ट्रेन में मिले एक गांडू अंकल

(Mera Pahla Gay Sex : Train Me Mile Ek Gandu Uncle)

सोनू छवाई 2018-02-24 Comments

ये कहानी आज से सिर्फ 2 महीने पहले की है, जो एकदम सत्य घटना है उसी पर मैं ये नोन वेज हिंदी गे स्टोरी लिख रहा हूँ. इसमें एक प्रतिशत भी झूठ नहीं लिखा गया है.

आज से कुछ दिन पहले मुझे ग्वालियर से चेन्नई एक जरूरी इन्टरव्यू के लिए जाना था, जो मेरा एक बैंक का इंटरव्यू था. मैं शाम को 4 बजे ग्वालियर से ट्रेन पर चढ़ा, मेरा रिजर्वेशन एस वन की सीट नंबर 51 पर था.
मैं दिन में इधर उधर के काम में बहुत व्यस्त रहा था, इसलिए थकान ज्यादा हो गई थी. मैं अपनी सीट पर चादर बिछा कर तुरंत लेट गया. मुझे ऊपर वाली बर्थ मिली थी. मैं थोड़ी देर लेटा रहा, तो नींद आ गई.

लगभग 2 घंटे के बाद मेरी नींद खुली. मुझे टॉयलेट जाना था, मैं उठकर टॉयलेट गया, तब तक बीना स्टेशन आ गया और ट्रेन रुक गई. मैं ट्रेन से उतरा और थोड़ी देर बाद फिर अपनी सीट पर आ गया. फिर धीरे धीरे ट्रेन चलने लगी, तब गेट के पास मेरी नजर गई तो देखा कि एक अंकल वहां से चढ़े, जो बहुत ही खूबसूरत थे.
अंकल लगभग 50 साल की उम्र के होंगे. उनकी 6 फ़ीट उंचाई, एकदम गोरे और मांसल थे.. बड़ी बड़ी काली मूंछें गोल मटोल गाल, अंकल बहुत ही सुन्दर लग रहे थे. चूंकि वो बहुत गोरे थे इसलिए उनके चेहरे पर काली मूंछें बहुत प्यारी लग रही थीं. शायद उन्होंने डाई लगाकर अपने बाल काले किए थे.

उनका रिजर्वेशन कन्फर्म नहीं था इसलिए परेशान होकर इधर उधर देख रहे थे. मुझसे उनकी खूबसूरती देखकर रहा नहीं गया और मैं उनके पास पहुँच गया, मैंने उनसे पूछा कि उनका सीट नंबर क्या है?
वो बहुत ही मीठी आवाज में बोले- बेटा मेरा टिकट 68 वेटिंग में है.
मैंने खेद जताते हुए कहा- ओह अंकल 68 वेटिंग कन्फर्म होना तो मुश्किल है.
वो बोले- हाँ बेटा, अब क्या कर सकते हैं.
मैंने कहा- अंकल आप मेरी सीट पर आ जाइए.. हम दोनों एडजस्ट कर लेंगे.
वो बोले- धन्यवाद बेटा चलो.

फिर वो मेरी सीट पर आ गए, थोड़ी देर तक हम दोनों ऊपर की सीट पर बैठे रहे फिर टीसी आया तो उन्होंने अपना टिकट दिखाया, जो कन्फर्म नहीं हुआ था.
टीसी ने कहा- आप यहीं बैठे रहें, जब कन्फर्म हो जाएगा.. तब मैं आपको बता दूंगा.
टीसी चला गया और हम बातें करने लगे.

मैंने अंकल से पूछा कि आप क्या करते हैं?
वो बोले- मैं बीना थाने में टी आई हूँ.
मैं पहले तो थोड़ा डर गया, फिर सामान्य होते हुए हमने बात जारी रखी. वो बार बार मेरे लंड की तरफ देख रहे थे, जो तन के मेरी पैन्ट के ऊपर से स्पष्ट उभरा हुआ दिख रहा था.
बातचीत से मालूम हुआ कि वो अंकल भी किसी काम से चेन्नई ही जा रहे थे.

