ननद भाभी-1

(Nanad Bhabhi- Part 1)

प्यारे दोस्तो, मैं हैदराबाद से सुनील, उम्र 25 साल, अविवाहित, एक कम्पनी में नौकरी करता हूँ और अपने परिवार के साथ रहता हूँ।

मेरे परिवार में मेरे पिताजी, मम्मी और एक मेरा बड़ा भाई शादीशुदा है, दो साल पहले ही उसका तबादला चेन्नई में हुआ है। हम सब साथ में ही रहते हैं।

जिस फ्लैट में हम रहते हैं वो तीसरी मंजिल पर है और चौथी मंजिल पर एक परिवार रहता है, हमारे उनके साथ सम्बन्ध बहुत अच्छे हैं, हम उनको राज अंकल की फ़ैमिली कहते थे, उनके परिवार में राज अंकल 45 साल के, उनका एक लड़का गिरीश 24 साल का शादीशुदा, उसकी पत्नी रीना, उम्र लगभग 23 और एक लड़की 18 साल की नाम है डिम्पल।
डिम्पल बीएससी कर रही है।

राज अंकल का लड़का बिजनेस मैन है और ज्यादातर टूर पर रहता है, समझ लीजिए कि महीने में 8 से 10 दिन का टूर रहता है।

बात तब की है जब मेरे भाई का तबादला हुआ, मेरे मम्मी पापा भी साथ में गए थे उनका घर सेट कराने के लिए, मैं घर में अकेला था। तब मेरी मम्मी राज अंकल की पत्नी और बहु रीना को कह गई कि सुनील का ख्याल रखें।

तो रीना भाभी ने कहा- मैं रोज़ सुबह उसको चाय और नाश्ता दे दूँगी, आप बेफिक्र होकर जाएँ।
मम्मी-पापा भाई के साथ चले गए 15 दिन के लिए।

अगले दिन सुबह मेरे घर भाभी का फ़ोन आया, भाभी बोली- सुनील भाई, जल्दी से आ जाओ, सब लोग आपका इंतज़ार कर रहे हैं नाश्ते के लिए!

मैं ऊपर नाश्ता करने चला गया। हम लोगों ने नाश्ता ख़त्म किया ही था, मैं चाय पी रहा था, तब दरवाजे की घण्टी बजी और एक 60-62 साल का आदमी था और राज अंकल को देख कर बोले- भाई साहब, आपको समाचार मिला या नहीं?
तो राज अंकल ने कहा- नहीं!

तो उस आदमी ने राज अंकल के पास में आकर धीरे से कुछ कहा तभी राज अंकल ने कहा- आप लोग गाड़ी लेकर आएँ, मैं और मेरी बीवी भी आपके साथ चलते हैं।

तभी राज अंकल अपनी पत्नी के पास जाकर बोले- तुम सामान पैक करो, हमें अभी गाँव जाना है, वहाँ पर सात से दस दिन रहना पड़ेगा।

तभी आंटी ने कहा- गिरीश भी टूर पर गया है, घर में कोई नहीं है।
राज अंकल ने गिरीश को फ़ोन लगाया, पूछा- कब आ रहे हो?
और जल्दी आने को कह कर फ़ोन काट दिया, आंटी से बोले- गिरीश भी दो दिन में आ जाएगा।

अंकल और आंटी ने मुझसे कहा- बेटा, तुम दो दिन के लिए हमारा घर का ध्यान रखना और हो सके तो तुम रात को सोने यहीं आ जाना!
और वो लोग एक घण्टे के अन्दर चले गए।

मैं जल्दी से चाय पीकर अपने फ्लैट पर आ गया और दस मिनट के बाद ही भाभी ने दरवाजे की घण्टी बजाई, भाभी ने बताया- आपको पापा ने फ़ोन करने को कहा है।
मैंने उनसे तुरंत नम्बर लिया और पूछा- अंकल, क्या काम है?
तो बोले- बेटे, तुम आज से रात को मेरे घर पर ही सोना!

तभी आंटी ने फ़ोन लिया और कहा- बेटे, तुम हमारे घर का ख्याल रखना और किसी चीज़ की जरुरत हो तो ला देना।
मैंने कहा- आंटी डोंट वरी! मैं पूरा ध्यान रखूँगा।

और फ़ोन रख दिया और भाभी को बताया कि मुझे अंकल ने कहा है आपके घर पर रहने के लिए।
भाभी चली गई।

मैं तैयार हो कर ऑफिस चला गया और शाम को करीब 6 बजे घर आकर निक्कर-टीशर्ट पहन ली।
तभी डिम्पल मेरे फ्लैट पर आई, मुझे पूछा- भैया, आप रात को खाने में क्या पसंद करेंगे?

