क्या माल है मेरी मम्मी-3

(Kya Maal hai Meri Mammi-3)

अनजान सिंह 2015-07-05 Comments

This story is part of a series:

अब गांड मराई अपने चरम पर थी… गच गच की आवाजे… माँ की सीत्कारें और अंकल का गाली बकना चालू था…
तभी अंकल बोला- मैं आ रहा हूँ मेरी जान…
माँ ने भी अपनी चूत तन्ना दी जिससे गांड और टाइट हो गई… अंकल ने माल छोड़ दिया और एक तरफ लुढ़क गए…
तभी आंटी ने माँ की गांड चाटना शुरू की… माँ की गांड से निकला पूरा वीर्य आंटी ने चाट लिया…
फिर माँ ने अंकल के लंड को थोड़ी देर चूमा और खड़ी हो गई।

माँ की मस्त जवानी का दीदार हो रहा था… गांड मरवाने के बाद माँ एकदम गुलाबी हसीना दिख रही थी।

तभी माँ और आंटी आपस में चिपक गई, दोनों एक दूसरी के होठों का रसपान करने लगी। माँ ने आंटी के चूचे मसलने शुरू किये और आंटी ने माँ के… फिर दोनों लेट गई और एक-दूसरी की चूत सहलाने लगी…
काफी मनभावन दृश्य था… दो जवान औरतें एक-दूसरे की सेक्स प्यास बुझा रही थी… तुरंत ही दोनों 69 की पोजीशन में आ गई और एक दूसरी की चूत का चना चखने लगी…

मुन्ना जो अब मेरे लंड से खेल रहा था, बोला- अब देख, तेरी माँ की चूत और मेरी माँ की चूत आपस में लेस्बियन गेम खेल रही हैं। मुन्ना मेरा लंड बड़ी कुशलता से मसल रहा था, फिर धीरे से मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगा तो मैं पिंकी के गोरे गोरे उरोज मसल रहा था।

फिर अन्दर से जोर से आवाज आई, देखा तो दोनों एक दूसरी की चूत जोर जोर से झंझोड़ रही हैं… वासना का सैलाब आ गया था। तभी दोनों जोर जोर से चिल्लाई- उईई ईईई मर गईई ईईई ईई… हाहह…

पिंकी बोली- दोनों कुतियाँ झड़ रही हैं…

फिर मुन्ना ने मेरा लंड भी जोर जोर से हिलाया… मुझे लगा अब लंड फट जाएगा और फिर मेरे लंड ने फव्वारा छोड़ा… मुन्ना का पूरा मुँह और चेहरा मेरे वीर्य से भर गया…
पिंकी को मैंने बाहों में ले लिया और चूमने लगा… मुन्ना मेरे लंड को चूसे जा रहा था… पूरा पानी पीकर वो एक तरफ लुढ़क गया… मैं और पिंकी बहुत देर तक प्यार करते रहे… फिर मैंने छेद में देखा… माँ पूरी नंगी अंकल की बाहों में पड़ी थी और धीरे धीरे अंकल का लंड सहला रही थी।

मुन्ना जल्दी जल्दी से फिर लंड खड़ा कर रहा था… मैंने देखा आंटी, माँ और अंकल को छोड़ सीधे कमरे में आ गई… एकदम नंगी… और आकर सीधे बेड पर लेट गई… मुन्ना उस पर चढ़ गया और जोर जोर से उनके होंठ चूसने लगा… मेरे आश्चर्य की सीमा ना रही!
फिर पिंकी मेरे कान में बोली- अब भैया माँ को चोदेगा… क्योंकि माँ की चूत छोटी है.. पापा का लंड फिट नहीं जाता… मुन्ना अब माँ की फ़ुद्दी मारेगा…

फिर पिंकी भी आंटी पर चढ़ गई और चूत को होंठों से सहलाने लगी। थोड़ी देर में मुन्ना ने अपनी लवड़ा माँ की चूत में पेल दिया और जोर जोर से धक्के देने लगा।

