और प्यार हो गया-2

सोनाली 2014-08-22 Comments

सोनाली
मैं उसे अपनी गाड़ी से ज़बरदस्ती डॉक्टर के यहाँ ले गई, दवाई दिलवा कर उसके घर पहुँचाया और उसके लिए नाश्ता बनाया।
फिर अपने हाथों से खिलाया और उसके पास बैठ कर बातें करने लगी।
मैंने पूछा- आपका नाम क्या है?
बोला- मेरा नाम अमित है!
फिर मैंने उसे अपना नाम बताया और इधर-उधर की बातें करने लगी। वो अब कुछ अच्छा महसूस कर रहा था और मेरे साथ धीरे-धीरे खुल रहा था। शाम कब हो गई, पता ही नहीं चला।
मैंने कहा- अब मैं घर जा रही हूँ और डिनर लेकर आऊँगी.. तब तक आप आराम करो और किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो ये मेरा नंबर है.. कॉल करना..!
फिर वो औपचारिकता की बातें करने लगा, ‘थैंक्स’ वग़ैरह करने लगा।
मैं ‘इट्स ओके..!’ कह कर घर आ गई, लेकिन मेरा मन वहीं रह गया था।
मैंने जल्दी-जल्दी खाना तैयार किया और उसके घर पहुँच गई। मैंने प्लेट लगाई और उसे खुद ही खिलाने लगी, उसे पता नहीं क्या सूझा उसने एक बाईट तोड़ी और मुझे खिलाया।
उसकी यह बात मेरे दिल को छू गई।
खाना खा कर मैंने कहा- अमित अब मैं जा रही हूँ आप अपना प्लीज़ ख्याल रखना.. मैं सुबह जल्दी ही आऊँगी!
वो बोला- सोनाली जी.. थैंक्स ए लॉट.. आपने मेरा इतना ख्याल रखा!
मैंने कहा- हम फ्रेंड्स हैं यार.. तो थैंक्स कहने की ज़रूरत नहीं है और यह सोनाली जी.. सोनाली जी.. क्या लगा रखा है..? कॉल मी सोनाली ओनली..!
कह कर मैं घर आ गई। देर रात तक मैं सो नहीं पाई, उसी के ख़यालों में थी। पति देव खर्राटे लेते सोते रहे।
सुबह पति के ऑफिस जाते ही मैं सबसे पहले अमित के घर पहुँची, जाते ही मैंने उससे पूछा- बेबी, बुखार अब कितना है?
‘ओह.. शिट’ यह मेरे मुँह से क्या निकल गया, मुझे उसे बेबी नहीं कहना चाहिए था।
वो बोला- अब थोड़ा अच्छा महसूस कर रहा हूँ।
फिर मैंने उसके लिए जो नाश्ता बनाया था, वो उसे खिलाया और उसके पास बैठ गई।
वो मुझसे बातें करने लगा, मेरे बारे में, मेरे भूत के बारे में पूछने लगा, फिर अपनी बीती जिन्दगी के बारे में खुद ही बताने लगा।
उसकी पूर्व पत्नी तो सच में बहुत ही बुरी स्त्री थी।
‘शी वाज़ आ सुपर बिच यार.. खैर.. उसकी बात छोड़िए..!’
फिर वो बोला- एक बात बोलूँ?
मैंने कहा- बोलो ना!
‘तुमने मुझे बेबी कहा.. मुझे बहुत अच्छा लगा!’
