सांवली सलोनी लड़की की पोर्टफोलियो -3

(Sanwali Saloni Ladki Ki Portfolio-3)

This story is part of a series:

‘नहीं, मैं ये सब नहीं करूँगी, मैं यहाँ फोटो शूट करवाने आई थी और तुम्हारी बातों में आकर मैं तुम्हारे सामने नंगी तक खड़ी हो गई और अब तुम अपना लौड़ा चूसने के लिये कह रहे हो?’

‘चलो ठीक है, अब मेरी बात मत मानो, अदला-बदली कर लेते है।’
‘कैसे अदला-बदली कर लेंगे।’
‘चलो मैं शुरू करता हूँ, पहले मैं तुम्हारी बुर को चूसता हूँ उसके बाद तुम्हें अच्छा लगे तो तुम मेरे लौड़े को चूसना।’
‘क्या तुम मेरी बुर को चूसोगे? यह गंदी जगह होती है।’
‘अच्छा तो तुम भी गंदी हो?’
‘क्यों, मैं क्यों गंदी हूँ?’
‘अरे, तुम भी तो इसी जगह से पैदा हुई हो!’ मैंने उसकी बुर को छूते हुए बोला। और अगर यह गंदी जगह है तो मैं, तुम, सभी लोग गंदे हुए न?’
‘मैं तुमसे नहीं जीत सकती, और तुम जैसा कहोगे अब से वैसा ही मैं करूँगी।’

उसके बाद मैंने शावर को चालू किया और नीचे बैठकर उसकी एक टांग को अपने कंधे से क्रास कराया और अपनी जीभ को उसकी पुतिया पर फिराने लगा।
तभी एक नशीली सी आवाज में शमीना बोली- सक्सेना जी, इसमें भी इतना मजा है, मुझे यह सब मालूम नहीं था। अब मुझे कहीं नहीं जाना हिरोइन बनने, मैं तो अब से केवल आपकी ही हिरोइन हूँ।

जितनी देर मैं चाटता रहा, उतनी देर उसके मुँह से आउह… ओह… पता नहीं कैसी-कैसी आवाज आ रही थी।
फिर वो बोली- सक्सेना जी, मेरी बुर से कुछ निकल रहा है।
दो मिनट बाद वह ढीली पड़ गई, फिर मैंने उसको टायलेट सीट पर बैठाया और अपना लौड़ा उसके मुँह में डाल दिया, चूँकि मैं काफी देर से ये सब कर रहा था तो मेरी बर्दाश्त करने की क्षमता भी खतम हो रही थी, इसलिये मैं जल्दी उसके मुँह में झर गया।

फिर हम दोनों मिलकर नहाये और नहाने के बाद मैंने उससे कहा- तुम बिना कपड़े पहने जितना सज सकती हो, सजो!
कहकर मैंने उसे ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ा कर दिया और अपने हाथ में मैंने घर वाला कैमरा ले लिया और उसकी एक-एक हरकत की वीडियो बनाने लगा।
जब उसने पूरा मेकअप कर लिया तो क्या गजब की लग रही थी।
उसके बाद उसने ऊँची हील वाले सैंडल पहने और मेरे कहने पर वाक करने लगी।

चलते समय उसके कूल्हे ऊपर नीचे होने से मेरे लौड़े में भी फिर से जान आने लगी।
इस समय वो इतनी सेक्सी लग रही थी कि चोदने का मन होने लगा, चूँकि मैं चाहता था कि वो खुद मुझसे बोले कि उसे मेरा लौड़ा अपनी बुर में चाहिये, मैंने अभी उसे चोदने का इरादा छोड़ दिया और उसकी विडियो शूट करने लगा।

फिर मैंने उसे झुकने के लिये कहा, फिर उसके चूतड़ों को फैला कर उसे उसी तरह फैलाने को कहा।
उसने ऐसा ही किया और अपनी गांड को जैसा मैंने कहा था वैसा ही फैला दिया। मैं उसके कूल्हों को चाटने लगा।
इस समय मुझे उसके बदन का हर हिस्से को चाटना अच्छा लग रहा था।

फिर वो खड़ी हुई और बोली- अब तुम भी झुको, मुझे भी तुम्हारे चूतड़ चाटने हैं।

मैं अपनी टांग फैला कर दीवार का सहारा लेकर झुक गया ताकि वो मेरी गांड चाट सके।
फिर वो घुटने के बल बैठ कर वो मेरे चूतड़ चाटने लगी, कभी मेरे टट्टे को अपने मुँह में लेती तो कभी वो मेरे लौड़े को अपने हाथ से मसल देती।

