शाकाल और नंगी हसीनाएँ-3

सोफे पर बैठ कर हम लोग दोनों का नाच देखने लगे। दो मिनट बाद नाचते नाचते उन्होंने ब्लाउज उतार दिये और चूचियाँ तरह तरह से हिला कर हमें दूर से गर्म करने लगी। हम लोगों के लण्ड फिर टन-टन करने लगे थे। दोनों बीच बीच में मेरी और शाकाल की गोद में आकर लेटने लगीं। हम लोग उनके भोंपू बजाते और लहंगे में हाथ डालकर उनकी नंगी चूत छूते तो वो उठकर चालू तरीके से भाग जातीं।

3-4 बार ऐसा करने के बाद वो हमारे ऊपर थोड़ी ज्यादा देर के लिए लेटीं। इस बीच मैंने निशा की चूत अच्छी मसल दी और उसके लहंगे का नाड़ा खोल दिया। वो उठकर भागी, उसने जान कर लहंगा नीचे गिरा दिया उसकी चमचमाती चिकनी चूत सब के सामने खुलकर आ गई। सपना ने भी अपना लहंगा उतार दिया उसकी चूत पर काली झांटें स्टाइल में कटी हुई थीं। दोनों अब नंगी थीं।

नंगी होने के बाद दोनों जमीन पर लेट गईं और कभी अपनी टांगों में चूत छिपा लेतीं, कभी टांगें चौड़ी करके पूरी चूत दिखा देतीं। दोनों का नृत्य बहुत गर्म था। मेरे और शाकाल के लण्ड पूरे खड़े हो रहे थे। रूचि और रंजना भी नाच के मज़े ले रही थीं। बीस मिनट तक दोनों ने नंगा नाच किया, इसके बाद गाना बंद हो गया। सपना मेरी जांघों पर और निशा शाकाल की जाँघों पर आकर बैठ गई।

उमा ने उँगलियों से चूत बनाई और आँख मार कर मुस्कराते हुए बोली- इन दोनों ने इतना अच्छा नाच दिखाया, इनको इनाम तो दे दो।

डांस बंद हो गया था, शराब ख़त्म हो रही थी। उमा ने फ़ोन करके दो गुण्डों से अन्दर बोतल लाने को कहा। हमने सपना और निशा को गोद में उठाया और पास में पड़े गद्दों पर लिटा दिया। दोनों ने अपनी टांगें चौड़ी कर दीं और चोदने का इशारा करने लगीं।

शाकाल ने सपना की चूत में अपना लण्ड घुसा दिया और मैंने निशा की चूत मैं लण्ड पेल दिया। एक बार फिर चुदाई का खेल शुरू हो गया था। दोनों खेली खाई रण्डियाँ थी, चुदने पर सेक्सी आहें भर रही थीं जो हम लोगों का नशा दुगना कर रही थीं।

तभी दो गुण्डे चार बोतल लेकर अन्दर आ गए, उमा ने बोतल अन्दर रखवा दी और उनसे रूचि और रंजना की चूचियाँ मलने को बोल दिया। दोनों सोफे के पीछे जाकर रूचि और रंजना की चूचियाँ दबाने लगे।

उमा ने हम लोगों को इशारा किया हम लोगों ने लण्ड बाहर निकाल लिए।

उमा बोली- रूचि को भी तो मज़े कराओ।

उमा ने सब को अलग किया उसने रूचि और रंजना की टांगें सोफे के दोनों किनारों पर गुण्डों से चौड़ी करवा के बैठा दिया। दोनों की चूत पूरी खुली हुई दिख रही थी। उमा ने निशा का मुँह रूचि की चूत पर और सपना का मुँह रंजना की चूत पर लगा दिया। दोनों झुककर उनकी चूत चूसने लगीं।

गुण्डों ने सोफे की बगल से रूचि और रंजना के मुँह में अपने लण्ड डाल दिए, दोनों ने बिना देर किये उन्हें अपने मुँह में लपक लिया और दोनों लॉलीपॉप की तरह लण्ड चूसने लगीं।

उमा ने मुझे अब सपना की चूत और शाकाल को निशा की चूत पेलने का इशारा किया। शाकाल ने उमा की पप्पी ली और बोला- उमा रानी, सच, तुम्हारा जवाब नहीं ! चुदाई की गुरु हो !

