हमारी किरायेदार

(Hamari Kirayedar)

मेरा नाम राहुल है, बीस साल का हूँ, मैं महाराष्ट्र में कोल्हापुर में रहता हूँ और सांगली के कॉलेज में पढ़ता हूँ। मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ। मैं इसे पिछले एक साल से पढ़ रहा हूँ और जो कहानी मैं अब आपके सामने ला रहा हूँ वो एक सच्ची कहानी है और कुछ दिन पहले की ही है।

यह मेरा पहला यौन अनुभव है जिसे मुझे आप सबके साथ बांटने में ख़ुशी होगी। हमारे घर का ऊपर का माला हमने किराये पर दिया है जिसमें एक खूबसरत आंटी और उसका पति रहता है, उनकी शादी को कुछ 2-3 साल हुए हैं पर अभी तक उन्हें कोई बच्चा नहीं है। आंटी बहुत खूबसूरत और सेक्सी हैं।

वो जबसे हमारे यहाँ रहने आये थे तब से ही मुझे उस आंटी के साथ सेक्स करने की ख्वाहिश थी और मेरी हरकतों से वो यह जान गई थी। उसका बदन ही ऐसा है कि कोई भी उस पर फ़िदा हो जाये, गोरा बदन, लम्बे बाल बड़े-बड़े भरे हुए स्तन, वो जब चलती है तो उसकी गांड क्या मस्त दिखती है ! उसका आकार होगा 38″…

जब भी मौका मिलता, मैं उसके बदन को छूता और वो कुछ नहीं कहती थी। ऐसा बहुत दिन तक चलता रहा। अब मैंने उसके साथ सेक्स करने की योजना बनाई।

एक दिन मेरे घर वाले एक शादी में जाने वाले थे। तब मैंने “मेरी तबीयत ख़राब है !” यह कह कर जाने को टाल दिया…

जब सब चले गए तो मैं उस आंटी के कमरे में चला गया। उसका पति भी दफ़्तर गया हुआ था और रात को आठ बजे के बाद आने वाला था। अब पूरे घर में हम अकेले ही थे। मैंने पहले तो उससे यहाँ-वहाँ की बातें शुरु की, फिर उसके काम में हाथ बंटाने लगा और इसी बहाने उसे बार-बार छूने लगा और जब मुझे पूरा यकीन हो गया कि उसे कोई एतराज नहीं है तो मैंने अचानक उसका हाथ पकड़ लिया।

उसने कहा- यह क्या कर रहे हो?

मैं डर गया लेकिन और थोड़ी हिम्मत कर के मैंने कहा- आज कुछ मत बोलो !

और उसे अपनी तरफ खींच लिया। तब वो मुझसे अलग होने की झूठी कोशिश करने लगी, फिर मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा। कुछ देर बाद वो भी गर्म होने लगी और मेरा साथ देने लगी।

फिर मैंने उसकी चुनरी हटा दी और उसके पूरे शरीर पर हाथ फिराने लगा। मैंने उसकी कमीज़ की ज़िप खोल दी और अन्दर हाथ डालकर उसकी पीठ पर हाथ घुमाने लगा। फिर मैं उसके गले पर, उसकी पीठ पर चूमता रहा। फिर मैंने उसकी कमीज़ पूरी उतार दी, जिससे उसका गोरा बदन, उसकी गुलाबी रंग की ब्रा मेरे सामने आ गई। यह सब देख कर मेरा लंड फटा जा रहा था। फिर मैंने उसके स्तनों को ब्रा के ऊपर से ही चूसना शुरु किया और अपने हाथों से उसकी ब्रा खोल दी। जैसे ही मैंने ब्रा खोली, वो दो बड़े-बड़े स्तन छलांग लगा कर मेरे सामने आ गए। मैंने हल्के से उन्हें अपने हाथों में पकड़ा और जोर से दबा दिया और साथ मैं अपने दांतों से उसके चुचूकों को काटने लगा, जिसकी वजह से उसकी मुँह से आह की जोर से आवाज निकली…

फिर बहुत देर तक मैं उसके स्तन चूसता रहा…

फिर मैंने उसकी सलवार निकाल दी, उसने गुलाबी रंग की पैंटी पहनी थी जो अब आगे से भीग चुकी थी। मैं उसे बिस्तर पर ले गया और अपनी टी-शर्ट और जींस उतारकर उसके ऊपर आ गया। मैंने उसे बहुत चूमा उसके स्तनों को बहुत चूसा और नीचे की तरफ बढ़ा…

पहले तो मैंने उसकी पैंटी के आसपास अपनी जीभ घुमाई और फिर पैंटी के ऊपर जीभ घुमाने लगा। उसे बहुत अच्छा लग रहा था और वो मुँह से आह उम् ऊह्ह की आवाजें निकाल रही थी।

फिर मैंने अपने दांतों से पकड़ कर उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी गीली गोरी चूत को देख कर पागल हो गया, मैंने अपनी जीभ जैसे ही उसकी चूत पर लगाई उसने मेरे बालों को खींच कर मुझे अपनी चूत के ऊपर दबा दिया और मुँह से सेक्सी आवाजें निकालने लगी।

