मेरी अजब गजब यौन लालसा

सागर 2014-05-09 Comments

सागर
हाय, मेरा नाम सागर है और मैं मुंबई का रहने वाला हूँ।
मैं आज आपको मेरी अनोखी आदत के बारे में बताता हूँ, मैं जब किसी लड़की को जूते और जुराबें पहने देखता हूँ, तो मुझे सेक्स चढ़ने लगता है और मेरा मन उन जुराबें को चाटने को करता है।
यह कहानी मेरी मौसी की लड़की यानि मेरी बहन तनीषा के बारे में है, जो कि मेरी उम्र जितनी ही है।
एक दिन मैं मौसी के घर कुछ किताबें लेने गया, लेकिन तब घर पर कोई नहीं था।
मैंने मौसी को फ़ोन लगाया, तो उन्होंने कहा- मैं बाहर हूँ, तुम जरा रुक जाओ, तनीषा कॉलेज से बस घर आ ही रही है।
दस-पंद्रह मिनट इन्तजार करने के बाद वो आ गई।
उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा क्योंकि उसने ऊपर लाल रंग की कसी टी-शर्ट और नीचे काली शॉर्ट्स पहनी थी।
मेरा लंड खड़ा होने होने वाली बात यही थी कि उसने लाल-काले डिज़ाइन वाले स्पोर्ट्स शूज और काली जुराबें पहनी थी, जो उसने थोड़े रोल किये थे।
हम दोनों मिले, उसने देर करने के लिए ‘सॉरी’ बोला, उसके बाद हम लिफ्ट से ऊपर जाने लगे।
उस बीच मैं यह सोचने लगा कि अगर यह घर जाने के बाद अपनी जुराबें उतार कर बाथरूम वगैरह जाएगी तो मैं उसकी जुराबें सूंघूंगा और चाटूंगा, एक मोजा अपने लंड पर कंडोम जैसे डाल कर हिलाऊँगा और दूसरा चाटूंगा।
मेरा तो यह लिखते हुए भी हिलाने का मन कर रहा है, तो आप सोचिए उस वक्त मेरे लंड का क्या हाल रहा होगा?
मैं इस तरह की कई कल्पनाएँ करने लगा और ऐसे ही हम उसके घर आ गए, बीच में उसने मुझसे क्या बातें की, मुझे याद नहीं।
तो उसने अपने घर का दरवाज़ा खोला।
मेरी धड़कनें बढ़ रही थीं।
मैं बार-बार उसके जुराबें देख रहा था।
इससे मेरा बड़ा बुरा हाल हो रहा था।
वो काली जुराबें उसकी गोरी-गोरी और पतली चिकनी टांगों पर क्या लग रही थी कि क्या बताऊँ।
हम घर के अन्दर आ गए।
वो अपने जूते उतारने के लिए सोफे पर बैठ गई…
…लेकिन मैं और मेरा दोनों खड़े थे।
अनजाने में मैं उससे बातें करने लगा, मैंने कहा- तनीषा, तुम्हारी ड्रेसिंग स्टाइल अच्छी है, तुम पर यह कपड़े बहुत सूट करते हैं।
उसने बहुत ही नशीले अंदाज में कहा- क्या सागर तुम भी…!!!
फिर मैंने उससे पूछा- तुमने इतनी गर्मी में ये शूज और जुराबें क्यों पहन रखे हैं?
उसने बोला- मुझे अच्छा लगता है।
मैंने फिर मजाक के अंदाज में पूछा- फिर तो तुम्हारे पास जुराबें के कई सारे पेयर्स होंगे ना?
उसने बताया- हाँ.. कई सारे हैं, अलग अलग स्टाइल और रंग के..!
इसी की कमी रह गई थी, यह सुन कर तो मेरा लंड और जोरों से फड़कने लगा।
मैंने उसे बताया- मुझे तुम्हारी जुराबें भी बहुत अच्छी लगी।
वो बहुत ही कामुकता से हँसने लगी, पर मैं उसकी हँसी समझने की हालत में नहीं था।
वो अपने जूते उतारने लगी, तब मैंने अचानक से कहा- अहह.. तनीषा, रुको शूज मत उतारो, क्या मैं तुम्हारी जुराबें देख सकता हूँ?
उसने कोई भी परेशानी नहीं दिखाई… जैसे उसे मालूम हो कि मुझे क्या चाहिए।
फिर मैंने उसका एक पैर हाथ में लिया और जूता उतारा। उसके जुराबें की मदहोश करने वाली सेक्सी गंध ने मुझे बेकाबू और पागल बना दिया।
मैंने अचानक उससे कहा- तनीषा, मैं तुम्हारी जुराबें चाट सकता हूँ?
वो थोड़ा डर कर बोली- क्या? तुम क्या कह रहे हो?
फिर मैंने उसे जुराबें की सारी हकीकत बता दी।
वो डर गई थी, फिर भी उसने एक शर्त पर बोला- तुम सिर्फ इन्हें चाटोगे और अपनी बुक्स लेकर तुरन्त वापस चले जाओगे।
वो समझ गई थी कि मुझे जुराबें की ‘फ़ुट फेटिश’ है, मतलब पैरों से सेक्स करना पसंद है।
मैं इतना सुनने वाला थोड़ी था…! मैं पागलों की तरह उसके जुराबें चाटने लगा।
एक हाथ से मैंने उसका पैर पकड़ा था तभी मैंने दूसरे हाथ से अपना लंड हिलाना चालू किया।
वो गुस्सा हुई, तब मैंने उसे कहा- देख तूने तेरे बॉय-फ्रेंड के साथ सेक्स किया है, यह मुझे पता है।
फिर उसने कुछ नहीं कहा और मेरा साथ देने लगी, फिर तो मैं खुले सांड की तरह उसके ब्लैक जुराबें चाटने लगा।
बहुत देर बाद मेरा मन भरा, लेकिन अब लंड की बारी थी। फिर मैं आधा सोफे के अन्दर और आधा बाहर और वो सोफे के ऊपर ऐसे बैठी जिससे मेरा लंड वो अपने पैरों के बीच पकड़कर हिला सके।
मैं तो जैसे स्वर्ग में था…! थोड़ी देर बाद मेरा उसकी दोनों जुराबों पर मेरा स्पर्म गिरा और कुछ उसके मुँह पर छिटक कर गया।
लेकिन मैं हाथ आई मुर्गी को कैसे छोड़ता, सेक्स किये बिना…
वो मैं आपको अगली कहानी में बताऊँगा…!
आप अपनी राय मुझे जरूर बताइए।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top