मैं लौड़ा नहीं चूसूंगी-3

(Mai Lauda Nahi Chusungi- Part 3)

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मेरी बुर उमा की चुदाई देखकर बुरी तरह गरम हो गई थी। मैं वापस आकर लेट गई कुछ देर और चुदवाने के बाद उमा भी वापस आकर सो गई।

सुबह हम दोनों 12 बजे उठे। उमा बिल्कुल तरो-ताज़ा दिख रही थी। दिन में मुझसे उमा बोली- चुदना हो तो बता दियो! मेरे यारों की संख्या अभी कम नहीं हुई है!

मैंने अनजान बन कर पूछा- उमा, शादी के बाद भी औरों से चुदवाती है क्या?

उमा मुस्करा कर बोली- कुतिया, जो एक से ज्यादा लंडों का मजा ले ले, वो फिर लंड की भूखी हो जाती है! मेरी जान नए नए लंडों से चुदने में जो मजा आता है वो एक मर्द के लंड में कहाँ है! मुझे गांड मरवाने में भी मजा आता है लेकिन मेरे पति गांड कभी नहीं मारते! अपने यारों से मरवानी पड़ती है, ऊपर से कमाई और हो जाती है। चुदना कम कर दिया है लेकिन महीने में दो तीन का डलवा ही लेती हूँ, जब यह टूर पर होते हैं तो एक महीने में 10-10 12-12 से भी चुदवा लेती हूँ।

उमा बोली- तू सो रही थी तो एक कुत्ते से तो कल ही चुदवाया है! परसों खुजली ज्यादा हो रही थी और किसी से सेटिंग नहीं हो पाई तो दूध वाले को बुलाकर लाई और उससे चुदवाया था! असली मजा तो चूत के अंदर है! मेरी रानी चुदवाओ और मस्ती करो! यही जिन्दगी है! जिसने लंड का मजा लेना सीख लिया उसे किसी और मज़े में मजा नहीं आता है!

मैं धीरे से बोली- अगर किसी को पता चल गया तो?

मेरी चूची दबाते हुए उमा बोली- एक गुप्त बात बताऊँ! तेरी भाभी को 10-12 बार चुदवा चुकी हूँ। दो साल पहले पहली बार चुदवाया था। अब तो महीने में कम से कम एक बार तो तेरी भाभी भी बाहर के लंड से चुदती हैं और उनकी चूत के लिए लंड की जुगाड़ तो मैं ही करती हूँ। तू भी एक बार चुदवा तो! किसी को पता भी नहीं चलेगा और मजा भी बहुत आएगा! और जिन जिन औरतों को मैंने चुदवाया है, उनके पति भी बहुत खुश रहते हैं क्योंकि वो जान जाती हैं कि चुदवाया कैसे जाता है।

मेरे मुँह से निकल गया- ठीक है! लेकिन किसी को पता नहीं चले!

उमा बोली- यह मेरा वादा है! चल फिर तैयार हो जा! आज रात के लिए तुझे काल गर्ल बनाती हूँ! मैं और तू दोनों साथ धंधा करेंगे!

उमा ने 3-4 जगह फ़ोन मिलाये और फिर मुस्कराती हुई बोली- दो कुत्ते आ रहें हैं! एक तो बड़ी राजनैतिक पार्टी का युवा अध्यक्ष है, दूसरा शहर का एक बड़ा ठेकेदार है! ठेकेदार से मैं और तेरी भाभी दोनों दो-दो बार चुद चुकी हैं! साले का आठ इंच लम्बा लंड है। आज तुझे चुसवाती हूँ!

मैं झेंपते हुए बोली- नहीं, लंड नहीं चूसूंगी! बस चूत में डलवा लूंगी!

उमा मेरी घुंडियों पर चुटकी काटते हुए बोली- वो तू उन पर छोड़ दे!

