नौकरानी बनी घर की रानी

oxyabhi 2006-06-24 Comments

प्रेषक : अभी मौर्या

मेरा नाम अभय है। मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र २० साल की है। मैं एक बड़ी कंपनी मैं जॉब करता हूँ। मेरा वेतन २५००० रुपए महीना है। मेरा दिल्ली में अपना फ्लैट भी है और मैं अकेला रहता हूँ। मुझे घर पर काम करने वाली एक नौकरानी चाहिये थी जो मेरे घर का सारा काम करे। इसके लिए मैंने अख़बार में विज्ञापन छपवा दिया। कुछ दिनों बाद मेरे यहाँ कई लड़कियाँ और औरतें आईं। मैंने कई से बात करने के बाद एक औरत पसंद किया जो ३५ साल की थी। लेकिन वो अभी जवान दिख रही थी। वो अकेली थी और उसका पति नहीं था। मैंने उसे काम पर रख लिया।

अगले दिन से वो काम पर आ गई और मैंने उसे एक कमरा दे दिया। उस कमरे में मैंने टीवी रखवा दिया। मैंने उसे बाज़ार से चिक्केन लाने को कह दिया। वो चिक्केन लेकर आई, तो मैंने उसे बट्टर-चिक्केन और रोटी बनाने को कहा। उसने खाना बनाने के बाद मेज़ पर खाना सजा दिया। इसके बाद हम दोनों मिल कर खाना खाने लगे। मैं उससे उसके बारे में पूछने लगा। वो अपने बारे में सब बातें बताने लगी। इसके बाद यह सिलसिला चलता रहा।

मेरी नौकरानी साड़ी पहनती थी, जो मुझे नहीं पसंद था। मैं बाज़ार से उसके लिए अच्छे कपड़े और नाइट-ड्रेस लेकर आया और उसको पहनने को दे दिया। उसको शुरु-२ में परेशानी हुई, लेकिन बाद में उसको ठीक लगने लगा। वो खाना अच्छा बनाती थी। इस बात से मुझे बहुत ख़ुशी मिलती थी। अब वो मेरे से घुल-मिल गई। इतवार को मैंने उसे मार्केट घूमाने का प्लान बनाया। मैं उसके लिए बाज़ार से अच्छी साड़ी खरीद कर लाया। वो तैयार हो गई, इसके बाद हम दोनों मिल बाज़ार घूमने निकल गये। मैंने उसके लिए बाज़ार से जींस, टी-शर्ट, घड़ी, सैंडल, और भी चीजें ख़रीदी। इसके बाद हम दोनों ने पिज्जा हट में जाकर पिज्जा खाया।

हम दोनों थक गये थे। खास कर वो बहुत थक गई थी। मैंने उससे पूछा- भूख लगी है?

तो वो बोली- भूख लगी है लेकिन मेरे शरीर में बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने बोला- कोई बात नहीं ! मैं होटल से खाने का आर्डर दे देता हूँ !

इसके बाद मैंने खाने का आर्डर दे दिया और उसके पास जाकर बैठ गया और उससे पूछने लगा- तुम्हारे शरीर में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है?

वो बोली- हाँ।

इसके बाद मैं उसका पैर हाथ में लेकर दबाने लगा। उसने घबरा कर पैर हटा लिया और कहने लगी- आप ये क्या कर रहे हैं?

मैंने बोला- मैं तुम्हारा शरीर दबा रहा हूँ क्यूंकि तुम्हारे शरीर में दर्द हो रहा हैं।

वो बोली- आप मेरे मालिक हैं और आप मेरा शरीर दबायेंगे !