फिर वो बोले- बेटा तुम बहुत अच्छे हो, बहुत क्यूट भी हो.
मैंने कहा- अंकल मैं सच कहूँ तो आपसे प्यारा और क्यूट इंसान मैंने इस पूरी दुनिया में नहीं देखा.
इस पर वो थोड़ा मुस्कुराए, उनकी मुस्कराहट इतनी प्यारी थी कि मुझसे रहा नहीं गया. मैंने बोला कि अंकल यदि आपको एतराज न हो तो क्या मैं आपको किस कर सकता हूँ?
वो बोले- बेटा, पहले मैं तुम्हें किस करना चाहता हूँ, लेकिन अभी यहाँ सभी लोग जाग रहे हैं. थोड़ा देर रुको किस तो क्या हम बहुत कुछ करेंगे.

अब मेरा मन मचल गया और मैं सबके सोने का इन्तजार करने लगा. रात के 12 बज गए और भोपाल आ गया था. हमने नीचे उतरकर चाय पी.
अंकल ने मुझसे कहा- बेटा अब सब सो गए हैं, अब पहले मैं तुम्हें किस करूँगा. फिर तुम्हें जो जो करना है, वो तुम कर सकते हो.

मैं बहुत खुश हुआ. ट्रेन में सभी लोग सो रहे थे. अब दुनिया के सबसे सुन्दर अंकल जो जन्नत से कम नहीं लग रहे थे, वो अब मेरे लिए भगवान के द्वारा भेज गए फ़रिश्ता से थे.

उन्होंने मेरे गालों में बहुत किस किया. मैंने भी अंकल के होंठ चूसे. अंकल ने अपनी शहद जैसी मीठी जीभ मेरे मुँह में दे दी, मैं उनकी प्यारी जीभ को पागलों की तरह चूसने लगा. मुझे जन्नत का सा अहसास हो रहा था. मेरा 8 इंच का लंड पूरा तन चुका था, अंकल ने मेरे लंड पर हाथ फिराया. मैं पागल हो गया और जल्दी से पैन्ट खोल कर अपना लंड बाहर निकाल दिया, वो मेरे लंड देखते ही रह गए. मेरा लंड 8 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा था. उन्होंने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया. मैं बहुत खुश हुआ आखिर यह मेरा पहला अनुभव था. हालांकि मैं पहले से गे सेक्स के बारे में जानता था लेकिन मौका पहली बार ही मिला था.
पहले भी पता नहीं क्यों मेरे मन में ऐसे ख्याल आते थे कि मुझे कोई अंकल मिल जाएं तो मैं एन्जॉय करूँ. मतलब मुझे पहले से ही सिर्फ अंकल ही पसंद थे. मेरा सपना आज पूरा होने जा रहा था और वो अंकल जरूरत से ज्यादा प्यारे थे.

फिर उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और पागलों की तरह चूसने लगे. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैं भी उनका लंड चूसना चाह रहा था और उनका लंड देखना चाह रहा था. मैं अपना हाथ उनकी ज़िप पर ले गया. उनका लंड भी पूरी तरह तन चुका था. मैंने उनकी चैन खोल कर उनका लंड बाहर निकाल लिया. उनका लंड भी 7 इंच लंबा, करीब 2.5 इंच मोटा और एकदम कड़क था.

अब मैंने उनसे कहा- अंकल हम ऐसा करते हैं कि आप मेरे मुँह की तरफ लंड कर लीजिये और मैं अपना लंड आपके मुँह की तरफ कर लेता हूँ.
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गए और एक दूसरे का लंड चूसने लगे. हम उस समय जन्नत का आनन्द ले रहे थे. हम एक दूसरे का लंड चूस रहे थे. लगभग 15 मिनट चूसने के बाद अंकल का लंड से गरम गरम वीर्य निकला और मैं उसे पी गया.

अब मेरी बारी थी.. बस 5 मिनट और चुसवाने के बाद मैंने भी अपना वीर्य अंकल के मुँह में छोड़ दिया. हम दोनों बहुत खुश थे और अंकल मुझे बार बार थैंक्यू बोल रहे थे.
रात के 2 बज चुके थे. हमने एक ही तरफ अपना मुँह कर लिया और एक दूसरे को बाँहों में भरकर सो गए.