मैं कुछ रोमांचित महसूस कर रही थी, रात की चुदाई के बारे में और सोच सोच कर और मेरी चूत गीली होने लगी थी।

शाम के छः बजे उमा ने ब्लू फिल्म चला दी। नई-नई गोरी-गोरी दो भारतीय लड़कियों की चूत फिल्म में तीन अंग्रेज़ चोद रहे थे। सब के लंड 8-9 इंच से कम नहीं थे। चुदने के मस्त मस्त सीन थे, उमा बीयर का ग्लास ले आई और बोली- इसे पी, पीने के बाद चुदवाने में बहुत मजा आएगा।

थोड़ी न नुकर के बाद एक ग्लास बीयर का मैंने पी लिया। अब मैं पूरी गर्म हो रही थी, मेरी चूत खुजिया रही थी चुदवाने के लिए। उमा मुझे ग्राहकों से बात करने के तरीके बताने लगी। आठ बजे करीब हम दोनों ने पारदर्शी मैक्सी पहन ली। मेरे दोनों संतरे मैक्सी में से बिल्कुल साफ़ दिख रहे थे। बीयर में कामोत्तेजक दवाई मिली हुई थी, इसलिए मेरी चूत की खुजली काफी बढ़ी हुई थी और मैं चुदने के लिए पगला रही थी।

नौ बजे दरवाज़े की घंटी बजी। राजू और अनिल नाम के दो आदमी जिनकी उम्र पैन्तीस साल के करीब थी, अंदर आये। उन्होंने अंदर घुसते ही हमारी कमर में हाथ डाल दिया। राजू मेरी कमर में हाथ डाले हुए था, जिसे थोड़ी देर बाद उसने पीछे से मेरी चूचियों पर रख दिया और उन्हें दबाने लगा। अनिल उमा को पहले भी दो बार चोद चुका था। उमा की तरफ देखते हुए बोला- उमा जी, मजा आ गया! क्या खूबसूरत हसीना है तेरी फ्रेंड!

और उसने मेरी चूचियाँ आगे से कस कस कर मसल दीं और बोला- कुतिया, जरा अपना नाम तो बता दे!

मैं मुस्कराते हुए बोली- आपको जो पसंद हो वो बुला लेना!

राजू बोला- हमें तो तू मालगाड़ी लग रही है! चल तेरा नाम मालगाड़ी रख देते हैं।

उमा बोली- राजा मालगाड़ी के बदले माल तो निकाल!

अनिल ने एक 500 की गद्दी उमा की तरफ बढ़ा दी और बोला- ले मेरी कुतिया आज तू जितना सोची होगी उससे ज्यादा लाया हूँ।

नोट की गद्दी उमा ने अलमारी में रख दी और बोली- हजूर! अब हम लौंडियाऐं तुम्हारी गुलाम हैं।

हम दोनों को राजू और अनिल ने गोद में उठा लिया और पीछे वाले कमरे में ले आए। राजू ने अपने होंठ मेरे होटों से चिपका दिए और मेरे होटों का रस चूसने लगा। साथ ही साथ मेरे संतरों का जूस भी निकल रहा था। उमा को अनिल ने पूरा नंगा कर दिया था और उसके ऊपर लेटकर उसके होंठ चूसे जा रहा था। उमा उसका लंड पकड़े हुए थी। थोड़ी देर में उमा ने अनिल को हटा दिया और दो पैग बनाने लगी। मेरी मैक्सी भी जो अब नाममात्र की शरीर पर रह गई थी, राजू ने उसे भी हटा दिया। अनिल और राजू ने भी अपने कपड़े उतार दिए थे।

जब तक उमा पेग बना रही थी तब तक दोनों साइड में मुझसे चिपक कर मेरे संतरों से खेल रहे थे और अपनी जांघें मेरी जांघों से सटा कर रगड़ रहे थे। मेरी चूत गरम भट्टी की तरह दहक रही थी। उमा थोड़ी देर बाद चार पेग बना लाई। हम लोगों ने चीयर्स करी और फिर हम दोनों को राजू और अनिल ने पलंग पर आधे लेटे हुए अपनी गोद में लौड़े के ऊपर बैठा लिया। दोनों के लंड मेरी और उमा की चूत से टकरा रहे थे और दोनों हमारे मुँह तिरछा कर के होंठ चूस रहे थे और चूचियाँ मसल रहे थे।

अनिल बोला- उमा डार्लिंग! जरा लौड़ा चूसो! साला तुम्हारे प्यार के लिए तड़प रहा है!