मैंने कहा- मैं आज नहीं खाऊँगा। रात को आपके घर पर नौ बजे आ जाऊँगा।

उसने मुझ पर जोर डाला लेकिन मैंने कहा- मैं आज नहीं कल जरूर आपके साथ रात का खाना खाऊँगा।
डिम्पल चली गई।

रात को लैपटॉप लेकर मैं उनके घर चला गया और वो दोनों मतलब भाभी और डिम्पल मेरा इंतज़ार कर रही थी। जैसे ही मैंने घण्टी बजाई तो डिम्पल ने दरवाजा खोला और मुझे अन्दर आने को कहा।

मैं जैसे ही अन्दर गया तो भाभी ने पूछा- जी, आप किया पीना पसंद करेंगे चाय, दूध या फ्रूट जूस?
मैंने कहा- जी मैं चाय ले लूँगा।
भाभी चाय बनाने रसोई में चली गई तो मैंने डिम्पल से पूछा- मेरा कमरा कौन सा रहेगा?

डिम्पल ने मुझे कमरा दिखाया और डिम्पल के पीछे पीछे कमरे में चला गया और लैपटॉप चार्ज करना लगा कर हॉल में सोफा पर बैठ गया।
मैं आपको बता दूँ कि हमारी इमारत में सब फ्लैट तीन तीन कमरे के हैं।
भाभी मुझे चाय देकर मेरे पास में बैठ गई और वो भी चाय पीने लगी।
मैंने चाय खत्म की और भाभी से कहा- मुझे एक जग या बोतल पानी चाहिए।

भाभी उठी और एक जग भर कर पानी दिया। मैं हॉल में टी.वी देखने लगा और मेरे साथ में डिम्पल और भाभी भी टी.वी. देखने लगी और साथ में बातें करने लगी।
मैंने घड़ी देखी तो साढ़े दस बज रहे थे, मैंने कहा- अब हमें सोना चाहिए।
रात को करीब दो बजे मुझे प्यास लगी तो मैं पानी पीने उठा तो याद आया कि मैं जग तो हॉल में ही भूल गया हूँ।

हॉल में आया तो देखा कि हॉल की लाइट जल रही थी और भाभी के कमरे में भी लाइट जल रही थी। मैं दबे पांव भाभी के कमरे के करीब गया और चाबी के छेद से अन्दर झांकने लगा।

जैसे ही मैंने अन्दर देखा, मैं घबरा गया। मैंने देखा कि अन्दर दोनों ननद भाभी नंगी 69 की अवस्था में एक दूसरी की चूत चाट रही थी। मैं कुछ देर ऐसे ही देखता रहा, फिर मैं सोने चला गया।

अपने कमरे में मैं उन दोनों के बारे में सोच रहा था और कब नींद आई पता नहीं चला।

जब भाभी ने मुझे अगले दिन उठाया तो देखा भाभी एक सेक्सी गाउन पहने हाथ में चाय लेकर खड़ी हैं, गाऊन का ऊपर का बटन खुला था। मैं तो देख कर ही जल्दी से बैठ गया और गुड मॉर्निंग कहा।
चाय हाथ में लेकर भाभी से कहा- आप बहुत सुन्दर दिख रही हो इस गाउन में!

गाउन गुलाबी रंग का था और एकदम झीना, आर-पार दिखाई देने वाला।
भाभी ने ब्रा भी नहीं पहनी थी क्योंकि उनके चुचूक साफ साफ दिखाई दे रहे थे।

मैंने भाभी को चाय के लिए धन्यवाद कहा और अपने घर आने लगा और जैसे ही चलने लगा तो देखा कि डिम्पल भी वैसा ही मगर दूसरे रंग का गाऊन पहने थी।
मैंने उसको भी कहा- यू आर लूकिंग चार्मिंग एण्ड नाइस इन दिस ड्रेस!

