जिम मालिक ने मुझे पेला-1

(Gym Malik Ne Mujhe Pela-1)

Antarvasna 2015-05-20 Comments

हाय दोस्तो, कैसे हो आप लोग!
मेरी गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी, मैं घर पर बोर होने लगा था, गर्मी के कारण हम कहीं घूमने नहीं जा रहे थे !

मेरा दोस्त भोपाल में रहता है, मैं बुरहानपुर में रहता हूँ तो मैं अपने दोस्त के घर भोपाल आ गया।
मैंने और मेरे दोस्त ने जिम जाने का तय किया। हमने खाना खाया और हमारे एक दोस्त के घर चले गए। वहाँ हम काफी देर तक रूक गए थे।
शाम हो गई तो हम वापस घर आने लगे, रास्ते में हमें एक जिम दिखा, हमने सोचा कि क्यों न इसी जिम में बात कर लें और देख भी ले कि कैसा है?
हम जिम में आ गए।
जिम काफी बड़ा था, अंदर से बहुत शानदार भी था। हम जिम मालिक के कमरे में गए।

जैसे ही मैंने जिम मालिक को देखा, मेरे मुंह में पानी आ गया, मेरे शरीर में कम्पन होने लगी और गांड में खुजली होने लगी!
मेरी नजर उस पर से हट ही नहीं रही थी, मैं उसको घूरे ही जा रहा था!
अब वो भी मुझे घूरने लगा और मेरे शरीर का जायज़ा लेने लगा।
हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे को देखने लगे!

यह तो अच्छा था कि मेरा दोस्त फोन पर बातचीत कर रहा था किसी से!
मुझे जिम मालिक बहुत बढ़िया लगा, उसकी उम्र करीब 25 थी, मेरा दिल उस पर आ गया था। साला बहुत सेक्सी था और बहुत हैंडसम भी था, उसने काली टी शर्ट पहनी थी जिसमें से उसकी भारी भारी बाजुएँ और उसकी फूली हुई छाती साफ नज़र आ रही थी।

मैं भी कुछ कम न हूँ! मैं दुबला पतला सा और बहुत सेक्सी हूँ।

वो मेरी क़ातिलाना नजरों को समझ गया था, अब उसने मुझे आंख मारी और मुझे ‘बेब हाय…’ कहा।

मैंने मुस्कराते हुए उसे हैलो कहा। उसने अपना हाथ मेरे तरफ बढ़ाया, मैंने आगे बढ़कर उससे हाथ मिलाया!
मेरे हाथ बहुत ठंडे पड़ गए थे, उसके हाथ बहुत गर्म थे, उसने अब मेरे हाथों को जकड़ लिया और पूछा- क्या हुआ जनाब? आपके
हाथ इतने ठंडे क्यों है? कोई भूत देख लिया क्या?

मैं मुसकुरा दिया, मैंने मन में सोचा कि भूत तो नहीं पर आपको जरूर देख लिया!

उसने फिर पूछा- क्या हुआ?
मैंने जवाब नहीं दिया और उसने मेरे हाथ की तरफ इशारा किया।

मैंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं है, मेरे हाथ ठंडे ही रहते हैं!

मेरा दोस्त अब इधर आ रहा था, मैंने ना चाहते हुए भी अपना हाथ छुड़ा लिया।
मेरा दोस्त भी आ गया फिर हमने एक दूसरे को अपना परिचय दिया।

उस जिम मालिक का नाम करण था, हमने फिर उस जिम को जाइन करने का फार्म भर दिया। हमें वहाँ 9 बज चुके थे, हमने करण को बाय कहा और जाने लगे।
जाते जाते मैंने पीछे मुड़ कर देखा कि करण की नजरें मेरी गांड पर थी!

मैंने अपनी गांड मटकाई और उसकी तरफ देखा, वो मुसकुरा रहा था, मैंने उसे आंख मारी और हम जिम से बाहर आ गए।
हमारा घर उस जिम से थोड़ी दूर था, हमने रास्ते में होटल में खाना खाया! मैं खाते हुए करण के बारे में सोच रहा था! मुझे वो बहुत ज्यादा भा गया था!

करीब 9.30 बजे हम घर पहुँचे और फिर हम टीवी देखने लगे।
करीब 10 बजे मेरे दोस्त, जिसका नाम राहुल है, उसे किसी का फोन आया और वो किचन में बात करने चला गया।
मैं समझ गया था कि उसकी गर्लफ्रेंड का फोन है।

कुछ देर बाद राहुल आया, उसने मुझसे कहा कि- सुन यार आज तू अकेले सो जा मुझे मेरे दोस्त ने बुलाया है! मुझे काफी रात हो जाएगी इसलिए मैं वहीं रुक जाऊँगा!

मैं समझ गया कि गर्लफ्रेंड ने बुलाया है, मैंने कहा- जा बेटा, मजा कर तू तो!
वो मुस्कुरा दिया और तैयार होने लगा! जाते जाते उसने मुझे रूम की दूसरी चाबी दी और चला गया।

मैं रूम में अकेला था, मुझे करण का ख्याल आ रहा था, मुझ पर सेक्स चढ़ने लगा था, मैंने अपने बैग में से पैन ड्राइव निकाली और लैपटॉप पर गे ब्लू फिल्म देखने लगा।

कुछ देर बाद मेरा मोबाइल बजने लगा, कोई नया नम्बर था, मैंने फोन उठाया और हैलो कहा।
उधर से किसी की मरदाना आवाज़ आई और उसने अपना नाम बताया, नाम सुनकर मेरे शरीर में आग लगने लगी!
फोन करण का था, मैंने उससे पूछा- कुछ काम है क्या?? या कुछ कहना है? जिम के सिलसिले में !?

