अनजाने दोस्त ने गान्डू बनाया

(Anjane Dost Ne Gandu Banaya)

मैं दिल्ली में रहता हूँ.. एक कंपनी में छोटी सी जॉब करता हूँ। मेरे दोस्त अक्सर गे लड़कों के बारे में बातें करते थे.. पर मुझे यकीन नहीं होता था कि कोई कैसे गाण्ड मरवाता होगा। इसमें कितना दर्द होता होगा.. पर मेरे एक दोस्त ने बाद में बताया कि इसमें दर्द नहीं.. मज़ा आता है।

उसकी बातें मुझे रोज रात को याद आती कि कैसे कोई लण्ड चूसता होगा? पर एक बार उसने अपना लण्ड मुझे चुसवा कर मेरे सारे ख्याल ही बदल दिए।

हुआ यूं कि मैं एक बार बस में सफ़र कर रहा था कि मेरे बगल में एक सुंदर सा लड़का आया। बातों ही बातों में उसने बताया कि वो दिल्ली का ही रहने वाला है और वो भी अम्बाला तक जाएगा।
हम दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई, रात को हमने साथ में खाना खाया।

हमारी बस 11 बजे अम्बाला पहुँची..
मुझे जहाँ जाना था.. वहाँ के लिए सुबह बस थी।
तो उसने मुझसे कहा- तुम मेरे घर ही रुक जाओ..

मुझे उसका सुझाव सही लगा, मैं भी उसके साथ उसके घर चला गया। उसके घर में उसके मम्मी-पापा के अलावा 1 छोटी बहन और वो खुद था।
हम दोनों रात में एक ही कमरे में सोने चले गए।
वो बोला- गर्मी है.. कपड़े उतार कर सो जा..

मैंने भी कपड़े उतार दिए.. केवल बनियान और चड्डी में लेट गया। मैंने देखा कि उसका लण्ड चड्डी में पूरा आ ही नहीं रहा था। उसका हथियार काफ़ी बड़ा था, मैं उसका लौड़ा देख कर बस अचरज से देखता ही रह गया।
वो बोला- क्या देख रहा है?
मैं बोला- तेरा कितना बड़ा है.. चड्डी में तो आ ही नहीं रहा… लग रहा है फाड़ के बाहर आ जाएगा।
वो बोला- तेरा छोटा है क्या? दिखा..

मैंने चड्डी उतारी तो वो बोला- ठीक तो है यार.. हाँ मेरा जरा बड़ा ज़्यादा है।

फिर उसने अपनी चड्डी उतारी.. मैंने देखा.. करीब 7-8 इंच का बड़ी लौकी जैसा और मोटा भी काला सा लण्ड था।
मैं तो बस देखता ही रह गया।
वो बोला- ले पकड़ कर देख..

मैंने हाथ बढ़ाया.. और उसका लौड़ा थाम लिया.. बहुत गरम था और बहुत मस्त लग रहा था।
फिर वो पूछने लगा- कभी चूसा है क्या?
मैं बोला- नहीं.. पर सुना है.. अच्छा लगता है।
वो बोला- ट्राइ करेगा?
मैंने कहा- ओके.. देखता हूँ..

वो मेरे पास आया.. फिर मुँह के पास लाकर बोला- ले चूस..
मैंने मुँह खोला चूसा.. वाह यार.. क्या स्वाद था.. मुझे तो मज़ा आ गया।
मैं बहुत देर तक चूसता रहा.. फिर वो मुँह के अन्दर गले तक डालने लगा। मेरी तो साँस ही रुकी जा रही थी.. पर मज़ा भी आ रहा था।

तभी उसने मेरी गाण्ड में उंगली डाली.. मुझे बहुत अच्छा लगा। फिर थोड़ी और अन्दर डाल के उसने उंगली को आगे-पीछे किया। फिर निकाल कर मेरे मुँह में डाली। वाउ यार.. मेरा पानी बहुत स्वादिष्ट था।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

फिर उसने कई बार ऐसा किया.. आखिर वो अपने लण्ड पर कॉन्डोम लगा कर तैयार हो गया। उसने मेरी गाण्ड पर हल्का सा सरसों का तेल लगाया। मेरी गाण्ड का छेद बिल्कुल मुलायम हो के खुल सा गया। फिर उसने मेरी गाण्ड में अपना लौड़ा घुसा दिया।

मेरी तो जैसे जान ही निकल गई हो.. मैं चिल्लाया.. तो उसने मेरा मुँह दबा के एक और झटका दे दिया।
उसका पूरा लण्ड.. मेरी गाण्ड में जड़ तक घुस गया।
वो आगे से मेरे लण्ड को पकड़ कर सहलाता हुआ बोला- मुबारक हो.. सील टूट गई.. आज से तुम मेरी पत्नी हो। आज तुम्हारी सुहागरात है।

अब उसके द्वारा लण्ड सहलाने से मुझे मज़ा आने लगा था। फिर उसने अपना चप्पू थोड़ा सा आगे-पीछे किया.. तो मुझे अच्छा लगने लगा।
फिर तो उसने जैसे एक्सप्रेस ट्रेन चला दी.. अपने मूसल से मेरी गाण्ड का दरवाज़ा अच्छे से खोल दिया।

फिर थोड़ी देर बाद उसने लण्ड निकाल के मेरे मुँह में दिया.. मैंने अपनी गाण्ड का रस चूस कर मज़ा लिया। फिर उसने रात बाहर में 4 बार मेरी गाण्ड मारी।
सुबह मैं जाने को तैयार हुआ तो उसने मुझे एक हजार रुपए दिए.. और बोला- रात के मज़े के लिए।

फिर मैंने कई बार उसके साथ किया। उसने अपने कई दोस्तों से भी मुझे चुदवाया और मुझे अच्छा गांडू बना दिया।
अब तो मेरे 2-3 कस्टमर भी हैं.. वे मुझे बुला कर पूरी रात मज़ा लेते हैं।
अब मैं खुद को गान्डुओं (Bottom CD) की सन्नी लियोनी Sunny Leone से कम नहीं समझता!

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