चूत एक पहेली -47

(Chut Ek Paheli-47)

पिंकी सेन 2015-11-26 Comments

This story is part of a series:

अब तक आपने पढ़ा..

पायल को जब ये अहसास हुआ कि यह असल में एक सपना ही था.. मगर ऐसा सपना जो हक़ीक़त से भी ज़्यादा मज़ा देने वाला था। उसने अपनी चूत को छूकर देखा तो वो बहुत गीली थी। इसका साफ-साफ मतलब यही था कि उसका पानी सच में निकल गया था.. लोगों का नाइट फ़ाल होता है.. उसका चूत का फाल हो गया था और हाँ वो कोई नंगी नहीं थी, उसने अपने कपड़े पहने हुए थे।
चूत के रस से उसकी पैन्टी के साथ उसका बरमूडा भी गीला हो गया था। अगर चादर हटा दो तो देखने वाला फ़ौरन समझ जाए कि उसका अभी-अभी रिसाव हुआ है।

अब आगे..

पायल ख्यालों में खोई हुई यही सोच रही थी कि जब सपने में इतना मज़ा आया तो ये रियल में होगा.. तब उसको कितना मज़ा आएगा।

पुनीत- अरे उठो.. कहाँ खोई हुई हो.. ज़रा मुझे भी तो बताओ.. क्या सपना देखा.. मैंने ऐसा क्या गिफ्ट दिया.. जो तुम इतनी खुश हो गई।
पायल- ओह्ह.. भाई काश आप रियल में ऐसा करते.. सच में बहुत मज़ा आया।
पुनीत- अरे बताओ तो.. क्या हुआ था?

पायल के होंठों पर क़ातिल मुस्कान थी.. अब उसका दिमाग़ सुकून में था।

पायल- कुछ नहीं भाई.. अभी बता दूँगी तो आप सच में मुझे वो कभी ना दे पाएँगे.. इसका वक़्त आएगा.. तब बताऊँगी। मगर प्लीज़ आप मुझे वो गिफ्ट दोगे ना.. मना तो नहीं करोगे अपनी बहन को?
पुनीत- अरे कैसी बातें करती हो.. तुम मेरी स्वीट बहन हो.. मैं कभी तुम्हें किसी चीज के लिए मना कर सकता हूँ क्या.. जो बोलोगी दे दूँगा..
पायल- पक्का वादा? कहीं मुकर तो नहीं जाओगे आप?
पुनीत- ओहो.. अच्छा पक्का वादा नहीं मुकुरूँगा.. जब चाहो माँग लेना.. बस खुश.. चलो उठो.. ये चादर हटाओ और ठीक से बैठो।

पायल- न्न्न..नहीं नहीं.. भाई ये रहने दो.. क्या बात है बोलो.. मैं सुन रही हूँ ना..
पुनीत- ओके ओके.. रहने दो.. अच्छा सुनो.. शाम को क्लब में एक पार्टी है.. वहाँ मेरे साथ चलोगी ना तुम?
पायल- अरे मैं वहाँ जाकर क्या करूँगी भाई?

पुनीत- अरे.. शाम को मेरे साथ क्लब चलोगी.. तो वहाँ मेरे कुछ दोस्तों से तुमको मिलवाना है।
पायल- मैं उनसे मिलकर क्या करूँगी?
पुनीत- अरे बाहर जाओगी.. लोगों से मिलोगी.. तभी तो सब को पता लगेगा ना.. कि तुम पुनीत खन्ना की बहन हो.. उसके बाद किसी की क्या मज़ाल जो तुमको परेशान करे.. जैसे उन लड़कों ने किया था.. हॉस्टल के बाहर..

पायल- हाँ ओके.. चलेंगे वो आपका दोस्त टोनी भी आएगा क्या वहाँ?
पुनीत- हाँ आएगा ना.. क्यों उसके बारे में क्यों पूछ रही हो तुम?
पायल- अब आप तो मेरे भाई हो और इस उमर में एक लड़की को ब्वॉयफ्रेण्ड की जरूरत होती है.. सोच रही हूँ टोनी को ही बना लूँ लड़का अच्छा है..
पुनीत- पायल तुम्हारा दिमाग़ खराब हो गया है क्या… वो टोनी ठीक नहीं है.. तुम उसको जानती ही कितना हो?
पायल- ओह्ह.. ये बात है.. तो ठीक है ना.. आज शाम को जान लूँगी.. क्यों ठीक कहा ना मैंने भाई?
पुनीत- नहीं पायल प्लीज़.. ऐसा मत कहो वो टोनी सही लड़का नहीं है.. तुम बात को समझो..