उसने अपनी मरदाना आवाज़ में कहा- हाँ काम है!
मैंने पूछा- क्या काम है, बताओ!
उसने कहा- बताऊँगा! बस तू नीचे आ रूम के!
मैंने कहा- क्यों?
उसने कहा- तू सवाल बहुत करता है! अबे आ ना नीचे!

मैंने रूम का दरवाजा बंद किया और नीचे आ गया। मैंने कैपरी और टी शर्ट पहनी हुई थी!
करण एकदम से बाइक पर मेरे सामने आ गया और कहा- चल बैठ!
मुझे उसे देख कर अपनी गांड में खुजली होने लगी और मैं बिना देर किए उसके पीछे बैठ गया, उसने गाड़ी स्टार्ट की। रास्ते में एक धचका आया, झटके के कारण मैंने करण को पकड़ लिया, मैं उससे बहुत चिपक गया था, उसकी लोहे जैसी कड़क बाहें मेरे हाथ में थी।
मैं उसे दबाने की कोशिश करने लगा, उसके शरीर से पसीने की हल्की हल्की गंध आ रही थी जो मुझे दीवाना बना रही थी।
मैं कुछ और आगे हुआ और अपनी छाती को उसकी पीठ से रगड़ने लगा, मेरे निप्पल उसकी गरम पसीने से भीगी पीठ से चिपक कर
उचक गए थे!
करण ने मेरे इरादे समझ लिए थे, उसने अपना चेहरा पीछे किया और कहा- अभी यहीं सब कर लेगा क्या?

मैं पीछे हो गया! मैं अपनी वासना की आग में कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ गया था!

‘क्या हुआ??’ उसने पूछा।
मैंने कहा- कुछ नहीं, हम जा कहाँ रहे हैं?
‘तू बस चुपचाप चल! आज मैं तेरी सब इच्छाएं पूरी कर दूँगा!’ उसने जवाब दिया।
मैंने कहा- आप क्या कह रहे हो? मैं कुछ समझा नहीं?

उसने अपनी मरदाना आवाज़ में कहा- साले, तू सब समझ रहा है! बस मेरे सामने नाटक कर रहा है, तेरे जैसे कितनों को मैं अपने नीचे पेल चुका हूँ!
मैं चुपचाप उसकी बातें सुनता रहा, मुझे उसकी ऐसी बातें बहुत मस्त लग रही थी!

तभी उसने जिम के सामने बाइक रोक दी और एक कहा- उतर अब!
हम उतर गए!
जिम को कोई नौकर बंद कर रहा था, उसने बंद करके चाबी करण को दे दी और चला गया!

जिम के बाजू में एक दरवाजा था, करण ने कहा- मैं ऊपर ही रहता हूँ! यही मेरा मकान है! चल ऊपर चल!

हम ऊपर आ गए। उसका घर काफी बढ़िया था!
उसने मुझे सोफे पर बैठने को कहा, वो शायद किचन में गया था।
जब वो वापस लौटा तो उसके हाथ में कोल्ड ड्रिंक और बियर की बोतल थी, वो आकर मेरे बाजु में बैठ गया।

उसने मुझसे पूछा- तू बियर पिएगा क्या?
मैं कुछ हिचकिचाया पर मैंने फिर ना में सर हिला दिया।

वो मेरे करीब आया और मुझे अपनी बांहों में कस कर जकड़ लिया, उसने मेरा चेहरा अपनी तरफ़ किया और कहा- साले तू इतना डर क्यों रहा है! मैं तुझे कुछ नहीं होने दूँगा! मुझे तू बहुत पसंद है! आज मैं तुझे प्यार करना चाहता हूँ! तुझे अपने नीचे पेलना चाहता हूँ!

उसकी टी शर्ट पसीने से गीली हो चुकी थी, मुझे उसकी पसीने की महक मदहोश कर रही थी!
वो पूरा मुझसे चिपक गया था, उसके पसीने से मैं भी अब भीग रहा था, मैं उससे दूर हटा और कहा- बहुत गरमी है!

उसने कहा- हाँ यार बहुत गरमी लग रही है!
इतना कहते ही उसने अपनी टी शर्ट उतार कर फेंक दी! वो अब बनियान में था!
मैं तो उसे बनियान में देखकर पागल हो रहा था! क्या शरीर था साले का! उसका सीना बनियान को फाड़ रहा था!

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उससे पूछा- क्या मैं आपके गले लग सकता हूँ?
वो खड़ा हो गया और कहा- ले पूरी कर ले तेरी इच्छा!

मैं उठा और उसके सीने से चिपक गया! उसने मुझे अपनी बाजुओं में कस के जकड़ लिया! मेरे निप्पल उसके गीले गर्म सीने से चिपके थे, मैं उसकी पीठ को सहलाने लगा!
उसने अपना हाथ मेरी गांड पर रखा और सहलाने लगा! उसने मेरी गांड को अपने मजबूत हाथों से दबोच लिया, मेरे मुँह से चीख निकल गई- आहह…

मेरी आवाज़ सुनकर वो जोश में आ गया, उसने मुझे नीचे से मेरी गांड पर हाथ रखा और एक झटके में मुझे अपनी गोद में उठा लिया, मैंने अपने दोनों हाथ उसके गले में डाल दिए!
मुझे यकीन नही हो रहा था कि मै आज करण से चुदने वाला हूँ!
कहानी जारी रहेगी।

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