मैं शरमा गई और नज़रें नीची करके मुस्कुराने लगी। फिर थोड़ी देर बैठ कर मैं अपने घर आ गई।
फिर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा और वो ठीक हो गया। लेकिन मैंने उसके घर जाना नहीं छोड़ा। अब मैं उस पर एक हक़ सा समझने लगी थी और वो मुझ पर भी इसी तरह का हक समझने लगा था।
फिर कभी हम मूवी देखने जाते तो कभी लंच पर बाहर जाते। उसके साथ मैं खुद बहुत सेफ महसूस करती थी।
मेरी जिन्दगी का सूनापन उसने ख़त्म कर दिया था और मुझे बहुत खुश रखता रहा था। मेरे मन में अब उसके लिए बहुत प्यार भर चुका था और इंतजार कर रही थी कि कब वो मुझे प्रपोज़ करेगा।
एक दिन मैं उसके घर पर थी। उसके रूम में हम टीवी पर कुछ देख रहे थे। मैं बेड पर तकिया लगा कर बैठी थी और वो आधा लेटा हुआ था, आधा बैठे हुए टीवी देख रहा था।
तभी उसने मेरी गोद में अपना सर रख लिया, मुझे बहुत अच्छा लगा और मेरा एक हाथ उसके सीने आ गया और दूसरे हाथ से मैं उसके  बाल एक बच्चे की तरह सहला रही थी।
वो मेरी गोद में सर रखे हुए टीवी देख रहा था और मैं उसके प्यारे से चेहरे को निहार रही थी, बहुत मन कर रहा था  कि इसे मैं अपने सीने से लगा लूँ इसके पूरे चेहरे को चूम डालूँ.. लेकिन मैं अपने मनोद्वेग को दबाए हुए थी।
अचानक उसने मेरी तरफ निगाह की और ‘मैं उसे निहार रही हूँ’ यह उसने शायद देख लिया मेरी आँखों में उसने अपने लिए प्यार पढ़ लिया था।
मेरा जो हाथ उसके सीने पर रखा हुआ था उसने उठाया और उसे चूम लिया।
मैं सिहर गई, मैंने कहा- यह क्या किया तुमने?
तो बोला- मेरे लिए इतना प्यार अपने दिल में छिपाए बैठी हो.. एक बार कह नहीं सकतीं.. आई लव यू अमित…!
मैंने कहा- तुमने भी तो कभी नहीं कहा.. पढ़ तो मैंने भी लिया था तुम्हारी आँखों में अपने लिए प्यार… बस इंतजार में थी कि तुम कब कहोगे…
फिर उसने मेरा हाथ अपने दिल पर रखा और बोला- आई लव यू सोना.. जब से तुम्हें देखा है.. तभी से मेरे मन में यह भावना आई हुई है..!
तभी मैं बोली- पागल लड़के.. इतने दिनों से कहा क्यों नहीं..! कब से इंतजार कर रही हूँ मैं..!
यह कहते हुए मैंने उसके माथे को चूम लिया और मेरी आँखों से खुशी के आँसू निकल आए।
बोला- हिम्मत नहीं हुई.. प्लीज़ रोना नहीं..! फिर मेरे आँसू पोंछे और मुझे अपने साथ लिटा लिया और उसने मेरे गालों को चूम लिया। फिर मैं उससे पूरी तरह से लिपट गई और उसके पूरे चेहरे को चूम डाला।
इससे वो तड़प गया और मेरे निचले होंठ को अपने होंठों में भर लिया। उसके इस चुम्बन से सुकून  से मेरी आँखें खुद बंद हो गईं और हम एक-दूसरे को चूमने लगे। जाने कितनी देर तक हम चूमते करते रहे.. जब हमारे होंठ दु:खने लगे और मेरी साँसें तेज हो गईं, तब हम अलग हुए।
जैसे ही उसने मेरे होंठों को छोड़ा, मैं उसके सीने से लग कर खुद को सम्भालने लगी। कुछ ही देर में वो मेरे ऊपर आ गया और आकर मुझसे लिपट गया।
मेरा हर अंग उसके अंगों से लिपटा हुआ था, उसका टाइट लंड मैंने अपनी चूत पर महसूस किया। उसने मेरे गालों को चूमा और फिर से मेरे होंठों पर अपने  होंठ रख दिए, हम फिर से प्रगाढ़-चुम्बन करने लगे। फिर जब उसने मेरे होंठों को छोड़ा तो मेरे मुँह से निकल गया, वाउ..!
