बर्थडे गिफ्ट में आरती भाभी की चुदाई

(Birthday Gift Me Arti Bhabhi Ki Chudai)

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम हर्ष चौहान है, मेरी उम्र 26 साल.. लंबाई 6 फुट 2 इंच.. रंग गोरा और मेरा लण्ड 7.5 इंच लंबा है.. जो बहुत ही मस्त चुदाई करता है। मैं पटना में एक एमएनसी कंपनी में मैनेज़र के पद पर कार्यरत हूँ।
मैंने अन्तर्वासना की लगभग सभी कहानियां पढ़ी हैं और आज मैं अपने जीवन की एक सच्ची घटना आप सभी लोगों के सामने रखने जा रहा हूँ.. जो मेरी और आरती (बदला हुआ नाम) भाभी की है।

आरती के बारे में मैं आपको बता दूँ.. वो 27 साल की विवाहित.. एक हसीन माल किस्म की औरत हैं.. जो किसी भी लण्ड का खड़े-खड़े पानी निकलवा दें। उनका फिगर 36-28-38 है।

यह घटना आज से लगभग एक साल पहले मेरे साथ हुई थी, पटना में मेरी नई-नई पोस्टिंग हुई थी और मैं यहाँ पर किराए के घर में रहता हूँ।

मेरी शुरू से ही एक आदत है.. सुबह जल्दी उठ कर मॉर्निंग-वॉक पर जाने की.. जो मेरे यहाँ पर आने के कुछ दिन बाद ही मैंने शुरू कर दी थी। जब मैं रोज पार्क में घूमने जाता.. तो वहाँ पर बहुत सारे बुजुर्ग बच्चे और भाभियां भी आती थीं.. जिन्हें देख कर सुबह सुबह आँखें मस्त हो जाती थीं।

करीब 3-4 महीने तक यही क्रम चला। इस दौरान मैंने नोटिस किया कि उनमें से एक औरत जो मुझे बहुत गौर से देखती थी.. बड़ी ही मस्त थी। वो जिसका नाम था आरती.. जो कि मुझे बाद में पता चला।

वो अपनी सास के साथ वॉक पर आती थी। उसकी सास के पैरों में कोई तकलीफ़ थी.. इसलिए उसकी सास बहुत ही धीरे-धीरे चलती थी और वो तेज चलती थी। जब भी वो मेरे पास से गुजरती थी.. तो मुझे देखती थी और चोरी-चोरी मैं भी उसे देखता था।

एक दिन की बात है वॉक करते समय बारिश आ गई.. जिससे सभी लोग पार्क में बनी शेडों में खड़े हो गए और मेरा नसीब देखो.. आरती भाग कर बारिश से बचने के लिए मेरे वाले शेड में ही आ गई।

उसकी सास उससे थोड़ी दूर थी.. भाग कर आने से उसकी चूचियाँ ऊपर-नीचे हो रही थीं.. जिसे देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया था। लेकिन किसी तरह मैंने अपने आप को शांत किया।

बारिश बहुत तेज हो रही थी। उस शेड में सिर्फ़ हम दोनों ही थे और हम एक-दूसरे से बात करने लगे।
सच में क्या मस्त आवाज़ थी उसकी.. उसने मेरा नाम पूछा और साथ ही पूछा- आप क्या करते हैं और कहाँ रहते हैं?

मैंने उसे अपने बारे में बताया भी और उससे उसका नाम भी पूछा।
उसने अपना नाम आरती बताया।

जब एक घंटे तक बारिश नहीं रुकी तो उसने मुझसे मेरा मोबाइल माँगा। मैंने दे दिया.. क्योंकि वो पार्क में अपना मोबाइल लेकर नहीं आती थी।
उसने मेरे फोन से एक नंबर लगाया तो शायद किसी ने उठाया नहीं। फिर उसने दूसरा नंबर लगाया तो उधर से आवाज़ आई- कौन?
वो बोली- पापा.. मैं आरती बोल रही हूँ और हम लोग यहाँ पार्क में हैं.. आप गाड़ी ले कर आ जाओ..थोड़ी देर बाद वहाँ पर एक बड़ी सी गाड़ी आकर रुकी और वो दोनों उसमें चली गईं।

फिर जब भी मैं वॉक के लिए आता तो आरती से ‘गुडमॉर्निंग’ बोलता और आरती भी उसका ‘गुडमॉर्निंग’ बोल कर जवाब देती।
ऐसे ही 6-7 दिन बीत गए।

एक बार मैं रात को काम कर रहा था तो मेरे फोन पर एक मिस-कॉल आया.. तो मैंने वापस कॉल किया। किसी ने नहीं उठाया.. तो मैंने फिर किया लेकिन फिर भी किसी ने नहीं उठाया..

