बहन की चूत चोद कर बना बहनचोद -6

(Bahan Ki Chut Chod Kar Bana Bahanchod-6)

This story is part of a series:

अब तक आपने पढ़ा..

अब मैंने देर नहीं करते हुए उसे कन्डोम दिया और कहा- इसे मेरे लंड पर पहना दो।
उसने अपने कोमल हाथों से कन्डोम को मेरे लंड पर पहना दिया और मैंने फ्रेंच किस करते हुए उसको बिस्तर पर लिटा दिया।
जैसे ही मैंने अपने लंड उसकी चूत की तरफ बढ़ाया..

अब आगे..

वो बोली- इसे तुम इतने छोटे छेद में डालोगे.. तो ये तो फट नहीं जाएगी.. मैं मर जाऊँगी।
तो मैंने कहा- नहीं जान.. इसके अन्दर जाने के बाद तुम्हें जन्नत का नज़ारा मिलेगा..

जैसे ही मैंने उसकी चूत पर लंड को लगाया.. वो उसके मुँह से सिसकी निकाली- आहह.. उउम्म्म.. ममा..

मैंने उसकी सिसकी सुन कर अपने लंड को हाथ से पकड़ कर उसकी चूत पर घुमाने लगा।
फिर मैंने एक हल्के से धक्के के साथ लंड को थोड़ा अन्दर किया.. पर उसकी चूत इतनी टाइट थी कि लंड सिर्फ़ सिरे तक ही अन्दर गया और वो चीख पड़ी- आअहह.. नणनईईईई.. ब्बाहहाआरर.. निककालओ.. ससुसस्स्स.. मैं मररर.. गईई.. आहह..

तो मैंने उसके मुँह को बंद कर दिया.. फिर थोड़ी देर तक मैं ऐसे ही पड़ा रहा.. और जब चीखना बंद हो गया.. तो मैंने एक और धक्का लगा दिया।
अब मेरा दो तिहाई लण्ड उसकी चूत में घुस गया और 7 इंच का डंडा अन्दर जाने पर वो दर्द के मारे उछल पड़ी, वो चिल्लाई- आआअहह.. उफफ्फ़.. आआईयईई.. मम्मीई.. मररर गईईईई.. बसस्स्स्स.. नही..अई बाहआअररर निककाललो.. जाआ अन्नऊऊउउ आहह.. अहह उम्म्माआ आईईई…

फिर मैंने एक और जोरदार झटके से लंड को पूरा चूत की जड़ तक अन्दर डाल दिया। तो उसकी आँखों से आँसू आ गए और वो और जोर से चिल्लाने लगी- आईएईईईई.. आआईएईइ!

फिर थोड़ी देर जब तक उसकी चीखें बंद नहीं हुईं तो मैं ऐसे ही पड़ा रहा।
मैंने बहुत अनुभव लिया हुआ था सो मुझे मालूम था कि साली कुछ देर में ही अपनी गाण्ड हिलाने लगेगी।
वही हुआ.. जब वो अपनी गाण्ड हिलाने लगी.. तो मैं समझ गया कि अब उसे भी मज़ा आ रहा है।

तो मैंने लौड़े के टोपे को अन्दर छोड़कर पूरे लंड बाहर निकाला और फिर मैं उसे अन्दर-बाहर करने लगा.. तो वो मेरे बालों को पकड़ कर धीरे-धीरे सिसकारने लगी और बोली- कम ऑन.. जान फक मी.. फक मी हार्ड.. उउंम्मा.. आअहह.. आअहह.. आई लव यू सुशान्त.. आई लव यू…

अब मैं धीरे-धीरे तेज होने लगा.. तो वो भी ज़ोर-ज़ोर चिल्लाने लगी- आअहह ओह ज़ोर से.. और ज़ोर से.. कम ऑन जान.. आहह फक फक.. फक्क मी.. फक मी.. आआहह.. ओह सुशान्त यू आर माय लवर ब्वॉय.. आहह फक फक.. आह..