पायल- ठीक है भाई.. मगर एक शर्त पर.. आप मेरे ब्वॉय फ्रेण्ड तो नहीं बन सकते.. मगर मेरी हेल्प तो कर सकते हो.. कोई अच्छा लड़का चुनने में?
पुनीत- ओके.. मैं ये कर सकता हूँ.. मगर ये अचानक तुमको ब्वॉय फ्रेण्ड की जरूरत क्यों पड़ गई.. आज से पहले तो तुम इन सब से दूर रहती थी।

पायल- भाई अभी सपने में मेरी आपसे बहस हो रही थी और हक़िक़त में भी आप ऐसे ही कर रहे हो.. ब्वॉय फ्रेण्ड की जरूरत नहीं होती.. ये तो एक फैशन है.. अब मुझे कहीं बाहर जाना हो.. घूमना हो.. तो सेफ्टी के लिए एक लड़का तो साथ होना चाहिए ना.. और वैसे भी आजकल की लड़कियाँ ब्वॉय फ्रेण्ड बनाती इसलिए हैं ताकि एटीएम मशीन और उसका बॉडी गार्ड उसके साथ ही रहे और ये दोनों खूबी ब्वॉय फ्रेण्ड में होती हैं।

पुनीत- अरे ये मिडल क्लास लड़कियों की तरह क्यों सोच रही हो.. तुम्हें पैसे की क्या कमी है.. जो किसी उल्लू का सहारा लोगी.. और रही बात सेफ्टी की.. तो मैं किस लिए हूँ.. तेरा भाई हाँ?
पायल- ओह्ह.. भाई आपसे बहस करना बेकार है.. जाओ नहीं चाहिए ब्वॉय फ्रेण्ड.. ओके खुश लेकिन आप मेरे पक्के वाले फ्रेण्ड तो बन सकते हो ना?
पुनीत- अरे इसमें पूछने की क्या बात है.. मैं तो हूँ ही तेरे पक्का दोस्त.. चल अब तू आराम कर.. मैं बाहर जाकर आता हूँ थोड़ा काम है..

पायल- क्या भाई.. अभी आए और अभी वापस जा रहे हो?
पुनीत- अरे कुछ अर्जेंट काम है.. शाम को रेडी रहना.. ओके वहाँ जाना है..
पायल- ओके.. माय स्वीट ब्रो.. जाओ शाम को मिलते है बाय..

पुनीत वहाँ से चला गया और पायल सपने के बारे में सोचने लगी कि कैसे इसे हक़ीकत का रूप दिया जाए। पुनीत के जाने के बाद पायल बाथरूम में गई.. अपने आप को साफ किया और आकर वापस सो गई।

उधर सन्नी वहाँ से टोनी और उसके दोस्तों के पास गया। शायद आगे के लिए कोई प्लानिंग करनी होगी.. तो आओ देखते हैं वहाँ क्या खिचड़ी पक रही है।

टोनी- अरे आओ भाई.. हम अभी आपके बारे में ही बात कर रहे थे।
विवेक- भाई आपने तो इस खेल को बहुत उलझा दिया है.. कैसे-कैसे आइडिया लगा रहे हो आप?
सन्नी- दोस्तो, जिस खेल से किसी की जिंदगी बदल जाए.. वो कोई छोटा-मोटा खेल नहीं होता.. समझे.. इसलिए ये सब आइडिया लगाना पड़ता है। आज तुम्हें एक राज़ की बात बताता हूँ.. गौर से सुनो..

टोनी- बताओ भाई बताओ.. आपकी कहानी में राज़ बहुत होते हैं.. वैसे लग रहा है कि आगे मज़ा बहुत आने वाला है..
सन्नी- सही कहा.. जैसे-जैसे राज़ खुलेंगे.. मज़ा बढ़ता जाएगा। देखो ताश की गड्डी में 4 इक्के होते हैं.. जिसके पास 3 इक्के आ जाते हैं उसको कोई हरा नहीं सकता.. सही है ना?
सुनील- सोलह आने सच है भाई..

सन्नी- गुड.. अब सुनो इस खेल में तुम तीनों 3 इक्के हो.. और चौथा इक्का मैं हूँ.. यानि इस खेल के खिलाड़ी के पास चारों इक्के मौजूद हैं.. सामने वाला लाख सर पटक कर मर जाए.. वो किसी हाल में जीत ही नहीं सकता.. समझे ये है मेरा राज़..

