दीपिका बनी मेरे लौड़े की प्रेमिका-3

(Deepika Bani Mere Laude Ki Premika-3)

This story is part of a series:

अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार.. मेरी पिछली कहानी को आप सबसे मिले प्रोत्साहन के लिए मैं आप सब लोगों का आभारी हूँ।

पिछले भाग में मैंने आप लोगों को बताया था कि मैंने कैसे अपनी मौसेरी बहन दीपिका के साथ बिताई पहली रात में कैसे चुदाई की थी।

उस रात हमने तीन बार चुदाई की थी और थके हुए हालात में पूरी रात नंगे ही चिपक कर सो गए थे।

अगले दिन सबसे पहले मेरी ही आँख खुल गई.. एक बार तो मुझे ऐसा लगा था कि मैंने कोई हसीन ख्वाब देखा था.. लेकिन फिर देखा कि बगल में नंगी हसीना सो रही है और पिछली रात की सारी फिल्म मेरी आँखों के सामने चल पड़ी।

दीपिका अपनी पीठ के बल सो रही थी.. और उसने अपनी टाँगें भी फैलाई हुई थीं, उसके मम्मे और उन पर उठे हुए गुलाबी निप्पल मस्त लग रहे थे।

मैंने कहीं पढ़ा था कि लड़कियों को नींद से जगाते हुए अगर कोई चुदाई करता है तो वो उसका खूब आनन्द उठाती हैं और वैसे भी मेरे सामने दिख रहे दृश्य से मैं भी काफी उत्तेजित हो चुका था, मेरा लण्ड खड़ा हो कर हाहाकार मचा रहा था।

सबसे पहले मेरा ध्यान दीपिका की चूचियों की तरफ गया।

मैंने धीरे से उसकी दोनों चूचियों को दबाना शुरू किया और साथ-साथ उसके निप्पल भी सहलाने लगा, मेरे सहलाने के कारण निप्पल और तन गए थे।

फिर मैंने उसकी एक चूची मेरे मुँह में ले लिया और दूसरी चूची को मन मर्जी से दबाने लगा।

मेरी हरकत से दीपिका गहरी नींद में भी मचल रही थी और उसके चेहरे के भाव से ऐसा लग रहा था कि नींद में भी वो मज़े ले रही है.. लेकिन उसकी आँखें बंद ही थीं।

मैं और ज़ोर से दबाने और चूसने लगा और साथ अब मेरा एक हाथ दीपिका के पूरे बदन पर चल रहा था और उसके टाँगों के बीच आकर रुक गया।

अब मैं अपने हाथों से उसकी चूत की मालिश करने लगा।

अब मेरी एक ऊँगली दीपिका की चूत के अन्दर-बाहर हो रही थी।

मैंने देखा कि दीपिका का नींद में तड़पना ज़्यादा हो रहा था और मेरी ऊँगली की ताल पर उसकी कमर भी उठ रही थी।

मैंने दीपिका का हाथ मेरे लण्ड के ऊपर रख दिया।

दीपिका ने मेरा लण्ड पकड़ लिया और धीरे-धीरे उसकी आँख खुली और अब वो अपने कमर उठाने के साथ मुँह से ‘आह..’ की आवाज़ भी निकालने लगी।

उसकी चूत गीली होने से मेरी ऊँगली भी अब आसानी से अन्दर-बाहर हो रही थी। दीपिका भी मेरा लण्ड ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी और उसने नशीली आवाज में मुझसे बोला- दो उँगलियाँ अन्दर डालो न…

मैंने दो ऊँगलियां अन्दर डाल दीं.. तो मुझे अन्दर काफी कसा हुआ सा लगा और इससे दीपिका को भी मज़ा आ रहा था।

अब वो जोर-जोर से मस्ती में चिल्लाने लगी और साथ में बोली- साले रोकना मत.. मेरा अब होने ही वाला है…

और थोड़ी ही देर में उसका पूरा बदन अकड़ गया और उसके मुँह से एक लंबी ‘आह’ की आवाज निकली और उसे इस हाल में देख कर मेरे लण्ड से भी पानी निकल गया।

मैं थोड़ी देर बिस्तर पर लेट गया और दीपिका बाथरूम के अन्दर गई और बाथटब में पानी भरने लगी और बाथरूम से उसने मुझे आवाज़ देकर अन्दर बुला लिया।

बाथटब में पानी भर रहा था और दीपिका के चेहरे की हँसी ये बता रही थी कि पिक्चर अभी बाकी है और दीपिका ने चुदने के लिए कुछ खास सोचा है।

दीपिका मेरे लण्ड को देखते हुए बोली- अभी इसको और भी काम करना है.. इसे जगाना पड़ेगा।

दीपिका दूसरे राउंड की तैयारी कर रही थी और वो मेरे सामने अपने घुटनों पर बैठ गई और उसने मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। उसने मेरा पूरा लण्ड उसने मुँह में लिया था और धीरे-धीरे मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया।

अब वो पूरी तरह से चुदाई के लिए तैयार हो चुका था।

फिर दीपिका ने मुझे टॉयलेट के कमोड पर बिठा दिया और मेरे सामने खड़ी हो गई। उसने मेरे सिर को अपने हाथों से पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर लगा दिया और मुझे चाटने के लिए बोला।

