मेरी चालू बीवी-116

(Meri Chalu Biwi-116)

इमरान 2014-11-06 Comments

This story is part of a series:

सम्पादक – इमरान

मामाजी- अरे, यह अंकुर कहाँ चला गया? मुझे तो डर था कि कहीं बीच में ना आ जाए!

सलोनी अपना ब्लाउज और पेटिकोट ही पहन वहीं लेट गई।
सलोनी- हाँ, शायद कहीं चले गए होंगे… चलो अच्छा ही हुआ… वरना आपका क्या होता?? अहा हा हा…

मामाजी- हा हा… वैसे बेटी, बुरा मत मानो तो एक बात पूछूँ?
सलोनी- जी हाँ, क्या?

मामाजी- क्या अंकुर के अलावा तुमने आज मुझसे ही चुदवाया है या फिर किसी और से भी? देखो सच-सच बताना?

उनकी बातचीत का विषय देख मेरे कान भी खड़े हो गए, मेरी चुदाई की गति कम हो गई क्योंकि मैं उनकी हर बात ध्यान से सुनना चाहता था।

सलोनी मुस्कुरा रही थी- क्यों जानना है आपको ये सब? आपको अच्छा लगा ना आज! बस भूल जाइये अब ना!

मामाजी- प्लीज यार… बताओ ना… अब हम दोनों में ये सब बातें तो होनी चाहिए ना?

सलोनी- अच्छा आप भी सब कुछ बताइये फिर… अंकुर को तो आपने ना जाने क्या क्या बता दिया। फिर मुझे क्यों नहीं?

मामाजी- नहीं यार, उससे तो बस ऐसे ही नार्मल बातें ही हुई हैं।

सलोनी- तो पहले आप बताओ, आपने किस किस के साथ चुदाई की है? अब आपकी पत्नी तो है नहीं… यह तो मुझे पता है।

मामाजी- अरे यार, वो बहुत पहले ही मर गई थी… तभी तो मुझे ना जाने कब से प्यासा ही रहना पड़ा! सच बताऊँ तो केवल तुम ही हो जिसने मुझे पत्नी के मरने के बाद आज इतनी शांति दी, वरना मैं तो ना जाने कब से प्यासा ही था।

सलोनी- तो आपने तब से किसी औरत-लड़की के साथ कुछ नहीं किया?

मामाजी- कहाँ यार… एक तो मेरी उम्र… और फिर समाज में रुतबा… कभी मैंने गलत करने की नहीं सोची।

सलोनी- ओह… फिर तो मैंने आपके बारे में काफी गलत सोचा।

मामाजी- हो सकता है! वैसे तुमसे झूठ नहीं बोलूँगा, जब से मेरी बहू घर आई है, उससे जरूर…

सलोनी- वाह… सच? मुझे लगा था…!! वो रानी ना… उससे मैं मिली थी… बहुत ही सेक्सी है वो तो!!

मामाजी- अरे यार, उसको कुछ मत बोलना… उसको कुछ नहीं पता।

सलोनी- क्याआआ…? फिर क्या??

मामाजी- बता रहा हूँ यार… वो तो बहुत ही सीधी-सादी है… उसके साथ भी कुछ करने की मेरी हिम्मत नहीं है, बस छुपकर ही उसको देखता हूँ, या फिर मौका लगता है तो थोड़ा बहुत!!

सलोनी- ओह… क्या कह रहे हैं आप? सब कुछ पूरा खुल कर बताओ ना?

मामाजी- हम्म्म… अरे यार, उसको छुपकर नहाते हुए… या जब बेसुध सो रही होती है तो उसे निहार लेता हूँ।

सलोनी- बस उसके बदन को देखते ही हो या फिर कुछ और भी?

मामाजी- अब तुझसे क्या छुपाना… दरअसल उसकी नींद बहुत गहरी है, तो जब वो सो जाती है, तो वो सब भी थोड़ा बहुत कर लेता हूँ।

सलोनी- ओह… क्या मामाजी? आप भी ना… जरा खुल कर बताओ ना… क्या चोदा भी है आपने अपनी बहू को?

मामाजी- कोशिश तो की है… पर डर के कारण अच्छे से नहीं हो पाता है।

सलोनी- मतलब, उसको नंगी करके अच्छी तरह से सब कुछ देखा है?

मामाजी- हाँ यार, वो तो कई बार… उसकी फ़ुद्दी भी खूब चाटी है… और चूचियाँ भी कई बार पी हैं। उसके चूतड़ों के बीच लौड़ा घुसा कर लेटा रहता हूँ, बहुत मजा आता है…

सलोनी- तो उस रानी को कुछ पता नहीं चलता?

मामाजी- मैंने बोला न कि उसकी नींद बेहोशी की नींद है… एक बार सो जाने के बाद वो घण्टों तक बेहोश सी सोई रहती है।

सलोनी- फिर तो आपने अपना लौड़ा उसकी फ़ुद्दी में घुसाया भी होगा?

मामाजी- हाँ, कई बार कोशिश की तो है… पर अब शरीर में इतनी ताकत तो है नहीं, इसलिए सही से पोजीशन नहीं बन पाती, हाँ… थोड़ा सा डालकर ही कर लेता हूँ।

सलोनी- हा हा… बात तो वही हुई… अपनी बेटी जैसी बहू को चोद चुके हो… और बातें ऐसी करते हो?

मामाजी- वो तो आज भी चोदा है… और सही मायने में तो इसे ही चुदाई कहते हैं जहाँ दोनों एक साथ सही से करें! उसमें सच म बिल्कुल मजा नहीं आता। बस मन की संतुष्टि के लिए कर लेता हूँ।

उनकी बातें सुन रानी और उसका पति भी काफी उत्तेजित हो गए थे और मेरा भी बुरा हाल था।
तभी मेरा भी पानी निकलने वाला हो गया और मैंने रानी को कस कर जकड़ लिया।

मैंने सारा पानी रानी की गाण्ड के अन्दर ही छोड़ दिया।

रानी भी बहुत गर्म हो गई थी, सही मायने में उसको आज ही गाण्ड मरवाने में सही मजा आया था।

फिर अपने ससुर की चुदाई कहानी सुनकर तो उसको और भी मजा आया होगा।

मैं लण्ड से पानी की एक एक बूंद निकाल वहीं लेट गया जिसको रानी ने पकड़ सलोनी की तरह ही अपनी जीभ और मुँह में लेकर साफ़ कर दिया।

उधर सलोनी अपनी कहानी बताने लगी जिसको सुनने के लिए रानी और उसके पति से ज्यादा, मैं लालयित था।

अतः मैंने फिर से अपनी आँखें और कान वहाँ लगा दिए… पता नहीं क्या राज अब खुलने वाला था??
कहानी जारी रहेगी!

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top