बेटी ने कुंवारी चूत पापा से चुदवा ली

(Indian college Girl Kunvari Choot Papa se Chudava Li)

मैं शीनम हूँ पंजाब के पटियाला शहर में रहती हूँ। मैं 21 साल की हूँ, मेरा बदन सेक्सी 34-27-36 है।

मेरी पोशाकें देख कर सभी मर्द, बूढ़े जवान आहें भरते हैं।
कॉलेज में भी मेरे ढेरों आशिक थे लेकिन मैंने कभी किसी को घास नहीं डाली, कोई सम्बन्ध किसी से नहीं रखा क्योंकि शुरु से मेरे पापा ने मुझे लड़कों से दूर रहने की हिदायत दे दी थी।

मैंने अभी अपनी ग्रेजु्येशन चण्डीगढ़ से पूरी की है। अब आगे की पढ़ाई के साथ साथ मॉडलिंग लाइन में भी जाना चाह रही हूँ।

अभी तक मैंने थोड़ी बहुत मॉडलिंग की भी है, अभी कुछ दिनों बाद मेरी एक एड लोकल केबल टीवी पर शुरु होगी।

जैसे ही मुझे जवानी चढ़ रही थी मेरी अन्तर्वासना भी बढ़ रही थी।
मैं अपनी चूत में उंगली करती थी और अपनी एक सहेली मीनू के साथ भी लेस्बीयन सेक्स भी करती थी।

लेकिन मैं सदा चाहती रही थी कि कोई बांका मर्द आकर मेरे बदन की सेक्स की प्यास को बुझाए।
लेकिन साथ ही ऐसा करने से डर भी लगता था।

मैं अन्तर्वासना पर सेक्स की कहानियाँ भी पढ़ती हूँ और ब्लू मूवी भी देखती हूँ। इससे मेरी सेक्स की वासना और भड़क उठती है।

मेरी मम्मी काफ़ी वर्ष पहले संसार छोड़ चुकी हैं तो अब घर में मेरे पापा ही हैं, वे 46 साल के हैं, मेरे पापा एकदम तन्दरूस्त जवान लगते हैं और हट्टे कट्टे हैं।

अभी कुछ समय पहले मुझे यह पता चला है कि मम्मी के जाने के बाद पापा दूसरी औरतों, रंडियों को चोद कर अपनी सेक्स की इच्छा पूरी करते हैं तो एकदम मेरे मन में विचार आया कि क्यों ना मैं पापा से ही चुदवा लूँ? हम दोनों का काम हो जाएगा।

लेकिन फिर मेरे दिल ने मुझसे कहा कि ऐसे गन्दे विचार मन में लाना पाप है।
लेकिन मेरी आंखें तो लोगो के लंड पर लगी रहती हैं कि कब पता नहीं कौन सा लंड मेरी किस्मत में होगा, मैं जल्दी से जल्दी चुद जाना चाहती थी।

एक बार मुझे पापा के साथ मेरे पोस्ट ग्रेजुएशन के एंट्रेंस एग्जाम के लिए दिल्ली जाना था, सवेरे जल्दी निकल कर और देर रात तक वापिस लौटना था।
जब हम दिल्ली कॉलेज पहुँचे तो पता लगा कि एग्जाम अगले दिन के लिए पोस्टपोन हो गया है।

हम लोग अपने साथ कोई कपड़े नहीं लाये थे तो हमें अगले दिन भी इन्हीं कपड़ों में रहना था।

अब हम बाप बेटी एक होटल में गये, रूम ले लिया।
मैं बुरी तरह थक चुकी थी तो मैं रूम में चली गई, पापा होटल के रेस्तराँ में जाना चाह रहे थे। मैंने पापा को कहा कि मेरा खाना रूम में भेज दें।

रूम में आकर अपना टॉप निकाल कर लेट गयी क्योंकि अगले दिन भी यही टॉप पहनना था।

तभी मेरे मन में आया कि पापा जब मुझे टॉप के बिना देखेंगे तो क्या होगा?
शायद पापा मुझे डाँटेंगे?

