बहन की चूत चोद कर बना बहनचोद -4

(Bahan Ki Chut Chod Kar Bana Bahanchod-4)

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हैलो दोस्तो, मैं सुशान्त एक बार फिर से आप लोगों के सामने अपने उसी अनुभव के आगे की दास्तान को लेकर हाज़िर हूँ..
अब तक आपने पढ़ा..

मैं ग़लती से अपनी ही बहन सुरभि को चोद कर बहनचोद बन गया। लेकिन यह कहानी है मेरी दूसरी बहन सोनाली के बारे में.. और मेरी सोनाली के बारे में तो आप लोग जानते ही हैं कि वो मेरी छोटी बहन है। उसकी उमर 19 साल है जो भोपाल से बी-टेक कर रही है। अभी वो पहले साल में है। तब उसका फिगर 28बी-24-26 था।

मेरे बारे में तो आप सभी जानते ही हैं कि मैं चोदू मास्टर हूँ… मुझे हर रोज चूत चोदने की आदत हो गई है। दिल्ली में मेरे प्यारी मेघा डार्लिंग थी और कोलकाता या घर पर चोदने के लिए सुरभि हो गई थी।

मैं जब भी घर आता था तो सुरभि घर आ जाती थी.. उसके बाद तो आप समझ ही गए होंगे। एक बार मैं घर आया लेकिन किसी कारण से सुरभि नहीं आ पाई.. तो मैं अकेला.. अपने हाथ से काम चला रहा था और अपने लौड़े के लिए चूत को ढूँढ रहा था। तभी पता चला कि सोनाली घर आ रही है और उसको लाने मैं स्टेशन गया।

मैं खुश हो गया और सोचा कि चलो चूत का जुगाड़ हो गया.. बस अब सोनाली को पटाना बाकी है और अपने हथियार के लिए चूत का जुगाड़ हो जाएगा।

मैं तैयार होकर सोनाली को लाने निकल गया और ट्रेन आने से पहले ही स्टेशन पहुँच कर उसका इन्तजार करने लगा।
जैसे ही वो ट्रेन से उतरी.. मैं उसको देखता ही रह गया।

अब मेरी नज़र एक भाई की नहीं थी.. चूत के शिकारी की थी.. जिसको अपना शिकार दिख रहा था। तब उसने सफ़ेद टॉप और गुलाबी स्किन टाइट जींस पहन रखी थी। जैसे-जैसे वो मेरे पास आ रही थी.. मेरा लंड खड़ा होता जा रहा था।

वो आते ही मेरे गले से लग गई।
मैं भी तो यही चाहता था.. मेरे सीने पर उसकी चूचियों का अनुभव होने लगा, मैंने उसको अपने जिस्म से चिपका लिया और अपने हाथ से उसकी चूतड़ों को सहला दिया।
उसे खुद से अलग करने का मेरा मन तो नहीं हो रहा था.. लेकिन वो कुछ बोलती उससे पहले उसको अलग कर के बाइक पर बिठा दिया।

वो दोनों पैर एक तरफ़ कर के बैठ रही थी.. लेकिन मेरे बोलने पर दोनों पैर अलग करके बाइक पर लड़कों के जैसे बैठ गई और मैंने जानबूझ कर सामान पीछे बाँध दिया जिससे वो और आगे को होकर मुझसे चिपक कर बैठ गई। अब मेरी पीठ को उसके चूचियों का अनुभव होने लगा और पूरे रास्ते उसकी चूचियों की रगड़ ने मेरे लौड़े का हाल बुरा कर दिया था। किसी तरह हम घर पहुँच गए और मैंने जल्दी से अकेले में जाकर अपने हाथ से काम चलाया।

अब मैं कभी भी उसको छूने का मौका जाने नहीं देता था।

एक दिन मैं उसके कमरे में गया तो वो पेट के बल लेट कर लैपटॉप में कुछ कर रही थी, मैं अन्दर गया तो मेरी नज़र उसके चूतड़ों पर से हट ही नहीं रही थी।
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी चूतड़ों पर एक चपत लगा दिया और पूछा- लेट कर कर रही हो?

वो कॉलेज फंक्शन की फोटो देख रही थी।
मैं भी उसी के बगल में लेट कर देखने लगा.. तो उसमें उसका फोटो नहीं था।
मैंने पूछा.. तो वो बोली- मैंने इस फंक्शन के प्रोग्राम में भाग नहीं लिया था।

मैंने कारण पूछा तो बोली- मुझे कोई डान्स सिखाने वाला ही नहीं था।
तो मैं बोला- अरे मुझसे कहती.. मैं सिखा देता।
तो बोली- अभी सिखा दो.. एनुअल फंक्शन में कर लूँगी।
मैं बोला- ठीक है.. मैं सिखा दूँगा.. बदले में मुझे क्या मिलेगा?
तो वो बोली- क्या लोगे?

मैं बोला- जब लेना होगा.. तब वो मैं बाद में बता दूँगा.. बस उस समय पीछे मत हटना..
वो मान गई.. तो मैं बोला- आ जाओ.. मैं अभी ही डान्स सिखाना चालू कर देता हूँ।

वो मेरे साथ आ गई.. और मैंने कुछ स्टेप्स उसको बताए। लेकिन वो जींस पहने हुई थी.. सो नहीं कर पा रही थी। तो मैंने बोला- इन कपड़ों में कुछ नहीं होगा.. मैं कल डान्स के लायक कपड़े ला दूँगा।

अगले दिन मैं घर आया तो घर में कोई नहीं था। पूछने पर पता चला मम्मी-पापा ऑफिस चले गए हैं।
मैं बोला- आओ.. डान्स सिखाऊँ।
वो आ गई.. मैंने उसको कुछ ड्रेस दिए और बोला- जाओ पहले इसे पहन के- आ जाओ।
पहले तो थोड़ी मना करने के बाद रेडी हो गई और कपड़े लेकर चली गई।

जब वो उन कपड़ों को पहन के- आई.. तो मैं देखता ही रह गया। ख़ास करके उसकी नाभि पर से मेरी नज़र ही नहीं हट रही थी।
वो आई और बोली- इतने गौर से क्या देख रहे हो?
मैं बोला- कुछ ख़ास नहीं.. यू आर लुकिंग हॉट एंड सेक्सी!