राजू भी मुझसे लौड़ा चुसवाने के लिए बोला लेकिन मेरा लौड़ा चूसने का मन नहीं कर रहा था।

उमा बोली- पहली बार गैर आदमी से चुद रही है, इसलिए शरमा रही है!

उमा ने मेरे चूचुकों पर चुटकी काटी और बोली- जरा लौड़ा पकड़ के तो देख! कितना मस्त लौड़ा है! बिल्कुल लोहे की रॉड की तरह है! बहुत मस्त चोदते हैं राजू साहब!

और उमा ने मेरा हाथ उठाकर उसके लंड पर रख दिया किसी तरह चोर नज़रों से मैंने राजू का लौड़ा मुट्ठी में पकड़ लिया। लौड़ा बिल्कुल कठोर और गर्म हो रहा था। मेरे को नशा हो रहा था और मेरी चूत बुरी तरह गर्म हो रही थी इसलिए मैं लौड़ा मसलने लगी और राजू से चिपक गई। उमा का भी यही हाल था। मेरी चूत पूरी गीली हो रही थी और पानी छोड़ रही थी।

थोड़ी देर बाद अनिल और राजू एक साथ उठे और बोले- रानी चलो एक एक राऊँड तुम्हारी चुदाई का हो जाए!

मेरा गोरा गरम बदन और ऊपर से पहली बार दारू के नशे ने मेरी सेक्स मस्ती को बढ़ा दिया था। राजू का लौड़ा मैं जोर जोर से सहला रही थी, तभी राजू ने मुझे नीचे लेटा दिया और मेरे संतरे अपने हाथों से मसलते हुए मेरे ऊपर सवार हो गया। उसने मेरी चूत पर एक जोर का झटका लौड़े से मारा। मेरे मुँह से- ऊई! मजा आ गया! घुसा साले! अंदर घुसा! की आवाज़ निकल गई। राजू नशे में था, अपने लौड़े को सही जगह फिट नहीं कर पा रहा था। दूसरी तरफ उमा की चूत में अनिल ने लौड़ा घुसा दिया था। बिल्कुल ब्लू फिल्म की तरह उमा चुद रही थी। उमा की चूत मेरे मुँह की तरफ थी और मेरी उमा के मुँह की तरफ थी। उमा की ऊह आह की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं जो मुझे चुदने को पगला रही थीं। राजू नशे के कारण मेरी चूत में लंड नहीं घुसा पा रहा था, मेरे से रहा नहीं गया, मैंने राजू का लंड अपने हाथ में पकड़ कर अपनी चूत में थोड़ा सा घुसा लिया और सिसकारियाँ लेती हुई बोली- घुसा! चोद कुत्ते चोद!

राजू ने एक जोर का झटका मारा, अब उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस चुका था। मेरी जोर से उन्मादी चीख निकल गई।

मेरी चूत की चुदाई शुरू हो गई थी, कमरे में मेरी और उमा की ऊह- आह- आह- मर गई! मर गई! और चोद! बड़ा मजा आ रहा है! थोड़ा जोर से! आहा- आहा- उई- उई- आह की आवाजें गूँज रही थीं। मैं और उमा ऊह- ऊह- ओह्ह- मर गई! मर गई! फट गई की आवाजों से चिल्लाती हुई चुदने का पूरा मजा ले रही थीं। अनिल और राजू हमें जमकर चोद रहे थे और चिल्ला रहे थे।

राजू बोल रहा था- साली, क्या चूत है! हरामी, रंडी, मजा आ गया तेरी सुरंग में घुसने में!

राजू मेरी चूचियाँ कस कस कर मसल रहा था। थोड़ी देर में उसने अपना पानी छोड़ दिया और उसका लंड मुरझा कर बाहर आ गया। उसने कंडोम निकाल कर लंड मेरे मुंह पर रख दिया और बोला- चूस!

लेकिन मैंने लंड चूसने से मना कर दिया। अनिल मेरी चूत पर हाथ मारते हुए बोला- राजू तू इस कुतिया को छोड़! मैं चोदता हूँ साली को! क्या मस्त चूत है इसकी! तू अपना लंड उमा रानी को पिला!

