बेटी की स्कूल टीचर

(Beti ki School Teacher)

मेरा नाम कुलदीप है, उमर 30 साल, मेरी हाइट 5’6″ है और मेरा लंड भी काफ़ी मज़बूत है, 7.2 इंच लंबा है।

मेरी बेटी एल०के०जी० में पढ़ती है। जब मैंने उसका दाखिला स्कूल में कराया तो मैंने वहाँ एक बहुत ही खूबसूरत टीचर देखी जिसका नाम कोमल तोमर था। वो एक शादीशुदा औरत है मगर देखने से नहीं लगता।
उसकी उम्र कोई 24 साल है और देखने में क़यामत है, उसका फिगर 34-28-38 है, हाइट भी 5’5″… क्या ग़ज़ब का माल है वो… मैंने जब उसे देखा तो बस देखता ही रह गया।
गोरा बदन जैसे दूध की तरह सफेद हो, काले काले बाल कंधों तक, भूरी आँखें, लाल लाल रस भरे होंठ जिसका कोई जवाब नहीं!
जब मेरा उससे परिचय हुआ तो जैसे मैं कहीं खो ही गया था।

शुरू शुरू में जब मैं अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने जाता था तो वो मुझे काफ़ी स्माइल दिया करती थी। मैं समझ गया था कि एक नम्बर की चालू औरत है, मेरा काम आसानी से हो जाएगा।

एक बार बहुत बारिश हो रही थी और तकरीबन सभी टीचर जा चुके थे और मैं भी अपनी बेटी को लेने काफ़ी देर से पहुँचा था। मैं स्कूल में अंदर गया तो देखा कि कोमल स्टाफ रूम में बैठी रो रही थी।
मेरे पूछने पर उसने बताया कि कपिल नाम का एक लड़का जो 12वीं में है, उसने उसका हाथ पकड़ा और प्रपोज़ किया है।

मैंने उसे समझाया कि कोई बात नहीं, कल से कोई नहीं छेड़ेगा, कल मैं उसकी क्लास लगा दूँगा।
और मैंने अपने वायदे के अनुसार उस लड़के को 2-4 थप्पड़ मार दिए।
फिर क्या था वो मेरे से काफ़ी प्रभावित हो गई।

उसके बाद धीरे धीरे हम दोनों में बाते होने लगी और दोस्ती भी अच्छी हो गई, हम दोनों एक दूसरे से काफ़ी घुलमिल गये।
एक बार की बात है, मैं अपनी बेटी को लेने जानबूझ कर काफ़ी देर से गया और मैंने देखा कि वो स्टाफ रूम में बैठी थी और टेस्ट की कॉपीज़ चेक कर रही थी।
मैं उसकी जाँघों पर हाथ रखते हुए बात करने लगा। उसने पहले तो इग्नोर कर दिया मगर बाद में उसने अपनी जाँघों से मेरा हाथ हटा दिया।

मैंने पूछा क्या हुआ तो वो बोली- कुछ नहीं गुदगुदी लग रही थी।
स्टाफ रूम में कोई नहीं था, मैंने फिर मैंने उसकी जाँघों पर हाथ रख कर बात करना शुरू किया…

तभी उसने कहा- आपने अपनी बेटी की फीस भी जमा नहीं करवाई?
मैंने कहा- सुबह जब मैं इसे छोड़ने आता हूँ तो ऑफिस बंद होता है…
तो कोमल ने कहा- आप मुझे दे दीजिए, मैं जमा करवा दूँगी!

मैंने कहा- अगर आप अभी स्कूल में ही हो तो मैं अभी के आता हूँ, बेटी को भी घर छोड़ आता हूँ..
कोमल ने कहा- हाँ, अभी तो मुझे एक डेढ़ घण्टे तक ये कापियां चेक करनी हैं..
इसा बीच मेरे हाथ उसकी जाँघों पर ही थे!
दोस्तो, क्या उसकी जांघें थी या जैसे रूई का गद्दा… इतनी मुलायम कि मेरा तो लंड लोहा हो गया।

कोमल ने फिर हाथ हटाते वक़्त उसे देख लिया और स्माइल करने लगी।
मैं तभी अपनी बेटी को घर छोड़ कर उसकी फीस के पैसे लेकर तुरंत लौटा और कोमल के पास जाकर उसके हाथ में पैसे थमाने के बहाने हाथ पकड़ लिए!
कोमल स्माइल करने लगी।

फिर मैं धीरे से बोला- तुम बहुत खूबसूरत हो!
और उसके गाल पर चुम्मा ले लिया।

उसकी नज़रें शर्म से झुक गई और गोरे गोरे गाल लाल हो गये, मैंने फिर से उसके जाँघों पर हाथ रखते हुए उसके गाल पर चुम्मा ले लिया।
मैंने पूछा- क्या हुआ?

