शीमेल का लण्ड और मेरी गाण्ड-2

(Shemale Ka Lund aur Meri Gaand-2)

आशीष जोशी 2015-04-27 Comments

This story is part of a series:

जैसे ही मैंने सीढ़ियों का एक हिस्सा खत्म किया.. मैंने मेरे फ्रेंड को और उसकी गर्ल-फ्रेंड को मेरे दरवाजे के सामने पाया। दोस्त मेरे दरवाजे को खोल रहा था और तभी उन दोनों का ध्यान मेरी तरफ गया।
वे दोनों चौंक गए थे और मैं तो ठगा सा खड़ा रह गया.. जिगरी दोस्त था पर हमने आज तक कभी एक-दूसरे को ऐसा नहीं देखा था। पहले से नर्वस होने के कारण मेरी नुन्नू बहुत छोटी हो गई थी।

दोस्त- अबे साले यह क्या है? और आज तू घर पर कैसे? और वो भी नंगा.. बिना कुछ पहने छत पर?

उसकी हसीं सेक्सी गर्ल-फ्रेंड मीनल चुपचाप खड़ी देख रही थी पर मन ही मन मुस्कुरा रही थी.. शायद क्योंकि उसकी हल्की मुस्कान और नज़र मुझे बोल रही थी कि वो मेरी छोटी सी नुन्नू को देख कर हँस रही है।
मेरी अजीब हालत हो गई थी।

मैं- भाई पहले दरवाजा खोल और अन्दर चल सब बताता हूँ।

हम तीनों अन्दर गए.. वो दोनों सोफे पर बैठ गए.. मैंने अन्दर जाकर अपने आप को दुरुस्त किया और उन्हें पानी लाकर दिया और सब हक़ीकत दोनों को बताई।
वो मेरी आदत जानता था.. पर उसकी गर्ल-फ्रेंड मीनल नहीं जानती थी और मैंने सिर्फ़ अपना जिस्म दिखाने की ही बात कहीं.. आगे जो मेरा जो फोटो शूट हुआ था.. वो बोलने की मेरी हिम्मत नहीं हुई।

मैंने कहा- उस भाभी को देख कर मुठ मारी है.. इसलिए मेरा लंड.. नुन्नू सा बन गया है।

ये सब सुनकर मीनल हँसने लगी और बोली- राहुल, तुम्हारा दोस्त तो काफ़ी शरारती निकला.. जिसे मैं बहुत सीधा-साधा समझती थी।
सब सुनने के बाद दोस्त ने मुझे खूब खरी खोटी सुनाईं और कहा- आगे से ध्यान रखना भाई.. कहीं लेने के देने ना पड़ जाएं..
मैं गुमसुम सा उसे सुन रहा था।
उसने कहा- अब हम चलते हैं.. तेरे घर में होने के कारण हम लोग नहीं रुकेंगे..
उसके चेहरे से नाराज़गी झलक रही थी कि आज का उसका आज का चुदाई का कार्यक्रम मेरी वजह से हो नहीं पाया।
दोनों ने मुझे ‘बाई-बाई’ किया और वो चले गए.. उसकी गर्ल-फ्रेंड मीनल जाते हुए भी मेरी नुन्नू को देखकर हँसती हुई गई..

तीसरा झटका..

मैंने जल्दी से जीन्स और टी-शर्ट पहन कर दरवाजे को लॉक लगाया और सामने वाली बिल्डिंग के फ्लैट नंबर 502 में पहुँच गया।
दरवाजे की घन्टी बजाई.. जो औरत मुझे चूतिया बनाने आई थी.. उसी ने दरवाजा खोला.. उसने हल्की सी स्माइल देकर मुझे अन्दर आने को कहा।

चप्पलें उतार कर मैं अन्दर की तरफ गया जहाँ पर वो 4 लड़कियाँ और उनकी मम्मियां एक गोल घेरा बना कर बैठी हुई थीं। चारों लड़कियाँ कॉलेज यूनिफॉर्म में थीं.. स्किन टाइट सफ़ेद शर्ट और स्किन टाइट ब्लू जीन्स पहने हुई थीं.. सफेद शर्ट होने के कारण उनकी ब्रा ऊपर से ही दिखाई दे रही थी। मैं नज़र चुरा कर उन्हें देख रहा था। पिछले 2 सालों में उनके जिस्मों में काफ़ी बदलाव हुआ था।
जाहिर है उनके मम्मों के नाप बढ़ गए थे.. उसके साथ ही जाँघों की स्थूलता और गाण्ड का उठाव भी उभर चुका था। अब उनकी पूरी जवानी दिख रही थी..

