चुदाई की चुल्ल

प्रेषक : हेमन्त

मेरा नाम हेमन्त है, मैं दिल्ली से हूँ। मैंने अन्तर्वासना पर काफी सारी कहानियाँ पढ़ी हैं, जिनमें से कुछ ही मुझे सच लगीं, बाकी नहीं। इसलिए आज में आपको अपनी बिल्कुल सच्ची कहानी बताना चाहता हूँ।

मैं बी.कॉम कर रहा था पर मैं एकाउंट और इकोनोमिक्स की कोचिंग के लिये जाता था। हमारे बैच में 6 लड़के और 3 लड़कियाँ थीं। उसमें से एक लड़की का नाम सीमा था। मुझे वो बहुत ही सेक्सी लगती थी।

वो रामजस कॉलेज में पढ़ती थी। उसकी हाइट 5 फ़ुट 6 इंच थी, गोरा रंग, टाइट-फिट जींस, टी-शर्ट डाल कर क्या क़यामत लगती थी !

मेरे कोचिंग में 3 लड़कों का ग्रुप था, जो थोड़े हरामी टाइप के थे, लड़कियों का पीछा करना, उनको छेड़ना, ये सब उनके शगल थे। उन्होंने एक-दो बार सीमा का भी पीछा किया था और उसके बारे में अश्लील बातें करते थे। सीमा इन लड़कों से काफी दु:खी थी, क्यूंकि उसे पता था कि ये लड़के उसका पीछा करते हैं।

मैं अपने काम से काम रखता था और हमेशा लड़कियों के साथ दोस्ताना रवैया रखता था, इसलिए सीमा भी मुझसे बातें करने में कभी हिचकिचाती नहीं थी।

धीरे-धीरे हम काफी अन्तरंग मित्र बन चुके थे।
सीमा मुझे पसंद करने लगी थी और मुझे तो वो शुरू से ही बहुत पसंद थी। वो कभी-कभी कॉलेज ‘बंक’ कर लेती थी और मुझे फ़ोन करके बुला लेती थी, फिर हम साथ खाना खाते, कभी मूवी देखते।

एक बार हम लोग मूवी देखने गए, पिक्चर हॉल में मैंने पहली बार उसके मम्मे को छुआ और वह पहले ही फिल्म के सेक्सी सीन देख कर गर्म थी और मेरे छूने से वो और भी गरम हो गई थी।

वो सिसिकारियाँ भर रही थी- ऊऊह्ह आःह्ह !

मैंने उसकी पैन्टी में हाथ डाला और उसकी चूत में अपनी उंगली डाली, पर हॉल में चुदाई का प्रोग्राम बन नहीं सकता था और सीमा का भी मूड चुदने का था।

उसने कहा- कहीं रूम का जुगाड़ करो।

फिर मैं उसको चोदने के लिए जगह का इंतजाम करने की सोचने लगा।

वो कहते है ना… बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा !

मेरे पापा प्रोपर्टी डीलर हैं। उनके दो ऑफिस हैं, एक दिल्ली में और दूसरा गुड़गाँव में, तो उनको वहाँ भी जाना पड़ता है।

जो दिल्ली वाला ऑफिस है वो घर से लगभग एक किलोमीटर दूर है। यहाँ ऑफिस के ऊपर गेस्ट-रूम बना है। मेरे पापा हफ्ते में 3-4 बार जरूर गुड़गाँव जाते हैं।

तो एक-दो दिन बाद ही मैंने सोचा कि सीमा को यहाँ बुला कर उसके साथ मजे किये जाएँ।

हम कोचिंग गए और वहाँ मैंने उसको यह कहा- पापा एक-दो दिन में गुड़गाँव जायेंगे, तो तुम मेरे ऑफिस पर आ जाना।

मैंने उसको अपने ऑफिस का पता बताया और एक विजिटिंग कार्ड दे दिया। वहाँ पर एक ‘छोटू’ काम करता है, जो ऑफिस की साफ़-सफाई वगैरह करता है। वो मेरा चेला है, मुझे पता था कि वो किसी को कुछ नहीं कहेगा।

अगले दिन मैं ऐसे ही बैठने ऑफिस गया, तो पापा ने कहा- मैं मानेसर जा रहा हूँ, रात 9-10 बजे तक आऊँगा, अपनी मम्मी को कह देना।

उस दिन किस्मत मेरा साथ दे रही थी, मेरा कोचिंग वीकली 3 दिन का होता है, सो आज छुट्टी थी।

मतलब जैकपॉट !

मैंने सीमा को मैसेज किया कि तुम मेरे ऑफिस आ जाओ। वो ऑटो लेकर आई। आज सीमा कैपरी और टॉप पहन कर आई थी। उसकी टाँगें एकदम चिकनी थी। मैंने ऑटो वाले को पैसे दिए और सीमा को ऊपर गेस्ट रूम में लेकर गया।

और मैंने छोटू को कहा- कोई आए तो ऊपर आने मत दियो।

उसने कहा- ठीक है भैया जी।

मैंने सीमा से कुछ खाने को पूछा, तो उसने मना कर दिया।

उसने कहा- मुझे एक घन्टे में घर वापस जाना है।

मैंने कमरा बंद किया और एसी ऑन कर दिया और फिर सीमा बेड पर लेट गई, मैं भी उसके बगल में लेट गया।

मैंने सीमा का हाथ पकड़ा और कहा- आज तुम बहुत हॉट लग रही हो मेरी जान।

वो शरमा गई, फिर मैंने अपना हाथ उसके जिस्म पर फेरने लगा ताकि सीमा को मज़ा आए। मैं सीमा को पूरी तरह संतुष्ट करना चाहता था।

मैं बहुत प्यार से उसके जिस्म पर अपने हाथ फेर रहा था, जिससे उसको काफी अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर बाद मैं उसके मम्मे चूसने लगा। उसके मम्मे बहुत ही मुलायम थे, जी कर रहा था कि खा जाऊँ।

फिर मैंने उसकी कैपरी उतारी और उसको पूरी नंगी कर दिया। उसको नंगी करते ही मेरे मुँह से निकला- ओह माय गॉड !