जब हम चिपक कर सो रहे थे, तो मैंने महसूस किया कि अंकल के दूध बहुत बड़े बड़े और एकदम मुलायम थे, जो मेरी छाती पर गुदगुदा रहे थे. मैं उनके चेहरे पर अपना चेहरा रखकर सो रहा था और जन्नत का सुख ले रहा था. तभी मैं अपना एक हाथ उनकी छाती के पास ले गया और दूध दबाकर देखा तो वाकयी उनके दूध औरतों जैसे थे. ऐसा लगता था कि वे किसी से अपने मम्मों को दबवाते हों.

फिर मैंने उनकी बनियान के अन्दर हाथ डाल कर उनके दूध दबाना चालू कर दिए. शायद उन्हें मजा आ रहा था, वो कुछ भी नहीं बोले. उनके दूध इतने बड़े थे कि मेरे हाथ में नहीं आ रहे थे. मुझे उनके दूध दबाने में बहुत मजा आ रहा था.

अब वो जाग गए और मुझसे कहा कि इनको पी लो.
मैंने देर न करते हुए उनकी शर्ट को ऊपर किया और उनका एक दूध अपने मुँह में ले लिया. अंकल के मम्मे बिल्कुल चिकने थे और वहाँ के बाल भी क्लीन शेव थे. मुझे बहुत मजा आ रहा था. कुछ देर दूध पीने के बाद मैं उनकी मूँछों को चूसने लगा, जिससे मुझे बड़ा आनन्द मिल रहा था. मैं उनसे चिपक कर सो गया.

रात के 5 बजे मेरी नींद खुली, मैं पेशाब करके आया तो देखा कि अंकल अपना पेंट नीचे करके सिर्फ चड्डी में थे. वे मेरी तरफ पीठ करके सो रहे थे. मैं उनके पास आकर सो गया और पीछे से हाथ डाल कर उनके बड़े बड़े दूध दबाने लगा.

वो भी जग गए और अपनी गांड मेरे लंड पर रगड़ने लगे. मेरा लंड पूरी तरह लोहा हो चुका था. मैंने उनकी चड्डी नीचे कर दी और उनकी गांड के छेद पर अपना लंड लगा कर धीरे धीरे धक्के मारने लगा. लेकिन उनकी गांड कसी हुई थी इसलिए लंड बिल्कुल भी अन्दर नहीं जा रहा था.

मैंने बहुत सारा थूक अपने लंड पर लगाया और उनकी गांड पर भी लगा दिया. इसके बाद मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू किए. वो भी मेरा साथ दे रहे थे और अपनी गांड आगे पीछे कर रहे थे. मेरा एक इंच लंड अन्दर घुस गया, उन्हें थोड़ा दर्द हुआ लेकिन वो सहन कर गए.

मैं थोड़ी देर रुक गया और फिर से धक्का लगाना चालू किया. मेरा लंड धीरे धीरे अन्दर जाने लगा और अब मैंने एक तेज धक्का मारा और पूरा 8 इंच लंड उनकी गांड में पेल दिया. उन्हें बहुत दर्द हुआ लेकिन वो अपना मुँह दबाकर सह गए.

मैं जोर जोर से धक्के दे रहा था और अब वो पेट के बल हो गए थे. मैं उनके ऊपर चढ़ गया और जबरदस्त चुदाई करने लगा. बीस मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद मेरा वीर्य उनकी गांड में निकल गया और मुझे बहुत आनन्द का अनुभव प्राप्त हुआ.

अब सुबह हो चुकी थी और हम सामान्य हो गए थे. हम करीब शाम के 5 बजे चेन्नई पहुँचे और अंकल ने एक होटल में रूम बुक करवाया. उनको वहाँ 5 दिन रुकना था और मुझे सिर्फ 2 दिन. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उनके लिए 5 दिन रुक जाऊं.
मेरे लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती थी. मैं उनके साथ था तो मतलब जन्नत में ही था.
फिर 5 दिन हमने एन्जॉय किया.

दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी सच्ची गांड चुदाई की नोन वेज हिंदी गे स्टोरी, मुझे मेल करके बताएं. मेरी मेल आईडी है.
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