लण्ड की मलाई की चटोरी मौसी-2

चन्द्र 0565 2014-04-06 Comments

प्रेषक : राजा ठाकुर

जब मौसी ने देखा कि मुझ पर कोई असर नहीं हो रहा है तो बोलीं- मैं ये सब दीदी से कह दूँगी।

तो मैंने कहा- मौसी मैं तुम्हारी ये वीडियो फिल्म मौसा को दिखा दूँगा और अपना मोबाइल निकाल कर उनके सामने रख दिया और वीडियो क्लिप चालू कर दी।

मौसी ये सब देखकर हैरान रह गईं कि मैंने ये सब कब कर दिया, तो मैंने बताया कि मैं जिस दिन घूमने गया था, उस दिन रास्ते में से ही वापस आ गया था और आपकी और आपके देवर की वीडियो बना ली थी।

मौसी- तुम बहुत ही बदमाश हो।

“आई लव यू मौसी ! तुम मेरे लिए एक फिल्म की हेरोइन की तरह हो।”

अब मौसी भी धीरे-धीरे हट छोड़ रही थीं।

मैंने मौसी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें चूसने लगा। उनके होंठ ऐसे लग रहे थे, जैसे मैं कोई आइसक्रीम खा रहा होऊँ।

अब मौसी भी धीरे-धीरे मेरा साथ देने लगीं। मैं उनके होंठ चाटने के साथ मम्मे भी दबाने लगा। मौसी अब गनगनाने लगीं। अब उन्हें भी मजा आने लगा था। वो भी मेरे होंठ चूसने के साथ मेरी पैन्ट से मेरे मेरे लंड को निकाल कर सहलाने लगीं। जैसे कोई बच्चे को दुलारता है।

मेरा लिंग देखकर वो हैरान रह गईं और उनकी आँखें फटी की फटी रह गईं तथा बोलीं- बेटा, तुम्हारा लंड तो करीब 9″ का है और तुम्हारे मौसा का तो केवल 5″ का ही है।

वो वासना में सिस्कारने लगीं- आह… आह… ऊऊआ… आ… सी… सी… आह… ईईए… ऊऊओ… सी…

मैं उन्हें बेड पर ले गया और उन्हें लिटा दिया। थोड़ी देर उनके मम्मे चाटने के बाद मैं 69 की पोजीशन में आ गया और मैं उनकी चूत को चाटने लगा और वो मेरे लंड को चूसने लगीं। जिस तरह कोई आइसक्रीम को चाटते है, उसी तरह मौसी मेरे लंड को चाट रही थीं। वो मेरे लंड के सुपारे पर जीभ फिरा रही थीं, जैसे कोई जादूगरनी अपना जादू कर रही हो।

मैं तो उनका दीवाना हो चुका था। मुझे वो दुनिया की सबसे सुन्दर व सेक्सी औरत लग रही थीं। मैं भी उनकी चूत को बड़े प्यार से चाट रहा था। मैं अपनी पूरी मस्ती में था और अपना लंड मस्ती में उनके मुँह में जोर-जोर से धकिया रहा था।

मौसी का भी बुरा हाल था, 10-12 मिनट बाद मौसी ने अपनी चूत को भींचना शुरू कर दिया और बोलीं- राजा, मैं जाने वाली हूँ।

मैंने कहा- मौसी आने दो, मैं आपका रस पीना चाहता हूँ।

और मौसी ने अपना रस मेरे मुँह में गिराना शुरू कर दिया। उनका रस नमकीन था, परन्तु था बहुत स्वादिष्ट। मैं उनका पूरा रस पी गया।

करीबन 15 मिनट के बाद मैं बोला- मौसी मैं भी झड़ने वाला हूँ, बताओ मैं अपना माल किधर छोडूँ?

मौसी बोलीं- छोड़ दो मेरे मुँह में !

