई कर रहा था कि सोनिया की पैंटी में हाथ डाल कर एक हाथ से उसकी गीली हो चुकी चूत के अंदर उंगली डाल कर उसे आगे पीछे करके उसे मज़ा देने लगा, सोनिया भी सिसकारने लग गई थी। ‘सालियो चुदो अब…’ कहते हुए मैंने सोनिया की चूत से उंगली निकाली और निकिता की पैंटी उतार कर उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया।
मैंने निकिता की तारीफ करते हुए कहा- वाओ साली निकिता, क्या खूबसूरत जवानी है साली की, आज चुद ले जीजू से!
निकिता शर्माते हुए अपनी चूत छुपाने की कोशिश करने लगी, मैंने उसकी दोनों टांगों को अपनी जांघों पर रखा और उसकी चूत की फांकों को अपने दोनों हाथों की उंगलियों के बीच लेकर अपने सामने खोल दिया।
निकिता की चूत फ़ूल कर मेरे सामने थी।

मैंने अब निकिता की चूत को अपने होंठों में ले लिया और उसे चाटने लगा।
निकिता कि सिसकारियाँ बहुत तेज हो गईं थीं, वो मज़े से सिसकने लगी थी।
मैंने निकिता की चूत में अपनी जीभ डाल दी और अपने हाथों से उसकी कमर को पकड़े हुआ था, वो अपनी चूत मुझसे चुसवा रही थी।
सोनिया हमें देख कर कह रही थी- अब ले ले अपने जीजू की जवानी के मज़े मेरी जान!
मैं उसको बहुत ज्यादा उत्तेजित करना चाहता था, इसलिए मैंने उसकी चूत के अंदर तक अपनी जीभ डाल दी और चूत के अंदर बाहर करने लगा ताकि उसे ज्यादा से ज्यादा मज़ा आ सके।

वो सिसकार रही थी।
मैंने उसकी चूत को इस कद्र चूसा कि उसकी चूत ने मेरे मुंह में पानी छोड़ दिया और वो चिल्लाने लगी- उ..ई… आ…ह… आ..ह… आ..ह…. सी… सी… सी… सी.स… इ.स… इ..स… इ…सी.. उ..ई… आ… ग.ई… ग…ई…ई…ग.ई… मैं… ग..ई.. आ…ह… आ.ह.. चूसो… चू..सो.. चू.सो… आ…ह.. …उई…ह…. उ.ई… जी…जू… आ…ह… सो.नि..या.. .सा.ली.. चु..स..वा ..दि..या… ..मु.झे… .आ.ह. .आ…ह.. .उ.ई… हुई… उ..ई.. उ.न…म.. आ..ह.. उ.ई… सी… ..सी..स .इस.. उई!

ऐसे सिसकती हुई निकिता ने मेरे मुंह को अपनी जवानी के रस से भर दिया। अपनी चूत चुसवाती हुई निकिता ने जोर से अपनी टाँगें हिलाई और एक साथ अपनी चूत को पूरी तरह से मेरे मुंह में निचोड़ दिया।

मैंने उसकी चूत को छोड़ा और देखा कि सोनिया भी निकिता की चूत चुसाई देख कर गर्म हो चुकी थी तो सोनिया की चूत को भी मैंने अपने मुंह में लिया और उसकी भी चूत को चूस कर एक बार अपने मुंह में झड़वा दिया।
इस तरह एक एक बार दोनों झड़ चुकी थीं, अब बारी मेरी थी, मेरे लौड़े को सोनिया ने अपने मुंह में लिया और साथ ही निकिता भी मेरे सामने बैठ गई दोनों मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगीं, अब बारी बारी दोनों मेरे लंड को चूसने लगी थीं।
अब वो दोनों बदल बदल कर मेरे लंड को अपने मुंह में लेती और तेज तेज चुसाई करती।

अब सोनिया का मकसद था कि ज़ल्द से ज़ल्द मेरे लंड का पानी निकल जाये।
वही बात हुई, निकिता और सोनिया की जोरदार लंड चुसाई से मैं ज्यादा देर तक टिका नहीं रह पाया और मेरे लंड ने निकिता और सोनिया का मुंह भर दिया मेरे लंड की धार सीधी निकिता के चेहरे पर पड़ी।
इस तरह मेरे लंड का पानी भी निकल गया।

उन्होंने मेरा लन्ड छोड़ा और उसके बाद मैंने कहा- आओ मेरी सालियो, अब तुम्हारे मर्द का लौड़ा तुम दोनों की चूतों को शांत करेगा सालियो!
यह कहते हुए मैंने पहले निकिता की चूची को पकड़ा और दूसरे हाथ से सोनिया की चूची को पकड़ते हुए अपने पास ले आया।
अब सोनिया और निकिता मेरे सामने नंगी होकर डर्टी चुदाई करवाने को तैयार थीं तो मैंने पूछा बताओ- मेरी रांडो, पहले किसकी आग शांत करूँ?

तो निकिता बोली- जीजू, सोनिया तो साली रोज़ मज़े लेती है भोसड़ी की, आज मेरी चोद दो!
मैंने सोनिया की तरफ देखा तो वो सिर्फ मुस्करा दी, मैंने उसकी सहमति पाकर निकिता को उल्टा लिटाया और उसकी चूत के अंदर पहले एक ऊँगली डाली और उसका मुआयना करने के बाद उसकी चूत में अपना लौड़ा उतार दिया।
तभी निकिता चीखने लगी- उ…ई. आ..ह… आह… सी… सी..सी… में… म…री..री…री आ..ह… उ..ई… ब..स.. ब.स.. .ब.स क…रो.. नि…का..लो… बा.ह…र. .आ…ह..

