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सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगी-3

जानू जाओ न प्लीज ! अलग सा चेहरा बनाकर बोली। मुझे उसका चेहरा देखकर हँसी आ गई, मैं बोला- रोओ मत ! जा रहा हूँ ! मैं कहाँ रो रही हूँ? ठीक है, चलो चलते हैं ! मैंने उसे चूमा और बाय कहकर चला आया। सुबह तैयार होकर स्कूल के लिए निकला। लक्ष्मी मेरा इन्तज़ार […]

भाई की गर्लफ़्रेन्ड-1

On 2011-02-18 Category: चुदाई की कहानी Tags:

प्रेषक : जय मैं अन्तर्वासना को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उसने हम सभी लोगों के साथ जोड़ा। अब मैं अपनी कहानी बताता हूँ इसलिये अपने अपने हथियार थाम कर बैठ जायें और चूत में उंगलियाँ डालना अभी से शुरु मत कीजिए। मैं जय अहमदाबाद का एक नौजवान लड़का मस्त बदन का मालिक हूँ, मस्त […]

सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगी-2

कहानी का पहला भाग : सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगी-1 मैं बैचेन था। शाम को मैं खेतों पर चला गया। मेरे खेतों पर एक पेड़ था, मैं वहाँ जाकर बैठ गया। मैं जब भी खेतो पर जाता था तो वो मुझ से कहती थी कि उसने मुझे देखा। यही सोचकर मैं वहाँ बैठा था कि […]

खुश करने के लिए या?

On 2011-02-17 Category: कोई मिल गया Tags:

प्रेषिका : माया सिंह कई साल पहले की बात है मेरे पति वरुण ने मुझसे पूछा- क्या तुम मेरे साथ नागपुर जाना चाहोगी? उनको अपने जॉब के किसी काम से ही वहाँ जाना था। मैंने ख़ुशी खुशी हाँ कर दी, इस बहाने मैं भी घूम सकती थी। हम दोनों ट्रेन से नागपुर पहुँचे। स्टेशन पर […]

सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगी-1

मेरा नाम राज कौशिक है। मैं अन्तर्वासना की कहानियाँ लगभग एक साल से पढ़ रहा हूँ। इनमें कुछ सच्ची लगती है तो कुछ झूठी। खैर, जैसी भी हो, मजेदार होती हैं। अब मैं अपनी एक सच्ची कहानी आप सबके सामने भेज रहा हूँ। कहानी से पहले अपने बारे मैं बताता हूँ। उम्र 22 साल, कद […]

दिव्य दिव्या-2

फिर वो बोली- जान अब मत तड़पाओ ! मेरी भोसड़ी फाड़ डालो… चोद डालो…लण्ड पूरा घुसा डालो… मैं उसकी चूत पर अपना लण्ड रगड़ने लगा और हल्के से झटके के साथ आगे प्रस्थान किया। पहले से मैंने उसकी पिच गीली कर दी थी इसलिए आराम से मेरे आठ इंच लम्बा लण्ड उसके कसे छेद के […]

दिव्य दिव्या-1

मेरा नाम श्लोक है, मैं अहमदाबाद में रहता हूँ। मैं एक कॉल बॉय हूँ, मुझे सेक्स बहुत पसंद है, मैं बहुत गंदा सेक्स करता हूँ… लड़की को देख कर ही मुझे क्या नशा हो जाता है, मेरा हर तरह की लड़कियों से पाला पड़ा है। किसी को 8 इंच का लण्ड चाहिए तो किसी को […]

समय के साथ मैं चुदक्कड़ बनती गई-5

On 2011-02-14 Category: पहली बार चुदाई Tags:

प्रेषिका : नीनू “हाँ भगतनी, मेरी सेविकाओं ने इसका मुआयना किया, पूरी पूरी आस है बच्चा होने की ! बस जब जब कहूँ पूजा करवाने भेजती रहना !” शाम को सासू माँ बोली- जा ! मैंने कहा- मुझे यह सब पाखंड लगते हैं, वो पाखंडी है, मुझे नहीं जाना वहाँ। “तेरी माँ भी जायेगी कुतिया […]

समय के साथ मैं चुदक्कड़ बनती गई-4

On 2011-02-13 Category: पहली बार चुदाई Tags:

प्रेषिका : नीनू मुझे ससुराल में प्यास बुझाने का साधन मिल गया, पति तो था ही नाकारा ! वो मेरे पास रात के सिवा कम ही आता, वो जानता था उसमें कुछ नहीं है। सासू माँ मेरे पीछे पड़ गई कि पोता का मुँह दिखा ! पोते का मुँह कहाँ से दिखाती ! पति जानता […]

समय के साथ मैं चुदक्कड़ बनती गई-3

On 2011-02-12 Category: पहली बार चुदाई Tags:

प्रेषिका : नीनू “दोनों ऊपर आ जाओ, मेहमान हो मेरे, फिर कहोगे भाभी ने बैठने को नहीं कहा।” राहुल बोला- साली, हम तो तेरे साथ लेटना चाहते हैं ! “यह हुई मर्द वाली बात, तुम दोनों कुत्ते हो और मैं तुम दोनों की कुतिया हूँ !’ मैंने पैंटी भी उतार फेंकी, एकदम चिकनी फ़ुद्दी देख […]