हम दोनों जाकर सपना और निशा की चूत पीछे से चोदने लगे। सपना और निशा रूचि और रंजना का चूत रस चूस रही थीं और अपनी चुदाई का मज़ा ले रहीं थीं। दोनों ने अपनी जीभ रूचि और रंजना की चूत में अन्दर तक घुसा रखी थी। चार लौड़े चार चूतों से खेल रहे थे। चारों औरतें मज़े कर रहीं थी। कुछ देर हमने दोनों की चुदाई की, इसके बाद शाकाल ने मुझे एक इशारा किया।

मैंने लण्ड निकाल कर सपना की गाण्ड में और शाकाल ने निशा की गाण्ड में डाल दिया। निशा और सपना की गाण्ड फटी हुई थी, लण्ड आराम से सरकते हुए अन्दर घुस गए लेकिन 8-8 इंची लण्ड दोनों को रुलाने के लिए काफी थे। दोनों ने रूचि और रंजना की चूत चूसना छोड़ दिया और चिल्लाने लगीं। उनकी गाण्ड फट गई थी, दोनों तेजी से चिल्लाने लगीं- आई ! ऊह ! मर गई ! मर गई !

उमा चीखी- चोद रण्डियों को ! नखरा कर रही हैं ! फाड़ दे कुतियों की !

मैं और शाकाल एक कुशल चोदू की तरह उनकी गाण्ड मार रहे थे। थोड़ी देर में चीखें सिसकारियों में बदल गईं। दोनों की गाण्ड में लौड़ा सरपट दौड़ रहा था। हम दोनों ने दस मिनट उनकी गाण्ड तेज धक्कों से मारी, इसके बाद अपने लण्ड सपना और निशा की गाण्ड में खाली कर दिए। दोनों हसीनाएं दुखती हुई गाण्ड लेकर बाहर चली गईं।

इस बीच रूचि और रंजना ने अपने गुण्डे बदल लिए थे, दोनों अपनी चूत मैं ऊँगली घुसाए हुए अपने गुण्डों के लण्ड चूस रही थीं।

उमा रूचि और रंजना के गुण्डों से बोली- तुम कुत्तों का भी चोदने का मन कर रहा होगा ! इस रंजना की चोद दो ! रुचि की चूत तो है सिर्फ़ राजीव जी के लिए। लेकिन अपना वीर्य रुचि को ही पिलाना।

रंजना ने रूचि की चूत में मुँह लगा दिया, पीछे से एक गुण्डे ने अपना लौड़ा रंजना की चूत में घुसा दिया, दूसरा रूचि से अपनी मुठ मरवाने लगा।

उमा बोली- रूचि, तू दोनों मुस्टंडों का वीर्य मस्त होकर पीना। तुझे मंच पर भी नंगी कराकर 2-3 गुण्डों का लण्ड चुसवाना है। खुले में जब रस सभी के सामने पीओगी तो तेरी शर्माने की आदत हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।

दोनों गुण्डों ने बारी-बारी से रंजना को चोदा और झड़ने के समय अपना लण्ड रूचि के मुँह में डाल दिया। रूचि को रण्डीखाने का मज़ा आने लगा था, बिना ना-नुकुर के उसने अपना मुँह खोला और वीर्य की आखरी बूँद तक मुँह में बड़े आराम से पी गई।

