भांजी की चिकनी चूत -2

(Bhanji Ki Chikni Chut -2)

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सौम्या भी अपना मोबाइल बंद रख के मेरी हरकतों का आनन्द ले रही थी। उसके चेहरे का हाव-भाव मुझे और बढ़ावा दे रहे थे।
अब मेरे हाथ ब्रा के अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे।

मैंने उसकी एक चूची ब्रा से बाहर निकाला और उसे दबाने लगा और साथ साथ उसके निप्पल भी उँगलियों से छेड़ रहा था।
उसका निप्पल पूता तना हुआ था, मैं हल्के से उसके निप्प्ल को नोचने लगा।

अब सौम्या की सांस तेजी से चलने लगी, मैंने उसे पूछा- कैसा लग रहा है?
तो वो कुछ बोले बिना मुस्कुराने लगी और उसने अपना टॉप उतार दिया, साथ में ब्रा भी उतार दी, मेरी तरफ देखते हुए अपने दोनों बूब्स दबाने लगी।

मैंने उसके दोनों पैर पकड़ कर उसे ऊपर खींच लिया, अब उसके चूतड़ मेरी टांगों के ऊपर थे और मैं उसके दोनों बूब्स दबाने लग गया। उसने मेरा सर पकड़ कर नीचे खींचा और अब उसकी एक चूची मेरे मुँह के सामने थी।

मैंने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसके निप्पल को चाटने लगा, फिर हल्के से काटा और फिर जोर जोर से उसकी चूची चूसने लगा।
मेरा लण्ड अब उसकी गांड में चुभ रहा था और वो भी अपनी कमर ऊपर नीचे कर रही थी।

अब मैंने सौम्या से कहा- अपना शॉर्ट्स उतार दे।
और वो अपना शॉर्ट्स निकालने लगी।

अब मेरी भांजी सिर्फ पैंटी में मेरे टांगों पर लेटी हुई थी, उसकी पैंटी आगे से गीली हो गई थी, मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ फ़िराया तो उसके मुख से ‘आह…’ की आवाज़ निकली।

अब मैं सोफे से नीचे उतरा, घुटनों के बल ज़मीन पर बैठ गया और पैंटी के ऊपर से ही सौम्या की चूत चाटने लगा।
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उसे भी मेरी हरकत से मज़ा आ रहा था, वो भी कमर चला कर मेरा साथ दे रही थी।

अब मैंने उसके पैंटी को उतारे बिना उसे साइड पर करते हुए उसकी चिकनी चूत के दर्शन किए, देखने में बहुत मुलायम लग रही थी मेरी भांजी की बिना बाल की चिकनी चूत… मैं उसकी नंगी चूत चाटने लगा।

अब सौम्या के मुख से ज़ोर ज़ोर से आह ऊह की आवाज आ रही थी, वो अब मेरा सर पकड़ कर चूत पर दबा रही थी।
तब मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी, सौम्या ने भी मेरे सारे कपड़े उतरवा दिये, अब हम दोनों जन्मजात नंगे थे।

सौम्या की नज़र मेरे तने हुए लौड़े पर पड़ गई और वो उसे अपने हाथों में लेकर हिलाने लगी और फिर वो मेरा लण्ड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।
मेरी बीवी कभी मेरा लन्ड नहीं चूसती, इस वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
यह मेरा पहला अनुभव था जब किसी ने मेरा लण्ड चूसा।

फिर हम 69 की भंगिमा में लेट कर एक दूसरे के यौन अंग चूसने लगे। सौम्या बारी बारी मेरा लण्ड चूसती और हाथ से हिला रही थी, बोल रही थी- मामू, आपका कितना मोटा है, ज्यादा देर मुँह में रखूँ तो मेरी साँसें बंद हो जाती हैं।
मैंने कहा- सौम्या यार तेरी चिकनी चूत तो इतनी प्यारी और मुलायम है कि मैं सारी रात उसे चाट सकता हूँ।

थोड़ी देर में मेरे लण्ड में तनाव बढ़ने लगा, मैंने सौम्या से बोला- मेरा पानी कभी भी निकल सकता है।
तो वो बोली- मेरा भी थोड़ी देर में हो जायेगा।
और मुझसे बोली- आप लगे रहो, मैं आपका सारा पानी पी जाऊँगी।