मैंने कहा- कोई बात नहीं, तुम्हारे शरीर का दर्द मिटना जरूरी है और इसमें मालिक और नौकर की कोई बात नहीं।

इसके बाद मैंने उसका शरीर दबा कर ठीक कर दिया। फिर थोड़ी देर बाद खाना आ गया, और हम मिल कर खाना खाने लगे।

कुछ दिनों बाद मैं उसको ब्यूटी-पार्लर लेकर गया और ब्यूटी -पार्लर में उसका मेक-अप, बॉडी-मसाज़, हेयर-स्टाइल और बहुत कुछ करवा दिया। इसके बाद वो गज़ब की लग रही थी। फिर घर पर आये और मैंने उसे जींस और टी-शर्ट, सैंडल, घडी, चश्मा पहनने को बोला। वो मना करने लगी क्यूंकि वो उसे पहली बार पहन रही थी। मेरे बहुत जोर देने पर उसन पहना। इसके बाद वो बहुत अच्छी लग रही थी। मैंने उसे हमेशा पहनने के लिए बोल दिया। अब वो हमेशा जींस पहनती थी। फिर कुछ दिनों बाद वो बीमार पड़ गई। मैंने उसका इलाज़ हॉस्पिटल में करवाया। फिर कुछ दिनों बाद वो ठीक हो गई। अब वो मुझे पसंद करने लगी थी। मैं भी उसे पसंद करने लगा।

फिर कुछ दिनों बाद उसका जन्मदिन आया। मैं बर्थडे का सारा इंतजाम करने लगा। मैं उसे सरप्राइज़ देना चाहता था। मैंने घर को अच्छी तरह से सजवाया। केक और खाने का आर्डर दे दिया। शाम को मैंने उसे हैप्पी बर्थडे बोला। और मैंने उसे एक गले का सोने हार दिया। वो हार को देखकर खुश हो गई और मेरे गले से लिपट गई। मुझे अच्छा लगा। फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों ने ड्रिंक लिया। पहले तो वो मना कर रही थी, फिर मेरे कहने पर उसने थोड़ी सी ले ली। इसके बाद मैंने उसे डांस करने के लिए बोला। तो फिर वो मना करने लगी। दुबारा मेरे कहने पर वो मेरे साथ डांस करने लगी। बहुत देर तक हम नाचते रहे। इसके बाद हम दोनों खाना खाया और सो गये।

कुछ दिनों बाद एक दिन वो नहा रही थी। उसका तौलिया बाहर छूट गया था। उसने मेरे से तौलिया मांगा तो मैंने उसे तौलिया देने के लिए दरवाज़ा ख़टखटाया तो उसने दरवाज़ा खोला। मैंने अंदर हाथ डाल कर तौलिया दिया तो उसने झटके से मेरा हाथ पकड़ कर अंदर खींच लिया। अंदर मैंने उसको देखा तो पागल हो गया, वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी में थी। मैं तो सिर्फ उसे देखता रह गया। फिर अचानक होश आया कि यह गलत है।

मैंने उससे बोला- यह गलत है, मैं आपके साथ ऐसा कुछ नहीं कर सकता।

वो बोली- देखो अभय, मैं बहुत प्यासी हूँ, तुम मेरी प्यास बुझा दो। मैं तुम्हारा एहसानमंद रहूंगी। मैं तुमसे प्यार करती हूँ और तुम भी तो मुझसे प्यार करते हो।

मैंने बोला- यह गलत है, अगर आपको कुछ हो गया तो।

तो वो बोली- मुझे कुछ नहीं होगा। बस तुम मेरी प्यास बुझा दो।

मैं बोला- ठीक है।

इसके बाद मैं उसके शरीर पर साबुन मलने लगा। पहले मैंने साबुन को हाथ से शुरु किया, इसके बाद उसकी चूची पर लगाया। उसके शरीर में करंट दौड़ गया। फिर मैंने साबुन को उसको पेट पर लगाते हुए उसके पैर पर लगाया। फ़िर पीठ पर ! इसके बाद उसकी बुर में साबुन लगाया। फिर वो मेरे को साबुन लगाने लगी। जैसे-२ मैंने उसको साबुन लगाया था, वैसे-२ वो मेरे को साबुन लगाने लगी। फिर मैंने उसका शरीर अपने हाथ से मला। उसके बाद उसको नहलाया, उसने मेरे को नहलाया।