मैंने पहले उसकी चूत को होंठों से चूम लिया और फिर मेरी जीभ से उसकी चूत नीचे से ऊपर चाटना शुरू किया।

दीपिका भी अपनी कमर को हिला कर अपनी चूत चुसवाने लगी। उसे काफी मज़ा आ रहा था और उसने अपने हाथों से चूत का द्वार खोल दिया और बोली- अब अन्दर तक चाटो।

अब मैं उसे अपनी जीभ से चोद रहा था और उसकी चूत से पानी टपकने लगा था। इतने में बाथटब भी पानी से भर गया था।

फिर दीपिका ने मुझे बाथटब में बिठा दिया और वो भी मेरे आगे बाथटब में बैठ गई। हम एक-दूसरे के आमने-सामने थे।

अब दीपिका ने अपने पैरों से मेरे पैरों की मालिश करते हुए धीरे से अपना पैर मेरे लण्ड पर रख दिया और पैरों से लण्ड की मालिश करने लगी।

मैंने भी अपने पैरों से उसकी चूत की मालिश करना चालू किया। ऐसा मैंने अपनी ज़िन्दगी में पहली बार किया था।

मुझे इससे काफी मज़ा आ रहा था और साथ ही साथ बहुत उत्तेजना भी हो रही थी।

अब तो मुझे ऐसा लग रहा था कि कमरतोड़ चुदाई करूँ और दीपिका भी अब चुदाई की फुल मूड में आ चुकी थी।

वो मेरे पास आई और मेरे खड़े हुए लण्ड पर उचक कर बैठ गई और मेरे लण्ड को अपने हाथों में लेकर अपनी चूत पर रगड़ने लगी और फिर उसने मेरे लण्ड को चूत के अन्दर ले लिया और झटके देना शुरू किया।

वो झटके भी इतनी ज़ोर से लगा रही थी कि बाथटब का पानी बाहर उछल रहा था।

फिर वो टब के अन्दर ही मुड़ गई और अब वो मेरा लण्ड पीछे से चूत में ले रही थी। हम दोनों को काफी मज़ा आ रहा था।

बाथरूम दीपिका के चीखने से और पानी के उछलने की आवाज़ से भर गया।

अब मैंने दीपिका को टब के अन्दर घोड़ी बना लिया और पीछे से उसकी चूत लेने लगा और ज़ोर के झटके देना शुरू कर दिए।

चूत चुदाई के साथ-साथ मैं उसकी गाण्ड में ऊँगली भी करने लगा। उसे बहुत मज़ा आ रहा था। मुझे लगा कि वो दो बार झड़ चुकी थी।

लेकिन मेरा इरादा कुछ और था। मैं आज उसकी जबरदस्त चुदाई करना चाहता था।

इसलिए मैं उसे अब टब से बाहर लेकर आया और खड़े-खड़े ही उसको आगे को झुकाया और खड़े होकर ही उसको चोदने लगा।

मेरे हाथ उसकी कमर पर थे और हर झटके के साथ में उसकी कमर आगे-पीछे करने लगा।

दीपिका जोर-जोर से चिल्ला रही थी.. उसकी आँखों से पानी निकल रहा था। फिर मैंने थोड़ा शैम्पू लिया और उसकी गाण्ड के छेद पर टपका दिया और ऊँगली से गाण्ड के अन्दर भी शैम्पू लगा दिया।

अब मैंने अपना लण्ड एकदम से उसकी चूत से बाहर खींच कर गाण्ड के छेद पर टिका दिया और पूरा लौड़ा एकदम से ‘सट’ की आवाज के साथ उसकी गाण्ड में घुस गया अब मैं हचक कर उसकी गाण्ड मारने लगा।

मेरा लण्ड उसके गाण्ड के अन्दर-बाहर हो रहा था और दीपिका अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी और साथ-साथ मुँह से आवाज़ भी निकाल रही थी।

मैंने भी अपनी रफ़्तार को बढ़ा दिया और वो तीसरी बार झड़ने वाली थी।

उसने बोला- मेरी गाण्ड अपने पानी से भर दो राजा…

अब मैं भी ज्यादा देर टिक नहीं पाया और हम दोनों का एक साथ हो गया। मैंने उसकी गाण्ड में अपना पानी गिरा दिया।

मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और उसको कसकर झप्पी देकर.. उसके होंठों को चूम लिया।

हम दोनों थक चुके थे और दीपिका टब के अन्दर बैठ गई।

मुझसे बोली- कैबिनेट से ‘बबल-बाथ’ की बोतल ले आओ.. और टब में आ जाओ।

मैंने जब कैबिनेट खोली तो मुझे ‘बबल-बाथ’ की बोतल के साथ एक वाइब्रेटर भी मिला। मेरे पूछने पर दीपिका ने बताया कि वो उसकी दोस्त पूजा का है.. जिसे वो मुझसे जल्दी ही मिलाने वाली है।

उसकी इस बात को सुन कर मेरा लण्ड एक बार फिर फनफना उठा। मेरे खड़े लौड़े को देख कर दीपिका मुस्कुरा उठी।

दोस्तो.. पूजा के साथ चुदाई हुई तो उसकी कहानी अवश्य लिखने का प्रयास करूँगा.. अगर मेरी कहानी आपको पसंद आई हो तो मुझे ईमेल ज़रूर कीजिएगा।

धन्यवाद।

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