यह बात सुन कर मुझसे रहा नहीं गया और मेरा पानी निकल गया, उसने सारा पानी पी लिया।
मैंने चाटना जारी रखा और थोड़ी देर में सौम्या भी झड़ गई।

हम हमारा खेल आगे बढ़ाने वाले थे लेकिन तभी दीदी के कमरे से आवाज़ आने लगी और बत्ती भी जल गई।
शायद दीदी पानी पीने जाग गई थी।
हम लोग डर गए और अपने अपने कपड़े लेकर अपने अपने कमरे में भाग गए।

अगले दिन सवेरे कमरे में दीदी आई और बोली कि वो कुछ घंटे के लिए बाहर जा रही हैं और बोली कि उनके आने तक मैं नहा धोकर फ्रेश हो जाऊँ और आने के बाद राखी बांधने की रस्म होगी।
उनका बेटा भी उनके साथ जा रहा था, जीजाजी तो सवेरे ही अपने बहन के घर जा चुके थे।

अब घर पर मैं और मेरी भांजी सौम्या दोनों ही थे।
दीदी के जाने के बाद में सीधा सौम्या के कमरे में गया, वो बिस्तर पर नहीं थी, उसके कमरे के बाथरूम से आवाज़ आ रही थी तो मैं समझ गया कि वो बाथरूम में है।

मैंने बाथरूम का दरवाज़ा खटखटाया और बोला- दरवाज़ा खोल दो, घर पर कोई नहीं है।
सौम्या ने दरवाज़ा खोल दिया और मैं बाथरूम के अंदर गया।
सौम्या पूरी नंगी थी और शावर से नहा रही थी।

दिन के उजाले में पहली बार मैंने अपनी भांजी को नंगी अवस्था में देखा था, उसका सारा बदन पानी पानी था और चमक रहा था।
यह नज़ारा देख के मेरा लंड खड़ा हुआ और मैं अपने आप सारे कपड़े उतारता गया और खुद ही नंगा हो गया।

मैंने साबुन अपने हाथ में लिया और भांजी के नंगे बदन पर साबुन लगाने लगा। पीछे से पहले गले पर, फिर पीठ पर हल्के हल्के साबुन लगाने लगा और उसके नंगे बदन का आनन्द भी लेने लगा।

जब मेरे हाथ सौम्या के छाती पर साबुन लगा रहे थे तब उसने खुद अपने हाथों से मेरे हाथ अपने चूचियों पर रखे और दबाने लगी। उसकी चूचियाँ बहुत मुलायम थी और निप्पल भी तने हुए थे।
जब मैं उसके निप्पल को अपने उँगलियों से हल्के से नोच रहा था तब सौम्या के मुँह से आआह्ह की आवाज़ निकल रही थी और उसने अपना हाथ पीछे करते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और आगे पीछे करने लगी और उसे अपने मुलायम चूतड़ों पर रगड़ने लगी।

अब मेरे हाथ भी नीचे की तरफ जा रहे थे और मैं उसकी चूत सहलाने लगा और सौम्या की चीखें तेज़ होने लगी। मेरा एक हाथ उसकी चूची को मसल रहा था और दूसरे हाथ की ऊँगली उसकी चूत के अन्दर बाहर हो रही थी।

थोड़ी देर में सौम्या मुड़ गई और घुटने के बल बैठ गई और मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया।
मैं बोला- आज सिर्फ तुम्हारे मुंह से काम नहीं चलेगा आज मैं तुम्हारी चिकनी चूत और गांड भी मारूँगा।

फिर हम दोनों बाथरूम से बैडरूम आ गये और में बिस्तर पे लेट गया और मैंने 69 का सुझाव दिया, हम दोनों 69 की शैली में एक दूसरे की चूत लौड़े को चाटने लगे। उसकी चूत पूरी पानी पानी हो गई थी और अब वो मेरा मोटा अंदर लेने के लिए तैयार थी।

मैंने उसे पीठ के बाल लेटाया और उसकी दोनों टाँगें चौड़ी करके अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया और साथ साथ उसकी चूचियाँ भी दबाने लगा।
सौम्या अपनी आँखें बंद करके मज़ा ले रही थी और उसकी कमर ऊपर नीचे हो रही थे और मुंह से आवाज़ भी निकलने लगी।
वो बोली- मामू अभी अंदर डाल दो, मुझसे और नहीं रहा जायेगा।

