चचेरी भाभी का खूबसूरत भोसड़ा -7

(Chacheri Bhabhi Ka Khubsurat Bhosda- Part -7)

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अब तक आपने पढ़ा..
अब अपने आपको शांत करने के लिए मेरे पास एक ही सहारा था और वो थी मेरी खुबसूरत भाभी की खुश्बूदार पैन्टी.. वो भी ताज़ा चूत की खुश्बू के साथ। मैंने भी सोचा खामखां क्या टेन्शन लेना.. अगर मुझे उनकी चूत चाहिए तो उनको भी मेरा लंड चाहिए होगा ना..

मैंने भी अब उनकी पैन्टी उलटी करके ताकि उनकी चूत से सटा हुआ भाग बाहर की तरफ आ जाए.. अपने तकिए पर बिछा दी और उस पर सर रख कर उसको सूंघने लगा।

दोस्तो.. एक बार फिर उनकी चूत की खुश्बू ने अपना असर दिखाया और मेरा लंड फिर से टाईट हो गया। मैं उनकी चूत को याद करते हुए अपना लंड गद्दे पर रगड़ने लगा।

थोड़ी देर तक ऐसे रगड़ने के बाद अब मुझे थोड़ी नींद आने लगी थी। तभी अचानक से कोई मेरे ऊपर आकर बैठ गया। मैंने देखा तो वो मेरी प्यारी भाभी थीं.. मेरी तो जैसे किस्मत खुल गई।

अब आगे..

क्या नज़ारा था.. पिंक साटिन नाईट गाउन और ख़ूबसूरत गोरा भाभी का मुखड़ा.. एकदम मदमस्त फिगर और ऊपर से दोनों टाँगें फैलाए हुए.. चौड़ा भोसड़ा आपको छू रहा हो.. वो भी बिना पैन्टी के.. तो किसे मजा न आ जाए।

मैं तो उनकी चूत के ऊपर की हड्डियों का दबाव भी अपने पर महसूस कर रहा था.. अब तो आप ही समझ ही सकते हैं ना.. ये हालत आप पर क्या सितम ढहा सकते हैं और आपके लंड की क्या हालत हो सकती हैं।

मुझे तो लगता है कोई भी औरत ऐसे मौके पर इस हालत में मिल जाए तो नामर्द का लंड भी तन कर उसको सलाम कर देगा और साधू भी शैतान हो जाए.. फिर मैं तो एक इन्सान था और वो भी अपनी भाभी की चूत का दीवाना।

मैंने भी देर न करते हुए उन्हें अपने आप पर खींच लिया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें चूमने लगा। कभी उनकी जीभ मेरे मुँह में तो कभी उनकी मेरे मुँह में.. कभी ऊपर का होंठ तो कभी नीचे का.. चूमा-चाटी अपने पूरे शवाब पर थी.. वो भी उतनी ही बेसब्री मेरा साथ दे रही थीं।

करीब 5 मिनट तक हम ऐसे ही चूमते रहे.. बिना कुछ बोले.. 5 मिनट बाद जब हम दोनों के होंठ अलग हुए तो वो मुझे देख कर थोड़ा मुस्कुराईं..
मैंने कहा- मेरी प्यारी भाभी को कैसे मुझ पर रहम आ गया।
भाभी ने कहा- रहम नहीं.. प्यार आया है.. मैं भला अपने प्यारे देवर को ऐसे तड़पता हुआ कैसे छोड़ सकती हूँ।

भाभी की यह बात सुनते ही मुझमें जोश आ गया और भाभी को जोर से भींच दिया। मैंने भाभी को ‘I Love You’ बोल दिया.. भाभी भी खुश हो गईं।
फिर भाभी ने कहा- लेकिन जल्दी अपना काम खत्म करो.. वर्ना कहीं दीपू या आपके भाई जाग गए तो हमारी शामत आ जाएगी।

दीपू तो बस 6-7 फिट के फासले पर अपने बिस्तर पर सोई हुई थी और मैं यहाँ उसकी माँ चोदने जा रहा था।

मैंने कहा- जैसी आपकी की आज्ञा.. में जल्दी खत्म कर दूँगा और आप हो ही इतनी सेक्सी कि पहले राउंड में कोई ज्यादा टिक ही नहीं सकता.. लेकिन पहले आप नीचे तो आइए..
क्योंकि भाभी अब भी मेरे ऊपर थीं।

लेकिन भाभी भी पूरे मूड में थीं.. उन्होंने कहा- नहीं आज मैं तुमको चोदूँगी..
मैंने कहा- वाह.. क्या बात है आज तो भाभी हम पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान हैं..