और मैंने 4-5 धक्कों के साथ अपना पूरा माल मौसी के मुँह में गिरा दिया और मौसी पूरा वीर्य पी गयी और मेरा लंड चाट-चाट कर साफ़ कर दिया जैसे कोई लॉलीपॉप चाटता हो। मौसी की चूत में तो खुजली हो रही थी। वो मेरा लंड मांग रही थी।

मौसी ने चूस-चूस कर मेरा लंड फिर खड़ा कर दिया तथा बोलीं- मेरी जान, आ जाओ मैदान में।

और मैं उनके ऊपर आ गया। मैंने अपना लंड को उनकी चूत के मुहाने पर रखकर घिसने लगा तो मौसी सातवें आसमान पर थीं, वो ‘आह… आ… सी-सी… आह… आह… उई… ई… ईओ… ओ… ओ…’ करने लगीं और बोलीं- मेरे राजा अब मत तड़पाओ… प्लीज मेरी चूत में अपना लंड डाल दो और मुझे निहाल कर दो।

मौसी की इस तड़प में मुझे आनन्द मिल रहा था।

मौसी गुस्से में बोलीं- भोसड़ी के घुसा जल्दी… नहीं, तो मेरी चूत फट जाएगी।

और मुझे गुस्सा आया… मैंने अपना लंड मौसी चूत पर रखकर जोरदार किक लगा दी और लंड चूत में आधा घुस गया.. फक्क की जोरदार आवाज आई और मौसी चिल्ला उठीं… ऊओह्ह्ह मर गई निकाल राजा ..तेरा बहुत मोटा है तेरा मैं मर जाऊँगीईई…

मगर मैंने नहीं निकाला… धक्के मारता गया, वे कुतिया सी मरी आवाज में बोलीं- धीरे से मेरे राजा, तेरा लंड ज्यादा बड़ा है… तेरे मौसा का तो 5″ का ही है और तेरा तो मुझे 9″ से ज्यादा बड़ा और 3″ मोटा लग रहा है।

मैंने धीरे-धीरे अपना लंड मौसी की चूत में अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया। कुछ देर में मौसी का दर्द गायब हो गया, तो मैंने अपना पूरा लंड मौसी की चूत में जोरदार झटके से पेल दिया। इस बार मौसी ऐंठ गईं… उन्हें जोर से दर्द हो रहा था। मैंने उनके मम्मे अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया, तब जाकर उन्हें थोड़ा आराम मिला।

मौसी अब धीरे-धीरे अपने चूतड़ उचकाने लगीं- आह्ह… आआह्ह्ह्ह… सीसी… ऊउम्मम्म… आह… आह… हई… हई…

मैं समझ गया कि वो अब मस्ती में है और मैं भी मस्ती में आकर चोदने लगा। उनके मुँह से मस्ती के स्वर फूटने लगे वो, ‘आह… सी… उई… उई… उफ़… उफ़…’ कर रही थीं।

मस्ती का आलम यह था कि अब वे कहने लगीं- राजा जोर से चोदो और फाड़ दो मेरी चूत, मेरी चूत को भोसड़ा बना दो। मुझे ऐसा पता होता कि तुम्हारा लंड इतना बड़ा है तो मैं तुमसे बहुत पहले ही चुदवा लेती।

मौसी कामुक अदा में लगातार सीत्कार करने लगीं और बोलीं- मेरे बालम… मेरे साजन… फाड़ दो मेरी चूत.. मेरी प्यासी की प्यास बुझा दो।

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर-जोर से झटके मारने लगा। थोड़ी देर बाद वो झड़ने लगीं और बोलीं- मेरे साजन, मैं तो झड़ने वाली हूँ। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

और वो नीचे से अपनी कमर को उठा कर झटके देने लगीं, 8-10 धक्कों के बाद वो झड़ गईं परन्तु मेरी स्पीड और बढ़ गई। मैंने उन्हें करीबन आधा घंटे तक चोदा। इस दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थीं।

मैं मौसी से बोला- जानू, मैं जाने वाला हूँ किधर निकालूँ अपना माल..?

