भाई की साली की चूत चुदाई -1

(Bhai Ki Sali Ki Chut Chudai-1)

This story is part of a series:

दो कदम तो सब चल लेते हैं,
जिंदगी भर का साथ कोई नहीं निभाता,
अगर रो कर भुलाई जाती यादें,
तो हंस कर कोई गम न छुपाता…

दोस्तो, कैसे हो आप लोग !
आपने मेरी कहानियाँ पसंद की, उसके लिए शुक्रिया।
पेश है मेरी अगली कहानी !

मेरे घर में कुछ दिन के लिए नई मेहमान रहने आई, मेरी भाई की साली सोनी।

उसकी शादी हो चुकी थी एक साल पहले, पर माल एकदम मस्त थी। किसी काम से आई थी सोनी यहाँ ! पूरी देहाती टाइप की लड़की थी वो। मेरे से भी मजाक हो जाता था कभी कभी, तो कभी नॉन-वेज मजाक भी। कभी कभी मैं उसके चूतड़ों पर चपत लगा देता था, चूँटी काट लेता, वो भी कभी कभी ऐसे करती। कभी कभी मैं चोरी चोरी उसकी 32-26-32 साइज़ का बदन देखता और लंड हिलाता था।

उस दिन भी नहाने से पहले उसकी चूचियाँ देख कर लंड खड़ा हो गया था, वैसे ही नहाया और खड़े लंड को अच्छे से नहलाया। नहाने के बाद मैं सर पोंछता हुआ बाहर आया पर लंड वैसे ही अकड़ा हुआ ही था। मैं भूल गया था कि दरवाजा खुला है।
जैसे ही आवाज सुनी : हॉ !

तैसे ही मैंने अपने चहरे से तौलिया हटा कर देखा तो सोनी मेरे पलंग में बैठी हुई मेरे खड़े लंड को एकटक देखे जा रही थी और मैं उसकी शक्ल देखे जा रहा था। तभी मुझे ध्यान आया और मैंने तोलिये से अपने लंड को छुपाया और वो भी भाग गई मेरे कमरे से।
तब से वो मेरे से बात कम करती और देख कर हंसती और भाग जाती।

फिर मैंने भी सोच लिया इसकी लेनी ही है। उस दिन छुट्टी थी, सुबह का ही वक्त था, भाभी ने उसके हाथ मेरे लिए चाय भेजी, वो मुझे जगाने आई, मैं जगा ही हुआ था, उसे आता देख फिर सोने का नाटक करने लगा और लंड को कच्छे से थोड़ा बाहर निकाल लिया। पहले वो आई और देखा तो उसने आँखें बंद कर ली, फिर देखा कि मैं सो रहा हूँ तो पास में आ गई और पलंग पर बैठ गई। वो मेरे लंड को देख रही थी, यह देख कर मेरे लंड ने एक ठुमका मारा और कच्छे को नीचे करता हुआ बाहर आ गया।

वो उठ कर खड़ी हो गई और कमरे से बाहर जाने लगी। फिर उसे ना जाने कुछ हुआ, वो फिर आई और पलंग पर बैठ गई और मेरे लंड को देखने लगी।

उसने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी। तभी उसे मेरे तकिये के नीचे किताब दिखी जिसमे सम्भोग का तरीका लिखा हुआ था और तस्वीरें भी थी नंगी-नंगी।

उसने एक के बाद एक तस्वीर देखी और फिर से मेरा लंड पकड़ लिया, हल्के से खाल नीचे करके लाल लाल सुपारा देखने लगी। अब मेरा लंड पूरा उसकी मुट्ठी में था। फिर उसने कच्छे से मेरे आंड भी बाहर निकाल लिए और उन्हें सहलाया। फिर एक हाथ से अपनी

एक एक करके चूचियाँ दबाई और चूत पर हाथ ले जाकर एक बार चूत को रगड़ दिया और फिर लण्ड को पूरा ऊपर नीचे करने लगी आराम आराम से।

अंदर से वो पूरी गरम हो चुकी थी, तभी भाभी की आवाज आई और उसने जवाब दिया- अभी आई।

मैंने भी उसी वक़्त आँखें खोल दी और कहा- अरे तुम यहाँ? और ये क्या?