कोमल उठ के जल्दी जल्दी अपना सामान वग़ैरह उठाने लगी और हड़बड़ा कर लॉकर रूम में रखने चली गई।

मैं भी उसके पीछे पीछे लॉकर रूम में आ गया। लॉकर्स 30-35 थे जो लाइन में रखे थे, उसका लॉकर लास्ट लाइन में था बिल्कुल पीछे !
मैं वहाँ उसके पास गया और उससे सॉरी बोला और बोला- तुम खूबसूरत हो, मेरे से कंट्रोल नहीं हुआ… तुम्हें बुरा लगा?

इस पर वो शरमाते हुए बोली- ऐसा नहीं है… पहले कभी ऐसा हुआ नहीं, इसलिए मैं हड़बड़ा गई।

फिर मैंने उसकी चिकनी चिकनी कमर में हाथ डाला और फिर उसे गाल पर किस किया, इस पर उसने अपने आपको मेरे से छुड़ाया।
मैंने पूछा- क्या हुआ? क्या अच्छा नहीं लगा?
तो वो बोली- नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, बस वैसे ही!

तो मैंने पूछा- क्या मैं तुम्हें अच्छा नहीं लगता?

तो वो बोली- नहीं, ऐसी भी कोई बात नहीं, बस मैं शादीशुदा हूँ, मैं ये सब नहीं कर सकती।

मैं उसकी कमर में हाथ डालते हुए बोला- कोमल, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो!
और मैंने उसके गोल गोल नितम्बों पर हाथ रखते हुए उसके प्यारे प्यारे गालों पर चुम्बन करना शुरू कर दिया, धीरे धीरे, आहिस्ता आहिस्ता, उसकी साड़ी का पल्लू हटाकर उसके कंधों को चूमने लगा और वो भी आँखें बंद करके मज़ा लेने लगी।
मेरा तो लंड दोबारा से खड़ा हो गया और मेरी पैंट में तंबू बन गया।

तो उसने लंड की तरफ इशारे से पूछा- यह क्या हुआ?
और मैं हंस पड़ा और वो भी हंसने लगी।

फिर मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसकी चूचियाँ मेरे सीने में दबने लगी। मैंने उसके रसीले होटों पर अपने होंट रख दिए मगर उसने अपने होंट दबा लिए।

मैंने फिर उसकी गर्दन चूसना शुरू किया और उसके कान चूसने लगा, धीरे धीरे उसकी साँसें तेज़ हो गई।
मैं उसकी चूचियों को दबाता रहा और गर्दन चूसता रहा, वो पूरी गर्म हो चुकी थी।
मैंने फिर उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और इस बार वो भी साथ देने लगी और हम लोग एक दूसरे के होंठ चूसते रहे।

फिर मैंने उसकी साड़ी खोली और ब्लाउज़ खोला और उसके गुलाबी निपल्स को चूसना शुरू किया।

उसकी चूचियों को में बहुत प्यार से चूस रहा था और वो आहें भर रही थी- आआह… आआः उउफ्फ़… आः
वो आहें भरती रही और मैं उसकी चूचियों को चूसता रहा। फिर मैं अपने घुटनों पर बैठ गया और उसकी नाभि को चूमना और चूसना शुरू किया उसकी फिर से सिसकारियाँ निकलना शुरू हो गई और वो अपनी आँखें बंद करके आहें भरती रही।
ओफ्फ… क्या माल था।

फिर मैंने उसके साड़ी-पेटीकोट को ऊपर खिसकाया और उसकी पेंटी उतारकर उसकी जाँघों को चूसता रहा, बहुत मज़ा आ रहा था मुझे और वो भी सिसकारियाँ ले रही थी।

फिर मैंने उसकी एक टाँग अपने कंधे पे रखी और उसकी चूत जो बिल्कुल चिकनी थी, उसको चूसना शुरू कर दिया.
अरे यार… क्या बोलूँ… क्या चूत थी उसकी… लाल लाल रस भरी और बहुत बहुत मस्त उसकी साँसें तेज़ हो गई और वो तो जैसे पागल हो गयी हो बस ‘उफ्फ़ अहया ऊव…’ कर रही थी.