इस पर भाभी ने प्यार से चूमते हुए कहा- सब आपकी चुसाई का असर है.. देवर जी.. आप जब चूत चाटते हो न.. तो पता नहीं आप क्या करते हो.. लेकिन मैं सब कुछ भूल जाती हूँ और मुझे इतना प्यारा एहसास होता है कि मैं बता नहीं सकती.. वो आपका कभी दाने को काटना.. कभी छेद पर जीभ रगड़ना.. कभी अपनी जीभ अन्दर घुसाना.. मुझे पागल कर देता है और मैं अपने आपको नहीं रोक पाती।
मैंने कहा- ये बात है तो फिर और एक राउंड हो जाए चटाई का..
तो वो बोलीं- अभी नहीं.. हमें जल्द से जल्द अपनी आग बुझानी है.. बाकी फिर कभी..

मैंने कहा- भाभी मुझे आपको जी भर के पूरी रात चाटना और चोदना है..
भाभी ने कहा- मुझे भी पूरी रात आपसे चुदना है.. मुझे इतने सालों में पहली बार आपके मिलने के बाद ही पता चला है कि चुदाई इतनी मजेदार होती है.. लेकिन कभी मौका मिलने पर कर लेंगे।

इतना कहती हुईं वो मेरे ऊपर से उठीं और खींच कर मेरा पायजामा चड्डी के साथ ही उतार दिया.. तो मेरा फनफनाता लंड एकदम से बाहर आ गया.. जिसे उन्होंने पकड़ कर प्यार से चूम लिया। मुझे उनकी इस हरकत से यकीन हो गया कि वो मेरा लंड जरूर चूसेगीं.. लेकिन मुझे सब्र से काम लेना होगा.. क्योंकि आख़िरकार वो एक घरेलू औरत थीं.. कोई रंडी या चुदक्कड़ माल नहीं थीं.. जिसने चुदाई का असली मजा अपने जीवन में अभी अभी ही जाना था।

अब उन्होंने अपनी टाँगें चौड़ी करके अपना गाउन ऊपर उठाया और मेरे लंड पर बैठ गईं.. उन्होंने अपने छेद को थोड़ा एडजस्ट किया और धीरे से लंड को अपने अन्दर समां लिया।

दोस्तो.. चूत और लंड की यारी भी गजब की होती है.. चाहे कितना भी अँधेरा हो वो एक-दूसरे से ढूँढ ही लेते हैं।
लंड के अन्दर घुसते ही वो मेरे ऊपर गिर गईं और मैंने उनको अपनी बाँहों में समां लिया।

जब भाभी ने मेरे लंड को अपने अन्दर लिया.. वो अहसास ही बिल्कुल अलग था, भाभी की चूत एकदम टाईट लग रही थी.. उनकी चूत मेरे सुपारे से लेकर पूरे लंड तक एकदम टाईट रबर की रिंग की तरह महसूस हो रही थी।
इससे पहले भाभी को मैंने उनके ऊपर से ही चोदा था इस दौरान मुझे उनकी चूत इतनी टाईट नहीं महसूस हुई थी और जब मैं ऊपर होता था.. तब भाभी ने अपनी टाँगें पूरी चौड़ी की हुई होती थीं। उस वक्त चूत इतनी टाईट नहीं लगती थी और कई बार तो ये भी नहीं पता चलता था कि लंड अन्दर है.. या बाहर..
फिर उस वक्त मेरा पहली बार था.. तो मुझे चूत के बारे में इतना कुछ तो मालूम था ही नहीं।

अब भाभी हल्के-हल्के मुझ पर ऊपर-नीचे हो रही थीं और मुझे बड़े मजे से चोद रही थीं। मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई अपनी मुठ्ठी में लेकर मेरे लंड को हिला रहा था।

मैंने भी अपना काम चालू कर दिया और उनको बाँहों में भर के उनके गले को चूमने लगा और कान काटने लगा।

दोस्तों किसी भी औरत को प्यार से चुदाई के लिए राजी करना है.. तो उनके गले को चूमें और उनके कान की लौ को अपने दांतों से काटिए.. औरत इससे आप पर फ़िदा हो जाएगी।

अपने हाथों से मैं भाभी की पीठ हौले-हौले सहला रहा था.. दोस्तों क्या मुलायम पीठ थी उनकी..