वह कुछ न कह पाई और शर्म से लाल होकर भाग गई। मैं मन ही मन खुश हो गया कि अब तो पट गई, नई चूत मिलेगी।

उसके बाद वो मुझसे आँखे नहीं मिला रही थी। दिन का टाइम था, वो सो रही थी, मैं सबको देख कर उसके कमरे में गया, वो सीधी सो रही थी, उसकी चूचियाँ सांस लेने से ऊपर नीचे हो रही थी। मैं भी जाकर पलंग पर बैठ गया, पहले उसके गाल सहलाये फिर उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया और जैसे ही दबाया वो जग गई और सिमट कर बैठ गई, कहने लगी- तुम यहाँ क्या कर रहे हो? कोई देख लेगा तो, क्या होगा।

मैंने कहा- अच्छा ! उस दिन जब तुम मेरा पकड़ कर देख रही थी और सहला रही थी? तब कोई देख लेता तो?
उसने कहा- वो तो गलती से पता नहीं कैसे हो गया।
मैंने बोला- नहीं, अब मुझे बदला लेना है, मैं भी तुम्हारा देखूँगा, नहीं तो तुम्हारे बारे में सबको बता दूँगा।

वो कुछ न बोली, बस मुझे देखती रही भोली बनकर। मैंने जाकर दरवाजा बंद किया और आकर फिर उसके पास गया और उसे लिटा दिया।
उसने कहा- कोई आ गया तो?

मैंने उसे ऊपर अपने कमरे में आने को बोला और मैं ऊपर चला गया। कुछ देर बाद वो भी ऊपर आ गई, ऊपर के कमरे की खिड़की से सीढ़ियाँ दिखाई देती हैं, कोई आएगा भी तो पहले ही मालूम चल जायेगा। मैंने दरवाजा भी नहीं लगाया कि कोई शक करेगा।
फिर मैंने उससे पूछा- अब बताओ, क्या देख रही थी उस दिन?

वो कुछ न बोली, बस शरमा कर मुँह छुपा लिया। मैंने उसका हाथ हटाया और गालों पर एक चुम्मा दे दिया, वो पूरी शर्म से लाल हुई पड़ी थी।

फिर मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और उसके होंठ चूसने लगा। वो भी मेरा साथ दे रही थी। फिर मैंने अलग होकर पूछा- जो उस दिन दिन देखा था आज भी देखोगी?

उसने शरमा कर हाँ में जवाब दिया। मैंने पैंट नीचे कर दी, फिर उससे बोला कि अब कच्छे में से निकाल लो।

जब उसने कुछ नहीं किया तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया। वो पीछे हाथ हटाने लगी पर मैंने मजबूती से पकड़ रखा था। जब हाथ हटाया न गया तो उसने भी अच्छे से मेरे लंड को पकड़ लिया। मैंने उसका हाथ छोड़ दिया और बोला- बस यह पर्दा हटा लो फिर तुम्हारी चीज़ तुम्हारे सामने होगी।

वो मेरे लण्ड को थोड़ी देर ऐसे ही दबाती रही और फिर कच्छा नीचे कर दिया, मेरा लंड ठीक उसके सामने आ गया। वो उसे सहला रही थी, लंड पूरा खड़ा हो चुका था।
मैंने उससे पूछा- तेरे पति के से बड़ा है क्या जो ऐसे देख रही हो?
उसने कहा- हाँ, लम्बाई में थोड़ा छोटा है मेरे पति का और… और इतना मोटा भी नहीं है।
मैंने कहा- फिर देख क्या रही हो? मुँह में ले लो और चूस लो इसे !
उसने कहा- छीः, यह तो गन्दा होता है, मैं नहीं लूँगी मुँह में।
जैसा कहा था मैंने कि सोनी देहाती है पूरी, मैंने कहा- चलो ठीक है !