अनिल अब मेरे ऊपर चढ़ गया था। अनिल का लंड बहुत मोटा था। मेरी चुचियों को दबाते हुए बोला- रानी चुदने में नखरे क्यों करती हो? हम रस नहीं पियेंगे तो कौन पिएगा? पूरे पच्चीस हज़ार तेरे नाम के हैं!

अनिल ने मेरी एक टांग काफी ऊपर उठा दी थी और अपना मोटा लंड मेरी चूत में घुसाने लगा था। अभी तक शादी के बाद 3-4 बार ही चुदी थी इसलिए मेरी चूत बहुत कसी हुई थी। उसका लंड फिसल गया। अब उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत में घुसाई और मेरी चूत को चौड़ा करने लगा और अपने दूसरे हाथ से लंड पकड़ कर थोड़ा सा उसमें घुसा दिया। लंड हल्का सा मेरी चूत में घुस गया था। इसके बाद मेरे ऊपर लेट कर मेरी एक चूची उसने मुंह में चूसी और दूसरी नोचते हुए जोर से धक्का मारा। अनिल का पूरा लंड बहुत तेजी से मेरी चूत में घुसा, उसका लंड राजू से बहुत मोटा था, मेरे मुँह से जोर से- ऊई मर गई! मर गई! की चीख निकल गई।

अनिल बोला- साली बड़ी कसी हुई है तेरी! लगता है सील टूटने के बाद चुदी नहीं है! वाह, मजा आ गया! अभी तो आधा ही घुसा है मेरी जान! आधा बाकी है! जरा तेरे गुलाबी होंठ तो चूस लूं! अनिल ने मेरे होंटों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा। बुरी तरह से होंटों को चूसते हुए उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिया। मेरी चूत दर्द से कराह उठी। अनिल मेरे दोनों संतरे कस कस कर दबाते हुए रस निकालने लगा और साथ ही साथ बोल रहा था- वाह! मजा आ गया साली! क्या तेरी गुफा है! बहन की लोड़ी इतनी मस्त चूत तो आज तक नहीं चोदी। साली, तुझे तो आज पूरी रात बजाऊँगा!

मुझे शुरू में बहुत दर्द हो रहा था लेकिन अब चुदने में मजा आने लगा। मैं चुदाई का मजा लेते हुए सिसकारियाँ भर रही थी। राजू का लंड चूसने के बाद उमा भी उमा भी मेरे बगल में चुद रही थी।

राजू झड़ चुका था और साइड में लेट गया। अनिल बोला- अबे साले गोली खा ले! ये जो नई रंडी है बड़ी मस्त है! आज इसे अभी और बजाएंगे।

थोड़ी देर में अनिल ने भी अपनी पिचकारी छोड़ दी। इसके बाद उसने अपना कंडोम फ़ेंक दिया और बोला- ले जरा लौड़ा चूस!

लेकिन मैंने अपना मुँह बंद कर लिया।

अनिल बोला- साली रंडी! बहुत नखरे करती है? आज तुझे लौड़ा चुसवा कर ही छोड़ेंगे।

इसके बाद उमा बोली- डार्लिंग, इतने गुस्सा क्यों करते हो, चलो एक एक ड्रिंक और हो जाए!

इसके बाद उमा ने दो हॉट ड्रिंक बनाईं। राजू और अनिल ने ड्रिंक अपने हाथ में ले लीं और हमें अपने से चिपका लिया। दोनों ड्रिंक सिप करने लगे साथ ही साथ एक एक गोली भी उन्होंने खा ली। थोड़ी देर बाद उनके लंड फिर खड़े हो गए।

उन्होंने मेरे और उमा के हाथ अपने लंड पर रख दिए। मैंने और उमा ने अपने हाथों में उनके लंड पकड़ लिए। उनके साथ साथ हम भी हॉट ड्रिंक के सिप ले रहे थे।

अनिल उमा की गांड पर चुटकी काटते हुआ बोला- उमा जी, जरा तुम्हारी गांड मार ली जाय! बहुत सुंदर लग रही है और बहुत दिन से किसी लोंडिया की गांड भी नहीं मारी है! चलो रानी, जरा कुतिया बन जाओ!

आगे क्या हुआ, यह अगले भाग में!
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