थोड़ी देर चाटने के बाद वो खड़ी हुई और मेरे पीछे चिपक कर मेरे निप्पल को मसलने लगी, कभी वो मेरे निप्पल को मसलती तो कभी मेरे लौड़े को पकड़ कर आगे पीछे करती।
पंद्रह मिनट तक उसके ऐसा करते रहने से मेरे वीर्य निकलने लगा जिसको वह अपने दोनों हाथों में लेकर चाटने लगी।
मेरा वीर्य चाटने के बाद उसने अपना हाथ अपनी बुर के अन्दर डाला और अपने माल निकाल कर मुझे चटाने लगी।
इस तरह पहली पारी में हम दोनों ने ही अट्टे-पट्टे वाला हिसाब किया।

अब केवल उसके मुँह से मुझे चोदना शब्द सुनना था। मैं सोच ही रहा था कि तभी वो बोली- क्यों शरद, हम लोग एक दूसरे को केवल चाटेंगे या इसके आगे कुछ और भी करेंगे?
‘और क्या करना है?’
वो इशारा करते हुए बोली- इसको मेरे इसके अन्दर डाल दो।
मैंने कहा- ऐसे बोलो कि शरद मुझे चोदो, मैं चुदना चाहती हूँ।
‘अच्छा बाबा, चलो अब तुम मुझे चोदो! मेरी बुर में बहुत तेज खुजली हो रही है, इस खुजली को मिटा दो।’

जब वो चुदने वाला शब्द बोली तो पता नहीं मुझे उस पर बहुत प्यार आया, मैंने उसे बाहों में भरा और उसकी पीठ सहलाते हुए उसे बिस्तर पर ले जाकर लेटा दिया, फिर तकिया लेकर उसकी कमर के नीचे रख दिया, ऐसा करने से उसकी बुर का छेद मेरे लण्ड से टकराने लगा।

अब तक की उसकी हरकत से मुझे पता चल चुका था मुझसे ही उसका शील भंग होगा, मैंने क्रीम ली और अपने लण्ड में लगाई और थोड़ी क्रीम उँगली से लेकर उसकी बुर के अन्दर लगाने लगा।
तभी शमीना बोल उठी- क्रीम को अन्दर क्यों लगा रहे हो?
मैंने कहा- ताकि लौड़ा आसानी से अन्दर चला जाये।

कहकर मैंने अपना लौड़ा सेन्टर पर सेट किया और एक झटके से अन्दर डाल दिया।
शमीना चीख के साथ मुझसे अलग होने की कोशिश करने लगी और रो कर बोलने लगी- मुझे नहीं चुदवाना है, मुझे छोड़ दो, मुझे छोड़ दो।
लेकिन उसकी बात को ध्यान दिये बिना मैंने अपने होठों को उसके होठों से मिलाया और उसकी चूची को जोर-जोर से दबाने लगा ताकि उसका ध्यान बँट जाये, इधर मेरे लौड़े में भी जलन होने लगी थी।
दो-तीन मिनट के बाद जब शमीना का जिस्म ढीला पड़ने लगा तो मैंने उससे बोला- एक बार दर्द और बर्दाश्त कर लो, उसके बाद मजे ही मजे…
और दूसरा झटका और जोर से दिया और मेरा पूरा का पूरा लण्ड उसकी बुर के अन्दर घुस गया।
उसने अपने होठों को चबा लिया लेकिन चीखी नहीं, उसकी आँखों से आँसू निकल आये।

फिर थोड़ी देर तक मैं उसकी चूचियों से खेलता रहा और जब उसने मेरे पीठ और बालों को सहलाना शुरू किया तो मैं समझ गया कि अब यह चुदना चाहती है।
मैंने लौड़े को जब बाहर निकाला तो उसकी बुर ने खून छोड़ दिया, लेकिन मैंने तुरन्त ही अपना लौड़ा उसकी बुर में डाल कर धक्के लगाने लगा।

उसको भी अहसास हो गया था कि उसकी बुर से कुछ निकला है, वो पूछ बैठी लेकिन मैंने उसका ध्यान हटाने के लिये धक्के पर धक्के मारने लगा और अब वो भी मेरा साथ देने लगी- शरद, मजा आ रहा है, धक्के मारते रहो, मेरे बुर की खुजली इसी से मिटेगी…
‘आह…हू हो आह… हू… हो आह, हू हो…’ की आवाज बड़ी मोहक तरीके से आ रही थी।