रात के बारह बज रहे थे, उमा बोली- शाकाल जी साढ़े बारह बजे से नग्न मुजरा शो शुरू हो जाएगी, मैं जरा बाहर जाकर तैयारी देखती हूँ। रूचि चल मेरे साथ ! आ तेरे को भी थोड़ा सजवाती हूँ और रण्डीबाजी सिखाती हूँ ! आजकल थोड़ी बहुत रण्डीबाजी हर औरत को आना जरुरी है। रंजना तू यहीं रह और साहब लोगों की सेवा कर।

उमा और रूचि बाहर चले गए।

शाकाल ने बताया- तीन मुजरे होंगे, दो मुजरों में शरीफ औरतें शीतल और राखी नंगी होंगी, एक मुजरा रण्डियों रेशमा और रचना का होगा, डांस कैसे करना है, यह सब उमा देखती है। 40 लोग इसे देखते हैं, 5000 रुपए आगे की सीटों के हैं, 4000 रुपए पीछे की सीटों के हैं। शो के साथ साथ एक एक रण्डी एक एक घण्टे के लिये सबको फ्री मिलती है। सभी टिकट एक हफ्ते पहले ही बुक हो जाते हैं। शाकाल क्लब के मेम्बर ही ये डांस देख सकते हैं। आज की तारीख में 425 मेम्बर हैं। तू भी अपने को आज से क्लब का मेम्बर मान। रंजना हम दोनों को इस बीच जाम सर्व कर रही थी।

साढ़े बारह बजे शाकाल और मैं हाल में आकर मंच के पास बनी सीट पर बैठ गए। मंच के नीचे 50 सीटें इस तरह लगी हुई थीं कि मंच बिल्कुल अच्छी तरह दिख रहा था। नीचे दोनों तरफ़ दो बड़ी स्क्रीन भी लगी हुई थीं जिस पर पूरा मंच दिखता था। सीटों के चारों तरफ 40-50 रण्डियाँ ब्लाउज और पेटीकोट में घूम रही थीं, सबके ब्लाउज में एक बटन था चूचियाँ पूरी नंगी दिख रही थीं झुकने पर चुचूकों के भी दर्शन हो रहे थे।

आज मुफ़्त मिलने वाली रण्डियों की नाभि पर 1 से 40 तक का अंक लिखा हुआ था। मंच पर 3-4 रण्डियाँ बारी बारी से आकर अपनी चूचियाँ खोलकर नाच रहीं थीं। हाल में पड़ी सीटों पर सदस्य आकर बैठ रहे थे। हाल के पीछे दो काउंटर बने हुए थे, एक पर शराब बिक रही थी और दूसरे पर लण्ड सेवा काउंटर लिखा था। यहाँ पर शो के बाद और अगले शनिवार को चोदने के लिए रण्डियों की बुकिंग होती है। अगले शनिवार को चुदने वाली 5 भाभियों की 40 अधनंगी तस्वीरों की एलबम भी लण्ड सेवा काउंटर पर मौजूद थी।सदस्य उनको देख कर भाभी को बुक करा सकते थे। एलबम देखने की फीस ही 500 रुपए थी।

रूचि एक सेक्सी ड्रेस पहने थी जिसमें उसकी दोनों चूचियाँ पूरी खुली और तनी हुई थीं। चूचियाँ बाहर को निकली हुई नंगी दिख रही थीं। सजी हुई रूचि पहचान मैं नहीं आ रही थी। शराब के काउंटर पर रूचि, सरीना, गीता और 6 लड़कियाँ नंगी उतेज़क ड्रेस में शराब बाँट रहीं थीं। काउंटर पर बहुत भीड़ थी, अभी शो शुरू नहीं हुआ था। नीचे घूम रही रण्डियाँ ग्राहकों से टिप लेकर चूचियाँ दबवा रही थीं और उनसे होंट चुसवा रही थीं।

तभी मंच से सीटी की आवाज़ आई तो गुण्डों ने सभी ग्राहकों को उनकी सीटों पर बैठा दिया।

कहानी जारी रहेगी।

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