थोड़ी देर मैं ऐसे उनको सहलाता रहा और वो मुझे हौले-हौले से चोद रही थीं, वाकयी उनकी चूत मेरे लंड को एकदम कमाल का एहसास दे रही थी.. जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।
मैं अपनी आँखें बंद करके इसका पूरी तरह से मजे ले रहा था और भाभी भी अपनी आँखें बंद करके मुझे धीरे-धीरे चोदे जा रही थीं।

अब मैं थोड़ा उत्तेजित हो गया.. तो मैंने भाभी को उनके मम्मों के ऊपर वाले हिस्से से भींच लिया.. जिससे उनके दुद्धू जैसे मेरी छाती से चिपक गए.. उन्होंने भी मुझे जोर से भींचा और चूत को और जोर से मेरे लंड पर दबाया.. इससे मेरा लंड पूरा उनकी चूत की गहराई में खो गया और उनके मुँह से एक हल्की सी ‘आह..’ निकली।

मैंने धीरे से भाभी के कान में कहा- भाभी आप कमाल की चुदाइ कर रही हो.. मुझे बहुत मजा आ रहा है..
भाभी ने भी मुझसे कहा- सच में?
मैंने कहा- आपकी कसम..
तो वो खुश हो गईं।

मैंने भाभी से कहा- आपकी चूत इतनी टाईट कैसे हो गई?
वो बोलीं- सब आपकी चटाई का असर है.. आपने तो जैसे इसमें नई जान ही डाल दी है।

मैंने भी थोड़ा मजाक करते हुए कहा- किसमें?
तो भाभी ने एक और धक्का मेरे लंड पर लगाया और बोलीं- इसमें..

मैं उनकी इस अदा पर फ़िदा हो गया और एक हाथ उनके चूतड़ पर घुमाने लगा।
मैं पहले भी अपनी भाभी के चूतड़ों के बारे में आपको बता चुका हूँ दोस्तो.. क्या कमाल के मखमली चूतड़ हैं उनके और उस पर गाण्ड की पागल कर देनी वाली दरार.. क्या कमाल का नजारा होता है दोस्तों.. जब भाभी मुझे अपना पिछवाड़ा दिखाती हैं..
मैं आज तक ये नहीं तय कर पाया कि मेरी भाभी के चूचे ज्यादा खूबसूरत हैं या उनके चूतड़..

मैंने भाभी को थोड़ा और उकसाने के लिए कहा- किसमें नई जान डाली है मैंने.. जरा नाम तो बताइए उसका?
तो वो मेरे कान में फुसफुसाईं- मेरी चूत में.. और किसमें..

मैंने भाभी से कहा- उस दिन तो आप कह रही थीं कि मैंने तो इसका भोसड़ा बना दिया है और आज आप चूत कह रही हो..
तो उन्होंने कहा- हाँ.. वही भोसड़ा..
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

दोस्तो, औरत के मुँह से ये शब्द सुनने का मजा ही कुछ और होता है..
मैं अन्तर्वासना की कहानी में अक्सर पढ़ता हूँ कि कैसे औरत खुले तौर पर गालियाँ देती है.. लेकिन मुझे तो अपनी भाभी से भोसड़ा बुलवाने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ी..

खैर.. मुझे इस बात का रत्ती भर भी रंज नहीं.. क्योंकि मेरी भाभी बड़ी ही प्यारी और सीधी किस्म की औरत हैं लेकिन वो तो मेरी प्यार भरी चुदाई का ही असर है कि वो मेरे साथ सब कुछ भूल जाती हैं और चुदाई के लिए तैयार हो जाती हैं।
यह बात भी मुझे उन्होंने ही बताई थी। मेरी उनके साथ चुदाई में सिर्फ वासना ही नहीं थी.. हम दोनों में भरपूर प्यार भी था।

दोस्तो.. भाभी के साथ मेरी चुदाई की दास्तान अभी भी जारी है। मेरी कहानी पढ़ रही मस्त भाभियों, लड़कियों.. आंटियों से मेरा निवेदन है कि अपनी चूत में से उंगली मत निकालिए.. मैं जल्द ही आगे का अहसास आपको बयान करता हूँ।
बहुत जल्द चुदाई का अगला हिस्सा आपके सामने रख दूँगा।

तब तक लंड हिलाते रहें और चूतवालियों अपनी चूत में से उंगली मत निकालना तुको मेरे खड़े लौड़े की कसम।

मेरी यह सच्ची चुदाई कथा आपको कैसी लग रही है मेल जरूर कीजिएगा.. आपके इसी रिस्पांस की वजह से ही कहानी लिखने का मेरा उत्साह बना रहता है।
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