यह सुन कर मैं और तेज चोदने लगा तो उसकी मस्त कामुक चीखों से पूरे कमरे में मादक आवाजें गूंजने लगीं- आहह.. अहह.. आआहह.. आआहह.. उफफफ्फ़.. उउफफ्फ़.. ज़ोर से और ज़ोर से..

काफी देर तक ऐसे ही चोदने के बाद बाद वो ढीली हो गई और मेरा लौड़ा भी झड़ने वाला था।
वो बोली- बस.. अब बाद में जान.. कल कर लेना..
तो मैंने अपना लंड निकाला और कन्डोम उतार कर अपना माल निकालने लगा।

मैंने कहा- डियर सोनाली.. माय लव कम ऑन.. टेस्ट इट..

उसने अन्तर्वासना के वशीभूत होकर अपना मुँह खोल दिया और मैंने अपने जूस से उसका मुँह भर दिया। उसके पूरे मुँह और बदन पर मेरा माल पड़ा था और वो उसे चाट रही थी।
फिर हम बाथरूम में गए.. एक-दूसरे को साफ़ किया.. और बिना कपड़े ही सो गए।

सुबह जब मैं उठा तो सोनाली अभी भी वहीं सो रही थी और उसका नंगा बदन सुबह की किरणों के साथ सोने की तरह चमक रहा था।
उसे देखते ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, मैंने उसे बाँहों में भरा और एक ज़ोरदार किस करते हुए बोला- गुड मॉर्निंग डार्लिंग..!
वो भी आँखें बंद किए ही बोली- गुड मॉर्निंग डियर..

फिर उसने मुझे उठ कर फ्रेंच किस करते हुए बोला- लास्ट नाइट वाज़ मोस्ट वंडरफुल नाइट ऑफ माय लाइफ जानू…
तो मैंने कहा- कम ऑन.. गेट रेडी फॉर आ सेकेंड ट्रिप..
वो थोड़ा शरमाई और फिर बोली- ओह कम ऑन.. कम माय बेबी..

उसने मुझे हग किया और फिर किस करते हुए दराज में से एक कन्डोम निकाल अपने मुँह से मेरे लंड पर चढ़ाने लगी।
फिर मैंने उसे कहा- जानू.. अब घोड़ी की तरह झुक हो जाओ।

उसने ऐसे ही किया और फिर मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया और वो सिसकारने लगी।
फिर 10 मिनट तक मैंने ऐसे ही उसे चोदा और फिर मैंने कंडोम निकाल कर उसके मुँह से लंड साफ़ करवाया।

अब वो नहाने चली गई और बोली- तुम बाजार से दूध और ब्रेड ले आओ.. मैं तब तक चाय बनाती हूँ.. जाओ तुम सामान ले आओ… और मेरे लिए एक विस्पर भी ले आना.. वो ख़त्म हो गया है।

मैं बाजार चला गया और जब थोड़ी देर बाद आया तो वो रसोई में थी। उसने अपने जिस्म पर सिर्फ़ एक तौलिया लपेटा हुआ था।
वो चाय लाई.. फिर हमने पी और वो नाश्ता तैयार करने लगी और मैं नहाने चला गया।

वो और मैं भी घर में सिर्फ़ जॉकी डाल घूमने लगे। हमने साथ में नाश्ता किया और फिर वो घर का काम करने लगी और मैं कमरे में चला गया।
वो तीन घंटे बाद मेरे कमरे में आई वो अभी भी सिर्फ़ तौलिये में ही थी, वो आकर बोली- और जानू.. अब क्या ख्याल है?