मैं अपना लन्ड उसकी चूत में उतारता ही जा रहा था, मैंने अपने टट्टे तक उसकी चूत के साथ सटा दिए और मेरा लौड़ा उसकी बच्चेदानी तक उतर गया।
वो पहले तो चीख रही थी परन्तु बाद में मजेदार सिसकारियाँ भरने लगी और कहने लगी- उ…ई… आ.ह… आहा.. हाँ..हाँ… ऐ.से. ही जो…र.. से .जो.र.. से ..आ…न.हाँ. .हाँ.हाँ. .चो.द… चो.दो… चो.द.. दो.. मु..झे… आ.ह.. आ…ह .उ.ई.. मे.रे.. रा.जा जी…जू. आ.ह… हाँ… ऐ..से.. ही… उई… आई… हाँ… ह.ना… हाँ… हाँ..चो.द. …लो .अ.प.नी. ज…वा.नी.. साली.. की… फुद्दी… चो…द..दो. ..उ..ई… आ.ह… .आ.ह… सो…निया… सा…ली… ग…ज…ब… है.. जी..जू… आ.ह म…र्द… सा…ले… चो..द… चो.द… चो…द.. दे.. अ..प…नी… सा…ली.. .की… आ.ह… आ.ह… उ…ई… उ…ई… उ…ई.. उ…ई… आ…ह..

निकिता मेरे लंड से जोरदार ढंग से चुद रही थी और ऊपर से सोनिया मुझे किस कर रही थी, मैंने अपनी एक उंगली सोनिया की चूत में डाल दी और सोनिया की चूत को अपनी उंगली से चोदने लगा।
सोनिया भी सिसकारियाँ ले रही थी, मैं कह रहा था- लो… सा…ली… चु…दो… अ…ब… अ.प..ने… म..र्द… से… चु..द…क..ड़… ..औ..र..तों… हाँ… चु…दो… कु…ति.या… हाँ… चु.द… ऐ..से… ही… मे.री… जा.न.. उ…ई… सा.ली… मा..द…र…चो.द… कु..ति.या… ब.ह.न… की… लौ…ड़ी… साली… आ..ह… उ..ई. लो… चु…द… चु…दो… अ..प…ने… या.र… के… लौड़े… से.. सा.लि..यो… तु.म… दो..नों. ..की.. तो… आ.ज… गांड. …फ.ट… जा.ये.गी… कुति…यो… तु..म… दो…नों… को…तो… मैं अ…प..ने… दो..स्तों.. के… सा.थ… चो..दूँ..गा… सा.लि.यों… तु..म्हा…री… गां.ड.. औ.र.. चू…तों ..ए…क.. .सा..थ… चो.दूँ.गा. ..आ..ह. .उ…ई. .ले… देख… सो…नि.या. .ते…री… सहेली.. नि…कि.ता. .की… फ..ट… ग.ई…’

इस तरह निकिता की चूत तो साली की चुद ही गई थी, उसकी चूत से पानी निकल कर मेरे टट्टों पे गिरने लगा था और मेरे टट्टे निकिता की चूत के रस से भीग गए थे।
मेरे होंठ सोनिया के होंठों को चूस रहे थे, एक साथ मैं दो दो लौंडियों को शांत कर रहा था।

दोस्तो, जैसे कि तुम्हें मालूम ही है कि हम दोनों पति पत्नी जब चुदाई करते हैं तो पूरा खुल जाते हैं, इस मामले में हम दोनों फुल्ली ओपन हैं।
निकिता नीचे से जोर लगा कर अपनी चूत को ऊपर उठा रही थी, अब निकिता दूसरी बार झड़ चुकी थी, मैंने उसकी झड़ चुकी चूत से लंड निकाला और सोनिया की चूत में डाल दिया, अब मैं सोनिया की जोरदार चुदाई कर रहा था, निकिता के मम्मों को मुंह में लेकर चूस रहा था और सोनिया की चूत को चोद रह था, कभी कभी सोनिया के मम्मों को भी चूस लेता।

इस तरह जोरदार चुदाई से सोनिया भी झड़ गई और मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया, मैंने अपने लन्ड का पानी सोनिया कि चूत के अंदर ही गिराया और कुछ बचा हुआ पानी निकिता के मम्मों पे गिराया।
निकिता और सोनिया और मैं हम सभी शांत हो चुके थे।
हम खुश थे और हम तीनों जबरदस्त चुदाई से थक गए थे।
दोस्तो, इस तरह निकिता की चुदाई हुई और सोनिया भी चुदी, मेरे लौड़े ने दोनों की खूब चुदाई की।
उसके बाद निकिता कुछ दिन हमारे घर पर रही और वो हर रोज़ चुदती रही।

इस तरह सोनिया की नजदीकी दोस्त ने चुद कर साली होने का असली फर्ज़ निभा दिया।
दोस्तो, आपको मेरी कहानियाँ कैसी लगती हैं, आप मेल जरूर करना, मुझे आपकी मेल्स का इंतजार रहेगा।
आपका दोस्त रवि
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