समधन का फ़ेमिली प्लानिंग-2

On 2011-02-11 Category: कोई मिल गया Tags: गांड

अगले दिन भी मुझे रात में किसी के चलने आवाज आई। चाल से मैं समझ गई थी कि ये सुरेश ही थे। वे मेरे बिस्तर के पास आकर खड़े हो गये। खिड़की से आती रोशनी में मेरा उघड़ा बदन साफ़ नजर आ रहा था। मेरा पेटिकोट जांघों से ऊपर उठा हुआ था, ब्लाऊज के दो […]

समय के साथ मैं चुदक्कड़ बनती गई-2

On 2011-02-11 Category: पहली बार चुदाई Tags:

प्रेषिका : नीनू उसने और अंदर किया, फिर रुक कर और अंदर कर पूरा घुसा दिया। मैं हिम्मत करके सह गई, उसको नहीं रोका। जल्दी वो भी आराम से रगड़ने लगा और मुझे मजा आने लगा। आधे घंटे बाद जब वो रुका तो मैं संतुष्ट थी, मैंने उसके होंठ चूम लिए। “पसंद आया तुझे?” “बहुत […]

समधन का फ़ेमिली प्लानिंग-1

मेरा नाम सोनाली, मैं कानपुर, उत्तर प्रदेश की हूँ। मेरी कहानी सच्ची है। मैं अन्तर्वासना को करीब दो वर्ष से पढ़ रही हूँ। मुझे भी लगा कि मैं अपनी दास्तान अपने अन्तर्वासना के पाठकों तक पहुचाऊं। मैं लेखिका नेहा वर्मा को अपनी कहानी भेज रही हूँ। मेरी शादी के बाद दो बच्चे पैदा हुए। उसके […]

समय के साथ मैं चुदक्कड़ बनती गई-1

On 2011-02-10 Category: पहली बार चुदाई Tags:

प्रेषिका : नीनू मेरा नाम नीनू है, मैं पंजाबन हूँ, मेरी उम्र इस वक़्त सताईस साल की है, मैं बहुत गर्म, प्यासी, चुदाई की भूखी किस्म की औरत हूँ, इसकी वजह है मेरी शादी लेट होना ! कहते हैं कि मैं मंगलीक हूँ इसलिए मेरी शादी देर से हुई। मैं बहुत खूबसूरत हूँ, कितने ही […]

कम्मो बदनाम हुई-2

ताऊजी ने मेरी चूत को पहले तो अपने हाथों से सहलाया और फिर अपना मुंह नीचे करके उसे सूंघा और फिर उस पर अपने होंठ टिका दिए, मेरी सिसकारी निकल गई.

जवानी चार दिनों की-3

On 2011-02-09 Category: कोई मिल गया Tags:

लेखक : राज कार्तिक चौकीदार के जाते ही मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया और पकड़ कर पायल को अपनी बाहों में भर लिया। “बहुत बेताब हो मुझे चोदने के लिए…?” पायल के मुख से यह ‘चोदना’ शब्द सुन एक पल को तो मैं हैरान रह गया लेकिन मैं बोला- मेरी जान कल रात से […]

कम्मो बदनाम हुई-1

मैं पूरी 18 की हो चुकी हूँ। मेरी चूत में खुजली तो बहुत पहले से ही शुरू हो गई थी पर अब बर्दाश्त से बाहर हो गया था। हर समय चूत में चींटियाँ से रेंगती रहती थी और लगता था अंदर कोई छोटी सी मछली फड़फड़ा रही है।

जवानी चार दिनों की-2

On 2011-02-08 Category: कोई मिल गया Tags:

लेखक : राज कार्तिक “लगता है तुम्हें भी ठण्ड लग रही है…!” वो मेरे कान में फुसफुसाई और बिना मुझसे पूछे ही उसने अपनी शाल मुझ पर भी ओढ़ा दी। मैंने हाथ बढ़ा कर अपना हाथ उसके हाथ पर रखा तो उसने भी मेरा हाथ पकड़ लिया। अब कोई गुंजाइश नहीं बची थी। मैं कुछ […]

जवानी चार दिनों की-1

On 2011-02-07 Category: कोई मिल गया Tags:

लेखक : राज कार्तिक दोस्तो, मैं राज एक बार फिर से आपके पास अपनी मस्ती की दास्ताँ लेकर आया हूँ। कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है। जैसे भगवान पहले छप्पर फाड़ कर देता था इस बार भी दिया। कहानी की शुरुआत तब हुई जब मैं अपने एक दोस्त की शादी में जालंधर (पँजाब) गया था। तो […]

वक़्त से पहले और किस्मत से ज्यादा-2

On 2011-02-06 Category: चुदाई की कहानी Tags:

आपने मेरी कहानी का पहला भाग वक़्त से पहले और किस्मत से ज्यादा पढ़ा होगा। वो रात कैसे गुजर गई पता ही नहीं चला। कॉलेज के बाद पहली बार पूरी रात जागते हुए गुजरी थी, परीक्षा के दिनों की याद ताज़ा हो गई जब पूरी पूरी रात जागते हुए गुजर जाती थी और सुबह अगर […]

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