फिर मैं उसकी चूचियाँ दबाने लगा और वो मेरा लंड सहला रही थी। मैंने उसका कमीज और ब्रा ऊपर कर दिया और चूचियाँ दबाने लगा, फिर निप्पल चुटकी से मसलने लगा और कुछ देर में मुँह में लेकर चूसने लगा। वो सिसकारियाँ लेने लगी।

अब वो लेटी हुई थी, मैं उसकी चूचियाँ चूस रहा था वो मेरा लंड मसल रही थी। मैंने उसकी सलवार के ऊपर से ही चूत पर हाथ रखा वो छटपटा के रह गई। फिर मैंने उसकी पजामी में हाथ डाल दिया, इलास्टिक वाली पजामी पहनी हुई थी उसने और अंदर पेंटी भी नहीं पहनी हुई थी। अंदर हाथ डालते ही सीधा उसकी चूत पर हाथ गया जो बहुत बालों के बीच फंसी हुई थी, ऐसा लग रहा था कि उसने जब से जवान हुई तब से बाल साफ़ ही नहीं किये, कैसा पति था इसका।

कोई बात नहीं, मैं किसलिए हूँ ! मैंने पूछ ही लिया- बाल कब से नहीं बनाये?
उसने कहा- मैंने कभी बाल नहीं साफ़ किये यहाँ के !

मैंने उसकी पजामी नीचे कर दी और चूत में उंगली डाल दी, उसकी चूत भी पूरी गीली हो गई थी, वो भी हल्के-हल्के सीत्कार रही थी। मैं भी तैयार था पर तभी किसी के आने की आहट हुई तो मैंने खुद को ठीक किया, उसने भी अपने आप को ठीक किया और कमरे के बाहर चली गई।

तो अब दिन बीत गया, रात करीब 8:30 बजे होंगे, वो पलंग पर बैठ कर टीवी देख रही थी और रजाई से ढकी थी, उसके आगे बच्चे बैठे हुए थे, मैं भी जाकर उसकी बगल में बैठ गया और अपने को भी ढक लिया रजाई से। उसने वही पहना हुआ था और मैंने निक्कर और टी-शर्ट पहना हुआ था।

कुछ देर ऐसे ही बैठे रहने के बाद मैंने उसकी जांघों पर हाथ रख दिया। उसने हटा दिया और इशारे से कहा कि कोई देख लेगा, पर मैंने फिर हाथ रख दिया, इस बार उसने नहीं हटाया। फिर मैंने अपना मोबाइल निकाल कर उसमें कम आवाज करके ब्लू फिल्म चला दी, अब उसका ध्यान टीवी से हट कर मेरे फोन पर आ गया था।

मैंने फिर उससे पूछा- शादी से पहले भी किसी से किया है क्या?
उसने धीरे से कहा- किसी को बताओगे तो नहीं न?
मैंने कहा- नहीं बताऊँगा, बता दो।
उसने कहा- हाँ, एक लड़के के साथ किया है 2 बार, उसके बाद सिर्फ पति के साथ ही !

इस बीच मैंने उसका हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया और अपना हाथ उसकी चूत पर ले आया। हमें यह सब करता कोई देख नहीं पा रहा था। अब फिल्म में ये दृश्य चल रहा था कि लड़की की चूत लड़का चाट रहा था।
उसने मेरे से पूछा- इसमें मजा आता है क्या?
मैंने कहा- हाँ, बहुत मजा आता है, तुम अपने बाल साफ़ कर लेना, फिर यह मजा दूंगा।
उसने कहा- कैसे साफ़ करुँगी?
मैंने कहा- वो भी मैं कर दूंगा, तुम फिकर मत करो।
कहानी जारी रहेगी।
[email protected]
[email protected]
2929

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top