‘मुझे लग रहा है कि मेरे अन्दर से कुछ निकलने वाला है!’ कहकर उसने अपने दोनों पैरों से मुझे जकड़ लिया और शांत पड़ गई, मैंने भी पाँच-दस धक्कों के बाद अपना वीर्य बाहर निकाल दिया।

वो अपनी आँखें बन्द करके लेटी हुई थी, मेरा लण्ड निकलते ही उसने अपनी आँखें खोली और मेरे लण्ड पर नजर पड़ते ही बोली- यह खून कैसा?
और उठ बैठी।
‘यह मेरे और तुम्हारे मिलन का नतीजा है।’
‘तो इसका मतलब क्या हुआ?’
‘इसका मतलब तुम्हारी सील टूट गई है और अब तुम जिसका चाहो, उसके लण्ड से खेल सकती हो।’
कहकर मैंने उसको गोदी में लिया, बाथरूम में गया, उसकी बुर को पानी से धोया और बोरोलिन लगा दिया ताकि उसको दर्द न हो।

लेकिन जब उससे चला नहीं जा रहा था तो वो रोने लगी, बोलने लगी- जब घर में पूछेंगे तो क्या बताउँगी?
क्योंकि मुझे गांड मारने में भी बड़ा मजा आता है और चिकनी गांड तो मजा देती है, तो मैं सोचने लगा अगर शमीना चली गई और फिर न मिली तो काम अधूरा रह जायेगा, इसलिये मैंने तुरन्त ही उसको अपने से चिपकाया और उसके गांड पर हाथ फेरते हुए बोला- जिस तरह तुमने मेरे लण्ड अपनी बुर में लिया, उसी तरह अपनी गांड में भी ले लो तो तुम लंगड़ा कर नहीं चलोगी और फिर कोई तुमसे नहीं पूछेगा।
कहकर मैंने अपना दांव चला क्योंकि मैं यह मौका जाने नहीं देना चाहता था।
लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थी, बोली- जिस तरह आगे लेने से दर्द हुआ था, उसी तरह से पीछे दर्द होगा।

तो मैंने उसकी गांड में उँगली करते हुए समझाया कि जिस तरह से बुर में लण्ड डालने से पहले उसको चाटा था और उस पर क्रीम लगाई थी, उसी तरह तुम्हारी गांड में लण्ड डालने से पहले करूँगा।
‘छीः वहाँ से टट्टी की जाती है।’
‘तो क्या हुआ, बुर से पेशाब तो करती हो या नहीं?’

बड़ी मुश्किल से शमीना तैयार हुई, उसको समझाते समझाते मेरे लौड़ा खड़ा हो गया और उसके पेट से टकराने लगा।
‘यह तुम्हारा लण्ड फिर से कैसे खड़ा हो गया?’ कहकर उसको पकड़ा।
मैंने उससे कहा- तुम्हारी गांड के अन्दर जाने के लिये मचल रहा है।
इतना सुनते ही वो बोली- ठीक है, अभी हम लोगों के पास एक घंटे का टाईम और है। चलो इसकी मर्जी पूरी कर देती हूँ।
कहकर नीचे घुटने के बल बैठी और एक अनुभवी की तरह मेरे लौड़े के आगे के हिस्से को अपनी जीभ से चाटने लगी, फिर जमीन पर पेट के बल लेट गई और गांड को फैला कर बोली- लो अपने लण्ड की इच्छा पूरी कर लो।

मैंने तुरन्त ही उसके खुले छेद को थूक से भर दिया और चाटने लगा, उसकी गांड चाटने से उसको गुदगुदी होने लगी, उसको और मजा आने लगा तो वो बोली- पहले मैं भी तुम्हारी गाण्ड चाटूँगी फिर तुम मेरे गांड में अपना लण्ड डाल देना।
कहकर वो उठी।

मैं उसकी जगह पर लेट गया अपनी गांड के छेद को खोल दिया, जिस तरह मैंने उसके गांड को थूक से भर दिया उसी तरह उसने भी मेरी गांड को थूक से भर दिया और चाटने लगी, फिर अपनी चूची को मेरे गांड में डालकर मेरी गांड मारने की कोशिश करने लगी।
मैंने भी उसकी इस कोशिश का जवाब ‘आह… ओह…’ करके दिया ताकि उसे लगे कि इसमें भी मजा है।