लेकिन पापा के सामने मेरे नंगे बदन का ख्याल आते ही मेरी चूत गीली हो गई, मैं कोशिश कर रही थी कि पापा के बारे में ऐसा ना सोचूँ लेकिन मुझे तो पूरी सनक चढ़ गई, मैंने मन में ठान लिया कि आज तो मैं चुद कर ही रहूँगी चाहे कुछ भी हो जाए।

यह सोच कर पापा को उत्तेजित करने के लिये मैंने अपनी ब्रा भी उतार दी और टॉपलेस हो कर आँखें बन्द करके लेट गई।

कुछ देर बाद पापा कमरे में आये तो मैं आँखें बन्द करके सोने का नाटक करने लगी और जरा सी आँख़ खोल कर मैं पापा का रिएक्शन देखने लगी।

पापा मुझे इस तरह टॉपलेस देख कर भौंचक्के से रह गए और आँखें फाड़ फ़ाड़ मेरे बूब्स देखने लगे।

फिर उन्होंने अपना मुँह फेर लिया और वहीं सोफे पर लेट गए।
मैं यहाँ बिस्तर पर पापा से चुदने को तड़प रही थी।

मैंने देखा कि पापा मुड़ कर मेरी और देखते और फिर घूम जाते!

मैं बिस्तर से उठ कर बाथरूम में चली गई, पेशाब किया और मैंने अपनी जींस भी निकाल दी और बेड पर आकर अपनी टाँगें फैला कर लेट कर पापा की किसी हरकत का इंतज़ार करने लगी।

मुझे मालूम था कि पापा ऐसा बढ़िया मौका नहीं छोड़ेंगे!
पापा तो बड़े चुदक्कड़ हैं, काफ़ी बार मैंने पापा का बड़ा मोटा लंड लुंगी से निकलते देखा है।

अब तो मैं चाह रही थी कि पापा जल्दी से आकर मेरी चूत में अपना लन्ड डालें और मेरी चूत को कुछ तृप्ति मिले।

मैं सोच रही थी कि पापा का काफ़ी मन कर रहा होगा कि आज मेरी चूत की जोरदार चुदाई कर दूँ लेकिन शायद बाप बेटी के रिश्ते के कारण हिचकिचा रहे हों।

मुझे मालूम था कि पापा असल में सोये नहीं हैं, वे सोने का नाटक कर रहे हैं।

अब मेरे से नहीं रहा जा रहा था तो मैं उठ कर उनके पास जाकर सोफे पर ही लेट गइ और उन्हें ज़ोर से बाहों में भींच लिया।

अब पापा पूरे मूड में आ गए, एक गहरा चुम्बन मेरे लबों पर जड़ा।
मुझे बहुत मज़ा आया, अपनी चूत की आग के वशीभूत होकर मैंने कहा- पापाजी, मुझे कली से फ़ूल बना दो, कमसिन लड़की से औरत बना दो, मैं तड़प रही हूँ अपनी अन्तर्वासना में!

पापा बोले- घबरा मत मेरी बेटी, आज तेरे पापा तेरी वो चुदाई करेंगे कि तू आकाश में उड़ने लगेगी और मैं इतने दिनों से आज के दिन की राह देख रहा था, आज तेरे बदन से मैं अपने लंड की प्यास बुझाऊँगा।

पापा ने आदेश दिया- चल बेटी, अब अपने पापा के कपड़े उतार कर नंगा कर!
यह हिन्दी कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

मैंने पापा के पूरे कपड़े उतार दिए, उनकी अंडरवीयर को छोड़ कर!
पापा ने पहले मुझे अपने गले लगाया और कहा- यार शीनम, तू तो बहुत मजेदार चीज हो गई है!
वे मुझे चूमने लगे और मैं सिसकारियाँ भरने लगी थी।

पापा ने मेरे कानों से मुझे चूमना शुरू किया तो मेरे बदन की अग्नि और प्रज्ज्वलित हो उठी।

अब हमारे लब मिले हुए थे और 5 मिनट तक हम ऐसे ही चुम्बन करते रहे।

इसके बाद पापा ने अपना अंडरवीयर उतारा तो उनके लंड को देख कर मैं डर गई, पापा का लंड पूरी तरह ख़ड़ा हुआ था।