और बाय बोल कर चला आया अपने फ्लैट पर, जल्दी से नहा कर ऑफिस जाने के लिए तैयार हो गया। जैसे ही मैं ऑफिस जाने लगा और फ्लैट को लोक किया तो भाभी का फ़ोन आ गया और मुझसे नाश्ते के लिए कहा।
मैं फ़िर उनके घर पर नाश्ते के लिए गया।

पूरा दिन ऑफिस में मेरा मन नहीं लगा और उन दोनों के बारे में सोचता ही रहा तो आधे दिन छुट्टी लेकर होटल में खाना खाकर जल्दी ही घर आकर में अपने कमरे में लेट गया।

शाम को लगभग सात बजे मुझे लगा कि कोई घण्टी बजा रहा है। मैं हड़बड़ा कर उठा और जैसे ही दरवाजा खोला तो देखा कि भाभी खड़ी थी।

मैंने उनको अन्दर आने के लिए तो बोला तो भाभी बोली- नहीं, मैं कहीं जा रही हूँ, आप खाना कब खाएँगे?
मैंने कहा- जी एक घण्टे के बाद चलेगा!
तो भाभी बोली- ठीक है, मैं एक घंटे के अन्दर आ जाऊँगी।

एक घण्टे तक टी.वी देखा तभी डिम्पल मुझे खाना खाने के लिए बुलाने आ गई। मैंने घर बन्द किया और डिम्पल के साथ उनके घर चला गया।
खाना डाईनिंग टेबल पर लग चुका था, भाभी ने कहा- आओ!
हम साथ बैठ कर खाना खाने लगे और साथ ही हम लोगों ने बहुत सारी बातें की।

भाभी ने मेरी निजी जिंदगी के बारे में पूछा लेकिन मैंने ज्यादा नहीं बताया, मैं ऑफिस की दो लड़कियों चोद चुका था पर मैंने उनको नहीं बताया।

मैंने भाभी और डिम्पल से पूछा तो उन दोनों ने कुछ नहीं बताया, बिल्कुल सती-सावित्री की तरह बनने लगी। मैंने भी जोर नहीं किया।
मैंने खाना ख़त्म किया, भाभी से पूछा- मैं कुछ मदद करूँ?

तो डिम्पल ने कहा- नो थैंक्यू!
और मैं हॉल में टी.वी. देखने सोफे पर बैठ गया।

कुछ देर टी.वी. देखने के बाद मैंने डिम्पल से गुड नाईट कहा और सोने चला गया, दरवाजा बन्द किया। आज मैंने पानी नहीं लिया क्योंकि मुझे मालूम था कि कल की तरह मुझे लाइव शो देखने को मिलेगा।
और मैं एक बजने का इंतज़ार करने लगा।

जैसे ही घड़ी में 12.30 हुए, दरवाजे की घण्टी बजी और मैं सोचने लगा- इस वक्त कौन आया होगा?
मेरे मन में तरह तरह के सवाल उठ गए लेकिन जैसे ही मैंने कमरे का दरवाजा खोला तो देखा कि भैया आए हुए हैं।
मैं फ्रिज से पानी की बोतल निकाल कर पीने लगा।

भैया ने मुझसे बोला- कैसा है सुनील?
मैंने कहा- मैं ठीक हूँ भाई, आप कैसे हैं?
तो बोले- ठीक हूँ।
मैं अपने घर जाने लगा और भाभी से कहा- मैं अपना लैपटॉप कल ले जाऊँगा।

तभी भाभी ने भैया से कहा- सुनील को पापा ने कहा था कि आपके आने तक ये हमारे घर पर हमारे यहाँ ही सोएँगे तभी ।
मैं भाभी और भैया को बाय बोल कर अपने घर पर जाने लगा।
तभी भैया ने मुझे रोक कर कहा- अब मत जाओ, सुबह चले जाना।

बहुत जोर देने पर उनके घर पर रुका और मैं और भैया सोफे पर बैठ कर बातें करने लगे।
तभी भैया ने कहा- मैं दो दिन के लिए आया हूँ, परसों सुबह जहाज से मुंबई चला जाऊँगा। मुझे जाना बहुत जरूरी है, कम से कम दो दिन के लिए!

भाभी ने खाने के लिए पूछा तो भैया ने कहा कि वो खाना खाकर आएँ है और चाय के लिए कहा।
तब तक डिम्पल भी जाग गई और भाई से बात करने लगी।
भाभी चाय लाई, हम चारों ने चाय पी और भैया ने कहा- मैं सोने जाता हूँ।

भैया अपने कमरे में चले गए और डिम्पल ने मुझे कहा- अगर आपको बुरा ना लगे तो आप पापा के कमरे में सो जाएँ।
मैंने कहा- ठीक है।
मैं उसके पापा के कमरे में चला गया और डिम्पल अपने कमरे में!

बीच रात में मैं बाथरूम जाने के लिए उठा। इस कमरे में बाथरूम नहीं था बाकी के दोनों के कमरों में बाथरूम साथ में था। इसलिए जब मैं हॉल में आया तो मेरे होश उड़ गए और मेरा लण्ड खड़ा हो गया।
दूसरे भाग में समाप्त!
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