‘जोर से… जोर से बेटा… चूत में खुजली कुछ ज्यादा ही है… मार मार… जोर से मार… उफ़्फ़…’ के साथ माँ-बेटा चुदाई कर रहे थे।
मैं पिंकी से बोला- तुम्हारे पापा को पता है कि ये दोनों चुदाई करते हैं?
पिंकी बोली- पापा को मालूम ही नहीं है… वो एक बार चुदाई के बाद कम से कम एक घंटा गहरी नींद में सोते हैं। इसी बीच मुन्ना माँ की चूत मार लेता है… नहीं तो माँ को सुख कोई देगा।

आंटी ने मेरी और देखा और बोली- राजू बेटा, तेरी लुल्ली भी मेरी चूत निगल जायेगी… पर अभी तू तेरी खुद की माँ की चूत देख आ उस कमरे में जाकर… अभी छिनाल 10-15 मिनट तक बेहोश रहेगी… तब तक जा देख आ अपनी माँ की चूत पास से…
फिर मुझे पिंकी उस कमरे में ले गई।

माँ उलटी होकर अंकल की बाहों में बेहोश पड़ी थी… एक पैर अंकल के पेट पर था इसलिए चूत पूरी खुली हुई थी… मैंने नीचे बैठकर एकदम पास से देखा… एकदम समोसे की तरह फ़ूली हुई चूत है… भूखी चूत का मुख खुला हुआ है… उसमें से माँ की जवानी का रस टपक रहा था…

मेरे लंड में तनाव आ गया… पिंकी बोली- फंसा दे राजू अपनी माँ की में… अभी नहीं जागेगी रांड…
पर मेरी हिम्मत नहीं हुई…
फिर पिंकी माँ की फ़ुद्दी में उंगली कर के मेरे नाक के पास लाई… कसम से मैं जन्नत में था… क्या खुशबू थी… मैंने उंगली चाट ली। अब माँ की चूत का स्वाद समझ आया… इतनी स्वादिष्ट की कोई मिठाई भी नहीं… मेरे लंड पे हज़ारों चीटियाँ रेंगने लगी… जी तो चाहता कि फंसा दूँ लंड रांड के भोसड़े में… पर अंकल का डर था…

फिर मैं पिंकी का हाथ पकड़कर उस कमरे में वापस आ गया… उधर माँ-बेटे की खतरनाक चुदाई चल रही थी… मैंने भी पिंकी को बेड पर लेटाया और उसकी गुलाबी चूत में अपना लंड फ़ंसाने लगा…
वो मुस्कुरा कर बोली- मेरे नादां बालम, थोड़ा तेल लगाओ… नहीं तो छिल जाएगा तुम्हारा और हमारा सामान…

मैं उम्र में बड़ा था पर चुदाई का अनुभव पिंकी को ज्यादा था… पास ही पड़ी तेल की शीशी से मैंने तेल लिया और अपने खड़े लंड के सुपारे पे मल दिया…
उधर पिंकी अपनी माँ के बगल में लेट गई और दोनों टाँगे फैलाकर बोली- तेल इसमें भी डालो राजा… मेरी बुलबुल की भी तरावट चाहिए…
उसकी बात सुन हम तीनों हंस दिए…
चूत और लंड को तेल में नहलाने के बाद मैंने पिंकी का चुम्बन लिया और अपना लण्ड उसकी कमसिन चूत पर अड़ा दिया…

तभी आंटी बोली- राजू बेटा, धीरे से मेरी मुनिया की नुनिया चोद दो…
मैं बोला- आंटी, अभी दोनों भाई बहन की जमकर भिड़ंत हुई है… मैं तो नया खिलाड़ी हूँ…
कहकर मैंने जोर लगाया… सुपारा अंदर चूत में झाँक रहा था… मैं पिंकी पर लेट गया, उसने मुझे बाहों में लेकर ‘कैसे ठोकना है।’ समझाया और दो मिनट बाद मैं मेंढक की तरह उसकी चूत पर उचक रहा था।