पापा मेरे बूब्स को दबाते मसलते रहे और फ़िर अपने लंड को मेरे हाथों में पकड़ा कर मेरे निप्पल चूसने लगे, एक हाथ से निप्पल मसल रहे थे।

मैं भी कामाग्नि से पगला रही थी, नीचे होकर पागलों की तरह पापा के मोटे लंड को चूसने लगी।

पापा जोश में मेरे बूब्स को चूसने में कोई भी कमी नहीं रख रहे थे, बीच बीच में वे मेरे निप्प्लों को दांतों से काटते तो मैं दर्द से चीख पड़ती।

मैंने कहा- पापा धीरे!
तो पापा बोले- अब तू मुझे पापा ना कह… तू तो मेरी रानी बन गई है, अब तुझे वो मिलेगा जो तूने सपने में भी नहीं सोचा होगा।

मैं डर गई कि अब पापा क्या करने वाले हैं।

पापा ने मेरा सिर वापिस अपनी टाँगों के मध्य घुसा दिया, मैं पापा के लंड को जो चूस रही थी तो उन्हें बहुत मजा आ रहा था।

फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए और उन्होंने अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डाली तो मेरा पानी बहने लगा।
मैं खुश होकर उनका लंड आँखे बंद करके चूस रही थी।

पापा बहुत गंदी बातें बोल रहे थे- आज तो तू मेरी रंडी बन गई!
मैंने पापा को टोका- ऐसा गन्दा मत बोलिए।

तो उन्होंने कहा- ऐसी बातों से तो चूत चुदाई का मज़ा दोगुना होता है।

वे मेरी चूत को बहुत जोर से चाट रहे थे, पूरे कमरे में ‘ओअह आह उह उम्म…’ की आवाज़ गूँज रही थी और ये आवाजें हम दोनों बाप बेटी की कामुकता बढ़ा रही थी।

मैं सच में आकाश में उड़ रही थी, मेरी चूत ने पापा के मुँह में अपना पानी छोड़ दिया और वे सारा चूत रस चाट गये।

अब उन्होंने कहा- बेटी, अब तुम्हें औरत बनाने का समय आ गया है।
पापा ने अपने लंड पर कन्डोम चढ़ाया।

तब मैंने उनसे पूछा- पापा, क्या आपका पहले से प्लान था मुझे चोदने का?
तब उन्होंने कहा- तुझे चोदने का तो नहीं लेकिन मैं किसी भी दिन चोदे बिना नहीं रह सकता इसलिए कन्डोम हमेशा रखता हूँ।

तब पापा जो बोले वो सुन कर मैं हतप्रभ रह गई, लंड को मेरी चूत पर रखते हुए उन्होंने कहा- यार, तेरी सहेली मीनू भी तेरी तरह बढ़िया सेक्सी माल है, एक दिन तेरे साथ में उसे भी चोदने का प्रोग्राम रखें?

तब मुझे पता चला कि मेरे पापा तो हर किसी लड़की को चोदने की नजर से ही देखते हैं।
पापा अपना लंड मेरी चूत में घुसाने लगे तो मैं दर्द से चीखी, तो पापा ने कस कर मेरा मुँह बन्द किया और मेरी चूची को दबाने लगे।

धीरे धीरे पापा का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया।
अब उन्होने जोर जोर से धक्के मारने शुरू किए और करीब दस मिनट तक मेरी चूत चोदते रहे।
मैं दर्द के साथ मज़े ले रही थी और अपने चूतड़ ऊपर उछाल उछाल कर कह रही थी- फाड़ डालो मेरी चूत को पापा… अब मैं तुम्हारी हूँ, जो चाहो कर लो. अब मैं सब कुछ करूँगी।

और फिर पापा का ज़ोश धीमा पड़ गया, वे मेरे ऊपर लेट गये उनका लंड चूत में ही था।
दो मिनट आराम करके पापा ने फ़िर से मेरी चूत की चुदाई शुरु की तो मुझे परम आनन्द तक पहुँचा कर दम लिया।

इस तरह से मेरे अपने पापा ने अपनी बेटी यानि मेरी चूत चुदाई का मजा लिया।

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धन्यवाद.

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