इतने में मेरे कान के ऊपर एक आवाज़ पड़ी- अपने कपड़े उतारो और यहाँ बीच में आकर खड़े हो जाओ..

अब वे जो कहेंगी.. वो करना तो जाहिर था.. मेरी नंगी पिक्स जो उनके पास थीं। मैंने जीन्स और टी-शर्ट उतार दी और सर्कल के बीच में जाकर खड़ा हो गया।

वे सब हँसने लगीं और कहने लगीं- छत पर देखो.. कैसे सीना तान कर खड़ा था.. ये और इसका लंड दोनों.. और अब देखो दोनों का सिर झुका हुआ है..

एक मम्मी जी बोलीं- अरे इसकी नुन्नू तो मेरे छोटे बेटे से भी छोटी है… इसे तो ना के बराबर ही कहना होगा..
और सब ज़ोर से हँस पड़ीं..

फिर जो दरवाजा खोलने आई थी वो वाली औरत को तानिया कह कर बुलाया गया। वो आई.. तराशा हुआ बदन.. टाइट मम्मे और संगमरमर जैसी त्वचा.. मैं तो दंग रह गया।
फिर एक मम्मी जी ने कहा- आज तुझे तेरी जिंदगी की 2 साल पहले की गई भूल की सज़ा मिलेगी.. तूने 2 साल पहले मेरा सर नीचे झुकाया था.. आज तेरी वो हालत होगी कि तू हमारे सामने कभी भी अपना सर उठा ना पाएगा..

मैं सोच में पड़ गया कि ये लोग मेरे साथ क्या करने वाली हैं.. तभी वो आंटी फिर से बोली- तानिया.. आज इसे हम सबके सामने ऐसे चोदो.. कि इसके बाद ये किसी भी फीमेल या लड़की के सामने नंगा जाने से पहले हज़ार बार सोचे और इसे आज का दिन याद आए..
मैं चौंक गया था कि कैसे कोई खूबसूरत भाभी मुझे चोद सकती है.. क्या डिल्डो से ??

तभी वो आंटी बोली- हम जानते हैं तू सोचता होगा कि ये औरत तुझे कैसे चोदेगी..?? पर तेरी जानकारी के लिए बता देती हूँ.. अब की ये औरत नहीं हिजड़ा है..

यह मेरे लिए तीसरा झटका था..
जिसे में एक खूबसूरत औरत समझ रहा था.. वो असल में एक हिजड़ा निकला.. अर्थात लंड वाली औरत..
मैं आज मनुष्य वर्ग के सारे विभिन्न किस्म के लोगों के सामने नंगा हो चुका था। आंटियों.. लड़कियां.. हिजड़ा और मेरा दोस्त और उसकी गर्ल-फ्रेंड.. क्या बदनसीबी वाला दिन था।

मैं गहरे सोच में डूबा था.. तभी तानिया मेरे करीब आई या आया क्या कहूँ.. मादरचोद को.. वो मेरे होंठ चूमने लगी… उसके इस सीधे हमले से मैं हड़बड़ा उठा.. मेरे अन्दर ही अन्दर एक घिन सी आने लगी कि मैं एक हिजड़ा के होंठों को चूम रहा हूँ।
उसकी पकड़ बहुत मजबूत थी.. मैं अपने आप को छुड़ा नहीं पाया। उसका एक हाथ मेरे नंगे बदन पर घूमने लगा.. छाती.. पीठ.. चूतड़ और लंड (नुन्नू).. तानिया मेरे नुन्नू को ज़ोर-ज़ोर से खींच रही थी.. साथ ही मेरी गोटियों को भी मसल रही थी… मैं दर्द से तड़प रहा था..।

एक आंटी बोली- तानिया वो बड़ा नहीं होगा.. नामर्द का लंड है वो..

