कबीर शर्मा

हय्यई… क्या लोड़ा है तेरा

चाची- मैं भी तो तुझे कितनी हिंट देती थी, तुझे झुक झुक क़र अपने चुच्चे दिखाती थी. अपनी कच्छी भी नहीं पहनती थी ताकि तुझे मेरी गांड उछलती हुई दिखे. पर तू कुछ करता ही नहीं था…

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