भाभीजान की चूत और गान्ड की चुदाई

(Bhabhijan Ki Chut Aur Gaand Ki Chudai)

मेरे दोस्तो, मैं आपका दोस्त तस्सुव्वर ख़ान, मैं लाया हूँ एक सच्ची कहानी..

एक मेरी भाभी मुस्कान है.. जिनकी शादी एक साल पहले ही हुई है।
एक दिन भाई किसी काम से बाहर गए थे, भाई दो दिन के लिए गए थे।
भाई के जाने के बाद मैं भाई के घर गया.. क्योंकि हमारे यहाँ शादी के बाद अलग कर देते हैं।

तो मैं उनके घर गया, भाभी घर में काम कर रही थी.. तो मैं जाकर बाहर चारपाई पर बैठ गया।
फिर भाभी बोली- ऐसा कर.. मार्केट से सब्जी ले आ।
मैंने कहा- ठीक है।

मैं मार्केट गया और सब्जी लाकर भाभी को दे दी।
मैं वापिस आने लगा.. तो भाभी बोली- आ जा.. बैठ जा.. कभी-कभी तो आता है।
मैंने कहा- वैसे ही नहीं आ पता हूँ.. टाइम ही नहीं मिलता।
भाभी बोली- कोई फ़्रेंड बना रखी होगी.. उसी में मस्त रहता होगा।
मैंने कहा- नहीं तो.. मैं तो इन चीजों में ध्यान ही नहीं देता हूँ।

भाभी मेरे पास आकर बैठ गई.. और बोली- सच बता कि अब तक किसी के साथ कुछ..
मैंने उनकी बात काटकर बोला- क्या.. कुछ?
तो भाभी बोली- मेरा मतलब है कि किसी के साथ सेक्स किया है?

मैंने कहा- नहीं.. अभी तो मैं छोटा हूँ।
भाभी आँख मारते हुए बोली- अच्छा.. छोटा है..
इससे मेरा लण्ड खड़ा हो गया।
मैं लोवर में था.. तो मेरा जब लण्ड खड़ा हो जाता है तो लोवर में दिख जाता है।

मैंने अपने लण्ड पर हाथ रख लिया और अन्दर की तरफ दबाने लगा.. तो भाभी मुझे देख रही थी।

भाभी ने मेरा हाथ हटा दिया.. मेरा लण्ड लोवर के बाहर से साफ़ नज़र आ रहा था।

भाभी बोली- ये क्या है?
मैंने कहा- क्या?
भाभी ने लण्ड पर हाथ रख कर कहा- ये..!

मैं एकदम चुप हो गया। भाभी ने मेरा लोवर नीचे की ओर खिसका दिया। लण्ड अंडरवियर में था.. तो भाभी ने वो भी नीचे खिसका दिया। मेरा लण्ड आज़ाद हो गया। भाभी लण्ड को देखकर और ज्यादा मेरे पास को आ गई।

भाभी ने मेरे लण्ड को हाथ में ले लिया और ऊपर-नीचे करने लगी। तभी भाभी ने भी अपनी सलवार उतार दी और कमीज़ भी उतार दी। अब भाभी एक छोटी सी ब्रा में थी। भाभी मुझसे चिपक गई। उसने अब अपनी ब्रा को भी उतार दिया। साथ में मेरे लण्ड को अपने मुँह में डाल लिया। भाभी काफ़ी टाइम तक लौड़े को मुँह में लिए रही और चचोरती रही।

मेरी सिसकारियाँ निकलती रहीं.. मुझे बेहद मजा आ रहा था।
मेरे लण्ड ने भाभी के मुँह में माल निकाल दिया, भाभी को एकदम से उल्टी सी आई.. क्योंकि मुँह में सारा वीर्य चला गया था लेकिन भाभी ने माल थूक कर लण्ड को फिर से मुँह में डाल लिया।

अब मुझे से भी रुका नहीं गया और मैंने भी उनको 69 की अवस्था में लिटा कर उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया। भाभी ‘आहह.. ऊहह.. आह..’ करने लगी।

कुछ टाइम बाद भाभीजान बोली- अब अपना लण्ड मेरे अन्दर डालो।
तो मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत के ऊपर रख दिया। लण्ड गीला था.. क्योंकि अभी भाभी ने अपने मुँह से ही तो निकाला था ना.. तो लण्ड एक झटके में उनकी चूत के अन्दर घुसता चला गया।
भाभी एकदम से चिल्लाई.. क्योंकि जब दमदार लण्ड अन्दर एकदम से जाता है.. तो दर्द होता ही ना..