वो एकदम जानलेवा थी। उसका जिस्म बहुत ही आकर्षक था और उसके पूरे जिस्म पर कोई बाल भी नहीं था। फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और मैं उसके ऊपर आ गया। फिर मैं उसके अधरों का चुम्बन लेने लगा।

हमने 3-4 मिनट तक एक दूसरे के होंठों को चूमा। फिर मैं उसके पूरे जिस्म को चूमने लगा। उसके गालों को, उसकी गर्दन को, उसके पेट पर, जिससे उसको चुदाई का पूरा मजा मिले।

मैंने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि सीमा को कहीं यह ना लगे की उसको मजा नहीं आ रहा है।

फिर मैंने उसकी चूत में उंगली की और उसकी चूत को ऐसे रगड़ने लगा जैसे कोई मटकी से घी निकालता है। थोड़ी देर बाद उसकी चूत काफी गीली हो चुकी थी और सीमा बड़ी मादक आवाज में कह रही थी- मेरी जान… फाड़ दो इस चूत को !

मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाया। शुरू में उससे थोड़ा सा दर्द हुआ, पर मैंने 4-5 झटके मारे तो उसको और दर्द होने लगा।

मैं थोड़ी देर के लिए रुका और कहा- यह थोड़ी देर का दर्द है बस, इसके बाद बस मजा ही मजा है।

फिर मैंने धीरे-धीरे फिर झटके मारने शुरू किये। दो-तीन मिनट में उसका दर्द कम होने लगा और थोड़ी देर बाद सीमा अपनी कमर को उठा कर झटके देने लगी। मैं समझ गया गया कि अब सीमा को मजा आ रहा है।

फिर मैंने तेज झटके लगाने शुरू किये 4-5 मिनट में मैं झड़ गया, क्यूंकि यह मेरी पहली चुदाई थी और चुदाई की चुल्ल अधिक होने की वजह से मैं जल्दी झड़ गया।

इसके बाद मेरा लण्ड ढीला पड़ गया। मैं बाथरूम गया और अपना लण्ड साफ़ किया और सीमा चादर ओढ़ कर टीवी देखने लगी।

मेरा लण्ड ढीला पड़ गया था लेकिन मन नहीं भरा था। मैंने सीमा को बाथरूम में बुलाया और उसको मेरे लण्ड पर तेल लगाने को कहा।

जैसे ही सीमा ने मेरे लण्ड पर तेल लगाना शुरू किया, मेरे लण्ड में जान आनी शुरू हो गई और वो पहले के मुकाबले ज्यादा सख्त हो गया। थोड़ी देर तेल लगाने के बाद सीमा मेरे लण्ड को चूसने लगी। उसके 5 मिनट चूसने के बाद मैं बहुत गर्म हो गया।

मैंने सीमा को उठाया और बेड पर ले गया। फिर मैंने उसको घोड़ी बनाकर उसकी चूत मारने लगा। मैंने उसकी 2-3 पोज से चुदाई की। इस बार मैंने सीमा की लगातार 15 मिनट तक चुदाई की और फिर मैं दूसरी बार झड़ गया। सीमा भी इस बार की चुदाई से काफी खुश थी।

मैंने सीमा को ऑफिस पर आने के लिए ‘थैंक्स’ कहा और उसने मुझे जबाब में कहा- इट्स माय प्लेजर !

फिर हमने अपने कपड़े पहने और मैंने पिज्जा आर्डर किये और साथ बैठकर खाए। पिज्जा खाने के बाद मैंने सीमा को चुम्बन किया। फिर मैंने उसके लिए ऑटो मंगाया और उसको ‘बाय’ कहा।

तो दोस्तो, यह मेरी पहली चुदाई थी और यह बिलकुल सच्ची थी। हालांकि मैं कोई लेखक नहीं हूँ, मैंने अपनी कहानी को अच्छे से अच्छे तरीके से लिखना चाहता था। इसलिए मेरे लिखने में अगर कोई गलती हो, तो आप इसे नजर अंदाज कर दीजियेगा।

अभी में नॉएडा में एक कम्पनी में दो साल से एकाउंटिंग की जॉब कर रहा हूँ और ऑफिस लाइफ से काफी बोर भी हो चुका हूँ। लाइफ में रंग भरने के लिए एक और सीमा की तलाश है। मुझे उम्मीद है कि जल्दी ही एक और सीमा ढूँढ लूँगा और उसकी चुदाई की कहानी भी आप सभी को सुना सकूँगा।

मुझे फीडबैक देने के लिए मुझे मेल करें।

What did you think of this story??

Click the links to read more stories from the category चुदाई की कहानी or similar stories about

You may also like these sex stories

Download a PDF Copy of this Story

चुदाई की चुल्ल

Comments

Scroll To Top