मैंने बहुत बार ब्लू फिल्म में चूत को चाटते हुए देखा है लेकिन तब पहली बार ऐसा किया … मैं उसकी चूत को बहुत देर तक चूसता रहा। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में भी डाली और वो सेक्सी आवाजें निकालती गई…

फिर वो उठ गई और मेरा लंड बाहर निकाला और बिना हाथ लगाये सीधे मुँह में ले लिया। इतना अच्छा मुझे कभी नहीं लगा था…

वो मेरे लण्ड को मुँह में लेकर वो अपने मुँह को ऊपर नीचे करने लगी …. यह मेरा पहला ही सेक्स अनुभव था इसलिए दो मिनट में मैंने उसका मुँह अपने माल से भर दिया और वो उसे ऐसे पी गई जैसे पानी हो…

गजब की बात तो मुझे यह लगी कि मेरा माल निकलने के बाद भी मेरा लंड खड़ा का खड़ा था और वो उसे चूसे जा रही थी। फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए और मैं उसकी चूत और वो मेरा लंड चूसने लगी और दूसरी बार मेरा माल उसने अपने मुँह में भर लिया।

उसने कहा- अब मुझसे और सहा नहीं जा रहा, जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो !

और यह कहते हुए वो बिस्तर पर लेट गई और अपने पैर फैला दिए। उसकी चूत को देख कर मैं उसके ऊपर आ गया और उसने अपने हाथों से मेरा लंड अपनी चूत पर रख लिया। फिर मैं अपना लंड उसकी चूत पर थोड़ी देर रगड़ता रहा और अचानक ही उसकी चूत में घुसा दिया जिससे वो चीख उठी, मेरा अभी आधा लंड ही उसकी चूत में था, मैंने और जोर लगाया और उसकी चूत में पूरा घुसा दिया, जैसे ही पूरा अन्दर गया उसने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए.. फिर मैं उसे उस अवस्था में तब तक चोदता रहा जब तक मेरा माल नहीं निकल गया।

उस बीच मैंने उसके होंठों को बहुत चूसा और उसे भी यह बहुत अच्छा लगता था तो वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।

चोदते-चोदते मैं उसके स्तन और चुचूक भी जोर से दबा रहा था लेकिन चुम्बन की वजह से वो चीख भी नहीं पा रही थी बस मुँह में ही आवाज निकाल रही थी। कुछ देर बाद वो मुझे जोर से चोदने को कहने लगी तो मुझे पता चल गया कि वो पानी छोड़ने वाली है।

मैं उसे जोर से चोदता रहा और उसने अपनी सांस रोक कर पानी छोड़ दिया, कुछ देर बाद मैंने भी अपना माल निकाल दिया।

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा और पीछे से उसकी चूत चाटने लगा। पीछे से उसकी गांड क्या खूब लग रही थी, कुछ देर चूत चाटने के बाद मैं उसकी गांड भी चाटने लग गया और उसकी गांड गीली कर दी। फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उसके मुँह में चाटने के लिए दी और उसकी गांड में घुसा दी। उसकी गांड कुँवारी थी तो उसे दर्द होने लगा और वो निकालने के लिए बोलने लगी। फिर दो मिनट बाद मैंने उंगली निकाल ली और अपना लंड उसकी गांड के ऊपर रख दिया।

वो मुझे कहने लगी- गांड मत मारो !

लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी, कब से मैं उसकी गांड को देख-देख कर मुठ मारता था और आज मौका मिला तो कैसे जाने देता…

फिर मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड में डालने की कोशिश की, लेकिन नहीं गया। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी गांड को बाहर की तरफ खींच दिया और फिर बहुत जोर से अपने लंड को धक्का दिया। तब सिर्फ आगे का हिस्सा ही अन्दर गया और वो- आह मर गई इसे बाहर निकालो…आह …. करके चीखने लगी …

लेकिन मैंने और एक धक्का दिया तब आधा अन्दर गया और जब तीसरी बार कोशिश की तो पूरा का पूरा उसकी गांड में फिट बैठ गया… वो बहुत चीख रही थी, उसे बहुत दर्द भी हो रहा था… फिर मैं थोड़ी देर ऐसे ही चुप रहा और नीचे से मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी और हिलाने लगा। तब उसे थोड़ा अच्छा लगने लगा।

फिर धीरे धीरे मैं अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा और उसकी चूत में भी ऊँगली डालता रहा। कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और मैं जोर से उसकी गांड मारने लगा…

मैं जब उसकी गांड मार रहा था तो उसके स्तन बहुत जोर जोर से हिल रहे थे…

कुछ देर बाद मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी तो उसे दर्द होने लगा और वो मुँह से सेक्सी आवाजें निकालने लगी। जिससे मुझे और अच्छा लग रहा था।

और दो मिनट बाद मैंने अपना सारा माल उसकी गांड में निकाल दिया। जैसे ही मैंने लंड बाहर निकाला, मेरा माल उसकी गांड के बाहर आने लगा।

उसके बाद हमने आराम किया और कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत और गांड फिर से मारी…

यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है आपको मेरी कहानी कैसी लगी, यह जरूर बताइए..

[email protected]

What did you think of this story??

Click the links to read more stories from the category पड़ोसी or similar stories about

You may also like these sex stories

Download a PDF Copy of this Story

हमारी किरायेदार

Comments

Scroll To Top