मौसी बोलीं- राजा, मेरी चूत में ही डाल दो अपना माल।

दस-बारह जोरदार धक्कों के बाद मैंने अपना माल मौसी की चूत में छोड़ दिया और मौसी के ऊपर ही लेट गया।

मौसी बोलीं- वाह राजा, मजा आ गया आज की चुदाई में आज पहली बार किसी मर्द से पाला पड़ा है। अब तो मैं तुमसे हमेशा चुदवाया करुँगी।

इस प्रकार हमारा पहला राउंड ख़त्म हो गया। हमने रात को खाना खाया और दूसरे राउंड के तैयारी करने लगे। मौसी अपनी बच्ची को सुलाने के बाद मेरे कमरे में आ गईं और हमारा दूसरा दौर शुरू होने जा रहा था।

मैं मौसी से चिपक गया तथा उनके होंठ चूसने लगा तथा एक हाथ से उनके स्तन दबाने लगा। थोड़ी देर में मौसी गरम होने लगीं और वो घूम गईं तथा मेरे सारे कपड़े एक-एक करके उतारने शुरू कर दिए, तो मैंने भी मौसी के सारे कपड़े उनके शरीर से अलग करने शुरू कर दिए।

पहले मैंने उनकी साड़ी उनके मखमली शरीर से अलग की, फिर उनका ब्लाउज उनके शरीर से अलग कर दिया, फिर उनका पेटीकोट उतार दिया। अब उनकी दूध जैसी सफेद टाँगें चमकने लगीं।

मैं उन्हें चूसने लगा बड़ा आनंद आ रहा था। मैं उनकी टाँगों के बीच खो गया तो मौसी ‘आऊउफ़… उफ़… सी… सी…’ करने लगीं।

मैंने उनकी ब्रा को उनकी चूचियों से अलग कर दिया। मौसी की चूचियों से महक आ रही थी। मैं उन्हें चूसने लगा। मौसी की चूचियों की घुन्डियाँ कड़ी हो गईं। मैं जीभ से उन्हें चुभलाने लगा और मौसी मस्ती में झूमने लगीं। इसके बाद मैंने उनकी पैंटी को उनके शरीर से अलग कर दिया।

मैंने उनकी चूत पर अपनी जीभ चलानी शुरू कर दी। उधर मौसी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। मैं इस समय आसमान में उड़ रहा था।

उधर मौसी मेरे लंड को पूरे जोश से चूस रही थी, मैं अपना आपा खो रहा था, मुझे इतना आनन्द आ रहा था कि मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता हूँ। मैं जोश में कभी-कभी मौसी के मुँह में झटके लगा देता था। ‘गूं..गूं’ की आवाज मौसी के मुँह से निकल रही थी।

15-20 मिनट के बाद मैं भी झड़ने के कगार पर था तो मौसी से बोला- मौसी मैं झड़ने वाला हूँ।

तो वो बोलीं- मेरे मुँह में ही डाल दो अपना माल… मैं तुम्हारे स्वादिष्ट माल को पीना चाहती हूँ।

मैंने कुछ दमदार धक्कों के बाद अपना वीर्य मौसी के मुँह मे निकाल दिया और वो मेरा वीर्य रस मलाई की तरह पी गईं तथा मेरा पूरा लंड उन्होंने जीभ से चाट-चाट कर साफ़ कर दिया।

थोड़ी देर में मौसी ने फिर से मेरे लंड को चूस चूस कर खड़ा कर दिया। अब मैंने मौसी को घोड़ी बनाया और उनके पीछे आ गया। मैंने अपना लंड मौसी की चूत पर घिसना शुरू कर दिया। मौसी अब तड़पने लगी मुझे और मौसी को इसमें आनन्द आ रहा था।

मौसी बोलीं- राजा जरा धीरे से घुसाना, ऐसा न हो की मेरी चूत पूरी फट जाए ! तुम्हारा लंड वैसे भी बहुत मोटा और लम्बा है।

मैंने एक धक्का दिया, लंड सीधा मौसी चूत को चीरता हुआ घुस गया।

मौसी चिल्लाई, ‘मर गई…. राजा निकाल मेरी तो फट गई आ… आ… ऊऊ… सीसी…’ करने लगीं।

उन्होंने अपने हाथ से देखा क़ि मेरा लंड अभी केवल आधा ही अन्दर गया है तो वो रुआंसी सूरत करके बोलीं- आज मार ही डालोगे क्या ! मैं उन्हें तड़फाने के लिए बोला- निकाल लूँ अपना लंड !