मैंने भाभी को 15 मिनट तक लगातार हचक कर चोदा। उनका दूसरी बार माल छूट गया और मेरा वीर्य भी निकल गया। अब मेरा भी लण्ड नीचे की ओर झुकने लगा.. जैसे हार गया हो। तो भाभी बोली- बस इतना ही दम था?
मैंने कहा- नहीं.. मेरी भाभी जान अभी 5 मिनट रूको।

इतने में मैंने उनके अमरूद जैसे मम्मों को भींचा.. तो मेरा लण्ड एक बार फिर खड़ा हो गया। मैंने फिर भाभी की चूत में पेल दिया। लेकिन इस बार भाभी को ज्यादा दर्द नहीं हुआ क्योंकि वो चुद चुद कर वैसे भी खुली हुई थी। फिर मैं भी चालाक था.. मैंने अपना लण्ड भाभी की गाण्ड पर रख दिया।

भाभी बोली- आज तक तो तेरे भाई ने ऐसा नहीं किया.. ऐसा मत करो।
भाभी ऐसा बोली..
तो मैंने भी जानबूझ कर अपना लण्ड गाण्ड पर रख कर अन्दर डालने की कोशिश की.. लेकिन लण्ड अन्दर नहीं गया.. क्योंकि भाभी की गाण्ड अभी तक किसी ने मारी नहीं थी। मैंने भी सरसों का तेल लण्ड पर लगा कर गाण्ड के अन्दर डालने लगा। थोड़ा ही अन्दर जाने लगा कि भाभी दर्द से चिल्ला कर बोली- ओह्ह.. बहुत दर्द हो रहा है..

मैंने उनकी बात नहीं सुनी.. मैंने एकदम झटके से अपना लण्ड अन्दर पेल दिया। भाभी एकदम तेज आवाज में चिल्लाई- ऊहह.. मर गई.. आहह.. ओह मेरी अम्मी की गान्ड मार दी कमीने ने..
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मैंने उनकी गाण्ड की तरफ देखा तो उनकी गाण्ड से खून आने लगा। लेकिन मैंने गाण्ड से लण्ड बाहर नहीं निकाला और अन्दर ही डाले रखा। अब मैं तेज झटके देने लगा.. भाभी बोली- आज तो मार ही देगा.
मेरे अन्दर भूख इतनी ज्यादा थी कि भाभी को मैंने चार बार चोदा।

फिर भाभी बोली- अब जल्दी हटो.. कोई आ जाएगा।
तो मैंने उनको छोड़ दिया.. अपना लोवर पहना और वापस आने लगा।
भाभी बोली- जिसने मेरी गाण्ड में खून निकाला.. एक बार और सामने लाओ।

मैंने अपना लण्ड निकाल दिया। मेरे लण्ड पर अब भी थोड़ा सा खून लगा हुआ था। तो भाभी मेरे लण्ड को कपड़े से पोंछने लगी। मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया.. फिर भाभी ने मेरे लण्ड को 10 मिनट तक चूसा.. फिर मैंने उनके मुँह में सारा वीर्य निकाल दिया.. लेकिन इस बार भाभी को उल्टी नहीं लगी और मेरे वीर्य को अपने मुँह ले लिया और अन्दर जाने दिया।

मैं फिर अपने घर आ गया.. उस दिन के बाद से मैंने अपनी भाभी जान को कई बार चोद दिया है।

ये मेरी मुस्कान भाभी बहुत ही मस्त है.. आपको इसकी चुदाई में मज़ा आया न.. दोस्तों अपने ईमेल जरूर लिखें।
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