अब मेरे बर्दाश्त से बाहर होने लगा तो गुस्से में बोला- मादरचोद गांड ही चाटोगी या अपने गांड में लौड़ा भी डालने दोगी?
‘ओह मेरे राजा, गुस्सा क्यो होते हो। गांड मरवाने में जो दर्द होगा उसको सहन करने की कल्पना कर रही हूँ। तुम्हारा क्या, तुम तो अपना लौड़ा मेरी गांड में डाल दोगे, और मेरी गांड फट जायेगी।’

फिर मैंने प्यार से समझाया और उसको पेट के बल लेटाया, गांड खोलने को कहा, काफ़ी सारी बोरोलीन क्रीम उसकी गांड में उड़ेल दी और उँगली से अन्दर तक डाल दिया, और बची खुची क्रीम अपने लौड़े में लगाई और एक झटके में मैंने अपना लौड़ा उसकी गांड में पेल दिया।

लौड़ा पेलते ही वो चीख उठी, उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे और वो मुझे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश कर रही थी और जितनी गाली वो दे सकती थी मुझे दे रही थी- मादरचोद मेरी गांड फाड़ दी, अपना लौड़ा अपनी गांड में डाल देख दर्द होता है या नहीं। लेकिन मैंने उसे अपनी गिरफ्त से जाने नहीं दिया।

और जब उसने अपने को हल्का सा ढीला छोड़ा तो मैं लौड़े को हल्के हल्के आगे पीछे करने लगा और जैसे ही मुझे लगा कि उसकी गांड इतनी ढीली हो चुकी है कि एक बार कोशिश से पूरा लौड़ा उसके गांड में उतारा जा सकता है तो मैंने दूसरा झटका दिया और पूरा का पूरा लौड़ा उसके गांड के अन्दर।

वो बोली- भोसड़ी के, गांड तो ऐसे मार रहा है कि मेरी जान ले लेगा। एक बार मुझे छोड़ तो सही अपनी बुर से तुझे मूत नहीं पिलाया तो कहना।
‘बस एक बार बर्दाश्त कर ले और मुझे तेरी गांड का मजा लेने दे, तो तेरी भी इच्छा पूरी कर दूँगा। तू मुझे मूत पिलायेगी तो मैं पी लूंगा।’
कहकर मैंने उसके गांड से आधा लण्ड निकाला और फिर से अन्दर डाल दिया।

‘शरद मुझे छोड़ दो, नहीं तो मैं मर जाऊँगी। देख तूने मेरी बुर चोदी और तेरे कहने पर मैंने दर्द को सह लिया था अब तुम मेरी बात मान जाओ। मुझे जाने दो प्लीज!’
लेकिन उसकी बात का मेरे ऊपर कोई असर नहीं था।
मैंने उससे पूछा- जब बुर में लौड़ा घुसा था तब दर्द ज्यादा हुआ था कि अब गांड में?

इसी तरह की बात करते करते उसको फुसलाता रहा और अब लगा कि वो तैयार है तो मैंने धीरे-धीरे आगे-पीछे करना शुरू किया।
जैसे में लण्ड निकालता, ‘उईई मा…’ की आवाज आती और जैसे ही मैं लण्ड डालता तो सीसी की आवाज करती।

धीरे-धीरे उसको मजा आने लगा और वो मेरा साथ देने लगी। और जब तक उसकी गाण्ड का बाजा बजाता रहा उसने भी मेरा बड़ा साथ दिया।
जब उसके गाण्ड की चुदाई हो गई तो वो बाथरूम की तरफ लंगड़ा कर जाने लगी तो मैंने उससे पूछा तो बोली- पेशाब करने जा रही हूँ लेकिन चला नहीं जा रहा है।
तो मैं बोला- तो क्या हुआ, मुझे मेरा वादा याद है, तुम चाहो तो पेशाब मेरे मुंह में कर सकती हो!
वो बोली- नहीं, तुमने मुझे मजा दिया है। वो तो मैं गुस्से में बोल गई थी, बस मुझे गोदी में उठा कर बाथरूम तक ले चलो।

मैंने उसे गोदी में उठाया और बाथरूम में ले गया।

इस प्रकार शमीना मुझसे चुदी और अब वो मुझसे चुदने के लिये बेताब रहती है।
अगली कहानी का इंतजार कीजिये कि शमीना ने मेरे साथ क्या-क्या किया।
तब तक बाय-बाय!
तो दोस्तो मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे नीचे दिये ई-मेल पर अपनी प्रतिक्रिया भेजें।
आपका अपना शरद
[email protected]

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