तो वो बोलीं- इतना अंदर जाने के बाद क्यों निकाल रहे हो… अब तो डाल दो पूरा अन्दर जो होगा देखा जायेगा।

मैंने कहा- मौसी यह हुई न शेरनी वाली बात..! और मैंने दो-तीन धक्कों में अपना पूरा लंड उनकी चूत में ठूँस दिया।

मौसी, “आ उफ़ उफ़ आ आ उफ़ उफ़…।” करने लगीं। मैंने उनकी चूची को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया, तो उनका दर्द कम हुआ और वो अपने चूतड़ों को आगे-पीछे करने लगीं। अब उनका दर्द कम हो चुका था, वो मस्ती में आती जा रही थीं। मैं भी मस्ती में धक्के लगा रहा था।

आहा.. क्या चुदाई चल रही थी हम दोनों तो जैसे खुले आसमान में उड़ रहे थे। फचा-फच की आवाज हो रही थी… मौसी के मुँह से आऽऽऽअ..अऽ. ..अ उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ अहहहहः म्म्म्म्म् ऊऊऊऊ की मादक आवाजें गूँज रही थीं।

मैं भी पूरे जोश के साथ आनन्दित होकर मौसी को चोद रहा था।

“मेरे राजा तुमने मुझे चोदकर मेरा जीवन धन्य कर दिया। इससे पहले तो पता ही नहीं चला कि चुदाई किसे कहते हैं। मैं तुम्हारी जिन्दगी भर अहसान मंद रहूँगी। मेरी चूत मारते रहो राजा… अब तो मैं तुमसे रोज चुदूँगी।” मौसी बड़बड़ा रही थीं, “राजा फाड़ दे मेरी चूत को जोर से राजा जोर से मेरी चूत को भोसड़ा बना दे आ आ सी सी ऊऊ आ आ सी ऊ आह्ह हह ईई,” कर रही थीं।

मैं भी धकापेल चुदाई में लगा था, 10-15 मिनट के बाद मौसी बोलीं- मेरे राजा ओ मेरे साजन, मैं झड़ने वाली हूँ..

तथा वो 5-6 धक्कों के बाद अपनी चूत को सिकोड़ने लगीं तो मेरी समझ में आ गया कि वो झड़ रही हैं। वो अपना नमकीन पानी मेरे लंड के ऊपर छोड़ रही थीं और मुझे इतना सुख मिल रहा था कि मैं आपको शब्दों में बता नहीं सकता। मैंने अपनी स्पीड को बनाए रखा, कु्छ देर के बाद मैं भी झड़ने वाला था, तब तक मौसी तीन बार झड़ चुकी थीं।

मैं मौसी से बोला- मेरी जान मैं भी झड़ने वाला हूँ अपना माल किधर डालूँ…!

तो बोली- अबे भोसड़ी के एक बार तो तुम मेरी चूत में गिरा चुके हो तो दुबारा भी मेरी चूत में ही गिरा दो।

मैंने 10-12 धक्कों के बाद मौसी की चूत में ही झड़ गया, तभी मौसी पलटीं और मेरा लंड लेकर चूसने लगीं तथा पूरे लंड का वीर्य चाट-चाट कर साफ़ कर दिया।

मैं बोला- मौसी तुम तो कह रही थीं कि मेरी चूत में डाल दो तो फिर मुँह में क्यों?

“अरे मेरे राजा… मुझे तेरा वीर्य बहुत अच्छा लगता है इसलिए।”

और फिर हम एक-दूसरे से चिपक कर सो गए। दोस्तो, कृपया मुझे जरूर बतायें कि यह कहानी कैसी लगी !

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