तो वो शर्मा गई और बोली- चलो डान्स करते हैं।
मैं भी बोला- हाँ आओ..

पहले मैंने उसको कल वाले सारे स्टेप्स करवाए.. फिर मैं उसको नया स्टेप बताने लगा.. उसको करने में कुछ परेशानी हो रही थी.. तो मैं उसकी मदद करने लगा।

मदद तो उसको छूने का और उसके अंगों का मजा लेने का बहाना था।
उसको सिखाते-सिखाते मैंने उसके पेट पर हाथ फेर दिया और वो सिहर गई। तभी मैंने एक उंगली उसकी गर्दन पर फेर दी और तब तक मेरा लंड खड़ा हो कर तंबू बन गया था जो की उसको साफ़-साफ़ दिख रहा था।

तभी एक और स्टेप उससे नहीं हो रहा था तो मैंने उसको बताने के क्रम में उसको पीछे से पकड़ा जिससे मेरा लंड उसके दोनों चूतड़ों के बीच लग गया.. जिसे वो आसानी से महसूस कर सकती थी। साथ ही मैं अपने हाथों से उसके मम्मों को छूने की कोशिश कर रहा था.. लेकिन मुझे हाथ और पेट से ही काम चलाना पड़ रहा था।

उसके मुलायम और मखमली बदन को छूने के बाद मुझे अजीब सा अहसास हो रहा था और यह अहसास इतना अच्छा था कि मैं कुछ ज्यादा ही एग्ज़ाइटेड हो गया था और मैं अपनी इस उत्तेजना में उसकी गर्दन पर किस कर बैठा।

दोस्तो, ऐसे माहौल में किसी लड़की को अगर गर्दन पर किस करो तो वो सिहर जाती है.. मैंने देखा कि लोहा गरम है इस पर हथौड़ा मार देना चाहिए।

अब मैंने एक उंगली से उसकी चूत को कपड़ों के ऊपर से ही सहला दिया। वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि मुझसे चिपक गई।
मैं इतना अच्छा मौका कैसे जाने दे सकता था.. मैंने अपने होंठों को उसके होंठ पर रख दिए और उसने कोई विरोध नहीं किया।
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बस.. अब तो मैं चालू हो गया था.. मेरा हाथ कब से उसके आगे-पीछे के उभारों को दबाने के लिए मचल रहा था। इस खेल में मैं कौन सा पीछे रहने वाला था। मैं सीधे उसकी चूचियों पर पहुँच गया और कपड़ों के ऊपर से ही उसके मम्मों को सहलाने लगा।

कुछ पलों तक ऐसा ही चलता रहा.. फिर जैसे ही मैंने उसके टॉप को खोलने की कोशिश की.. तो उसने मुझे पीछे धकेल दिया और मुझसे अलग हो गई और बोली- ये सब ग़लत है.. तुम मेरे भाई हो.. और भाई-बहन के बीच ये सब ठीक नहीं है।

मैंने उसको बहुत समझाया.. लेकिन वो नहीं मानी और अपने कमरे में चली गई।
मैंने मन ही मन में सोचा- हो गया ना बेटा खड़े लंड पर धोखा.. और उसको पटाने का दूसरा तरीका सोचने लगा।

सो मैं उसको कुछ डान्स वीडियो एक पेन ड्राइव में देने गया और उसी में कुछ पॉर्न वीडियो और एक फोल्डर में भाई-बहन की चुदाई वाली कहानी डाल कर दे दिया और बोला- मैं एक दोस्त के घर जा रहा हूँ.. तुम अन्दर से दरवाजा लगा लो।

उसके सामने तो मैं निकल गया.. लेकिन पीछे के दरवाजे से अन्दर आ गया और देखने लगा वो क्या कर रही है। वो डान्स वीडियो देख रही थी कि बीच मे पॉर्न वीडियो आ गया.. तो वो चौंक गई पर फिर से देखने लगी कि पेन ड्राइव में और क्या क्या है?

तो उसको स्टोरी वाला फोल्डर दिख गया और वो स्टोरी पढ़ने लगी। कुछ ही मिनट बाद मैंने देखा कि वो अपने हाथों से अपनी चूचियों दबाने लगी।

फिर कुछ देर पढ़ते-पढ़ते उसने अपनी चूचियों को बाहर निकाल लिया और खुल कर दबाने लगी। धीरे-धीरे वो अपने कपड़े उतारने लगी और पूरी नंगी होकर कहानी पढ़ने लगी।

उसके नंगे बदन को देख कर मैं भी अपने आपको काबू नहीं कर पाया और उधर वो भी गर्म हो ही गई थी। मैंने भी अपने कपड़े उतारे और उसके कमरे में चला गया।

दोस्तो.. मेरी यह कहानी आपको वासना के उस गहरे दरिया में डुबो देगी जो आपने हो सकता है कभी अपने हसीन सपनों में देखा हो.. इस लम्बी धारावाहिक कहानी में आप सभी का प्रोत्साहन चाहूँगा। यदि आपको मेरी कहानी में मजा आ रहा हो.. तो मुझे ईमेल करके मेरा उत्साहवर्धन अवश्य कीजिएगा।

कहानी जारी है।
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