उसने फिर से चुम्बन किया, उसके चुम्बन मुझे दीवाना बना रहे थे।
फिर वो बोला- एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- पूछो ना मेरे राजा..!
बोला- क्या तुम पूरी जिंदगी ऐसे ही मुझे प्यार करती रहोगी? हर जगह मेरा साथ दोगी?
मैंने उससे वादा किया- हाँ.. मैं हमेशा और हर हाल में तुम्हारा  साथ दूँगी.. मैं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकती हूँ.. मैं पूरी जिंदगी इससे भी ज़्यादा प्यार करूँगी तुम्हें..!
फिर हम दोनों ने एक-दूसरे से खूब सारे वादे किए, खूब सारी कसमें खाईं।
फिर वो उठा और ड्रेसिंग टेबल से कुछ लेकर आया, बोला- आँखें बंद करो..!
मैंने पूछा- क्यों..!
उसने कहा- करो ना प्लीज़..!
मैंने कर लीं, फिर थोड़ी देर में बोला- अब खोलो..! मैंने आँखें खोलीं तो देखा वो सिंदूर ले कर खड़ा था, मेरी माँग भर रहा था।
यह देख कर मेरी आँखों में फिर से आँसू आ गए। उसके मन का प्यार देख कर मैं डूब गई उसके प्यार में और उसे अपने सीने से लगाने के लिए अपनी बाहें फैला दीं और इशारा किया कि आ मेरे सीने से लग जा…!
वो आकर मुझसे चिपक गया, मेरे मम्मों में अपना चेहरा गड़ा दिया। काफ़ी देर तक मेरे सीने से लगे रहने बाद, मेरे गालों को चूमने लगा और मेरी गर्दन पर चूमा, फिर वहाँ हल्के से काटा और फिर चूसने लगा।
मेरी ‘ईसस्स’ करके सिसकारी निकल गई। उसका लंड मेरी चूत पर रग़ड़ मार रहा था और वो मेरी गर्दन चूसे जा रहा था।
मैं मदहोश हो गई थी, फिर वो हल्का और नीचे खिसका और मेरे सीने को चूमने, चूसने लगा। जहाँ तक उसे मेरे टॉप के गले से मेरा सीना दिखा, वहाँ-वहाँ उसने खूब चूसा। अभी तक उसने मेरे मम्मों को हाथ तक नहीं लगाया था।
उसके लंड की सख्ती को मैं अपनी चूत पर महसूस कर रही थी। मैं चाहती थी कि वो अब मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दे, लेकिन वो था कि मुझे कपड़ों के ऊपर से ही रगड़े जा रहा था।
मेरे सब्र का बाँध टूट गया और मैं ज़ोर-ज़ोर से झड़ने लगी। उसको पता चल गया कि मैं झड़ गई हूँ।
वो मेरे ऊपर से उठने लगा, मैंने उसे रोकते हुए पूछा- क्या हुआ मेरे राजा?
बोला- तुम्हारा हो गया ना.. इसलिए छोड़ रहा हूँ..!
मैंने कहा- क्यों अभी तुम्हारा तो नहीं हुआ ना..! आ जाओ और कर लो…!
बोला- नहीं सोना.. हम कल करेंगे.. अब रात हो चुकी है.. तुम्हें अभी खाना भी बनाना होगा और तुम्हारे पति भी आने वाले होंगे।
उसने मेरे हाथ में वो सिंदूर की डिब्बी दी और कहा- अब से यही सिंदूर तुम अपनी माँग में सजाओगी..!
उसकी बात सुन कर मैं हैरान रह गई ‘हाय.. यह मेरे लिए इतना सोच कर चलता है..!’ ही इज सच अ स्वीट गाइ..!
