जिगोलो का मतलब

(Gigolo Ka Matlab)

हर्ष लवर 2015-05-02 Comments

दोस्तो,
मैं हर्ष एक बार फिर हाजिर हूँ एक मजेदार कहानी लेकर!
मैं चंडीगढ़ में अपनी फॅमिली के साथ रहता हूँ! मैं पेशे से एक कंप्यूटर इंजिनियर हूँ और अक्सर क्लाइंट्स के घर उनके कंप्यूटर और इन्टरनेट सम्बन्धित प्रोब्लम्स को दूर करने जाया करता हूँ! पर आज तक कभी क्लाइंट्स के साथ सेक्स नहीं कर पाया !

ख़ैर छोड़ो, अब मैं अपनी कहानी पे आता हूँ!
कुछ ही दिन पहले घर वालों के काफी जोर देने पर मैंने सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू की है और मेरा पहला एग्जाम एक बीमा कंपनी का था, तो मैं पेपर के ठीक एक दिन पहले लखनऊ पहुँच गया और अपने भाभी के रिलेटिव के घर चला गया जो गोमती नगर में रहते हैं। वो यहाँ अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए अपने गाँव से लखनऊ आई थी और उनके पति देव गाँव में रहकर खेती का काम देखते हैं।

जब मैं वहाँ पहुँचा तो दरवाजा खटखटाया तो एक 30-32 साल की औरत मेरे सामने खड़ी थी, पहले तो मैं थोड़ा घबरा गया, फिर होश सँभालते हुए, अपना नाम बताया तो तुरंत उन्होंने कहा- हाँ अभी कुछ ही देर पहले आपकी भाभी से बात हुई है!
तो मैंने उनको नमस्ते किया, वो मुझे घर के अंदर ले गई और काफी खातिरदारी करी!

मैं बातों-बातों में तो उनके शरीर का गुणगान करना भूल ही गया, वो देखने मैं सावंली लगती हैं और भगवान की दुआ से फिगर भी 38-34-36 था, तो मैं मन ही मन इनके बारे मैं ही सोचता रह गया।
इतने में भाभी जी के दोनों बच्चे स्कूल से आ गये फिर हमने लंच साथ में किया।
मैं मन ही मन भाभी जी को चोदने के बारे में सोचता रहा!
इतने में कब मेरी आँख लग गई, मुझे पता ही नहीं चला। जब शाम हुई तो मैंने एक तरकीब सोची, मैं उनके बच्चों को बाहर घुमाने ले गया और एक विस्टिंग कार्ड पे जिगोलो के काम के बारे में लिख के दरवाजे के बाहर छोड़ गया।

थोड़ी देर बाद जब मैं आया तो वो कार्ड वहाँ पर नहीं था, तब भाभी ने मेरे से पूछा- भैया जी, यह जिगोलो क्या होता है?
तो मैंने पूछा- भाभी, यह आपको कहाँ से पता चला?
उन्होंने मुझे कहा- कोई अपना कार्ड छोड़ गया है उसी पे लिखा है!
मैंने कहा- भाभी, इसका अर्थ न मैं बता पाऊँगा और न ही आप सुन पाओगी!
तब भाभी ने जिद छोड़ दी पर तभी से भाभी के मुख पर कुछ कौतूहुल दिख रहा था।

रात को जब बच्चे खाना खाकर सो गये तो भाभी ने कहा- भैया, अब बताइए न जिगोलो क्या होता है?
तो मैंने कहा- बताऊँगा तो, पर भाभी को न बताना कि मैंने क्या कहा।
तो उन्होंने मुझे हाँ कह दिया।
तब मैंने उन्हें बताया कि जिगोलो को मतलब होता है कि पैसे लेकर किसी औरत की सेक्स की इच्छा को पूरा करना! जो इस काम को करते हैं, उनको ही जिगोलो कहा जाता है।

तब उन्होंने मुझसे पूछा- कितने पैसे लेते होंगे?

मैंने कहा- यहाँ का पता नहीं पर चंडीगढ़ में तो 2000 कम से कम हैं।
मैंने पूछा- आप जान कर क्या करोगी?

तो उन्होंने बात घुमा दी और मुझसे पूछने लगी- तुम्हारी कोई प्रेमिका है?

मैंने कहा- है भी और नहीं भी!
तो उन्होंने पूछा- मतलब?
मैंने- कहा है, पर किस तक नहीं करने देती…

तो उन्होंने पूछा- कभी उसकी जन्नत के दर्शन किये है?
तो मैंने कहा- कहाँ दर्शन किये हैं?
तब उन्होंने कहा- अब सो जाओ!

मैं भी सो गया तो रात को मुझे लगा कि कोई मेरे पीठ पर गर्म हवा छोड़ रहा है, मैंने पीछे मुड़ कर देखा कि भाभी साँस ले रही थी। मैंने भी मौके का फायदा उठा कर मुँह उनके मुँह के सामने कर दिया और एक हाथ उनके पेट पर और पैर उनके पैर पर रख दिया और इंतज़ार करने लगा।

तभी अचानक से उन्होंने मेरा हाथ उठा कर अपने स्तनों पर रख दिया और अपने हाथ के सहारे उसे दबाने लगी, इतने में मेरा सैनिक भी अपने कैंप में हलचल करने लगा तो मैं भी दूसरा हाथ उनकी मेक्सी के अंदर डाल के उनकी चूत को रगड़ने लगा।
कुछ देर बाद उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठ पे रख दिये और लम्बा चुम्बन करने लगी और मैं उनकी चूत को तेज तेज रगड़ने लगा।

कुछ ही देर बाद वो उठी और अपनी मेक्सी खोल कर मेरे ऊपर आ गई और मेरी कैपरी उतारने लगी तो मैंने उनकी मदद की। जैसे ही उन्होंने मेरे सैनिक को देखा, उसे लेकर किसी लॉलीपोप की तरह चूसने लगी। कुछ देर बाद हम 69 की पोजीशन में आ गये, हमने इसी पोजीशन में एक दूसरे का पहला वीर्य निकाल दिया।

कुछ देर बाद जब मेरा पप्पू फिर ड्यूटी करने के लिए तैयार हुआ तो मैंने उनको बेड के नीचे उतार कर घोड़ी बनाया और उनकी चूत में अपने पप्पू को डाल दिया।

आप यकीन नहीं मानेंगे कि उनकी चूत अभी भी काफी टाइट थी तो मैंने उनको उस रात दो बार चोदा और जब हम चुदाई कर के सोने लगे तो उन्होंने कहा- अब आप जब भी लखनऊ आना तो यहीं रुकना!
मैंने भी हाँ कर दी।

सुबह चंडीगढ़ के लिए निकलने से पहले भी मैंने उनकी खूब चुदाई की!
अब वो काफी खुश थी तो उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने मुझे वो कार्ड फेकते हुए देख लिया था!
इस बात से मुझे काफी शर्म आई और उनसे विदा लेकर मैं चंडीगढ़ के लिए निकल पड़ा !
दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसे लगी? प्लीज बताइयेगा जरूर!
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