तो मैंने सोचा कि पता नहीं कौन है। मैं फिर अपने काम में लग गया और फिर कोई दस मिनट बाद फिर से ‘मिस कॉल’ आया।

मैंने फिर वापस कॉल किया.. तो इस बार किसी ने फोन उठाया।
मैंने ‘हैलो’ बोला.. तो उधर से कोई नहीं बोला.. मैंने 4-5 बार ‘हैलो’ बोला.. लेकिन उधर से कोई भी नहीं आवाज़ आई।
मैंने ज़ोर से बोला- कौन है.. बोलता क्यों नहीं है.. क्यों मुझे परेशान कर रहा है?

फिर दूसरे दिन रात को फिर ‘मिस कॉल’ आया। तो मैंने फिर कॉल किया तो कोई नहीं बोला।
मैंने फिर वही बात मैंने दोहराई.. तो उधर से हल्की सी आवाज़ आई- हैलो..
वो किसी लड़की की आवाज़ थी।

मैंने पूछा- आप कौन बोल रही हैं?
तो उसने जवाब दिया- आप लड़की की आवाज़ नहीं पहचानते हैं?

तो इस पर मैंने जवाब दिया- मुझे इतनी रात को किसी लड़की का फोन नहीं आता है और ना ही मैं किसी को जानता हूँ।

तो इस पर उसने कुछ जवाब नहीं दिया ओर बोली- मैं आपसे दोस्ती करना चाहती हूँ।

इस पर मैंने उसे बोला- मैं तो आपको जानता भी नहीं हूँ.. तो फिर आपसे कैसे दोस्ती कर सकता हूँ।

इस पर वो बोली- मैं तो आपको जानती हूँ।

फिर हम दोनों बातें करने लगे और उस दिन हमने 2 घंटे बातें की.. और फिर हम सो गए।
अगले दिन फिर वही बातें.. यही कोई 20-25 दिन तक बातें ही चलती रहीं। लेकिन उसने बताया था कि वो पटना में ही रहती है और मुझे रोज देखती है।
इस बात से मुझे मेरी मकान मलिक की लड़की पर शक हुआ.. क्योंकि वो भी मुझे बहुत देखती थी।

लेकिन एक दिन मुझे फोन आया कि उसको मुझसे मिलना है।
मैंने पूछा- कहाँ?
तो उसने बताया- मॉल में..
मैंने कहा- मैं आपको कैसे पहचानूंगा?
तो इस पर वो बोली- मैं आपको पहचान लूँगी.. बस आप 6 बजे शाम को मॉल में मिलना।
मैंने कहा- ठीक है।

उस दिन मैं जल्दी ही घर आ गया और वक्त से दस मिनट पहले ही मॉल पहुँच गया।

मुझे अभी कोई पन्द्रह मिनट ही हुए थे कि उसका फोन आया- कहाँ हो..?

तो मैंने जवाब दिया- मॉल में हूँ।

उसने बोला- मैं भी मॉल में हूँ और आपका पिज़्ज़ा हट में वेट कर रही हूँ।

मैं जल्दी से वहाँ गया और देखा तो आरती एक टेबल पर अकेली बैठी हुई है। उसे देख कर मेरा मन ख़ुशी के मारे उछाल मार रहा था।
मैं मन ही मन सोचने लगा कि अब तो मेरी लॉटरी लग गई है कि आरती जैसा माल मुझे चोदने को मिलेगा। यह सोच कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और फिर मैंने अपने लण्ड को किसी तरह शांत किया और आरती के पास जाकर बोला- बहुत तड़पाया है आपने..

इस पर वो बोली- आपकी तड़प को मिटाने के लिए ही तो आज मिल रही हूँ..

फिर हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे। वो आज जींस ओर टॉप में कयामत लग रही थी.. मानो 23 साल की कोई कुंवारी लौंडिया हो।
उसने पिज़्ज़ा ऑर्डर किया और हम दोनों ने खाया।

खाते वक्त उसने बोला- आज घर में कोई नहीं है.. और आज मेरा जन्मदिन भी है।

तो मैंने उसको जन्मदिन विश किया और उसके हाथ पर एक चुम्बन किया।

इस वो थोड़ा असहज हुई और फिर उसने थैंक्स बोला।

मैंने बोला- क्या गिफ्ट लेंगी आप?
इस पर उसने जवाब दिया- जो मैं माँगू.. वो आपको देना पड़ेगा।
मैंने कहा- माँग कर तो देखो.. आपके लिए तो जान भी हाजिर है।
वो बोली- जान नहीं.. आज आपका साथ चाहिए..
तो मैंने इस पर बोला- ठीक है..