इसके मन में सेक्स ही सब कुछ नहीं है, यह सोचते हुए मैं उसकी तरफ बढ़ी और उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया और खूब देर तक चूसा। फिर मैंने अपने कपड़े ठीक किए और फिर से उसे चूमा और घर चली आई।
अपने घर के गेट पर पहुँची ही थी कि उसका कॉल आ गया।
बोला- कैसा लगा तुम्हें आज..!
मैंने कहा- जान प्लीज़ मुझे वापस बुला लो.. मैं तुम्हारे बिना एक सेकेंड भी नहीं जी सकती..!
मैं बहुत भावुक हो रही थी और उसको मिस करते हुए रोने लगी। उसने मुझे वापस बुलाया मैं जाते ही उससे लिपट गई और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी।
रोते-रोते मैं उससे कह रही थी- मुझे नहीं जाना उस नरक में.. मैं तुम्हें अपना सब कुछ दे दूँगी.. जान भी माँगोंगे.. मैं दे दूँगी.. बस मुझे मत भेजो वहाँ… प्लीज़..!
उसकी आँखों में भी आँसू आ गए। फिर उसने मुझे बहुत प्यार से चुप कराया और समझाया- सोना, सिर्फ़ रात-रात की ही तो बात है। फिर कल दिन तो हमारा  ही है ना..!
तो मैंने कहा- जान आज से यह जिस्म आपका हो चुका है, अब मैं उसे छूने भी नहीं दूँगी… मैं सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारी बन कर रहना चाहती हूँ.. मेरे दिल का और मेरे जिस्म का सारा प्यार तुम्हारे लिए है। अब मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिए, बस तुम मुझे ऐसे ही चाहते
रहना, ऐसे ही प्यार करते रहना.. आई रियली लव यू अमित..!
अमित- आई लव यू.. टू सोना.. मैं भी तुम्हारे सच्चा और ईमानदार रहूँगा तुम्हें कभी कोई धोखा नहीं दूँगा.. सच्चे दिल से अपनी बीवी माना है जान.. बस हमें अभी थोड़ा सा संभल कर चलना है। तुम्हारे पति को अभी ये सब पता नहीं चलना चाहिए..! थोड़ा सा टाइम लगेगा फिर हम एक हो जाएँगे… यह वादा है मेरा..!
उसकी ये बातें सुनकर मुझे सुकून मिला और फिर मैं उसे बहुत भावुक और प्यार से चूम कर वापस घर आ गई। जब तक मेरा पति नहीं आया तब तक मैं अमित से फोन पर बात करती रही और जैसे ही वो आया। मैंने फोन रख कर एसएमएस कर दिया कि ‘वो आ गया है।’
मैंने देखा कि वो नशे में धुत्त होकर आया है। मैंने अमित को एसएमएस करके बता दिया कि वो पीकर आया है। उसको मेरी और ज़्यादा चिंता होने लगी।
फिर मैंने उसे खाना खिला दिया और वो जाकर सो गया, फिर मैं दूसरे कमरे में सोने के लिए आ गई क्योंकि जिस दिन भी वो ड्रिंक करके आता है, मैं दूसरे कमरे में ही सोती थी और सुबह को उससे खूब लड़ाई करती थी।
फिर अपने कमरे में आकर मैं आने वाले कल की कल्पना करने लगी, योजना बनाने लगी कि कल मुझे क्या पहनना है, क्या-क्या तैयारी करनी है। क्योंकि कल एक तरह से सुहागरात ही है।
मैंने अपनी शादी से काफ़ी पहले अपनी सुहागरात प्लान की थी लेकिन वो मेरे मन मुताबिक हो नहीं पाई। मेरे पति ने मेरे मन की एक ना सुनी और बेरहमी से मुझे चोद कर सो गया था।
इसलिए मैंने अब सोच लिया था अपनी सुहागरात का सपना मैं अपने अमित के साथ पूरा करूँगी। यह सोचते-सोचते मैं सो गई।
अगले दिन क्या हुआ, यह मैं आप लोगों को फिर कभी बताऊँगी। फिलहाल आपके मेल के इन्तजार में हूँ।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top