टोनी- भाई बुरा ना मानना.. मगर अपुन के सर के ऊपर से निकल गया.. हम 3 इक्के.. ये समझ आ गया.. मगर आप चौथे इक्के हो.. ये खोपड़ी में नहीं घुसा.. आप तो खिलाड़ी हो.. हाँ कोमल को चौथा इक्का कहते.. तो बात भेजे में फिट हो जाती..
सन्नी- अबे साले.. ऐसे तो बड़ा तेज बनता है.. कोमल और पायल तो इस खेल के कॉइन हैं जिन पर दांव लगाया जा रहा है.. अब देख रॉनी और पुनीत समझते हैं कि मैं उनके साथ हूँ.. मगर असल में यह खेल मैं उनके खिलाफ खेल रहा हूँ.. तो हुआ ना चौथा इक्का..

टोनी- हाँ भाई.. एकदम सही है.. अब बात समझ आ गई है।

सन्नी- अब सुनो.. शाम को पायल क्लब में आएगी.. तुम किसी तरह सनडे पार्टी के लिए उसको मना लेना.. या ऐसा समझो उसके दिमाग़ में ये बात डाल देना ताकि वो पार्टी में आने के लिए पुनीत के पीछे पड़ जाए.. उसके बाद मुझे क्या करना है.. मैं देख लूँगा। यह खेल तो बाद में होगा.. उसके पहले ही मैं पायल को नंगा कर दूँगा हा हा हा हा..
टोनी- हाँ भाई.. एकदम सही है.. अब बात समझ आ गई है।

सन्नी- अब सुनो.. शाम को पायल क्लब में आएगी.. तुम किसी तरह सनडे पार्टी के लिए उसको मना लेना.. या ऐसा समझो उसके दिमाग़ में ये बात डाल देना ताकि वो पार्टी में आने के लिए पुनीत के पीछे पड़ जाए.. उसके बाद मुझे क्या करना है.. मैं देख लूँगा। ये खेल तो बाद में होगा.. उसके पहले ही मैं पायल को नंगा कर दूँगा हा हा हा हा..

वो सभी काफ़ी देर तक वहीं बैठे हुए बातें करते रहे।
दोस्तो, शाम तक ऐसा कुछ नहीं हुआ जो बताऊँ.. वहाँ मुनिया के साथ भी कुछ खास नहीं हुआ.. तो चलो सीधे आप शाम का सीन देख लो।

पायल सुकून की नींद लेकर उठी.. अब उसका माइंड फ्रेश था.. वो नहा कर रेडी हो गई थी। आज उसने एक बहुत ही सेक्सी ब्राउन मैक्सी पहनी थी.. जो स्लीवलैस थी और पीछे कमर लगभग पूरी खुली हुई थी.. देखने वाला बस देखता रह जाए..
पायल रॉनी के कमरे में गई.. वो अभी बाथरूम जा ही रहा था कि पायल को देख कर वो रुक गया।

रॉनी- अरे आओ आओ गुड्डी.. क्या बात है.. बहुत अच्छी लग रही हो तुम!
पायल- थैंक्स भाई.. मगर मैंने क्या कहा था.. नो गुड्डी अब आप मुझे पायल कहोगे ओके..
रॉनी- ओके मेरी प्यारी बहना.. अब से पायल कहूँगा ओके.. वैसे तुम रेडी होकर कहाँ जा रही हो?
पायल- वो पुनीत भाई ने कहा था शाम को हमारे साथ क्लब चलना.. तो बस इसी लिए रेडी हुई हूँ।

रॉनी- ओह्ह.. अच्छा मगर पायल सॉरी बुरा मत मानना.. ये ड्रेस कुछ ठीक नहीं है.. वहाँ ज़्यादातर लड़के होते हैं प्लीज़ अगर हो सके तो ये ड्रेस चेंज कर लो।
पायल- अरे क्या भाई.. इतना अच्छा तो है.. आजकल यही सब चलता है..
रॉनी- पता है पायल.. मैंने कब कहा ये बुरा है.. अब अपने भाई की बात नहीं मानोगी क्या.. जाओ चेंज कर लो ना प्लीज़ मेरे लिए..
पायल- ओके भाई अभी करती हूँ.. तब तक आप भी रेडी हो जाओ।

पायल वहाँ से वापस अपने कमरे में चली गई और बड़बड़ाने लगी।
पायल- उहह कितना अच्छा ड्रेस था.. मगर रॉनी भाई भी ना बस कोई लड़का मुझे घूरेगा.. ये सोच कर चेंज करने को बोल दिया.. अजीब सी उलझन है एक भाई मुझे ब्रा-पैन्टी में देख चुका है और दूसरा थोड़ा सा भी ओपन नहीं देख सकता।

दोस्तो, आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।

कहानी जारी है।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top