यह बोलते हुए उसने अपना तौलिया उतार दिया… अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी, वो मेरी तरफ बढ़ने लगी, उसने मुझे पकड़ा और कहा- अब मेरी बारी है.. तुम्हें चोदने की..
उसने मुझे पकड़ा और अपनी जीभ पूरी मेरे मुँह में डाल दी।

फिर मेरे होंठों को चूसने लगी। वो धीरे-धीरे मुझे बिस्तर पर लिटा कर मेरी चुम्मियां लेने लगी और साथ ही उसने मेरा जॉकी उतार दिया।
अब वो मेरे लंड को बुरी तरह चूसने लगी। मैं पूरी तरह मदहोश हो गया था और मेरे मुँह से सिसकियाँ निकल रही थीं- आह.. आह आह…

वो उन्हें सुन कर और तेज होती गई। फिर लंड को हाथ में पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी और मेरे अन्डकोषों को चूसने लगी। थोड़ी देर बाद मेरे लंड से माल बाहर आ गया और वो उसे चाटने लगी।

लेकिन मेरा लंड अभी भी लोहे की रॉड की तरह मजबूत था। उसने मेरे लंड को पकड़ा और धीरे से उस पर अपने चूत का छेद रख कर ऊपर बैठते हुए उसे अन्दर करने लगी।
तो मैंने कहा- जान कन्डोम?

तो वो बोली- नहीं आज मुझे उसके बिना ही मजा लेना है.. रसगुल्ले को कपड़े में रख कर खाने का क्या फ़ायदा..
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

फिर पूरा लंड अन्दर करके धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होकर उसे अन्दर-बाहर करने लगी और जब वो अन्दर-बाहर कर रही थी.. तो उसकी चूचियों उछाल मार रही थीं। मैंने उसकी चूचियों को पकड़ लिया और जोर से दबाया। फिर उसको खींच कर अपने मुँह के पास ले आया और उका चूचा चूसने लगा। दूसरे हाथ से उसके चूतड़ों को पकड़ कर चूत को लौड़े के ऊपर-नीचे करने में उसकी हेल्प करने लगा।

कुछ देर ऐसा करने के बाद मैं उठा और उसको गोद में उठा कर चोदने लगा।
कुछ देर ऐसे ही चुदाई की.. फिर मैं लेट गया और वो मेरे लंड पर बैठ कर ऊपर से खुद करने लगी।

फिर मैं भी थोड़ा साथ देते हुए ऊपर-नीचे होने लगा। धीरे-धीरे वो तेज-तेज कूदने लगी और चीखने लगी- आअहह.. अह आआहह.. जान.. अया आहह..
फिर वो रुक गई और आगे को झुक गई तो मैं नीचे से ही उछाल मार कर उसे झटके देने लगा और वो भी सिसकियां भरने लगी।

थोड़ी देर बाद वो मुझ से लिपट गई और उसका बदन अकड़ने लगा, मैं समझ गया की लौंडिया झड़ने वाली है.. सो मैंने लंड बाहर निकाल लिया और वो झड़ गई.. साथ में मैं भी झड़ गया और अगल-बगल ही लेट गए।

उस दो दिन में मुझे जितने भी चुदाई के आसन आते थे.. उन हर अवस्था में मैंने उसको चोदा। मम्मी-पापा के आने तक हम लोग कहीं नहीं गए.. सिर्फ़ चुदाई ही करते रहे।

उन लोगों के आने के बाद भी मुझे जब भी मौका मिलता था.. मैं उसकी चूचियों को और गाण्ड को दबा देता था और रात को उसे पूरी रात चोदता था। वो पूरे एक महीना घर पर रही। एक दिन दोपहर को मेरे पास आई और बोली- देखो तुमने क्या कर दिया है..?

दोस्तो.. मेरी यह कहानी आपको वासना के उस गहरे दरिया में डुबो देगी जो आपने हो सकता है कभी अपने हसीन सपनों में देखा हो.. इस लम्बी धारावाहिक कहानी में आप सभी का प्रोत्साहन चाहूँगा। आपको मेरी कहानी में मजा आ रहा है या नहीं.. मुझे ईमेल करके मेरा उत्साहवर्धन अवश्य कीजिएगा।
कहानी जारी है।
मेरी फेसबुक आईडी के लिए मुझे एड करें
https://www.facebook.com/profile.php?id=100010396984039&fref=ts
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top