फिर मैं उसे अलग हुआ और उसे अपने से थोड़ा दूर किया। उसने अपनी चुचियों पर से अपना हाथ हटाकर अपनी चूत पर रख लिया में ये सब देखकर थोड़ा मुस्कुराया।

मैंने अपनी बेल्ट का बक्कल खोला, जैसे जैसे मैं अपनी पेंट खोल रहा था, वैसे वैसे उसकी घबराहट बढ़ती जा रही थी।
फिर मैंने अपनी चड्डी सरकाई.. मेरा 7.2″ का लंड एकदम तना हुआ था और वो उसे देख कर शरमा गई.

मैं उसके पास आया और उसे बाहों में भर लिया और उसके होंठ चूसने लगा और साथ ही साथ मैं अपना लंड उसकी जाँघों में भी रगड़ता रहा।

फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा तो वो बोली- कितना बड़ा है तुम्हारा… और कितना मोटा तगड़ा लग रहा है देखने में!
तो मैंने उससे पूछा- कैसा लगा तुम्हें?
तो वो बोली- बहुत स्ट्रॉंग..
फिर मैंने पूछा- तुम्हारे पति का कैसा है?

तो वो शर्मा गई, मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसके कान चूसते हुए पूछा- बताओ ना कोमल, तुम्हारे पति का कैसा है?

और मैं उसके कान और गर्दन चूसता रहा। फिर वो बोली- तुम्हारे से छोटा है।
मैं अपने हाथ उसकी चिकनी चिकनी पीठ पर और गोल गोल मोटे मोटे सेक्सी चूतड़ों पर फेरता रहा।
फिर मैंने पूछा- और कैसा लगा मेरा?
उसने बोला- मेरे पति के लंड पर चमड़ी है, तुम्हारा बिना चमड़ी वाला है.. गोरा गोरा लाल लाल टोपे वाला!
और शरमा गई।

फिर मैंने उसे वहीं मेज पर लिटा दिया और उसकी चूत पर थूक लगाया और अपने लंड पर भी और उसके ऊपर लेट गया और बोला- कोमल, आज तक तुमने अपने पति ही लंड लिया, आज मैं तुम्हें अपना लंड दूँगा!
और उसकी चूत के मुँह पर अपने लंड का टोपा रखा और उसके होंठ चूसते चूसते अपना लंड उसकी चूत में डालने की कोशिश की मगर थोड़ा सा ही गया और वो चिल्ला पड़ी- उउइईई… मम्म्ममय्ययी अयाह…, बोली- प्लीज़ जान, निक्काल्लो प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है…

मैं कुछ देर रुका रहा और फिर उसके मुँह पर अपना मुँह रख कर एक ज़ोरदार झटका मारा और उसकी चूत में पूरा लंड डाल दिया और वो उम्म अम्मह उम्म करती रही।

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चुदाई चालू की और वो बस आनन्द व दर्द भरी आहें भरती रही, अया उउऊहह आहह याअहह आआहह करती रही।

फिर मैंने उसे उठाया और मेज पर झुका कर पीछे से उसकी चूत में लंड डालकर बजाना शुरू किया और थोड़ी देर की चुदाई के बाद वो झड़ गई, उसका बहुत पानी निकला पूरी जाँघ गीली हो गई।

मैं उसे चोदता रहा और 5 मिनट के बाद जब मेरा स्पर्म गिरने वाला हुआ तो मैंने लंड बाहर निकाल लिया और तुरंत ही उसकी गाण्ड की दरार में (छेद में नहीं) रगड़ने लगा और अपना सारा स्पर्म उसकी गाण्ड के छेद के ऊपर गिराया।

उसके बाद हम लोग उठे और अपने कपड़े ठीक किये..
वो मेरे से नज़रें नहीं मिला पा रही थी। उसके चेहरे की मुस्कान और सन्तुष्टि देख कर लग रहा था कि उसकी ऐसी चुदाई पहले कभी नहीं हुई होगी।
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