इतना सुनते ही तानिया मेरी नुन्नू को ज़ोर-ज़ोर से मारने लगी.. मैं दर्द से तड़प उठा। लगभग 5 मिनट तक मेरे होंठों को चूमने के बाद उसने मुझे अलग किया।
मैं शरम और घिन में डूबा नीचे देख कर खड़ा था।
तानिया ने कहा- अब आ.. और मेरे कपड़े उतार..

मैं अपनी जगह से नहीं हिला.. तब मेरे चूतड़ पर एक मेरी ही बेल्ट की फटकार पड़ी- जल्दी से बात को मानो.. हमारे पास ज़्यादा वक़्त नहीं है.. जितना ‘ना’ बोलोगे उतनी फटकार पड़ेगी..
मैंने साड़ी में हाथ डाला और तानिया की साड़ी उतार दी।

दोस्तो, उसे देखकर बिल्कुल नहीं लग रहा था कि वो कोई हिजड़ा होगी.. उसका जिस्म किसी माल लगने वाली महिला के जैसा ही था।
फिर उसने मुझे अपना ब्लाउज उतारने को कहा और फिर ब्रा.. जैसे ही मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला.. उसके दोनों कबूतर (मम्मे) जो एकदम टाइट थे.. मेरे सामने खुले हो गए।
उसने मुझे अपने मम्मे चूसने का आदेश दिया.. और मैं भी इतने अच्छे मम्मों को देखकर खुद को रोक भी ना पाया.. मैं जान लगाकर.. मन लगाकर उन्हें चूसने लगा.. तब तक तानिया ने अपने पेटीकोट को खोल दिया था और मेरा एक हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखा।

एक बिजली जैसी मेरे अन्दर दौड़ उठी.. इतना सख़्त और बड़ा लंड.. वो भी किसी हिजड़ा का..
मैंने मम्मे चूसना छोड़कर नीचे देखा और दंग रह गया.. तानिया का लंड लगभग 8 इंच लंबा और 2 इंच चौड़ा होगा.. गुलाबी सुपारा चमड़ी पीछे करते ही सामने आया.. मैंने पहली बार किसी का लंड अपने हाथ में लिया था।

तानिया ने मुझे लौड़ा चूसने को कहा और मैंने मना कर दिया.. मुझे घिन आ रही थी और तभी मेरे चूतड़ पर ‘फाट… फाट..’ दो फटकारें पड़ीं..
तानिया ने मेरा सिर पकड़ कर मेरे होंठों को उसके लंड पर टिकाया.. मुझे अजीब सा लग रहा था.. पर उनका आदेश मानने के सिवा कोई चारा भी तो नहीं था..

मैंने धीरे-धीरे मेरे होंठ खोल दिए और मैं तानिया लंड चूसने लगा.. आज पहली बार महसूस हो रहा था कि किसी औरत को हम जब लंड चूसने के लिए ज़बरदस्ती करते हैं तो उसे कैसा लगता होगा..
इतना बड़ा लंड मेरे गले तक जा रहा था.. तानिया का लण्ड जैसे मेरे मुँह को चोद रहा था.. वो हिजड़न आगे-पीछे हो रही थी.. मेरे हाथ कभी उसकी गोटियों पर थे तो कभी गाण्ड पर घूम रहे थे।

करीब 15 मिनट तक लौड़ा चूसने के बाद उसने मेरा सिर पूरी ताक़त से अपने लंड के ऊपर दबा दिया.. उसका सुपारा मेरे गले के द्वार पर था.. और यह क्या.. !!??

आगे क्या हुआ, जानने के लिए अन्तर्वासना पढ़ते रहिए। मुझे ईमेल जरूर भेजें।

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