क्या हसीं नज़ारा था…
माँ पर बेटा और बगल में बेटी… एक ही बेड पर महाचुदाई समारोह हो रहा था… पिंकी भी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी अपने नए यार से…
मुन्ना और मेरे लंड के झटकों से पूरा पलंग जमकर हिल रहा था… गच गच और हीच हीच की आवाजे पूरे कमरे में थी…
माँ बेटी में एक दूसरी के सामने मुँह किया और किस करने लगी… बीच बीच में कभी कभी मैं भी आंटी के बोबे दबा देता तो कभी मुन्ना अपनी बहन की जवानी टटोल लेता…

मेरा लंड मस्त में था… मुझे खुद को विश्वास नहीं था कि मैं किसी हसीना की जमकर चुदाई कर सकता हूँ, वो भी पहली बार में…
आज पिंकी ने मेरी सील तोड़ी थी, उसका एहसान उतारना था… मैं सुपरफ़ास्ट रेल की तरह अपनी गांड ऊपर नीचे करने लगा…
इतनी स्पीड से कि दो मिनट में पिंकी चिल्लाई- उईईई माँ… मैं आ रही हूँ… ऊऊउह मारा डाला… क्या मस्त चुदाई करता है मादरचोद… और बोलकर निढाल हो गई।

पर मेरी तमन्ना पूरी नहीं हुई, मैंने मुन्ना से बोला- हट जा… आज एक ही लंड से माँ बेटी चोदना है…
आंटी बोली- जा मुन्ना, तू जा जाकर इसकी माँ चोद और इसे तेरी माँ चोदने दे…

माहौल गरमाते मुन्ना समझ गया कि आज मैं खतरनाक मूड में हूँ… उसने अपना लंड अपनी माँ की चूत से निकाला और दन्न से मैं उस चूत पर चढ़ बैठा… गच गच करके जो बुलेट ट्रेन का इंजन चलाया आंटी की चूत की कसम, तीन बार झड़ी आंटी…
आंटी बोली- राजू, आज तक मेरी चूत इतनी खुश नहीं हुई, क्या चोदु भगत है तू…

फिर मैंने भी अपने लंड को झाड़ने की तैयारी की… मैंने कहा– मैं झड़ने वाला हूँ… मेरी हैल्प करो…

फिर पिंकी उठ कर खड़ी हुई और उसने अपनी रसभरी चूत मेरे मुँह से सटा दी… मैंने गचागच 20-25 शॉट मारे और लंड की आग आंटी के चूत के हवाले कर दी…
दो मिनट उलटा रहने के बाद में दोनों माँ-बेटी के बीच लेट गया… दोनों ने मेरी प्रशंसा की…

आंटी बोली- राजू, आज से तू हम दोनों का नया यार है…
फिर आंटी बोली- चलो अब तुम्हारी माँ को देखते है…
हम छेद से देखा- उफ्फ… मुन्ना माँ की चूत में अपना लंड डालकर धीरे धीरे चोद रहा था… अंकल और माँ गहरी नींद में थे… माँ का हाथ अंकल के लंड पर था… और मुन्ना माँ चुदाई कर रहा है…

मैंने अपनी माँ को बाप बेटों से चुदते देखा और खुद ने माँ बेटी को चोदा… आज का दिन कमाल का है।
फ़िर मुन्ना दौड़कर आया और अपना लंड मेरे मुह में फंसा कर 2-3 शॉट में ही पूरा वीर्य उगल दिया।

मैंने सफाई की और घर आकर सो गया।
माँ दो घण्टे बाद आई और मेरे बगल में सो गई!
मैंने पूछा- मम्मी, इतनी देर कहाँ थी?
मम्मी बोली- आज कैरम का गेम बहुत देर चला!

मैं मन ही मन सोच रहा था- हाँ माँ, मुझे मालूम है तेरा गेम… कैरम की सारी गोटियाँ तेरे छेद में ही गई…
फिर माँ की फड़कती गांड को देखते हुए मैं भी सो गया। मैं जानता था कि अब माँ की चुदाई से मुझे कोई नहीं रोक सकता पर आज नहीं…
दोस्तों फिर मिलेंगे… मेरी माँ की चूत और नए लंड के साथ… मेरी माँ की चूत!
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