फिर मैंने उसका शरीर तौलिये से पौंछा, उसको ब्रा, पैन्टी, जींस टी-शर्ट पहनाई। इसके बाद मैंने उसको चूम लिया। फिर थोड़ी देर बाद वो खाना बनाने लगी, मैं भी उसका साथ देने लगा। अगले दिन रात को खाना खाने के बाद हम दोनों ऊपर छत पर बातें करने लगे। फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों सोने के लिए जाने लगे। मैंने बोला- आज के बाद हम दोनों साथ में सोयेंगे।

वो खुश हो गई। इसके बाद हम दोनों साथ में सो गये। आधी रात बाद वो जगी और मेरा लंड सहलाने लगी। मेरी नींद खुल गई। वो डर गई।

फिर मैंने उसकी आँखों में देखते हुए उसे चूमने के लिए मैंने अपना ओंठ उसके ओंठ पर रख दिए। वो सिहर गई। बहुत देर तक हम दोनों अपने ओंठों को एक दूसरे से चिपकाते हुए किस करते रहे। मैंने अपनी जीभ उसकी जीभ से भिड़ा दी। इसके बाद में उसका नाईट-ड्रेस उतार दिया। मैं उसका शरीर देखता रह गया। उसकी बड़ी-२ चूची ! मज़ा आ गया।

मैं उसकी चूची अपने हाथ से दबाने लगा। वो सिसकारी भर रही थी। मैं अपने मुँह में उसकी चूची चूसने लगा। एक हाथ से मैं उसकी एक चूची दबा रहा था और मुँह से दूसरी चूची का रसपान कर रहा था। फिर मैंने उसके शरीर को जीभ से चाटा। जीभ से चाटते-२ मैंने अपनी जीभ उसकी बुर में डाल दी। वो सिहर गई और उसके मुँह से आवाज़ निकल गई। मैं अपनी जीभ उसकी बुर में डाल कर खूब हिला रहा था। वो आवाज़ निकाल रही थी। फिर थोड़ी देर में उसका रस निकल गया और मैं उसका सारा रस पी गया।

इसके बाद वो मेरा लंड चाटने लगी। मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। बहुत देर तक उसने लण्ड चूसा। इसके बाद मैंने अपना वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया। उसने सारा वीर्य पी लिया। इसके बाद मैं उसकी गांड पर काटने लगा, जीभ से उसकी गांड चाट रहा था। फिर उन्गली डाल कर उसकी गांड के छेद को बड़ा करने लगा। इसके बाद मैं अपना लंड उसकी गांड में डालने लगा। वो चिल्ला उठी और बोली- बहुत दर्द हो रहा है।

फिर मैं उसके ओंठ अपने ओंठ से चाटने लगा। फिर मैंने धीरे से धक्का लगाया। वो फिर चिल्ला उठी। लेकिन इस बार मैंने रहम नहीं खाया और जोर से धक्का दिया। वो इतनी जोर से चिल्लाई कि रोने लगी। उसके आंख से आँसू आने लगे। मैं उसके ओंठ को किस करने लगा। फिर थोड़ी देर में वो शान्त हो गई। फिर मैं धीरे-२ अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। उसको मज़ा आने लगा । मैं उसे किस करते हुए उसकी गांड मार रहा था। कुछ देर बाद मैं झड़ गया। वो मेरा लंड चूसने लगी। फिर थोड़ी देर बाद मेरा लंड टाइट हो गया। मैं अपनी जीभ उसकी बुर में डाल कर चूसने लगा। फिर मैंने जीभ निकला और अपना लंड उसकी बुर में डालने लगा। आधे घंटे तक उसकी बुर मारता रहा। फिर हम दोनों झड़ गये। फिर सारी रात हम दोनों अपना लंड और बूर एक दूसरे में डाल सो गये।

अब हम हर रोज़ नई स्टाइल में सेक्स करते हैं। मैं उसे अब अपनी पत्नी मानता हूँ और वो मेरे को पति। बाय !

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top