वहाँ से हम दोनों ने बाजार से केक खरीदा और केक लेकर हम सीधे उसके घर गए।

उसका घर बहुत बड़ा था और आज उसके घर में कोई नहीं था.. क्योंकि उसके सास-ससुर अपने छोटे लड़के से मिलने दिल्ली गए थे। उसने मुझे सोफे पर बैठने को बोला और वो अपने रूम मे कपड़े बदलने चली गई।

उस वक्त रात के कोई 9 बज गए थे। जब वो नीचे आई तो मैं उसे देखता ही रह गया।

क्या मस्त लग रही थी वो… उसने बहुत ही सेक्सी नाईटी पहन रखी थी.. जिसमें से उसकी चूचियाँ और उसकी गाण्ड साफ़ दिख रही थी।
मेरा मन तो किया कि पकड़ कर अभी ही चोद डालूँ..

वो मेरी इस नज़र को भांप गई थी और उसने कातिल नजर से देखा और बोला- क्या देख रहे हो?

मैंने बोला- आज तुम बहुत ही सेक्सी लग रही हो।

वो इठला कर बोली- क्यों पहले नहीं लगती थी क्या?

मैं बोला- लगती तो थी.. लेकिन आज कुछ अलग ही लग रही हो।

फिर हमने केक काटा और मैंने उसको खिलाया और फिर उसने मुझे खिलाया, मैंने उसके मुँह पर केक लगा दिया और वो मेरी इस हरकत से थोड़ी मस्ती में आ गई।

फिर मैंने उसका वो केक उसके मुँह से चाटना शुरू कर दिया, इस पर मैंने उसके होंठों पर भी चुम्बन किया और सारा केक चाट कर साफ कर दिया।

अब हम एक-दूसरे से चिपक कर चुम्बन करने लगे और मेरा हाथ उसके मम्मों पर चला गया, उसने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी और उसका हाथ मेरे लण्ड को टटोलने लगा.. वो मेरा लण्ड पकड़ कर दबाने लगी।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मैंने उसके कपड़े उतार दिए। अब मैं उसकी चूचियों को चूस रहा था और वो सी.. सी.. की आवाज़ निकाल रही थी। उसने मेरे कपड़े भी उतार दिए और मेरा लण्ड देखकर बोली- इतना बड़ा लण्ड.. मेरी चूत में कैसे जाएगा?
वो अपने मुँह में लवड़ा डालकर चूसने लगी। थोड़ी देर चूसने के बाद वो बोली- अब और सहन नहीं होता.. जल्दी से इसे मेरी चूत में डाल दो।

फिर मैंने बोला- रुक जाओ मेरी जान.. आज रात को तुम्हारी जी भर के चुदाई करूँगा।
मैं उसकी फूल सी चूत को चूसने लगा।

अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था और बोल रही थी- पेल दो इसे.. मेरी चूत में और फाड़ दो मेरी चूत को..
मैंने उसको कमर के बल लिटाया और उसकी चूत पर अपना लौड़ा रखकर ज़ोर से धक्का मारा.. तो उसके मुँह से ज़ोर से चीख निकल गई।
वो दर्द भरी आवाज में बोलने लगी- निकालो इसे.. मुझसे सहन नहीं होगा.. इतना बड़ा लौड़ा..

मैं उसके ऊपर लेटा रहा और थोड़ी देर ऐसे ही रुका रहा.. जब तक उसका दर्द सामान्य नहीं हुआ।
थोड़ी देर बाद वो नीचे से अपनी चूत हिलाने लगी.. फिर मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा और पूरा लौड़ा उसकी चूत में समा गया।
मैंने देखा कि उसकी चूत से पानी के साथ जरा सा खून भी निकल कर चादर पर आ गया है।

मैंने फिर धीरे-धीरे चुदाई की.. अब आरती भी चुदाई का मज़ा लेने लगी।
अब हम दोनों ज़ोर-ज़ोर से चुदाई करने लगे।
थोड़ी देर उसी अवस्था में चुदाई करने के बाद मैंने उसको घोड़ी बनने के लिए बोला और वो तुरन्त घोड़ी बन गई।

मैंने पीछे से उसकी चूत में लवड़ा डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से उसकी चुदाई करने लगा।

कोई 20 मिनट बाद कमरा ‘फच.. फ़च..’ की आवाज़ से गूँज उठा।
अब तक आरती 2 बार झड़ चुकी थी और अब हम दोनों साथ में झड़ गए।
आरती मुझसे बोली- आज मुझे असली सुख मिला है.. आज से पहले उसकी ऐसी चुदाई नहीं हुई थी।

थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और फिर बाथरूम में जा कर फ्रेश हुए। फिर मैंने फोन से ऑर्डर करके खाना मँगवाया और खाना खाया।

उस रात को कैसे मैंने आरती की दोनों तरफ से चुदाई की.. यह कहानी फिर कभी लिखूँगा।
आप लोगों को मेरी कहानी कैसी लगी मुझे ईमेल ज़रूर करें.. ताकि मैं अपनी आगे की कहानी आप लोगों के सामने रख सकूँ।

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