यह बात सुन कर मैं भी बहुत मूड में आ गया, मैंने अपना लंड भांजी की फ़ुद्दी के छेद के ऊपर रखा और झटके के साथ अंदर प्रवेश किया और उसके मुंह से ‘उई माँ…’ की आवाज़ निकली।

मैंने थोड़ी देर ऐसे ही अंदर रखा और फिर झटके देना शुरू किया, पहले धीरे और फिर रफ़्तार तेज़ कर दी।
मेरे झटकों की वजह से उसका पूरा शरीर हिल रहा था और चूचियाँ उछल रही थी, वो भी कमर उठा कर मेरे झटकों का स्वागत कर रही थी।

मैंने अपनी रफ़्तार और तेज़ की, अब उसकी आँखों से पानी निकलने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी- हाँ हाँ… ऐसे ही आने दो। और थोड़ी देर में वो झड़ गई।
अभी मुझे भी अपना पानी निकालना था, मैंने पूछा- पानी कहा गिराऊँ?

तो वो बोली- मेरे अंदर ही गिरा देना, मुझे अंदर मर्द की मलाई अपनी चूत से खाना पसंद है।

अब मैंने उसकी दोनों टाँगें ऊपर करके अपने दोनों हाथों से पकड़ा और झटके देने लगा। अब मुझे अपना लंड सौम्या की चिकनी चूत के अंदर बाहर जाता हुआ साफ़ दिख रहा था और यह नज़ारा देख कर मेरा भी पानी छूट गया और मैंने सारा पानी अंदर ही गिरा दिया, सौम्या की फ़ुद्दी को अपनी मलाई खिला दी।

थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और सौम्या दूसरे राउंड के लिए तैयार थी। पहले उसने मेरा लंड चूस के उसे खड़ा किया और फिर मेरे ऊपर चढ़ गई और खुद करने लगी।
जब वो ऊपर नीचे कूद रही थी तब मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था। फिर थोड़ी देर में वो घोड़ी बन गई और मैं उसे पीछे से चोदने लगा। काफी मज़ा आ रहा था, सौम्या इस बीच 2 बार झड़ चुकी थी लेकिन मेरा नहीं हो रहा था।

तब मैंने उसे बोला- सौम्या, अब मैं तेरी गांड मारना चाहता हूँ।
उसने हाँ में सिर हिलाया और बोली- ओके मामू यार, आप जैसे चाहे मुझे चोदो…

फिर मैंने थोड़ी सी क्रीम उसके गांड के अंदर अपनी उंगली से लगाई और थोड़ी क्रीम अपने लंड पर और फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और अंदर पेलने की कोशिश करने लगा।

उसे दर्द होने लगा, फिर मैंने ज्यादा क्रीम ली और उंगली के जरिये गांड के अंदर डाल दी, फिर उंगली अंदर-बाहर करने लगा। अब सौम्या को भी मज़ा आने लगा था, अब वो अपने चूतड़ पीछे धकेल करके मेरी उंगली अंदर ले रही थी, अभी वो पूरी तरह से मेरा लंड अपनी गांड में लेने के लिए तैयार थी और मैंने फिर से अपना लंड उसकी गांड के अंदर किया, इस बार उसे ज्यादा दर्द नहीं हुआ और थोड़ी देर में मेरा पूरा लंड उसके गांड के अंदर गया।

अब मैं फिर से झटके देने लगा, बहुत मज़ा आ रहा था, पर मैं ज्यादा देर टिक नहीं पाया और मैंने अपना पूरा माल उसकी गांड में गिरा दिया।

फिर हम दोनों एक साथ नहाये और फ्रेश हो गये।
मैंने अपनी दीदी से राखी बंधवाई और अगले दिन दिल्ली रवाना हो गया।
अभी भी हम दोनों whats app Facebook पर सेक्स चाट करते हैं और जल्दी ही मिलने का प्रोग्राम भी बनाया है।

दोस्तो, यह थी मेरी कहानी… आपको पसंद आई या नहीं, मुझे जरूर मेल करें।
धन्यवाद!
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